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Internet की खोज किसने की और भारत में इसकी शुरुआत कब हुई?

इंटरनेट क्या है और यह कैसे काम करता है ये तो आप जानते ही होंगे. अगर नहीं जानते तो मेरी पहले वाली पोस्ट पढ़कर जान सकते हैं. यहाँ मै आज आपसे इंटरनेट से जुड़ी अन्य जानकारियां जैसे कि, Internet की खोज किसने की? भारत में इंटरनेट की शुरुआत कब हुई? इंटरनेट के फायदे और नुकसान क्या हैं? और इसे control कौन करता है? इत्यादि share करूँगा.

आज के समय इंटरनेट का इस्तेमाल हर छोटे काम से लेकर बड़े काम के लिए किया जा रहा है. ऐसी स्थिति में हम सब के लिए इससे जुड़ी हर basic जानकारी जानना जरुरी है. तो चलिए जानते हैं इन सब के बारे में.

Internet की खोज किसने की? – Who Invented the Internet in Hindi

Internet की खोज किसने की

Internet जैसी इतनी विशाल और अद्दभुत technology को किसी अकेले इंसान द्वारा बनाना संभव नहीं है. Internet की खोज का श्रेय आगामी सोच रखने वाले कई scientists, programmers और engineers को जाता है. इनमे से प्रत्येक ने नई technologies और features को develop किया जिन्हें अंत में merge करके इंटरनेट का निर्माण किया गया. इसलिए Internet की खोज किसने की ? इसके जवाब में किसी एक को श्रेय देना उचित नहीं है.

माना जाता है कि internet के शुरू होने से कई वर्ष पहले ही वैज्ञानिकों ने इसका अंदाजा लगा लिया था. Nikola Tesla जैसे महान scientist ने सन 1900 के शुरुआती दौर में ही “world wireless system” के साथ खेलना शुरू कर दिया. 1930 और 1940 के दशक में दूरदर्शी विचारक Paul Otlet और Vannevar Bush ने books और media के mechanized, searchable storage systems की कल्पना कर ली थी. इससे सपष्ट होता है कि इंटरनेट की खोज की कोशिशें बहुत पहले ही शुरू हो गयी थी.

सन 1960 के शुरुआती दौर में MIT (Massachusetts Institute of Technology) के J.C.R Licklider ने computers के “Intergalactic Network” के idea को पोपुलर कर दिया. कुछ समय पश्चात computers के वैज्ञानिकों ने “packet switching” के concept को develop किया जो electronic data को प्रभावी ढंग से transmit करता था. आगे चलकर यह  method इंटरनेट की खोज का मुख्य हिस्सा बना.

वर्ष 1960 के अंत में internet के रूप में काम करने वाला पहला नमूना पेश किया गया. जिसे ARPANET (Advanced Research Projects Agency Network) के नाम से जाना जाता था. इसे मूल रूप से U.S.Department of Defence द्वारा वितपोषित किया जाता था. ARPANET सिंगल नेटवर्क पर एक समय में कई computers के साथ communicate करने के लिए packet switching का इस्तेमाल करता था.

29 अक्टूबर, 1969 में ARPANET ने एक computer से दूसरे computer पर “node-to-node” communication का इस्तेमाल करके पहला संदेश deliver किया. पहला computer UCLA की research lab में और दूसरा computer Stanford में स्थित था. जिनका आकार एक छोटे घर के बराबर था. भेजा जाने वाला संदेश “LOGIN” था लेकिन ARPANET crash हो गया और पहले दो अक्षर “LO” ही deliver हो पाए.

सन 1970 में वैज्ञानिक Robert Kahn और Vinton Cerf ने Transmission Control Protocol (TCP) और Internet Protocol (IP) विकसित किया. यह एक communication model है जो कई networks के बीच डाटा transmit करने के लिए  standards निर्धारित करता है.

1 जनवरी, 1983 में ARPANET ने TCP/IP model को खुद में शामिल किया. और फिर दुनिया के सभी networks को इक्कठा करने के लिए research शुरू की गई. इसी research के बदौलत Modern Internet का जन्म हुआ.

सन 1990 में ऑनलाइन दुनिया की पहचान तब बढ़ी जब कंप्यूटर वैज्ञानिक Tim Berners-Lee ने World Wide Web (WWW) की खोज की. Web का इस्तेमाल websites और hyperlinks के रूप में ऑनलाइन data access करने के लिए किया जाता है.

Web की खोज से दुनिया में ऑनलाइन क्रांति आ गई जिससे Internet लोगों के बीच में popular हो गया. यह लोगों तक जानकारियों का भंडार पहुँचाने के लिए एक महत्वपूर्ण step बन कर उभरा.

ऊपर दी गई जानकारी पढने के बाद Internet की खोज किसने की ? सवाल का जवाब तो आपको मिल गया होगा अब जानते हैं इसकी शुरुआत भारत में कब हुई

भारत में internet की शुरुआत कब हुई?

ऊपर दी गई जानकारी पढने के बाद Internet की खोज किसने की ? सवाल का जवाब तो आपको मिल गया होगा. अब जानते हैं इसकी शुरुआत भारत में कब हुई.भारत में इंटरनेट की शुरुआत 15 अगस्त, 1995 में विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) द्वारा की गई. नवंबर , 1998 में  भारत सरकार ने private operators द्वारा internet service उपलब्ध करवाने के लिए द्वार खोल दिए.

भारत में इंटरनेट का इतिहास

जैसा कि मैंने आपको बताया भारत में इंटरनेट की शुरुआत 15 अगस्त, 1995 में विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) द्वारा की गई. इसके बाद भारत में इसका इतिहास कुछ इस तरह रहा.

> वर्ष 1996 Redifmail नाम की पहली e-mail site की शुरुआत की गई.
> भारत में पहला cyber cafe 1996 में मुंबई में खोला गया.
> 1997 में naukri.com की शुरुआत भारत में की गई.
>1999 में हिंदी portal “webdunia” की शुरुआत हुई.
> 2000 के दशक में Technology act 2000 भारत में लागु हुआ.
>इसके बाद Yahoo India और MSN India की शुरुआत भी 2000 के दशक की गई.
> वर्ष 2001 में online train website irctc.in की शुरुआत की गई.

Internet की देखरेख कौन करता है?

जैसे की पिछली पोस्ट में मैंने बताया कि इंटरनेट का मालिक कौन है ? इसके जवाब में दो उत्तर बनते हैं पहला कोई नहीं और दूसरा सभी users. ऐसे में यह समझना confuse कर देता है कि आखिर इस पूरे system को control कौन करता है. तो चलिए इस confusion को भी दूर कर लेते हैं.

Internet जो भी काम करता है उसके लिए वो कुछ rules को follow करता है जिन्हें protocols कहा जाता है. इन protocols का इस्तेमाल करके ही कोई computer किसी network पर दूसरे computer तक information भेजता है. अगर ये protocols न इस्तेमाल किये जाएं तो कोई guarantee नहीं कि जो जानकारी computer द्वारा भेजी गई है वह दूसरे computer को समझ आ गई है या सही सलामत वहां तक पहुंच गई है.

जैसे जैसे इंटरनेट विकसित होता है या इसमें कुछ बदलाव लाया जाता है, उस समय इन protocols में भी बदलाव लाना जरुरी होता है. इसलिए किसी के हाथों में इन rules का charge होना जरुरी है. कई ऐसे organizations हैं जो internet infrastructure और protocols की देखरेख करते हैं. जो कुछ इस प्रकार हैं.

> The Internet Society – यह एक non-profit organisation है जिसका गठन Internet standards, policies और education को develop करने के लिए किया गया है.

> The Internet Engineering Task Force (IETF) – यह एक अंतरराष्ट्रीय organisation है जिसकी open membership policy होती है. अर्थात कोई भी Internet Expert इसमें participate कर सकता है. इसमे कुछ groups मिलके काम करते हैं. हर group किसी विशेष topic पर अपना focus रखता है, जैसे कि Internet Security. ये सभी groups एक साथ मिलकर इंटरनेट के architecture और stability को maintain रखते हैं. ये उस तरीके को आकार देतें हैं जिससे इंटरनेट काम करता है और विकास करता है.

> The Internet Architecture Board (IAB) – यह IETF का ही भाग है जो internet protocols और standards के design का खास ख्याल रखते हैं.

> The Internet Corporation for Assigned Names and Numbers (ICANN) – ICANN एक non-profit organization है जो internet के Domain Name Systems (DNS) को manage करता है. ICANN यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होता है कि प्रत्येक domain name सही IP Address से link करता हो.

इनमे से कोई भी organization इंटरनेट का मालिक नहीं है, लेकिन प्रत्येक group इंटरनेट के काम करने के तरीके को प्रभावित करता है. इंटरनेट का कोई अकेला owner नहीं है. फिर भी इन संगठनो द्वारा इंटरनेट के structure को बहुत ही ध्यानपूर्वक design और maintain किया जाता है. यही वो organizations हैं जो internet पर नियंत्रण रखते हैं और हर जानकारी को बिलकुल सही ढंग से हम तक पहुंचाने में मदद करते हैं.

Internet की खोज किसने की और भारत में इसकी शुरुआत कब हुई
Internet की खोज किसने की ?

इंटरनेट के फायदे क्या हैं? – Advantages of Internet in Hindi

इंटरनेट दुनिया की सबसे जबरदस्त creation है जिसके पास जानकारियों का असीमित भंडार है. ये जानकारियां लोगों तक smartphone और computer के माध्यम से कुछ ही seconds में पहुंच जाती है. नीचे इंटरनेट के कुछ advantages की list दी गई है.

> Information और Knowledge

जैसे कि मैंने पहले बताया इंटरनेट के पास जानकारियों का असीमित भंडार है. जो आपको हर प्रकार के topic और सवालों से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाता है. जानकारियों को search करने के लिए एक search engine (जैसे Google, Yahoo) का इस्तेमाल किया जाता है . अगर आपके मन में कोई सवाल है और आप इससे जुड़ी जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो आप search engine का इस्तेमाल करके उस web page तक पहुंच सकते हैं. जहाँ आपके सवाल का जवाब और इससे जुड़ी सभी जानकारियां पूरे details के साथ मिलेगी.

अगर video के माध्यम आप अपने सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो Youtube का इस्तेमाल कर सकते हैं. यहाँ आप किसी विषय से संबंधित online course भी कर सकते हैं.

> Address और Mapping

GPS technology की मदद से, इंटरनेट आपको दुनिया में किसी भी जगह का बिलकुल सही address बताता है, जिसको follow करके आप उस जगह पर पहुंच सकते हैं. इसके जरिए आप दुनिया का map देख सकते हैं और अपने area में किसी भी location या business का पता लगा सकते हैं.

आज के समय के search engine इतने smart हैं जो आपके location का पता लगा लेते हैं और उस area से सबंधित जानकारी आपको दिखाते हैं. Example के लिए अगर आपको किसी electrician की जरूरत है तो search engine आपको उन सभी electricians के contact number और addresses की लिस्ट दिखाएगा जो आपके area में मौजूद हैं.

> Communication और Sharing

Internet का इस्तेमाल करके आप दुनिया में कहीं भी किसी को भी e-mail भेज सकते हैं. जो कुछ ही seconds में अपनी मंजिल तक पहुँच जाता है. Whatsapp, Facebook और Twitter जैसे social media का इस्तेमाल करके आप अपने दोस्तों और family members के साथ chat कर सकते हैं. यह आपको Instant communication की भी सुविधा उपलब्ध करवाते हैं.

इनका इस्तेमाल करके आप Images, Videos या Audio files भी किसी के साथ share कर सकते हैं. बहुत सारी ऐसी applications भी मौजूद हैं जो फ्री में video calling और voice calling की सुविधा उपलब्ध करवाती है.

> Banking और Shopping

Internet का इस्तेमाल करके आप अपने bank account से जुड़ सकते हैं. जहाँ आप अपना balance check कर सकते हैं, transactions कर सकते हैं और money भेज सकते हैं. कई ऐसी services भी मौजूद हैं जिनका इस्तेमाल करके आप electronically bill pay कर सकते हैं.

Online shopping इंटरनेट का दूसरा सबसे बड़ा advantage है जो आजकल काफी चलन में है. इसके जरिए लोग अपने पसंदीदा products को घर बैठे देख सकते हैं और खरीद भी सकते हैं. Online Shopping करते समय आप किसी product के price को दूसरी companies के product के साथ compare कर सकते हो जो आपको बेहतरीन purchasing decisions लेने में मदद करता है.

> Selling और Making Money

अगर आपका कोई business है या आप किसी product या service को बेचना चाहते हो तो इंटरनेट से बढ़िया जगह कोई और नहीं हो सकती. क्योंकि internet के जरिए दुनिया में कोई भी आपकी website को ढूंढ सकता है. जो आपको किसी local store की अपेक्षा कहीं ज्यादा customers लाके दे सकता है.

चाहे दिन हो या रात इंटरनेट हमेशा 24 घंटे उपलब्ध रहता है इसका मतलब आप हर दिन किसी भी समय अपना product या service बेच सकते हैं. इंटरनेट का इस्तेमाल करके आप दुनिया में कहीं भी किसी भी व्यक्ति तक अपने business की advertisement पहुंचा सकते हैं.

> Work from Home

Covid-19 की वजह से जैसे ही lockdown की घोषणा हुई Work from Home का चलन बढ़ गया. यह सब संभव हुआ तो internet की वजह से. जिसकी मदद से कई private और सरकारी कंपनिया अपने काम को बिना किसी रुकावट के जारी रखने में सक्षम रही. Internet की सहायता से कई लोगों ने घर से काम करना शुरू कर दिया, जिससे एक virtual office की शुरुआत हुई. कई business companies अपने employees को computer और internet connection के जरिए work from home allow करती है. घर से काम करने के तरीके से money और time दोनों की बचत होती है.

> Entertainment

इंटरनेट Entertainment का एक नया जरिया बन गया है. आज बहुत सी ऐसी websites और applications मौजूद है जो online movies, videos, music और news services देती है. पहले के समय में किसी movie या serial को देखने के लिए Tv पर निर्भर रहना पड़ता था. लेकिन इंटरनेट के आने के बाद आप जो चाहें जब चाहें अपने smartphone या computer पर देख सकते हैं.

इंटरनेट के नुकसान क्या हैं? – Disadvantages of Internet in Hindi

इंटरनेट के जहाँ फायदे बहुत है वहीँ इसके कुछ नुकसान भी है, जो कुछ इस प्रकार है.

> Web Crime

इंटरनेट का सबसे बड़ा Disadvantages तेजी के साथ बढ़ रहे web crime है. Hackers कुछ viruses का इस्तेमाल करके किसी computer से personal data निकाल लेते हैं. और कीमती जानकारी को बर्बाद कर देते हैं. Users की personal information जैसे कि name, address, credit card, bank details और अन्य जानकारी hackers द्वारा निकाल ली जाती है. जिससे आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है.

> Addiction और Time Waste

यह internet का दूसरा सबसे बड़ा disadvantage है. Internet surfing और online games बहुत तेजी के साथ युवा वर्ग की आदत बनता जा रहा है. जिससे कुछ productive करने की बजाय समय की बर्बादी अधिक हो रही है.

>  Social Alienation

लोग बिना होश के बहुत ही तेजी के साथ इंटरनेट पर समय व्यतीत कर रहे हैं. जो सामाजिक अलगाव को बढ़ावा दे रहा है. आज internet पर बहुत सारी attractive चीजे उलब्ध है जिससे इंसान internet के जाल में फसता चला जा रहा है. इससे समय की बर्बादी तो हो ही रही है साथ में वह असल जिंदगी में लोगों से भी दूर होता जा रहा है. कम interaction और face-to-face communication की वजह से network abilities में भी कमी आ रही है.

> Spam और Advertising

पुराने advertising method (जैसे कि Tv, Radio और Newspaper) की अपेक्षा इंटरनेट का उपयोग करके बड़ी मात्रा में लोगो तक पहुँच बनाई जा सकती है. हालाँकि, digital advertising को बड़े पैमाने पर फैलाया जा सकता है. लेकिन इससे असल जिंदगी में आपके inbox में junk mail की अपेक्षा spam ज्यादा नजर आएंगे.

> Depression और Loneliness

Social Networking sites का इस्तेमाल depression का मुख्य कारण बन सकता है. क्योंकि यहाँ लोग खुद को दुसरे लोगों के साथ compare करना शुरू कर देते हैं. Internet और online games दूसरों के साथ communication की सुविधा उपलब्ध करवाते हैं. ऐसे में आप दुनिया में मौजूद नए नए लोगों के संपर्क में आते है और खुद को उनके साथ compare करना शुरू कर देते हैं. साथ ही आप असल जिंदगी में लोगों से दूर होना शुरू कर देते हैं. जो अकेलेपन को बढ़ावा देता हैं.

> Health Issues

Computer और Smartphone का लिमिट से अधिक इस्तेमाल करना और online games खेलने जैसी आदतें unhealthy lifestyle को जन्म देती है. जिसके नतिजन मोटापे से सबंधित और आँखों से संबंधित रोग होना शुरू हो जाते हैं. ऐसे में जरुरी होता है बीच बीच में कुछ समय का break लेना और कोई physical activity करना. जिससे कोई health issue पैदा ना हो.

> Pornographic and violent images

आज के इस digital era में इंटरनेट पर लगभग अनंत सामग्री मौजूद है. जबकि wikipedia और youtube जैसे amazing sources भी यहाँ उपलब्ध हैं. लेकिन इन सब के साथ ही कुछ unwanted content भी मौजूद रहते हैं. नतिजन, users के सामने गलती से हिंसक या अश्लील चित्र भी सामने आ जाते हैं, जो वे देखना नहीं चाहते.

Conclusion

मै आशा करता हूँ आपको मेरा यह लेख ”Internet की खोज किसने की और भारत में इसकी शुरुआत कब हुई?” जरुर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है “Internet” विषय से जुड़ी हर जानकारी को सरल शब्दों में explain करने की ताकि आपको इस Article के सन्दर्भ में किसी दूसरी site पर जाने की जरूरत ना पड़े.

अगर आपके मन में इस article को लेकर किसी भी तरह का कोई doubt है या आप चाहते हैं इसमें कुछ सुधार हो तो आप नीचे comment box में लिख सकते हैं.

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Rahul Chauhan
Rahul Chauhanhttps://hindivibe.com/
Rahul Chauhan, Hindivibe के Author और Founder हैं. ये एक B.Tech डिग्री होल्डर हैं. इन्हें विज्ञान और तकनीक से संबंधित चीजों के बारे में जानना और लोगों के साथ शेयर करना अच्छा लगता है. यह अपने ब्लॉग पर ऐसी जानकारियां शेयर करते हैं, जिनसे कुछ नया सिखने को मिले और लोगों के काम आए.

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