कंप्यूटर, एक ऐसा शब्द जिसे दुनिया के लगभग हर इंसान ने सुन रखा है. ऐसे में कंप्यूटर क्या है ये बात भी हर कोई जानता है. लेकिन इसकी पूरी बेसिक जानकारी बहुत ही कम लोगों के पास है. मतलब अधिकतर लोग अधूरा ज्ञान अपने साथ लेकर घूम रहे हैं. कहावत भी है “अधूरा ज्ञान हमेशा खतरनाक होता है”.
आज का युग कंप्यूटर का युग है और आने वाले समय में हमारी निर्भरता कंप्यूटर पर और अधिक बढ़ जाएगी. ऐसे में कंप्यूटर की basic जानकारी तो हर किसी को होनी ही चाहिए. इसी मकसद के साथ मै आज आप सब के लिए लेकर आया हूँ कंप्यूटर क्या है? – पूरी जानकारी हिंदी में. इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप computer से जुड़ी basic जानकारी को अच्छे से समझ जाएंगे. तो फिर देर किस बात की, चलिए शुरू करते हैं.
कंप्यूटर क्या है? – What is Computer in Hindi
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो हमारे द्वारा input किए गए डाटा को accept करता है और एक निर्देशों के सेट ( एक program) का इस्तेमाल करते हुए output को हमे परिणाम के तौर पर दिखाता है. बिना program के कंप्यूटर कोई भी कार्य नहीं कर सकता. यह mathematical और logical संचालन करने के बाद हमारे समक्ष output प्रस्तुत करता है और भविष्य में इस्तेमाल के लिए इसे सुरक्षित कर लेता है. यह डाटा को स्टोर करने, पुन: प्राप्त करने और प्रोसेस करने में सक्षम होता है. Computer शब्द लैटिन भाषा के शब्द “computare” से लिया गया है. जिसका मतलब है calculate करना अर्थात गणना करना.
कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया
वैसे तो सबसे पहला कंप्यूटर जो गणना के काम आता था abacus था, जिसका अविष्कार 1962 में William Oughtred ने किया था.
लेकिन आजकल की आधुनिक मशीन से मिलता जुलता पहला कंप्यूटर Analytical Engine था. इसका अविष्कार ब्रिटिश mathematician, Charles Babbage ने 1833 से 1871 के बीच किया. इसमें read only memory के तौर पर punch cards का इस्तेमाल होता था. Charles Babbage को कंप्यूटर के पिता के रूप में जाना जाता है.
कंप्यूटर का फुल फॉर्म क्या है? – What is Full form of Computer in Hindi
तकनीकी तौर पर computer का कोई फुल फॉर्म नहीं है. यह शब्द लैटिन भाषा के शब्द computare से लिया गया है जिसका अर्थ है calculation करना.
फिर भी लोगों द्वारा इसकी एक काल्पनिक फुल फॉर्म बनाई गयी है जो कुछ इस प्रकार है. Common Operating Machine Purposely Used for Technological and Educational Research
हिंदी में इसका अर्थ है : आम ऑपरेटिंग मशीन जिसका उपयोग तकनीकी और शैक्षणिक अनुसंधान के लिए होता है.
कंप्यूटर के पार्ट्स – Parts of Computer in Hindi
कंप्यूटर के कुछ बेसिक पार्ट्स जिसके बिना यह काम नहीं कर सकता, कुछ इस प्रकार हैं
- Motherboard
- Central Processing Unit
- Graphic Processing Unit
- Random Access Memory
- Hard Disk Drive or Solid State Drive
- Input/Output Devices
- Power Supply
Motherboard
जितना प्यारा नाम है उतना ही प्यारा इसका काम भी है. इसके नाम में mother शब्द है मतलब यह माँ की तरह होता है. यह कंप्यूटर के अन्य सभी components को अपने साथ जोड़े रखता है.
मूल रूप से Motherboard एक circuitboard होता है जिसका आकार computer के आकार पर निर्भर करता है. यह एक रूप से बंधन के रूप में काम करता है. क्योंकि यह computer के अन्य components के बीच संचार की सुविधा प्रदान कराता है.
Motherboard पर कुछ ports लगे होते हैं जिनका मुह बाहर की तरफ होता है. इनका इस्तेमाल विभिन्न components को computer से जोड़ने के लिए किया जाता है. इसमे लगे slots का इस्तेमाल करके विस्तार भी किया जा सकता है. आप इसमें CPU और RAM, Video Card और भी बहुत से components को जोड़ सकते हैं.
इसके अलावा Motherboard और भी कई भूमिका निभाता है. जैसे कि कोई जानकारी सुरक्षित रखना जब कंप्यूटर off हो, उदाहरण के लिए सिस्टम समय. यही कारण है कि जब भी आप कंप्यूटर on करते हो तब समय बिलकुल सही दिखाया जाता है अर्थात इसे बार बार सेट करने की जरूरत नहीं पड़ती.
Central Processing Unit (CPU)
CPU कंप्यूटर का दिमाग कहलाता है. यह कंप्यूटर का वह भाग है जहाँ इसके सभी कार्यों को कंट्रोल किया जाता है. यह कंप्यूटर के लिए ठीक वैसे ही है जैसे किसी कार के लिए उसका इंजन. मुख्य तौर पर सीपीयू arithmetic और logical कार्य करता है. यह कंप्यूटर के कार्यों को कुशलतापूर्वक करने के लिए calculationsका एक bunch बना लेता है.
CPU जितना अधिक शक्तिशाली होता है वह उतना ही अधिक सक्षम और गहन कार्य करने वाला होता है. वो सभी बेसिक कार्य जो एक कंप्यूटर आम तौर पर करता है जैसे कि word processing, spreadsheet तैयार करना और इंटरनेट browse करना, ये सब एक औसत CPU द्वारा ही किया जाता है. लेकिन, जब कोई video या complicated software एडिट करना होता है या फिर कोई CPU-Intensive game खेलना होता है तो एक शक्तिशाली CPU की जरूरत पड़ती है.
Graphic Processing Unit
आमतौर पर GPU को graphics cards या video cards के रूप में देखा जाता है. प्रत्येक कंप्यूटर GPU का इस्तेमाल images, video और 2D या 3D animations को प्रदर्शीत करने के लिए करता है. यह गणित से जुड़ी calculations को बहुत तेजी से हल कर लेता है. जिससे Central Processing Unit (CPU) का लोड कम हो जाता है.
Autocad जैसे अधिक graphics-intensive applications आने के बाद CPU के उपर बोझ बढ़ गया और इसके performance में कमी आने लगी. इस बोझ को कम करने और CPU की processing power को मुक्त करने के लिए GPU का आविष्कार किया गया.
Random Access Memory
Ram एक अस्थायी memory के रूप में काम करता है. जब आप अपने कंप्यूटर में कोई application खोलते हैं उस वक्त यह कंप्यूटर उस application और उससे संबधित डाटा को RAM में स्टोर करता है. जैसे ही application को बंद किया जाता है RAM का space खाली हो जाता है. यही कारण है कि जब भी आप कंप्यूटर में कई सारी applications एक साथ खोलते हैं तो स्पीड कम हो जाती है. RAM में स्पेस जितना ज्यादा होगा उतनी ही ज्यादा आप एक साथ applications खोल सकते हैं.
Ram अस्थायी होता है और इसकी प्रकृति परिवर्तनशील होती है. जब भी आप कंप्यूटर बंद करते हो, उस समय RAM के अंदर जितनी memory होती है वह delete हो जाती है. इसीलिए कंप्यूटर पर काम करते समय उसे लगातार सुरक्षित करने की सलाह दी जाती है.
Hard Disk Drive or Solid State Drives
जैसे कि मैंने आपको बताया RAM एक अस्थायी memory होती है. जो डाटा को स्थायी तौर पर सुरक्षित नहीं रखती. इसलिए डाटा को स्थायी रूप से स्टोर करने के लिए Hard Disk Drive (HDD) का इस्तेमाल किया जाता है. परंम्परागत तौर पर इस्तेमाल होने वाली HDD एक drum होता है जिस पर बहुत सारे platters लगे होते हैं. और इन platters पर physical arm का इस्तेमाल करके डाटा write होता है. ये disk अपने डाटा स्टोर करने के इस mechanism के चलते बहुत slow होती हैं.
इसकी अपेक्षा latest hard drives जिन्हें Solid State Drives (SDD) कहा जाता है बहुत faster होती हैं. ये बिलकुल उसी प्रकार की memory हैं जो आपके phone में लगी होती हैं, जिन्हें flash memory भी कहा जाता है. इनकी कीमत थोड़ी अधिक होती है लेकिन काम करने के मामले में ये traditional hard drives के मुकाबले कहीं अधिक faster और efficient होती हैं.
इनमे सुरक्षित किया गया data कंप्यूटर के बंद करने पर delete नहीं होता. इसलिए जब भी आप अपना कंप्यूटर on करते हो आपको अपना data सुरक्षित रूप में वापस मिल जाता है.
Input/Output Devices
ऐसे बहुत सारे devices होते हैं जिन्हें आप अपने कंप्यूटर से जोड़ सकते हैं. इनका इस्तेमाल जानकारी को input करने और output लेने के लिए किया जाता है. उदाहरण के लिए Input device के रूप में keyboard, mouse और webcam का इस्तेमाल होता है. Output device के रूप में speakers, monitor आदि का इस्तेमाल होता है.
यहाँ कुछ removable devices का भी इस्तेमाल होता है, जैसे कि SD Cards और Flash Drives. ये डाटा को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में transfer करने के काम आते हैं.
Power Supply
Power Supply unit कंप्यूटर को सही तरीके से काम करने के लिए power की supply करता है. इसे आप कंप्यूटर का powerhouse भी कह सकते हैं. यह एक black box की तरह दिखता है, जिसके साथ एक fan लगा होता है. इसे motherboard में प्लग किया जाता है जहाँ से यह कंप्यूटर के अन्य components को भी power supply करता है.
एक तरफ यह motherboard से जुड़ा होता है तो दूसरी तरफ यह power source से जुड़ा होता है. अगर आप laptop का इस्तेमाल कर रहे हो तो यह power source एक removable या permanent battery भी हो सकती है.
कंप्यूटर का इतिहास एवं विभिन्न पीढियाँ – Generation of Computer in Hindi
कंप्यूटर की शुरुआत कब हुई यह कहना बहुत मुश्किल है. लेकिन अधिकारिक तौर पर समय के साथ कंप्यूटर में हुए बदलाव को generations में बाँट दिया गया. विभिन्न generations में मिलती गई सफलता के साथ-साथ कंप्यूटर की तकनीक में उन्नति होती गई. इसलिए कंप्यूटर के इतिहास को हम इसकी पहली पीढ़ी से देख सकते हैं. मुख्य रूप से कंप्यूटर की पांच पीढियाँ हैं जो कुछ इस प्रकार है.
कंप्पयूटर की पहली पीढ़ी – Vacuum Tubes (1940 – 1956)
1940 से 1956 के बीच के समय को कंप्यूटर की पहली Generation का समय माना जाता है. पहली generation के कंप्यूटर का निर्माण एक vacuum tube का इस्तेमाल करके किया गया. इसका इनपुट सिस्टम punched card और paper tape पर आधारित था. जबकि आउटपुट को printouts के जरिए देखा जाता था.
यह आकार में बहुत विशाल था जिसकी वजह से इसमें heat की problem आती थी. पहली पीढ़ी का कंप्यूटर binary-coded concept पर काम करता था (binary 0 – 1). उदाहरण के लिए ENIAC, EDVAC आदि.
कंप्पयूटर की दूसरी पीढ़ी – Transistor (1956 – 1963)
वर्ष 1963 से 1971 के बीच का समय कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी का समय था. इस generation में विकसित किए गए computers में transistor technology का इस्तेमाल होता था.
इनका आकार छोटा था, जिसकी वजह से ये कम जगह घेरते थे. पहली पीढ़ी के कंप्यूटर के मुकाबले ये सस्ते और energy efficient थे और computing time भी काफी कम था. Heat की समस्या इनमे भी थी लेकिन पहली पीढ़ी के मुकाबले कम थी.
कंप्पयूटर की तीसरी पीढ़ी – Integrated Circuits (1963 – 1971)
1963 से 1971 के बीच के समय को कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी का समय कहा जाता है. तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर को Integrated Circuit (IC) का इस्तेमाल करके develop किया गया.
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में उपयोगकर्ताओं को punch card और printout की जगह keyboard और monitor के दर्शन हुए. साथ ही operating system का आगमन हुआ. जो device को एक समय में एक central program के साथ बहुत सारे applications रन करने के लिए allow करता है.
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का आकार दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के आकार से काफी छोटा था. यह पहले वाली पीढ़ियों की अपेक्षा काफी faster और energy efficient था और heat की समस्या भी बहुत कम थी.
इस पीढ़ी के कंप्यूटर की maintenance cost काफी कम थी और व्यवसायिक कार्यों के लिए इसका उपयोग करना काफी आसान था.
कंप्पयूटर की चौथी पीढ़ी – Microprocessors (1972 – 2010)
चौथी पीढ़ी का दौर 1972 से 2010 के बीच का समय था. इस पीढ़ी में कंप्यूटर को Microprocessor technology का इस्तेमाल करके develop किया गया. इसमें हजारों integrated circuits को एक single silicon चिप में built किया गया.
इस technology के साथ ही कंप्यूटर का size काफी छोटा हो गया और उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना संभव हो गया.
चौथी पीढ़ी का कंप्यूटर काफी fast था जो बड़े बड़े calculations को बड़ी आसानी से हल करने लगा. यह अन्य पीढियों के मुकाबले काफी कम मात्रा में heat उत्पन्न करता था. इसकी production cost भी बहुत कम थी और इसे आम लोगों के लिए उपलब्ध करवा दिया गया.
कंप्पयूटर की पांचवी पीढ़ी – Artificial Intelligence (2010 से अब तक)
2010 से लेकर अब तक के दौर को Artificial Intelligence (कृत्रिम बुद्धि) का युग कहा जाता है. हालाँकि अभी भी इस पर काम चल रहा है. पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर की high capability और large memory capacity है.
आज के समय में voice recognition, nanotechnology और parallel processing जैसी तकनीक खूब चलन में है जो Artificial Intelligence का ही प्रमाण है. पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटिंग का लक्ष्य ऐसे devices का विकास करना है जो प्राकृतिक भाषाओँ का जवाब दे और learning और self-organisation में सक्षम हों.
कंप्यूटर काम कैसे करता है
एक कंप्यूटर Input, Processing, Output और Storage को मिलाकर काम करता है. चलिए समझते हैं इनके काम करने के तरीके को.
Input – यहाँ कुछ input units जैसे की keyboard और mouse का इस्तेमाल करके किसी raw information को कंप्यूटर में डाला जाता है जिसे input कहा जाता है. अगर आप microphone और voice recognition software का इस्तेमाल करते हैं तो यह भी input का दूसरा रूप है.
Processing – Computer का Processor जिसे Central Processing Unit (CPU) के नाम से जाना जाता है, एक microchip होता है जो कंप्यूटर के अंदर काफी गहराई में लगा होता है. यहाँ input किए गए डाटा को निर्देशानुसार process किया जाता है. यह पूरी तरह से internal process होती है.
Output – आपके द्वारा input units के माध्यम से कंप्यूटर में जो information इनपुट की जाती है, उसके result को output कहा जाता है. इस output को आपके कंप्यूटर screen पर दर्शाया जाता है.
Memory/Storage – आपका कंप्यूटर output के तौर पर निकले सभी documents, files या images को एक hard drive में save कर लेता है. आप भविष्य में जब चाहे इस सुरक्षित किए गए डाटा को storage में जाकर देख सकते हैं.
कंप्यूटर के प्रकार – Types of Computer in Hindi
मुख्य तौर पर Size, Performance और Power के आधार पर कंप्यूटर 4 प्रकार के होते हैं
Supercomputers – Supercomputers काफी महंगे होते हैं, fast होते हैं और दुनिया के सबसे शक्तिशाली computers में गिने जाते हैं. इन computers का इस्तेमाल high-end places जैसे कि scientific research centers में किया जाता है. सुपरकंप्यूटर में हजारों processors लगे होते हैं और यह आकार में काफी विशाल होता है.
Mainframe Computers – ये कंप्यूटर आकार में बड़े और महंगे होते हैं. इनका इस्तेमाल सरकारी और बड़े संगठनों द्वारा महत्वपूर्ण applications जैसे कि bulk data processing, transaction processing, census (जनगणना) आदि के लिए किया जाता है. इनकी processing power अन्य प्रकार के कंप्यूटर जैसे कि minicomputer और personal computer की अपेक्षा अधिक होती है.
Minicomputers – Minicomputers मध्यम आकार के कंप्यूटर होते हैं जो size और power के मामले में mainframe से नीचे आते हैं. यह एक multiprocessing system होता है जो एक साथ 4 से 200 users को संभाल सकता है. आजकल minicomputer शब्द बहुत कम बोला जाता है, इसका स्थान server ने ले लिया है.
Microcomputer या Personal Computer – Personal Computer वह कंप्यूटर है जिसे एक समय में एक ही यूजर द्वारा इस्तेमाल के लिए बनाया गया है. Microcomputer शब्द microprocessor से संबधित है जिसका इस्तेमाल डाटा और निर्देश किए गए codes को प्रोसेस करने के लिए किया जाता है. इनको भी कई प्रकार में बांटा जा सकता है जो कुछ इस प्रकार हैं.
Microcomputer के प्रकार – Types of Microcomputer in Hindi
जब भी कंप्यूटर की बात आती है बहुत से लोगों के दिमाग में केवल Personal Computer (PC) की ही इमेज आती है, जबकि ऐसा नहीं है. यहाँ आपकी जानकारी के लिए बता दूँ Personal Computer के भी कई प्रकार हैं, जो आकार और shape के आधार पर अलग अलग हैं. ये कंप्यूटर हमारी जिंदगी का जरुरी हिस्सा बन गए हैं. चलिए जानते हैं इनके बारे में.
Desktop Computer
यह अपने साथ एक बड़ा box लिए होता है जिसे system unit कहा जाता है जिसमे बहुत सारे जरुरी components होते हैं. इसके अंदर keyboard, mouse और monitor को एक केबल के माध्यम से प्लग किया जाता है. इस कंप्यूटर का इस्तेमाल personal use के लिए घरों, स्कूल और दफ्तरों में किया जाता है.
Notebook
यह कंप्यूटर बिलकुल notebook की तरह होता है जिसका cover खुलने पर अपने साथ एक screen लिए होता है. इसमें keyboard और pointing device अंदर ही लगे होते हैं और mouse को भी जोड़ा जा सकता है. यह उसी software पर काम करता है जिसपर desktop computer काम करता है. लोग इसे laptop भी कहते हैं.
Tablet
इसमें ना ही कोई keyboard लगा होता है और ना ही कोई pointing device होता है. एक software based keyboard जरूरत पड़ने पर ऑनस्क्रीन पॉप अप हो जाता है. आपकी उंगलियाँ इसकी स्क्रीन पर pointing device का काम करती है. इसे आप अपने साथ कहीं भी लेजा सकते हैं जिससे इसका इस्तेमाल काफी सुविधाजनक हो जाता है. लेकिन इसमें desktop computer की applications नहीं चल सकती और storage क्षमता भी कम होती है.
Smartphone
ये mobile phone होते हैं जो applications रन कर सकते हैं और इनमें internet भी चल सकता है. Smartphone में भी tablet की तरह ही touch-sensitive screen लगी होती है. लेकिन आकार में यह tablet से छोटा होता है. इसे आप अपने साथ pocket में रख सकते हैं और कहीं भी आसानी से लेजा सकते हैं. इसमें आप बहुत सारे कार्य जैसे कि calling, mapping, calculation, video calling, messaging आदि बड़ी आसानी से कर सकते हैं.
Hardware और Software क्या हैं?
Hardware – Computer Hardware वो physical device होते हैं जो कंप्यूटर के अंदर या साथ इस्तेमाल किए जाते हैं. ये वो devices होते हैं जिन्हें आप अपने हाथ से छू सकते हैं,पकड़ सकते हैं और आँखों से देख सकते हैं. उदाहरण के लिए monitor, keyboard, mouse ये सब hardware devices हैं.
Software – सॉफ्टवेर programming code का एक collection होता है जिसे कंप्यूटर के hard drive में install किया जाता है. इसे आप ना तो छू सकते हैं और ना ही देख सकते हैं. अर्थात ये virtual होते हैं. उदाहरण के लिए Internet Browser, Operating system आदि.
कंप्यूटर के उपयोग – Uses of Computer in Hindi
वैसे तो कंप्यूटर का उपयोग बहुत सारे कामो में होता है, लेकिन आज मै आपको इसके 5 प्रमुख उपयोग बताऊंगा.
- Education
शिक्षा के क्षेत्र में कंप्यूटर अपना बेहतरीन योगदान दे रहा है. आज के समय में students घर बैठ कर कई प्रकार के online courses join कर सकते हैं. अगर books में कहीं कुछ समझ नहीं आ रहा है या कोई doubt clear नहीं हो रहा है, तो आप internet के माध्यम से इसका online हल ढूंड सकते हैं. स्कूल से लेकर कॉलेज तक के students कंप्यूटर का इस्तेमाल करके घर बैठे जानकारी प्राप्त कर रहे हैं.
- Business
व्यवसाय के मामलों में भी कंप्यूटर का उपयोग बहुत बढ़ गया है. आज के समय में लगभग हर प्रकार के business में अलग अलग कामों के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल हो रहा है. जैसे की computerised bill बनाना या store में रखे सामनों की लिस्ट बनाना.
- Healthcare
स्वास्थ्य संबधित सेवाओं में भी कंप्यूटर का उपयोग बढ़ गया है. इसके इस्तेमाल से हस्पतालों में मरीजों का डाटा प्राप्त करना और उन्हें स्टोर करना आसान हो गया है. रोगों के जोखिमों की खोज के लिए सॉफ्टवेयर द्वारा जटिल जानकारी का विश्लेषण भी किया जा सकता है. कंप्यूटर लैब उपकरण, हृदय गति मॉनिटर और रक्तचाप मॉनिटर को बड़ी आसानी से control कर सकते हैं.
- Science
कंप्यूटर को work tool के रूप में सबसे पहले वैज्ञानिकों के समूह ने ही अपनाया था. विज्ञानं में कंप्यूटर का इस्तेमाल research करने, जानकारी share और collect करने तथा डाटा को analyze और store करने के लिए किया जाता है. यह किसी space craft को launch करने, control करने और maintain करने में बहुत ही महत्वपूर्ण रोल अदा करता है.
- Arts and Entertainment
कंप्यूटर का उपयोग arts की हर शाखा में बढ़-चढ़ कर किया जा रहा है. देखा जाए तो इसका सबसे अधिक उपयोग Arts और Entertainment के क्षेत्र में ही हो रहा है. कंप्यूटर का इस्तेमाल drawing बनाने, graphic design और painting बनाने में किया जा रहा है. इन्हें आप copy कर सकते हैं, edit कर सकते हैं, send कर सकते हैं और printout भी निकलवा सकते हैं.
कंप्यूटर का इस्तेमाल movie देखने, गाने सुनने, video record करने, editing करने और game खेलने में भी किया जाता है.
कंप्यूटर के लाभ
कंप्यूटर के आने के बाद लोगों की जिंदगी पहले के मुकाबले बहुत आसान हो गई है. इसके बहुत से लाभ हमे देखने को मिलते हैं जो कुछ इस प्रकार हैं.
Productivity बढ़ गई
कंप्यूटर ने हमारी productivity को पहले के मुकाबले कई गुना बढ़ा दिया. एक अच्छे software की मदद से हम किसी भी काम में बहुत productive हो सकते हैं. उदाहरण के लिए अगर आपको word processor की समझ है तो आप बड़ी आसानी से कोई document या letter बना सकते हैं, store कर सकते हैं, edit कर सकते हैं, share कर सकते हैं और उसे print करवा सकते हैं. जबकि कंप्यूटर से पहले इस तरह के काम करना संभव नहीं था या बहुत मुश्किल था.
Accuracy
इसके द्वारा की गई calculation बहुत accurate होती है. इनमे गलती होने की कोई संभावना नहीं होती और बहुत ही तेजी के साथ calculation पूरी होती है.
Time Saving
आज के समय में बहुत सी ऐसी services है जो आपको घर बैठे मिल जाती है., जिससे समय की काफी बचत होती है. जैसे की Amazon वेबसाइट पर आप कोई भी product घर बैठे मंगवा सकते हैं. इसके लिए आपको shopping करने के लिए बाजार जाने की जरूरत नहीं है. आप बैंक में ना जाकर online banking site पर ही अपना bank balance चेक कर सकते हैं और bill का भुगतान कर सकते हैं.
Government
सरकारी कामों में भी इनका इस्तेमाल काफी बढ़ गया है. हर सरकारी दफ्तर में इसका इस्तेमाल होता है. बात की जाए education, tourism या traffic की तो ये सब कुछ पहले के मुकाबले काफी आसान हो गया है.
Defence
सैनिक कार्यो में भी इसका इस्तेमाल काफी बढ़ गया है. यह सैना को और अधिक शक्तिशाली और मजबूत बनाता है. GPS का इस्तेमाल करके सैना दुश्मन की हर चाल को भांप लेती है. हथियारों में इसका इस्तेमाल करके दुश्मन के ठिकानों पर बिलकुल सटीक निशाना लगाया जा सकता है.
Entertainment
यह मनोरंजन का एक नया साधन बन गया है. इसके इस्तेमाल से आप कहीं पर भी online movies, musics और games का आनंद ले सकते हैं.
कंप्यूटर से हानि
जहाँ कंप्यूटर के फायदे बहुत हैं वहीँ इससे होने वाली हानियाँ भी बहुत हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं.
Health Issues
इसके सामने अधिक देर तक बैठना और काम करना स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकता है. लगातार screen की तरफ देखते रहने से आँखों पर जोर पड़ता है जिससे इनके कमजोर होने का खतरा बना रहता है.
अधिक समय तक कंप्यूटर के सामने बैठे रहने पर मोटापे की समस्या भी पैदा हो जाती है. इस लिए health experts द्वारा बीच-बीच में कोई activity या exercise करने की सलाह दी जाती है.
Virus और Hacking
virus एक हानिकारक program होता है जिसका खतरा online कार्य करते समय लगातार बना रहता है. ये virus बड़ी आसानी से email, image, video या अन्य किसी file के माध्यम से आपके सिस्टम में परवेश कर सकते हैं.
ये virus आपके कंप्यूटर को बर्बाद करने या जरूरी जानकारी चोरी करने जैसी घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर देते हैं.
Cyber Crimes
यह वो crime होता है जहाँ कंप्यूटर crime की वस्तु होती है या अपराध के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. इसमें अपराधी किसी device का इस्तेमाल करके उपयोगकर्ता की personal जानकारी, business से जुड़ी गोपनीय जानकारी या सरकारी जानकारियों को चुरा लेता है. इनके इस्तेमाल से अपराधी किसी device को बर्बाद भी कर सकता है.
Environment को नुकसान
बहुत तेजी से computers और electronic devices को replace किया जा रहा है, जिसके चलते पुराने devices को खुले में फेंक दिया जाता है. इनका वातावरण के उपर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है.
कंप्यूटर का भविष्य – Future of Computer in Hindi
समय के साथ-साथ कंप्यूटर के साइज और technology में लगातार बदलाव आता रहा है. शुरुआत में देखा जाए तो इनका आकार बहुत बड़ा था. धीरे-धीरे इनका आकार छोटा हुआ और इन्हें घर पर लाना संभव हो गया. इसके बाद इन्हें हाथ में लेना और पॉकेट में रखना संभव हो गया. आने वाले समय में इनमे बहुत बदलाव देखने को मिलेंगे.
आज के समय में कंप्यूटर में semiconductor, metal और electricity का इस्तेमाल हो रहा है. Artificial intelligence का इस्तेमाल भी इनमे शुरू हो गया है जो आगे चलकर और बढ़ेगा. भविष्य में हो सकता है कंप्यूटर में atoms, dna या light का इस्तेमाल हो.
अगर भविष्य में इसका आकार molecules जितना हो गया तो दुनिया में बहुत बड़ा बदलाव आ जाएगा. ये ऐसे कंप्यूटर होंगे जिनका इस्तेमाल कहीं भी किया जा सकता है लेकिन इन्हें नंगी आँखों से देखना असंभव होगा. इनका नेटवर्क इतना विशाल हो जाएगा की इनकी पहुँच आपके घर, कार और कपड़ो तक हो जाएगी.
Conclusion
मै आशा करता हूँ आपको मेरा ये Article ”कंप्यूटर क्या है- जानिए इससे जुड़ी हर जानकारी हिंदी में” जरुर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है “कंप्यूटर क्या है” विषय से जुड़ी हर जानकारी को सरल शब्दों में explain करने की ताकि आपको इस Article के सन्दर्भ में किसी दूसरी site पर जाने की जरूरत ना पड़े.
अगर आपके मन में इस article को लेकर किसी भी तरह का कोई doubt है या आप चाहते हैं इसमें कुछ सुधार हो तो आप नीचे comment box में लिख सकते हैं.
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