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जानें कोहरा क्या है और कैसे बनता है?

सर्दियों के मौसम में हमें हर बार कोहरा देखने को मिलता है. यह केवल ठंड ही नहीं बढ़ाता, अपितु दृश्यता (विजिबिलिटी) को कम कर यातायात को भी बुरे तरीके से प्रभावित करता है, जिससे सड़कों पर दुर्घटनाएं होने का खतरा बढ़ जाता है. केवल सड़क यातायात ही नहीं, बल्कि हवाई और रेल यातायात पर भी इसका असर देखने को मिलता है. ऐसे में कोहरे को देख कर आपके मन में कभी न कभी ये ख्याल जरूर आया होगा कि आखिर कोहरा क्या है और कैसे बनता है? आज हम आपको इस सवाल का जवाब देने वाले हैं.

कोहरे को अंग्रेजी में फॉग (Fog) कहा जाता है. ऐसा नहीं है कि कोहरे का हमारे जीवन पर केवल बुरा प्रभाव ही पड़ता है. इसके कुछ फायदे भी हैं, जिन्हें आप आज के इस लेख में जानेंगे. इन सब के अलावा आपको कोहरे के प्रकार के बारे में भी बताया जाएगा. तो चलिए जानते हैं कोहरे से जुड़ी पूरी जानकारी.

कोहरा (Fog) क्या है?

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कोहरा क्या है?

कोहरा (Fog) पानी की बूंदों से बना बादल होता है, जो जमीनी स्तर (ground level) पर मौजूद रहता है और दृश्यता को 1000 मीटर (1 किलोमीटर) से कम करने के लिए पर्याप्त रूप से घना होता है. यदि इस तरह के बादल से दृश्यता 1000 मीटर से अधिक है, तो इसे कुहासा (mist) कहा जाता है.

वैज्ञानिक भाषा में, कोहरा दृश्यमान एयरोसोल है, जिसमें पानी की छोटी बूंदे शामिल होती हैं जो पृथ्वी की सतह पर या उसके नजदीक हवा में निलंबित होती हैं. कोहरा नजदीकी जलस्त्रोत, स्थलाकृति और हवा की स्थितियों से भारी रूप से प्रभावित होता है.

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कोहरा (Fog) कैसे बनता है?

जब हवा का तापमान और ओसांक (dew point) के बीच 2.5 डिग्री सेल्सियस से कम का अंतर होता है, तो कोहरा बनता है. ओसांक या Dew Point वह तापमान होता है, जिस पर वाष्प तरल में बदलना शुरू हो जाता है. कोहरा बनने की शुरुआत तब होती है, जब हवा में मौजूद जलवाष्प (जल का गैसीय रूप) संघनित होकर पानी की छोटी-छोटी बूंदों में बदल जाता है.

अब सवाल उठता है कि हवा में ये जलवाष्प (water vapor) आता कहां से है? तो आपको बता दें कि हवा में जलवाष्प के शामिल होने का कोई एक कारण नहीं है, बल्कि इसके कई कारण हो सकते हैं; जैसे दिन के तापमान में जलाशय, गीली भूमि या समुद्री सतह से वाष्पीकरण, गर्म पानी के ऊपर बहने वाली ठंडी या शुष्क हवा, upward motion के क्षेत्रों में हवा का अभिसरण, पौधों से वाष्पोत्सर्जन, आसमान से होनी वाली वर्षा और पहाड़ो पर उठने वाली हवा. इन सब कारणों से जलवाष्प हवा में शामिल होता है.

सामान्य रूप से जलवाष्प का संघनन (गैसीय अवस्था से तरलीय अवस्था), संघनन नाभिक (condensation nuclei) पर होना शुरू होता है. संघनन नाभिक हवा में हमेशा मौजूद रहने वाले धूल, बर्फ या नमक के अत्यंत छोटे कण (0.2 µm) होते हैं, जिनसे बादल बनते हैं. कोहरा एक स्थिर बादल की तरह होता है, जो स्थिर ठंडी हवा का गर्म हवा के नीचे दबे रहने से बनता है.

आमतौर पर कोहरा, सापेक्षिक आर्द्रता (relative humidity) का 100% के आसपास रहने पर बनता है. ऐसा या तो आर्द्रता (moisture) बढ़ने पर होता है, या आस-पास का तापमान घटने पर होता है.

सापेक्षिक आर्द्रता, किसी विशेष तापमान पर हवा में मौजूद जलवाष्प और उस तापमान पर हवा में अधिकतम जलवाष्प की क्षमता का अनुपात (ratio) होता है. उदाहरण के लिए यदि किसी तापमान पर सापेक्षिक आर्द्रता 50% है, तो इसका मतलब उस तापमान पर हवा में मौजूद जलवाष्प अधिकतम क्षमता का आधा हिस्सा है.

हालांकि, कम humidity पर भी कोहरा बन सकता है और कभी-कभी 100% relative humidity पर भी बनने में विफल हो सकता है. 100 % relative humidity पर हवा अतिरिक्त नमी को होल्ड नहीं कर पाती, इस प्रकार अतिरिक्त नमी होने से हवा supersaturated (अतिसंतृप्त) हो जाती है.

कोहरा आमतौर पर बूंदाबांदी या बहुत हल्की बर्फ का वर्षण पैदा करता है. बूंदाबांदी तब होती है जब कोहरे की आर्द्रता (humidity) 100% हो जाती है और छोटी-छोटी बादल की बूंदे, बड़ी बूंदों में एकत्रित होने लगती हैं. ऐसा तब होता है, जब कोहरे की परत उठती है और पर्याप्त रूप से ठंडी हो जाती है या जब इसे नीचे आने वाली हवा द्वारा ऊपर से बलपूर्वक दबाया जाता है. और ये बूंदा-बांदी, हिमीकरण बूंदा-बांदी में तब बदलती हैं जब सतह पर तापमान हिमांक (freezing point) से नीचे चला जाता है.

कोहरे की परत की मोटाई inversion boundary की ऊंचाई पर निर्भर करती है. Inversion boundary पृथ्वी की सतह के नजदीक वातावरण में बनने वाली वह परत है, जिसमें ऊंचाई के साथ हवा का तापमान बढ़ता रहता है. यानी इस लेयर में सबसे नीचे मौजूद हवा ठंडी रहती है. ठंडी हवा ऊपर नहीं उठ पाती और कोहरा यहीं फंसा रह जाता है. इसके अलावा धुआं और प्रदूषण भी इसमें फंसा रह जाता है.

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कोहरे से होने वाले फायदे

सर्दियों के साथ ही कोहरे की शुरुआत होती है, जिससे गेहूं की फसल को फायदा होता है. घना कोहरा गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद होता है, इससे फसल अच्छा फुटाव करती है. किसान को फसल में पानी देनें की भी कम जरूरत पड़ती है. 

वहीं कुछ देश ऐसे भी हैं, जो इस कोहरे से बनें पानी का इस्तेमाल पीने के लिए करते हैं. ये वो देश हैं, जो पानी की कमी से जूझ रहे हैं, जैसे दक्षिण अफ्रीका, ओमान आदि. ऐसे देशों के लिए कोहरा किसी वरदान से कम नहीं है. ऐसे देशों में कोहरे का बेसब्री से इंतजार किया जाता है. कोहरे से पानी को कैप्चर करने के तरीके को fog harvesting या fog catching कहा जाता है.

कोहरे से होने वाले नुकसान

गेंहू को छोड़कर अन्य फसलें जैसे सरसों, सिगरी, आलू, धनियां आदि को कोहरे की वजह से नुकसान होता है. यह नुकसान कई दिनों तक कोहरा छाया रहने और हवा में नमी बढ़ने से होता है. क्योंकि कोहरे के कारण इन फसलों पर मधुमक्खियां पहुंच नहीं पाती हैं, जिससे पराग ठीक से नहीं हो पाता है.

साथ ही घना कोहरा पड़ने की वजह से फसलों की प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया भी बाधित होने लगती है, जिससे फसलों में पीलापन और कमजोरी आ जाती है. 

कोहरे की वजह से यातायात पर भी बुरा असर पड़ता है. दृश्यता कम हो जाने के कारण सड़कों पर गाड़ियां धीमी गति से चलने लगती हैं. ट्रेनें बहुत देर से चलती हैं या अधिक कोहरा होने पर कैंसिल भी करनी पड़ जाती हैं. कोहरे के कारण ठिठुरन बढ़ जाती है, जिससे लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है.

कोहरा कितने प्रकार का होता है?

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कोहरा एक नहीं बल्कि नीचे दिए गए निम्नलिखित प्रकार का होता है:

  • विकिरण (रेडिएशन) कोहरा
  • वर्षा कोहरा
  • हिमीकरण (फ्रीजिंग) कोहरा
  • बर्फ का कोहरा
  • भाप का कोहरा
  • संवहन कोहरा
  • घाटी का कोहरा
  • ऊपर की ओर ढलान कोहरा

विकिरण (रेडिएशन) कोहरा

यह कोहरा तब बनता है, जब पृथ्वी से सारी सौर ऊर्जा निकलती है और तापमान को ओसांक (dew point) तक पहुंचने देती है. विकिरण कोहरा के लिए सबसे सही स्थिति तब है, जब एक रात पहले बारिश हुई हो. यह मिट्टी को नम करने और उच्च ओसांक बनाने में मदद करता है. इससे हवा के लिए संतृप्त (saturated) होकर कोहरा बनाना आसान हो जाता है.

वर्षा कोहरा

वर्षा कोहरा तब बनता है जब ठंडी हवा के माध्यम से बारिश गिरती है. इस तरह का कोहरा warm fronts के साथ बनना आम है, लेकिन यह cold fronts के साथ भी बन सकता है, बशर्ते यह तेजी से ना चल रहा हो. ठंडी हवा सतह पर शुष्क हो जाती है, जब इससे होने वाली वर्षा वाष्पीकृत हो जाती है और ओसांक के बढ़ने का कारण बनती है. यह saturation कोहरा बनाता है.

हिमीकरण (फ्रीजिंग) कोहरा

हिमीकरण कोहरा तब बनता है जब तापमान 0 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है. इस कोहरे में बूंदे बनती हैं और ये बूंदे तब जम जाती हैं, जब ये किसी वस्तु के संपर्क में आती हैं. लेकिन, इस दौरान sublimation (ठोस से सीधा गैस में बदलना) भी जारी रहता है. 

बर्फ का कोहरा

इस तरह का कोहरा ध्रुवीय और आर्कटिक क्षेत्रों में देखने को मिलता है. यहां तापमान -10 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहता है, जो supercooled पानी की बूंदों को रखने के लिए बहुत ठंडा होता है, इसलिए यह बर्फ के छोटे-छोटे क्रिस्टल बनाता है.

भाप का कोहरा

इस प्रकार का कोहरा पतझड़ के मौसम में, झीलों में देखने को मिलता है. जब गर्मी का मौसम समाप्त होता है, तो पानी का तापमान इस समय ठंडा नहीं होता, लेकिन हवा का तापमान हो जाता है. शुष्क, ठंडी हवा का द्रव्यमान गर्म झील के ऊपर चलता है, गर्म झील गर्म, नम हवा को ऊपर के वायु द्रव्यमान में ले जाती है. झील और हवा के बीच यह ट्रांसपोर्ट बराबर हो जाता है. यह thermodynamics के second law को दर्शाता है, जिसके अनुसार “कोई भी दो निकाय जो संपर्क में आते हैं, तो प्रणाली संतुलन की स्थिति बन जाएगी”. भाप का कोहरा अधिक गहरा नहीं होता, लेकिन सूर्य की रोशनी के कुछ हिस्से को रोकने में सक्षम होता है.

संवहन कोहरा

संवहन कोहरा, क्षैतिज हवाओं (horizontal winds) के सतही संपर्क की वजह से बनता है. यह कोहरा हवा की स्थिति के साथ उत्पन्न हो सकता है. गर्म, नम हवाएं दक्षिण दिशा से चलती हैं और यदि जमीन पर बर्फ या ठंडी नमी मौजूद है तो यह गर्म, नम हवाओं के संपर्क में आ जाती हैं. हवा और जमीन के इस संपर्क की वजह से बहने वाली हवा ठंडी हो जाती है. तब dew point बढ़ता है और उच्च आर्द्रता (high humidity) बनती है, इससे कोहरा बनता है.

घाटी का कोहरा

यह कोहरा घाटी में तब बनता है, जब पिछली बारिश से मिट्टी नम हो गई हो. जैसे ही आसमान साफ होता है, पृथ्वी से सौर ऊर्जा निकलती है और तापमान को dew point पर या इसके आसपास ठंडा कर देती है. इससे अत्यंत गहरा कोहरा पैदा होता है.

ऊपर की ओर ढलान कोहरा 

यह कोहरा एडियाबेटिकली बनता है. एडियाबेटिक (रुद्धोष्म) एक प्रक्रिया है, जिससे नीचे आने वाली हवा गर्म होती और ऊपर जाने वाली हवा ठंडी होती है. जैसे नम हवाएं पर्वत की ओर चलती हैं, ये ऊपर की ओर सरकती हैं और इसके कारण हवा ऊपर की तरफ बढ़ती है और ठंडी होती है. ऊपर उठती हवा का ठंडा होना, ओसांक तापमान (dew point temperature) के साथ मिलने का कारण बनता है और पर्वतों के शीर्ष पर कोहरा बनता है.

निष्कर्ष (Conclusion):

उम्मीद करता हूँ आपको मेरा यह लेख कोहरा क्या है और कैसे बनता है? जरूर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है कोहरे (Fog in Hindi) से संबंधित सभी जानकारियां आप तक पहुंचाने की ताकि इस विषय के संदर्भ में आपको किसी दूसरी वेबसाइट पर जाने की जरूरत ना पड़े. अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो या कुछ नया सीखने को मिला हो तो कृपया इसे दूसरे सोशल मीडिया नेटवर्क पर शेयर जरुर करें.

Rahul Chauhan
Rahul Chauhanhttps://hindivibe.com/
Rahul Chauhan, Hindivibe के Author और Founder हैं. ये एक B.Tech डिग्री होल्डर हैं. इन्हें विज्ञान और तकनीक से संबंधित चीजों के बारे में जानना और लोगों के साथ शेयर करना अच्छा लगता है. यह अपने ब्लॉग पर ऐसी जानकारियां शेयर करते हैं, जिनसे कुछ नया सिखने को मिले और लोगों के काम आए.

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