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CNG क्या है और कैसे बनती है? | सीएनजी का फुल फॉर्म क्या है?

क्या आप जानते हैं CNG क्या है और कैसे बनती है? अगर नहीं तो घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि आज के इस लेख में आपको सीएनजी के बारे में सब कुछ बताया जाएगा. जैसे-जैसे पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ते जा रहे हैं लोगों का ध्यान इनके वैकल्पिक फ्यूल्स की तरफ भी बढ़ता जा रहा है. प्राकृतिक गैस पारंपरिक ईंधनों के वैकल्पिक स्रोतों में से एक है. व्हीकल कंपनियां गाड़ियों के CNG varient लॉन्च कर रही है ताकि लोगों के जेब से ईंधन खर्च का बोझ हल्का हो सके. कीमत कम होने के साथ-साथ CNG गाड़ियों की माईलेज भी बढ़ा देती है.

आगे आने वाले समय में CNG से चलने वाली गाड़ियों की संख्या बढ़ेगी. ऐसे में आपके लिए CNG के बारे में जानना महत्वपूर्ण हो जाता है. आज के इस लेख में आपको CNG गैस क्या है ( CNG in Hindi), CNG गैस कैसे बनती है, सीएनजी का फुल फॉर्म क्या है इत्यादि के बारे में बताया जाएगा. तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं CNG के बारे में पूरी जानकारी.

सीएनजी का फुल फॉर्म क्या है?

CNG का फुल फॉर्म “Compressed Natural Gas” है. हिंदी में मतलब है “संपीड़ित प्राकृतिक गैस”.

CNG क्या है? – What is CNG in Hindi

cng kya hai

सीएनजी एक कम्प्रेस की गई (दबाव के साथ) प्राकृतिक गैस है जो साफ़, गंध रहित और गैर-संक्षारक होती है. CNG से बहुत कम मात्रा में प्रदूषण फैलता है, इसलिए इसे eco-friendly गैस कहा जाता है. यह अन्य ईंधन, जैसे पेट्रोल, डीजल के मुकाबले सस्ती होती है. CNG मुख्य रूप से मीथेन से बनी हुई होती है, यह standard atmospheric pressure पर जितना आयतन घेरती है उससे 1% से भी कम में इसे कम्प्रेस किया जाता है.

आमतौर पर CNG को 20-25 मेगापास्कल प्रेशर (MPa) (2900.75 से 3625.94 psi) के साथ cylindrical या spherical आकार के कंटेनर में स्टोर और वितरित किया जाता है. ईंधन के तौर पर CNG का इस्तेमाल उन वाहनों में किया जा सकता है जिनमें पेट्रोल, डीजल और LPG का इस्तेमाल किया जाता है. 

CNG दहन के दौरान अन्य ईंधन के मुकाबले में काफी कम मात्रा में हानिकारक गैसें निकलती हैं. बढ़ते ईंधन के दामों और पर्यावरण प्रदूषण से बचने के लिए CNG का इस्तेमाल ऑटोरिक्शा, पिकअप ट्रकों, स्कूल बस और ट्रेनों में किया जा रहा है. CNG में 80-90 प्रतिशत मीथेन शामिल होती है और अन्य नाइट्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड, प्रोपेन और इथेन के अंश शामिल होते हैं.

CNG कैसे बनती है?

जैसा कि हम जान चुके हैं, CNG एक कम्प्रेस की गई प्राकृतिक गैस है. प्राकृतिक गैस एक जीवाश्म ऊर्जा स्रोत है जो धरती की सतह के नीचे मौजूद होती है. प्राकृतिक गैस में कई अलग-अलग यौगिक शामिल होते हैं. सबसे अधिक मात्रा में मौजूद यौगिक मीथेन (CH4) होता है.

प्राकृतिक गैस पृथ्वी की सतह के नीचे कोयले और तेल के साथ मौजूद रहती है, जो लाखों वर्ष पूर्व पौधों और पशुओं के अवशेषों के नीचे दबे रहने से तैयार होते हैं. धरती और समुद्र तल की सतह के नीचे प्राकृतिक गैस के विशाल भंडार मौजूद हैं.

इन गैसों को बाहर निकालने के लिए कुओं को ड्रिल किया जाता है. जब गैस कुओं से बाहर निकलती है तो इसे wet natural gas कहा जाता है, क्योंकि मीथेन के साथ इसमें NGLs (natural gas liquids) जैसे इथेन, प्रोपेन, पैंटेन  और जल वाष्प शामिल होते हैं. इसके अलावा गैस में non hydrocarbons भी शामिल हो सकते हैं, जैसे सल्फर, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन सल्फाइड और कार्बन डाइऑक्साइड, इनमें से अधिकांश को उपभोक्ताओं तक पहुंचने से पहले हटा दिया जाता है.

कुएं से निकलने के बाद प्राकृतिक गैस को processing plants में भेजा जाता है, जहां जल वाष्प और non hydrocarbon यौगिकों को निकाल दिया जाता है. NGLs को wet gas से अलग कर दिया जाता है और अलग बेचा जाता है. कुछ इथेन को अक्सर संसाधित प्राकृतिक गैस (processed natural gas) में छोड़ दिया जाता है.

अलग किए गए NGLs को natural gas plant liquids (NGPLs) कहा जाता है और संसोधित की गई प्राकृतिक गैस को dry consumer grade या pipeline quality gas कहा जाता है. ये गैस गंधरहित होती है इसलिए कुछ केमिकल जिन्हें odorants कहा जाता है, इसमें डाले जाते हैं ताकि natural gas pipeline में रिसाव होने पर पता लग सके.

अब शुष्क प्राकृतिक गैस को pipeline के जरिए underground storage field या distributor कंपनियों और फिर उपभोक्ताओं तक भेजा जाता है. Coal Mining के दौरान या पहले कोयले के भंडार से भी coalbed methane को निकाला जाता है और इसे बिना किसी special treatment के natural gas pipeline में डाल दिया जाता है. 

अब यह गैस natural gas pipeline से होती हुई CNG stations तक पहुंचती है, जहां इसे dryer से गुजारा जाता है. इसके बाद गैस को कम्प्रेस करने के लिए compression के दो या पांच चरणों से गुजारा जाता है और 20-25 MPa (2900.75 से 3625.94 psi) के प्रेशर को प्राप्त किया जाता है.

एक बार compress होने के बाद CNG को स्टोर किया जाता है और पेट्रोल या डीजल की तुलना में काफी कम कीमत पर वितरित किया जाता है.

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CNG और LPG में क्या अंतर है?

सीएनजी और एलपीजी में अंतर कुछ इस प्रकार हैं:

CNGLPG
सीएनजी गैस है और कॉम्प्रेस करने (दबाव डालने) पर भी गैसीय अवस्था में रहती है.एलपीजी सामान्य तापमान और दबाव में गैस फॉर्म में होती है और कॉम्प्रेस करने पर तरल अवस्था में बदल जाती है.
CNG का साफ़ ईंधन के तौर पर पेट्रोल और डीजल की जगह इस्तेमाल किया जाता है.LPG का इस्तेमाल कुकिंग, इंडस्ट्रियल फ्यूल के तौर पर और रेफ्रिजरेशन के लिए किया जाता है.

CNG के इस्तेमाल से होने वाले फायदे

सीएनजी को एक हरित ईंधन माना जाता है, क्योंकि यह सीसा और सल्फर मुक्त होती है और इससे हानिकारक गैसों  (कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी गैसें) का उत्सर्जन नहीं होता. इससे ग्रीन हाउस प्रभाव को नियंत्रित करने में मदद मिलती है.

गैर संक्षारक होने की वजह से व्हीकल के स्पार्क प्लग की आयु बढ़ती है.

हवा से हल्की होने की वजह से सीएनजी को एक सुरक्षित ईंधन माना जाता है, क्योंकि लीक होने की स्थिति में यह तुरंत हवा में फ़ैल जाती है और आसानी से हवा में मिक्स हो जाती है. इसके अलावा इसमें narrow flammability range होती है, जो इसे अन्य ईंधन की तुलना में अधिक सुरक्षित बनाता है.

CNG का ज्वलन तापमान अधिक होता है, इसलिए दूसरे ईंधनों के मुकाबले इसमें आकस्मिक और अपने आप होने वाले ignition के चांसेस घट जाते हैं.

CNG पर चलने वाले व्हीकल्स की operational cost अन्य ईंधन पर चलने वाले व्हीकल्स के मुकाबले काफी कम होती है.

सीएनजी की कीमत कम होती है और व्हीकल्स में इसके इस्तेमाल से अच्छी माइलेज मिलती है.

सीएनजी के इस्तेमाल से lubricant oils की लाइफ बढ़ती है, क्योंकि यह crankcase oil को दूषित और पतला नहीं करती है.

CNG से होने वाले नुकसान

यदि आप अपने व्हीकल में CNG का इस्तेमाल करते हैं तो आपको बार-बार सर्विस सेंटर पर विजिट करना होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि CNG पर आपका इंजन ड्राई होकर दौड़ता है, इसलिए स्पार्क प्लग और इंजन ऑयल अधिक खराब होता है. आपको सर्विस सेंटर पर बार-बार जाने की जरूरत होगी और कार इंजन के चलने पर नजर रखनी होगी.

CNG गाड़ियों की resale value काफी घट जाती है. ऐसे में यदि आप इस्तेमाल के बाद अपनी कार को सेल करने के लिए निकलते है तो ग्राहक और अच्छा दाम पाने में परेशानी हो सकती है. इसका फायदा तब है जब आप सेकंड हैंड गाड़ी खरीदना चाहते हैं, क्योंकि आपको CNG गाड़ी कम दाम में मिल जाएगी.

सीएनजी का एक और बड़ा नुकसान है कि इसे प्राप्त करने के लिए आपको पेट्रोल के मुकाबले अधिक इंतजार करना पड़ सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि भारत में अभी CNG पंपों की संख्या काफी कम है. लेकिन जैसे-जैसे नए CNG pump खुलते जाएंगे, यह परेशानी भी दूर होती जाएगी.

यदि आपकी गाड़ी के साथ कंपनी द्वारा फिट की गई CNG किट है तो आप बेफिक्र होकर ड्राइव कर सकते हैं.. लेकिन यदि आप बाहर से retro-fitted CNG किट लगवाते हैं तो आपको सुनिश्चित करना होगा कि किट सही से लगी हो. इसके अलावा आपको इंजन ऑयल, HP और LP फिल्टर्स पर भी ध्यान देना होगा. 

यदि आप गाड़ी में CNG का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको प्रत्येक 3 साल बाद cylinder hydro testing करानी होगी. यह अनिवार्य टेस्ट होता है ताकि पता लगाया जा सके कि आज की इस भाग-दौड़ भरी लाइफ में आपका cylinder इस्तेमाल के लिए पर्याप्त फिट है या नही. अब आपको तय करना है कि इस टेस्ट के लिए आप एक दिन की छुट्टी ले सकते हैं या नहीं?

सीएनजी के उपयोग क्या हैं?

  • CNG का इस्तेमाल वाहनों में ईंधन (fuel) के तौर पर किया जाता है.
  • CNG का इस्तेमाल बिजली उत्पादन के लिए भी किया जाता है.
  • CNG का इस्तेमाल घरों में खाना पकाने के लिए किया जा सकता है.

CNG का आविष्कार किसने किया था?

पहली बार प्राकृतिक गैस की खोज सन् 1626 में अमेरिका में की गई, जिसका श्रेय विलियम हार्ट (William Hart) को जाता है. यद्यपि, सन् 1800 में सीएनजी का आविष्कार किया गया. उस समय पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए से CNG सबसे अच्छा विकल्प माना जाता था.

CNG से जुड़े FAQ

1. Bio-CNG क्या है?

Bio-CNG एक नवीकरणीय (renewable) ईंधन है, जिसे बायोगैस को शुद्ध करके प्राप्त किया जाता है. इसके विपरीत CNG अनवीकरणीय (non-renewable) ईंधन है, यानी इसे दोबारा तैयार नहीं किया जा सकता. बायोगैस तब बनती है जब सूक्ष्मजीव कार्बनिक पदार्थ जैसे फसल, भोजन के अवशेष और अपशिष्ट जल (waste water) को तोड़ते हैं. इसलिए Biogas plant स्थापित करके Bio-CNG (जैव-सीएनजी) को दोबारा प्राप्त किया जा सकता है. रासायनिक रूप से Bio-CNG और CNG बराबर हैं.

2. भारत में CNG कहाँ से आती है?

भारत कच्चे तेल का आयात करता है और फिर इस कच्चे तेल से पेट्रोकेमिकल रिफाइनरियों द्वारा कई तरह के उत्पाद तैयार करता है, जैसे पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, PVC, LPG और CNG. यानी CNG को भारत में इस्तेमाल के लिए भारत में ही तैयार किया जाता है.

3. CNG में मुख्यतः कौन सी गैस होती है?

CNG में मुख्य तौर पर मीथेन गैस होती है जिसकी मात्रा 80 से 90% के बीच रहती है.

4. सीएनजी किसका मिश्रण है?

CNG में मीथेन के साथ नाइट्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड, प्रोपेन और इथेन एक अंश पाए जाते हैं. 

Conclusion

उम्मीद करता हूँ आपको मेरा यह लेख “CNG क्या है (What is CNG in Hindi) और कैसे बनती है?” जरूर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है सीएनजी से संबंधित सभी जानकारियां आप तक पहुंचाने की ताकि आपको इस विषय के संदर्भ में किसी दूसरी वेबसाइट पर जाने की जरूरत ना पड़े. अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो या कुछ नया सीखने को मिला हो तो कृपया इसे अन्य सोशल मीडिया नेटवर्क पर शेयर जरुर करें. 

Rahul Chauhan
Rahul Chauhanhttps://hindivibe.com/
Rahul Chauhan, Hindivibe के Author और Founder हैं. ये एक B.Tech डिग्री होल्डर हैं. इन्हें विज्ञान और तकनीक से संबंधित चीजों के बारे में जानना और लोगों के साथ शेयर करना अच्छा लगता है. यह अपने ब्लॉग पर ऐसी जानकारियां शेयर करते हैं, जिनसे कुछ नया सिखने को मिले और लोगों के काम आए.

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