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ऑक्सीजन कैसे बनती है | How Oxygen is Produced in Hindi

भारत में कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद कोरोना पीड़ितों की संख्या में तेजी के साथ उछाल आया और इसके साथ ही ऑक्सीजन की मांग भी बढ़ने लगी. हालात इतने बुरे हो गए की अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी होने लगी. ऑक्सीजन की मांग उत्पादन से अधिक हो गई और लोग ऑक्सीजन के लिए दरबदर भटकने लगे. इन सब हालातों को देखने के बाद आपके मन में कई सवाल उठ रहे होंगे, जैसे आखिर ये ऑक्सीजन कैसे और कहाँ बनती है, इसे कैसे स्टोर किया जाता है इत्यादि. 

आज के इस लेख में आप ऑक्सीजन से जुड़ी पूरी जानकारी हिंदी में जानेंगे जिसे पढ़ने के बाद आपको ऑक्सीजन से संबंधित सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे. तो चलिए आगे बढ़ते हैं बिना किसी देरी के और जानते हैं ऑक्सीजन के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में. 

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ऑक्सीजन क्या है? – What is Oxygen in Hindi

ऑक्सीजन रूम टेम्परेचर पर गैस के रूप में एक non-metal पदार्थ होता है. इसके molecules में दो ऑक्सीजन atoms होते हैं. यह श्वसन प्रक्रिया के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिससे ऊर्जा glucose से cells में ट्रांसफर होती है. आग जलाने के लिए भी ऑक्सीजन जरूरी होती है. हालांकि, आग तभी जल सकती है जब ईंधन और ऑक्सीजन का मिश्रण पर्याप्त गर्म हो.

Video Created By Pankaj Chauhan

ऑक्सीजन कैसे बनती है? – How Oxygen is Produced in Hindi 

मेडिकल ऑक्सीजन को तीन तरीकों से तैयार किया जाता है जो कुछ इस प्रकार हैं.

Cryogenic Distillation – ऑक्सीजन बनाने के लिए क्रायोजेनिक डिस्टिलेशन प्रोसेस की मदद ली जाती है. इस प्रक्रिया में सबसे पहले हवा को फिल्टर कर धूल-मिट्टी के कणों को दूर किया जाता है. इसके बाद हवा को highly compress (उच्च दबाव डालना) किया जाता है. इसके बाद compress हो चुकी हवा को मॉलिक्यूलर छलनी adsorber से गुजारा जाता है ताकि इसमें मौजूद पानी के कण, हाइड्रोकार्बन और कार्बन-डाइऑक्साइड को अलग किया जा सके.

इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद compress की गई हवा को distillation सेक्शन में लाया जाता है, जहाँ उसे ठंडा किया जाता है. इस प्रक्रिया को plate fin heat exchanger and expansion turbine के जरिए पूरा किया जाता है. जब तापमान -200 °C तक पहुंच जाता है, तब तरल मिश्रण को एक tube के जरिए एक vessel में डाला जाता है जो bottom पर (-185 °C) हल्का गर्म होता है बजाय top के (- 190 °C). ऑक्सीजन -185 °C तापमान पर द्रव में रहती है और नीचे लगे एक tube के माध्यम से फ्लास्क से बाहर निकल जाती है. यहाँ नाइट्रोजन वापस गैस में तब्दील हो जाती है क्योंकि इसका बोइलिंग तापमान -196 °C होता है. 

Oxygen Concentrator – ऑक्सीजन को हवा से भी उत्पन्न किया जा सकता है. इसके लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर machine का इस्तेमाल किया जाता है. यह एक इलेक्ट्रिकली पॉवरड डिवाइस होता है जो आसपास की हवा से ऑक्सीजन इकट्ठा करता है. इस डिवाइस को मरीज अपने साथ carry कर सकता है और nasal cannula के माध्यम से ऑक्सीजन ग्रहण कर सकता है.

Pressure Swing Absorption Plants (PSA) – ऑक्सीजन बनाने का तीसरा तरीका है Pressure Swing Absorption Plants (PSA). इस तकनीक में आसपास की हवा से नाइट्रोजन को सोख लिया जाता है और ऑक्सीजन को इकट्ठा कर अस्पतालों में supply किया जाता है. ये अपने आसपास के तापमान पर ऑपरेट होते हैं और उच्च दबाव पर ऑक्सीजन को ट्रैप करने के लिए विशिष्ट adsorbent सामग्री का उपयोग करते हैं जैसे जिओलाइट्स, एक्टिवेटिड कार्बन, मॉलिक्यूलर छलनी इत्यादि.

ऑक्सीजन को स्टोर कैसे किया जाता है?

एक बार प्राप्त करने के बाद, ऑक्सीजन को या तो उच्च दाब के साथ गैसीय अवस्था में cylinder या tanks में स्टोर किया जाता है या कम तापमान पर तरल अवस्था में cryogenic tanks में स्टोर किया जाता है.

ऑक्सीजन की सप्लाई चैन

मेडिकल गैस को Central Drugs Standard Control Organisation (CDSCO) और Ministry of Industry and Commerce दोनों द्वारा विनियमित किया जाता है, जिसके अधीन PESO आता है. 

शुरुआत में सरकार मेडिकल ऑक्सीजन की अस्पतालों तक सप्लाई में शामिल नहीं थी और ना ही इस पर कोई नियंत्रण था. अस्पताल सीधे तौर पर आपूर्तिकर्ताओं से अनुबंध करते थे और ऑक्सीजन दो से तीन दिन के अंदर पहुंच जाती थी.

हालांकि, मार्च 2020 में पहले नेशनल लॉकडाउन को घोषणा होने के बाद Ministry of Home Affairs के तहत Empowered Group 2 का गठन किया गया, जिसका काम ऑक्सीजन सहित जरुरी मेडिकल सप्लाई की उपलब्धता को सुनिश्चित करना था. यही कारण है कि राज्यों को आवंटन के लिए केंद्र सरकार से अपील करनी पड़ती है.

ऑक्सीजन बनाने वाली कंपनियों के नाम

भारत में ऑक्सीजन बनाने वाली कई कंपनियां हैं. इन कंपनियों द्वारा तैयार की जाने वाली ऑक्सीजन का इस्तेमाल केवल अस्पतालों में मरीजों के लिए ही नहीं, बल्कि तमाम उद्योगों जैसे पेट्रोलियम, स्टील इत्यादि में भी किया जाता है. ऑक्सीजन बनाने वाली कंपनियों के नाम कुछ इस प्रकार हैं.

  • रीफेक्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड
  • भगवती ऑक्सीजन लिमिटेड
  • ऐलनबरी इंडस्ट्रियल गैसेज़ लिमिटेड
  • नेशनल ऑक्सीजन लिमिटेड
  • लिंडे इंडिया लिमिटेड 
  • आईनॉक्स एयर प्रोडक्ट्स लिमिटेड
  • गगन गैसेज़ लिमिटेड

Conclusion

मुझे उम्मीद है आपको मेरा ये Article ” ऑक्सीजन कैसे बनती है? How Oxygen is Produced in Hindi” जरुर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है “ऑक्सीजन” से जुड़ी हर जानकारी को सरल शब्दों में explain करने की ताकि आपको इस Article के सन्दर्भ में किसी दूसरी site पर जाने की जरूरत ना पड़े.

अगर आपके मन में इस article को लेकर किसी भी तरह का कोई doubt है या आप चाहते हैं इसमें कुछ सुधार हो तो आप नीचे comment box में लिख सकते हैं.

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Rahul Chauhan
Rahul Chauhanhttps://hindivibe.com/
Rahul Chauhan, Hindivibe के Author और Founder हैं. ये एक B.Tech डिग्री होल्डर हैं. इन्हें विज्ञान और तकनीक से संबंधित चीजों के बारे में जानना और लोगों के साथ शेयर करना अच्छा लगता है. यह अपने ब्लॉग पर ऐसी जानकारियां शेयर करते हैं, जिनसे कुछ नया सिखने को मिले और लोगों के काम आए.

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