Homeइनफॉर्मेटिवक्या है Hindenburg? कैसे फ्रॉड उजागर कर कंपनी करती है कमाई?

क्या है Hindenburg? कैसे फ्रॉड उजागर कर कंपनी करती है कमाई?

Hindenburg क्या है? साल 2023 का आरंभ अदानी समूह के लिए काफी बुरा साबित हुआ. अदानी समूह एक इंडियन मल्टीनेशनल समूह है, जिसके मालिक गौतम अडानी हैं. कंपनी की कामयाबी का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि पिछले तीन वर्षों में गौतम अडानी दुनिया के सबसे पांच अमीर व्यक्तियों की सूची में शामिल हो गए. कंपनी के शेयर आसमान छूने लगे. सब कुछ ठीक चल रहा था और कंपनी तेजी के साथ आगे बढ़ रही थी. लेकिन, तभी एक Hindenburg नाम का तूफान आता है और कंपनी के शेयरों की कीमत तेजी के साथ नीचे गिरने लगती है. 

यह तूफान इतना जबरदस्त था कि गौतम अडानी जो दुनिया के पांच सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची में शामिल थे, सीधा 20वें नंबर से भी नीचे आ जाते हैं. अब Hindenburg की चर्चाएं भी जोर-शोर से होने लगीं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि Hindenburg वर्ष 2017 में शुरू की गई एक वित्तीय शोध करने वाली अमेरिकी कंपनी है, जो स्टॉक मार्केट में होने वाले घोटालों का पर्दाफाश करती है.

आज हम अपने इस लेख में आपके साथ Hindenburg के बारे में विस्तार से जानकारी शेयर करेंगे और यह कैसे और किस मकसद से अपने काम को पूरा करती है, ये भी आपको बताएंगे. तो आइए जानते हैं हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी.

Hindenburg Research क्या है? (Hindenburg Research in Hindi)

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Hindenburg Research क्या है?

हिंडनबर्ग रिसर्च एक फाइनेंसियल रिसर्च करने वाली कंपनी है, जो equity, credit और derivative market के आंकड़ों का विश्लेषण करती है. कंपनी साथ में short-selling का भी कारोबार करती है और मुनाफा कमाती है. हिंडनबर्ग रिसर्च की स्थापना नाथन एंडरसन नामक व्यक्ति द्वारा वर्ष 2017 में की गई थी, जिसका मुख्यालय अमेरिका के न्यूयॉर्क में स्थित है.

कंपनी अपनी वेबसाइट के जरिए सार्वजनिक रिपोर्ट प्रकाशित करती है, जिसमें कॉर्पोरेट धोखाधड़ी और दुर्भावना का आरोप लगाया जाता है. अभी तक कंपनी Nikola, Bloom Energy, HF Foods और Adani Group जैसी कई कंपनियों पर आरोप लगा चुकी है.

कंपनी अपनी रिपोर्ट को उजागर करने से पहले टारगेट कंपनी में short position होल्ड करती है (आमतौर पर उन stocks को बेचना जिसके आप मालिक नहीं हैं, और फिर उन्हें कीमत गिरने के बाद कम कीमत पर खरीदना – short selling) और उसके बाद fraud को उजागर कर मुनाफा कमाती है. 

कंपनी का नाम Hindenburg क्यों रखा गया?

Hindenburg का नाम 6 मई 1937 को हुई हिंडनबर्ग आपदा के बाद रखा गया. हिंडनबर्ग एक जर्मन एयर स्पेसशिप का नाम था, जो ब्रिटेन के मैनचेस्टर शहर में उड़ान भरते वक़्त दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस हादसे में 35 लोगों की दर्दनाक मौत हुई थी. यह बहुत ही फेमस दुर्घटना है, क्योंकि इस हादसे को वीडियो और फोटो में कैप्चर किया गया था.

नाथन एंडरसन के अनुसार यह दुर्घटना पूरी तरह से मानव-निर्मित दुर्घटना थी, जिसे अनदेखा किया गया. क्योंकि हिंडनबर्ग एयरशिप में लगे गुब्बारे में हाइड्रोजन का इस्तेमाल किया गया था, जो विश्व का सबसे ज्वलनशील एलिमेंट था. पहले भी इस तरह के कई हादसे हो चुके थे, जिनसे सीख लेते हुए इस हादसे को रोका जा सकता था. लेकिन हिंडनबर्ग के संचालक “यह समय अलग है” कहावत कहते हुए आगे बढ़े. 80 साल पहले हुए इस हादसे ने एंडरसन के दिल और दिमाग पर गहरा असर छोड़ा, और उन्होंने वर्ष 2017 में “हिंडनबर्ग रिसर्च” नाम से अपनी कंपनी की शुरुआत की. उनके अनुसार stock market में भी इस तरह के कई मानव-निर्मित दुर्घटनाओं को अंजाम दिया जाता है, इसलिए दुनिया की भलाई के लिए इन्हें रोकना जरूरी है और यह काम “Hindenburg Research” करती है.

Hindenburg Research कैसे काम करती है?

हिंडनबर्ग रिसर्च एक टारगेट कंपनी की जांच रिपोर्ट तैयार करने में 6 महीने या उससे ज्यादा महीनों का समय लेती है. जांच के दौरान वह कंपनी के सार्वजनिक रिकॉर्ड और आंतरिक कॉर्पोरेट दस्तावेजों का सहारा लेती है, साथ में कंपनी के कर्मचारियों से भी बातचीत करती है. इसके बाद रिपोर्ट को Hindenburg के सिमित भागीदारों में सर्कुलेट किया जाता है, जो Hindenburg के साथ टारगेट कंपनी में short selling करते हैं. यदि टारगेट कंपनी के शेयर की कीमतों में गिरावट आती है तो हिंडनबर्ग को लाभ होता है.

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शॉर्ट सेलिंग (Short Selling) क्या है?

शॉर्ट सेलिंग एक trading strategy है, जो stock की कीमतों के गिरने का आकलन करती है. आमतौर पर आप किसी stock में ये सोचकर पैसा लगाते हैं कि उस कंपनी का stock price ऊपर जाएगा और आपको प्रॉफिट मिलेगा. लेकिन short selling में इसका उल्टा होता है. इसमें निवेशक किसी कंपनी में ये सोचकर पैसा लगाते हैं कि उस कंपनी का stock price नीचे जाएगा और तब वे मुनाफा कमाएंगे. यह advanced technology है जिसे केवल अनुभवी traders और investors द्वारा ही किया जाना चाहिए.

Short selling में निवेशक उन shares को बेचता है, जिनका वह मालिक नहीं होता. संक्षेप में, trader इन shares को एक brokerage की मदद से उधार लेता है और उन्हें मौजूदा मार्केट कीमतों में इस उम्मीद में बेचता है कि कीमतें कम होंगी. इसके बदले में वह जितने समय के लिए shares उधार लेता है, मालिक को उनका ब्याज (इंटरेस्ट) देता है.

जैसे ही shares की कीमतों में गिरावट आती है, trader इन shares को कम कीमतों में खरीद लेता है. अब अधिक कीमत पर बेचने और कम कीमत पर खरीदने के बीच जो मुनाफा होता है, वह trader का होता है. इस तरह के trade में नुकसान का जोखिम अधिक होता है, क्योंकि अनुमान गलत भी हो सकता है और shares की कीमतों में कई गुणा बढ़ोतरी हो सकती है.

Hindenburg अपनी रिसर्च में क्या पता लगाती है?

हिंडनबर्ग कंपनी किसी टारगेट कंपनी पर अपनी रिसर्च के जरिए ये पता लगाती है कि..

  • कहीं कंपनी शेयर मार्केट में गलत तरीके से पैसों की हेरा-फेरी तो नहीं कर रही है.
  • कहीं कंपनी खुद के फायदे के लिए दूसरी कंपनियों के शेयर को नुकसान पहुंचाने के लिए गलत तरीके से बेट तो नहीं लगा रही है.
  • कहीं कोई कंपनी अकाउंट मिसमैनेजमेंट से खुद को बड़ा तो नहीं दिखा रही है.

इन सब बातों का पता लगाकर कंपनी एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करती है और फिर उसे अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करती है. अक्सर कंपनी द्वारा प्रकाशित इस रिपोर्ट का दुनियाभर की शेयर मार्केट पर असर देखने को मिलता है. 

Hindenburg द्वारा खुलासे किए जाने वाली कंपनियों के नाम

हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अपनी रिपोर्ट्स के जरिए अभी तक जिन कंपनियों पर आरोप लगाए गए हैं, उनके नाम कुछ इस प्रकार हैं:

कंपनीदेश वर्ष
RD Legalअमेरिका2017
Pershing Goldअमेरिका2017
Opko Healthअमेरिका2017
Polarity TEअमेरिका2017
Riot Blockchainअमेरिका2018
Aphriaकनाडा2018
Liberty Health Sciencesअमेरिका2018
Yangtze River Port & Logisticsअमेरिका2018
Bloom Energyअमेरिका2019
SmileDirectClubअमेरिका2019
HF Foodsअमेरिका2020
Predictive Technology Groupअमेरिका2020
SC Worxअमेरिका2020
China Metal Resources Utilizationचीन 2020
Genius Brandsअमेरिका2020
WINS Financeचीन 2020
Nikolaअमेरिका2020
Adani Groupभारत2023

Hindenburg की सबसे चर्चित रिपोर्ट

शुरुआत से लेकर अब तक Hindenburg द्वारा अपनी रिपोर्ट के जरिए 18 कंपनियों पर आरोप लगाए गए, जिन्हें आप ऊपर दी गई लिस्ट में देख चुके हैं और इनमें सबसे ज्यादा कंपनियां अमेरिका की हैं.

Hindenburg की सबसे चर्चित रिपोर्ट अमेरिका की auto sector की सबसे बड़ी कंपनी निकोला (Nikola) की रही थी. यह रिपोर्ट वर्ष 2020 में प्रकाशित की गई थी, जिसके बाद निकोला के 80 प्रतिशत शेयर गिर गए थे. इस रिपोर्ट में व्हिसल ब्लोअर और कंपनी के पूर्व कर्मचारियों की मदद से कथित फर्जीवाड़े को उजागर किया गया था. इसके बाद कंपनी के संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष Trevor Milton ने कंपनी से तुरंत इस्तीफा दे दिया था. रिपोर्ट के बाद कंपनी आज भी जांच के दायरे में है.

Hindenburg द्वारा भारत के अडानी ग्रुप पर क्या आरोप लगाए गए हैं?

25 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च अडानी ग्रुप से जुड़ी 38 हजार शब्दों की एक रिपोर्ट जारी करती है. रिपोर्ट के निष्कर्ष में कंपनी 88 प्रश्नों को शामिल करती है. कंपनी अडानी ग्रुप पर तीन बड़े आरोप लगाती है, जिन्हें आप नीचे देख सकते हैं.

  1. अडानी ग्रुप के शेयरों की कीमत उसी फील्ड में बिज़नेस करने वाली कंपनियों के शेयरों से 85% अधिक है. असल में, किसी कंपनी के शेयर की कीमत उस कंपनी को होने वाले मुनाफे से तय होती है. बाजार द्वारा अनुमान लगाया जाता है कि कंपनी को होने वाले मुनाफे के मुकाबले उस कंपनी के शेयर की कीमत कितनी अधिक होगी, जिसे प्राइस अर्निंग रेश्यो कहा जाता है. अडानी की कंपनियों का price earning ratio दूसरी कंपनियों से काफी अधिक है.
  2. अडानी ग्रुप ने शेयर मार्केट में हेराफेरी करके अपने शेयरों की कीमत बढ़वाई है. रिपोर्ट के अनुसार अडानी ने मॉरीशस और दूसरे देशों की कंपनियों में पैसे लगाए और उन कंपनियों ने बाद में अडानी ग्रुप की कंपनी से शेयर खरीदे. जब विदेशी कंपनी इस तरह से शेयर खरीदती है, तो कंपनी में लोगों का भरोसा बढ़ता है. इससे शेयर की मांग बढ़ती है और मांग बढ़ने पर शेयर की कीमत भी बढ़ जाती है.
  3. कंपनी अपनी रिपोर्ट में खुलासा करती है कि अडानी के भाई विनोद अडानी दुबई में बैठकर यही काम करते हैं. साथ ही रिपोर्ट में विनोद अडानी से जुड़ी 38 कंपनियों का भी जिक्र किया गया है.  

रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों की कीमत में भारी गिरावट देखने को मिलती है और यही Hindenburg का मकसद होता है. ताकि वह कंपनी के शेयरों की short selling कर मुनाफा कमा सके.

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Hindenburg के मालिक नाथन एंडरसन के बारे में

नाथन एंडरसन University of Connecticut से इंटरनेशनल बिज़नेस में ग्रेजुएट हैं. अपनी ग्रेजुएशन के बाद वे एक डेटा कंपनी FactSet Research Systems Inc में भी काम कर चुके हैं. वहां उनका काम investment management कंपनियों से जुड़ा हुआ था. लेकिन उन्हें अपनी इस जॉब में मजा नहीं आ रहा था. उनका मानना है कि काम ऐसा होना चाहिए जिसमें वे भारी दबाव महसूस करें. एंडरसन से जुड़ी दिलचस्प बात ये है कि वे इजरायल में एम्बुलेंस ड्राइवर का भी काम कर चुके हैं.

एंडरसन, हैरी मार्कपोलोस को अपना रोल मॉडल मानते हैं. हैरी मार्कपोलोस एक analyst हैं, जिन्होंने Bernie Madoff (एक अमेरिकी जालसाज) की फ्रॉड स्कीम का पर्दाफाश किया था. इनसे प्रभावित होकर वे अपनी कंपनी Hindenburg Research की शुरुआत करते हैं और स्टॉक मार्केट में होने वाले फ्रॉड को उजागर करने का काम शुरू करते हैं.

निष्कर्ष (Conclusion):

उम्मीद करती हूँ आपको मेरा यह लेख “क्या है Hindenburg? कैसे फ्रॉड उजागर कर कंपनी करती है कमाई?” जरूर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research in Hindi) से संबंधित सभी जानकारियां आप तक पहुंचाने की ताकि आपको इस विषय के संदर्भ में किसी दूसरी वेबसाइट पर जाने की जरूरत ना पड़े. अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो या कुछ नया सीखने को मिला हो तो कृपया इसे दूसरे सोशल मीडिया नेटवर्क पर शेयर जरुर करें.

Monika Chauhan
Monika Chauhanhttps://hindivibe.com/
मोनिका चौहान Hindivibe की Co-Founder और Author हैं. इन्हें सामान्य ज्ञान से संबंधित जानकारियों का अध्ययन करना और उनके बारे में लिखना अच्छा लगता है.

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