एक क्रिएटिव इंसान के रूप में, कॉपीराइट की कानूनी अवधारणा को समझना और यह समझना भी काफी ज़रूरी है कि ये आपके ओरिजिनल कामों पर आपके अधिकारों को कैसे प्रभावित करता है. चाहे आप एक कलाकार, लेखक, संगीतकार, या किसी दूसरे प्रकार के निर्माता हों, कॉपीराइट का कानून आपको अपनी रचनाओं के इस्तेमाल और उसको लोगो तक पहुँचाने में नियंत्रित करने का एक ख़ास अधिकार प्रदान करता है. लेकिन वास्तव में ये Copyright क्या होता है? और यह कैसे काम करता है? इसके बारे में हम सभी को जरूर मालूम होना चाहिए, इसलिए आज के इस आर्टिकल में, हम कॉपीराइट कानून की दुनिया में जाने वाले हैं और कॉपीराइट द्वारा प्रोटेक्ट किये गए कामों के इतिहास, उद्देश्य और प्रकारों का पता लगाएंगे.
तो चाहे आप एक अनुभवी क्रिएटिव इंसान हो या अभी शुरुआत ही कर रहे हों, यह पोस्ट आपको कॉपीराइट (copyright in hindi) के महत्व को और यह आपके काम को कैसे प्रभावित करता है, इन सब चीजों को बेहतर ढंग से समझने में काफी मदद करेगी. तो आइये बढ़ते हैं आगे और पता लगाते हैं की आखिर ये Copyright क्या होता है.
Copyright क्या है? (Copyright Meaning in Hindi)
कॉपीराइट म्यूजिक, साहित्य, कला, सॉफ्टवेयर और वास्तुकला जैसे ओरिजिनल कामों के क्रिएटर्स के लिए कानूनी सुरक्षा का एक रूप है. यह क्रिएटर्स को एक निश्चित अवधि के लिए अपने काम का इस्तेमाल करने, उन्हें लोगों तक पहुंचाने और उससे फायदा लेने का एक खास अधिकार देता है. अनुमति के बिना किसी और के कॉपीराइट किए गए काम को कॉपी करना, लोगो तक पहुँचाना या बेचना अवैध है और इसका परिणाम जुर्माना और कानूनी दंड तक हो सकता है.
क्रिएटर्स को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करके नए कामों के निर्माण और वितरण को प्रोत्साहित करने के लिए कॉपीराइट कानून मौजूद है. संक्षेप में समझे तो कॉपीराइट क्रिएटर्स को उनके काम पर नियंत्रण देता है और दूसरों द्वारा इसका इस्तेमाल कैसे किया जा रहा है, इसका भी ध्यान रखता है.
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Copyright Act क्या है?
कॉपीराइट कानून कानूनी रूल्स और रेगुलेशन का एक समूह है, जो ओरिजिनल कामों के निर्माण और इस्तेमाल को नियंत्रित करता है. यह ओरिजिनल कामों के क्रिएटर्स को उनके कामों के इस्तेमाल और वितरण को नियंत्रित करने के लिए विशेष अधिकार देता है. इन अधिकारों में आम तौर पर काम को पुन: प्रस्तुत करने, कॉपी वितरित करने और काम को सार्वजनिक रूप से करने का अधिकार शामिल है. कॉपीराइट कानून का उद्देश्य क्रिएटर्स को उनके कामों पर ख़ास अधिकार प्रदान करके उनकी क्रिएटिविटी और नवीनता को बढ़ावा देना है.
Copyright का इतिहास
कॉपीराइट का इतिहास 15वीं सदी में प्रिंटिंग प्रेस के आविष्कार से देखा जा सकता है. प्रिंटिंग प्रेस से पहले, पुस्तकों को हाथ से कॉपी किया जाता था, जिससे सूचना के वितरण को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता था. प्रिंटिंग प्रेस के आगमन के साथ बड़े पैमाने पर पुस्तकों का उत्पादन करना आसान हो गया. जिसके कारण कॉपीराइट कामों के अनधिकृत रिप्रोडक्शन के बारे में चिंता बढ़ गई.
1557 में, इंग्लैंड की रानी मैरी I ने स्टेशनर्स कंपनी को एक रॉयल चार्टर प्रदान किया, जिसने उन्हें किताबें छापने और बेचने का विशेष अधिकार दिया. यह इंग्लैंड में कॉपीराइट संरक्षण का पहला उदाहरण था, जिसने कॉपीराइट की आधुनिक अवधारणा के लिए मंच तैयार किया.
अगली कुछ शताब्दियों में, कॉपीराइट कानून नई तकनीकों और मीडिया के उभरने के साथ विकसित हुआ. 19वीं शताब्दी में, कॉपीराइट कानून के अन्दर तस्वीरों को शामिल करने के लिए विस्तारित किया गया था, और 20वीं शताब्दी में साउंड रिकॉर्डिंग और ब्रॉडकास्ट परफॉरमेंस को शामिल करने के लिए इसका विस्तार किया गया था. आज, कॉपीराइट कानून विकसित हो रहा है, क्योंकि नई तकनीक और क्रिएटिव लोगों के भी कई रूप उभर रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने अंतरराष्ट्रीय कॉपीराइट सुरक्षा की एक प्रणाली बनाने के लिए भी काम किया है, जो यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि आपके सभी क्रिएटिव काम विश्व स्तर पर बिल्कुल सुरक्षित हैं.
Copyright Infringement क्या होता है?
Copyright infringement (उल्लंघन) तब होता है जब कोई कॉपीराइट के owner की अनुमति के बिना कॉपीराइट किए गए काम का इस्तेमाल करता है. इसमें उस काम का रिप्रोडक्शन, कॉपी वितरित करना या सार्वजनिक रूप से उस काम को करना शामिल हो सकता है. किसी और के कॉपीराइट का उल्लंघन करना अवैध है और कॉपीराइट का मालिक उल्लंघन को रोकने और हर्जाने की मांग करने के लिए कानूनी कार्यवाही कर सकता है.
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Copyright की अवधि
अगर आप Copyright क्या होता है? के बारे में जान रहें हैं तो आपको इसकी अवधि के बारे में भी पता होना चाहिए, देखिये कॉपीराइट सुरक्षा की अवधि संरक्षित (Protect) किए जा रहे काम के प्रकार के आधार पर अलग-अलग होती है. ज्यादातर देशों में, कॉपीराइट सुरक्षा क्रिएटर के जीवन और उनकी मृत्यु के बाद कुछ निश्चित वर्षों तक रहती है. कंपनियों द्वारा बनाए गए कामों के लिए, कॉपीराइट सुरक्षा की अवधि कम हो सकती है. उदाहरण के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका में कंपनियों द्वारा बनाए गए कामों के लिए कॉपीराइट सुरक्षा की अवधि पब्लिश करने की तारीख से 95 वर्ष या क्रिएट करने की तारीख से 120 वर्ष तक हो सकती है.
Copyright Registration क्या है? और इसकी पूरी प्रक्रिया किस प्रकार है
कॉपीराइट रजिस्ट्रेशन ownership का एक सार्वजनिक रिकॉर्ड स्थापित करने के लिए सरकार के साथ आधिकारिक तौर पर एक काम को रजिस्टर करने की प्रक्रिया है. ज्यादातर देशों में, कॉपीराइट ऑफिस के साथ किसी काम को रजिस्टर करना कॉपीराइट सुरक्षा के लिए उतना जरूरी नहीं है. हालांकि, विवाद की स्थिति में किसी काम का रजिस्ट्रेशन ही इसके लिए सहायक हो सकता है. क्योंकि यह काम के स्वामित्व का एक सार्वजनिक रिकॉर्ड प्रदान करता है और कोर्ट में सबूत के रूप में काम कर सकता है. कुछ देशों में, कॉपीराइट ऑफिस के साथ काम को रजिस्टर करने से अतिरिक्त कानूनी लाभ भी मिल सकते हैं, जैसे उल्लंघन की स्थिति में वैधानिक नुकसान की वसूली का अधिकार.
Copyright Registration Process in Hindi
कॉपीराइट ऑफिस के साथ किसी काम को रजिस्टर करने के लिए, क्रिएटर को आम तौर पर शुल्क के साथ एक आवेदन और रजिस्टर होने वाले काम की एक कॉपी जमा करनी होगी. उसके बाद कॉपीराइट ऑफिस आपके आवेदन को review करेगा और अगर स्वीकृत हो तो रजिस्ट्रेशन का प्रमाण पत्र भी जारी कर देगा. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कॉपीराइट ऑफिस के साथ किसी काम को रजिस्टर करना इस बात की गारंटी नहीं देता है कि आपका काम उल्लंघन से सुरक्षित रहेगा. लेकिन यह कॉपीराइट के owner को उल्लंघन की स्थिति में अतिरिक्त कानूनी उपाय प्रदान करता है.
कॉपीराइट द्वारा प्रोटेक्टेड कामों के प्रकार
- साहित्यिक रचनाएँ – साहित्यिक कृतियाँ वे रचनाएँ हैं जो लिखी जाती हैं, जैसे उपन्यास, कविताएँ, नाटक और दूसरी लिखित रचनाएँ. उन्हें प्रकाशित या अप्रकाशित किया जा सकता है और प्रिंट, डिजिटल या अन्य रूपों में व्यक्त भी किया जा सकता है. साहित्यिक कार्य कॉपीराइट कानून द्वारा संरक्षित (Protected) होते हैं और कॉपीराइट के owner के पास अपने काम के इस्तेमाल और वितरण को नियंत्रित करने का ख़ास अधिकार रहता है.
- संगीत रचनाएँ – ये संगीत और गीतों की रचनाएँ हैं, चाहे वे लिखी गई हों या रिकॉर्ड की गई हों. उनमें गाने, ओपेरा, बैले और संगीत की दूसरी रचनाएं शामिल हो सकती हैं. साहित्यिक कामों की तरह, संगीत भी कॉपीराइट कानून द्वारा प्रोटेक्टेड हैं और कॉपीराइट के owner के पास अपने कामों के इस्तेमाल और वितरण को नियंत्रित करने का विशेष अधिकार है.
- आर्टिस्टिक काम – ये काम विजुअल आर्ट के कार्य हैं, जैसे पेंटिंग, मूर्तियां, रेखाचित्र और तस्वीरें. वे 2D या 3D हो सकते हैं और डिजिटल रूपों के साथ किसी भी माध्यम में बनाए जा सकते हैं. आर्टिस्टिक काम कॉपीराइट कानून द्वारा संरक्षित हैं और कॉपीराइट owners के पास अपने काम के इस्तेमाल और वितरण को नियंत्रित करने का विशेष अधिकार होता है.
- सॉफ्टवेयर – सॉफ्टवेयर एक प्रकार का साहित्यिक कार्य है जो कॉपीराइट कानून द्वारा संरक्षित है. इसमें कंप्यूटर प्रोग्राम, मोबाइल एप्लिकेशन और दूसरे डिजिटल सॉफ्टवेयर शामिल हैं. सॉफ़्टवेयर के कॉपीराइट owners के पास इसके उपयोग और वितरण को नियंत्रित करने का खास अधिकार रहता है और दूसरों को अनुमति के बिना सॉफ्टवेयर की कॉपी बनाने, मॉडिफाई करने या वितरित करने से रोक सकता है.
- नाटकीय काम – नाटकीय काम ऐसे कार्य हैं जिनका उद्देश्य मंच पर प्रदर्शन करना है, जैसे कि नाटक, संगीत और ओपेरा. इन्हें लिखा या रिकॉर्ड किया जा सकता है और बाद के प्रदर्शनों के लिए लाइव या रिकॉर्ड भी किया जा सकता है. नाटकीय काम कॉपीराइट कानून द्वारा संरक्षित (Protected) होते हैं और कॉपीराइट के owners के पास अपने काम के इस्तेमाल और वितरण को नियंत्रित करने का भी ख़ास अधिकार होता है.
- साउंड रिकॉर्डिंग – इसके अंदर साउंड की रिकॉर्डिंग का काम होता है, जैसे म्यूजिक या किसी के द्वारा बोले गए शब्द. उन्हें CD, टेप या डिजिटल रूप में रिकॉर्ड किया जा सकता है और कॉपीराइट कानून द्वारा संरक्षित भी किया जाता है. साउंड रिकॉर्डिंग के कॉपीराइट owner के पास भी रिकॉर्डिंग के उपयोग और वितरण को नियंत्रित करने का विशेष अधिकार होता है और वह दूसरों को अनुमति के बिना रिकॉर्डिंग की कॉपी बनाने, वितरित करने या प्रदर्शन करने से रोक सकता है.
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Fair Use Policy क्या होती है?
“Fair Use” कॉपीराइट कानून में एक सिद्धांत है जो कॉपीराइट owner की अनुमति के बिना कॉपीराइट किये गए कंटेंट के सीमित उपयोग की अनुमति देता है. यह आज के आर्टिकल – Copyright क्या होता है? के अन्दर सबसे ज़रूरी बात है जिसके बारे में हम सभी को जरूर से मालूम होना ही चाहिए. जिसे सूचना के मुक्त प्रवाह और क्रिएटिव कामों में सार्वजनिक हित के साथ कॉपीराइट owner के अधिकारों को संतुलित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
Fair Use को निर्धारित करने वाले कारक
कॉपीराइट कंटेंट का इस्तेमाल Fair Use Policy के अंतर्गत है या नहीं, इसका निर्धारण कई कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें इस्तेमाल का उद्देश्य, कॉपीराइट किए गए काम की प्रकृति, इस्तेमाल किए गए हिस्से की मात्रा, और कॉपीराइट काम के संभावित बाजार या उसकी value पर प्रभाव आदि शामिल है.
Fair Use के उदाहरण
Fair Use के कुछ सामान्य उदाहरणों में आलोचना, टिप्पणी, समाचार रिपोर्टिंग, टीचिंग ,स्कॉलरशिप, रिसर्च के लिए कॉपीराइट कंटेंट का इस्तेमाल शामिल है. उदाहरण के लिए, आलोचना के उद्देश्य से उपन्यास के एक हिस्से के review को संभवतः Fair Use माना जाएगा. एक दूसरा उदाहरण एक समाचार रिपोर्ट होगी जिसमें चित्रण के उद्देश्य से एक कॉपीराइट म्यूजिक की एक छोटी क्लिप शामिल है. दोनों ही मामलों में, कॉपीराइट किये गए कंटेंट का इस्तेमाल एक सीमित उद्देश्य के लिए है और यह कॉपीराइट owners के अधिकारों या काम के साथ सम्बंधित बाजार में अपना हस्तक्षेप नहीं करता है.
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कॉपीराइट कंटेंट का इस्तेमाल Fair Use है या नहीं, इसका निर्धारण हर मामले की विशिष्ट परिस्थितियों पर ज्यादा निर्भर करता है और इसमें पूरी निश्चितता के साथ अपनी भविष्यवाणी करना मुश्किल हो सकता है. आम तौर पर, अगर आप अनिश्चित हैं कि कॉपीराइट किये गए कंटेंट का इस्तेमाल Fair Use Policy में है या नहीं, तो ऐसे में सही यही रहेगा कि आप एक वकील की सलाह लें या सम्बंधित कॉपीराइट कानून और दिशानिर्देशों से परामर्श लें.
निष्कर्ष (Conclusion):
उम्मीद करता हूँ आपको अच्छे से समझ आ गया होगा कि Copyright क्या होता है और इसमें किन कामों को प्रोटेक्ट किया जाता है मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है कॉपीराइट से संबंधित सभी जानकारियां आप तक पहुंचाने की ताकि इस विषय के संदर्भ में आपको किसी दूसरी वेबसाइट पर जाने की जरूरत ना पड़े. अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो या कुछ नया सीखने को मिला हो तो कृपया इसे दूसरे सोशल मीडिया नेटवर्क पर शेयर जरुर करें.