Homeसाइंसजानें Telescope क्या है और कैसे काम करता है?

जानें Telescope क्या है और कैसे काम करता है?

आपने टेलीस्कोप के बारे में जरूर सुना होगा? लेकिन क्या आपको पता है Telescope क्या होता है और कैसे काम करता है? अगर नहीं तो आज के इस लेख में आपको पता चल जाएगा. टेलीस्कोप एक ऐसा यंत्र है जिसका इस्तेमाल दूर की वस्तुओं को स्पष्ट और बड़ा करके देखने के लिए किया जाता है. इसमें लेंस का उपयोग किया जाता है. इंसान अंतरिक्ष के बारे में जानने के लिए हमेशा उत्सुक रहा है.

टेलीस्कोप के आने के बाद हम अंतरिक्ष के रहस्यों को सुलझाने में कामयाब हुए. आज हमारे पास अंतरिक्ष की बहुत सी जानकारियां उपलब्ध है जो टेलीस्कोप के आविष्कार के बाद ही सामने आयी. इसलिए टेलीस्कोप एक महत्वपूर्ण उपकरण माना जाता है. आज के इस आर्टिकल में आप telescope क्या है (telescope in hindi), telescope कैसे काम करता है, telescope के आविष्कार और प्रकार से संबंधित विभिन्न जानकारियों के बारे में जानेंगे. तो चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं टेलीस्कोप से जुड़ी पूरी जानकारी हिंदी में.

टेलीस्कोप क्या है? – What is Telescope in Hindi

telescope kya hai

टेलीस्कोप एक ऐसा यंत्र है जिसका इस्तेमाल दूर स्थित चीजों को देखने के लिए किया जाता है. यह tube shape में होता है और इसे खास तरह के लेंस का इस्तेमाल कर तैयार किया जाता है. इन लेंस की मदद से telescope हमें दूर की वस्तुओं को स्पष्ट और बड़े आकार में दिखाता है. Telescope को हिंदी भाषा में दूरदर्शी या दूरबीन कहा जाता है.

Telescope कैसे काम करता है?

टेलीस्कोप कैसे काम करता है यह जानने से पहले एक प्रश्न का जवाब जानना जरूरी है. वह प्रश्न है, आप दूर स्थित वस्तु को क्यों नहीं देख पाते? उदाहरण के लिए अगर आप एक रुपए का सिक्का जो आपसे 150 फीट की दूरी पर है, आप नंगी आँखों से उस पर लिखे अक्षर क्यों नहीं देख पाते? इसका उत्तर आसान है: दूर की वस्तु आपके आँख की स्क्रीन यानी रेटिना पर पर्याप्त जगह घेरने में सक्षम नहीं होती. यदि आप इसे एक डिजिटल कैमरा के तौर पर सोचें तो 150 फीट दूर रखे सिक्के पर लिखे अक्षर आपके retinal sensor पर पर्याप्त पिक्सेल को कवर नहीं कर पाते ताकि आप लेखन को पढ़ सकें.

यदि आपकी आँखें बड़ी हैं तो आप object से और ज्यादा प्रकाश प्राप्त कर सकते हैं और एक स्पष्ट इमेज बना सकते हैं, और फिर आप इस इमेज के हिस्से को बड़ा कर सकते हैं ताकि यह आपके रेटिना पर अधिक पिक्सेल तक फैल जाए. इसके लिए टेलीस्कोप में दो चीजों का इस्तेमाल किया जाता है: 

1. Objective lens (refracting telescope में) या primary mirror (reflecting telescope में) जो दूर की वस्तु से बहुत सारा प्रकाश एकत्रित करता है और वस्तु की image को एक बिंदु या केंद्र पर लाता है.

2. इसके बाद एक Eyepiece lens के जरिए objective lens या primary mirror के बिंदु या केंद्र पर बनाई गई image को रेटिना पर फैलाने के लिए बड़ा किया जाता है. यह ठीक वैसे ही है जैसे किसी कागज पर बनी छोटी image को magnifying glass (lens) के जरिए बड़ा करके देखा जाता है, ताकि वह आपके आँख के रेटिना पर फैल सके और बड़ी दिखाई दे. 

जब आप objective lens या primary mirror को eyepiece के साथ संयोजित करते हैं तो एक Telescope बन जाता है.

Telescope के प्रकार – Types of Telescope in Hindi

telescope

टेलीस्कोप मुख्य तौर पर दो प्रकार के होते हैं:

1. अपवर्तक दूरदर्शी (Refracting Telescope)

2. परावर्तक दूरदर्शी (Reflecting Telescope)

अपवर्तक दूरदर्शी (Refracting Telescope) 

इस ऑप्टिकल टेलीस्कोप में किसी दूर स्थित वस्तु की image बनाने के लिए एक लेंस का इस्तेमाल किया जाता है. इस लेंस को objective lens कहा जाता है. Refraction का मतलब होता है अपवर्तन. जब कोई wave जैसे कि प्रकाश (light) एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करता है तो एक एंगल पर यह अपनी direction बदलता है, जिसे refraction कहा जाता है. एक लेंस को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि इससे गुजरने वाला प्रकाश बेंड होकर इस तरीके से निकले कि एक इमेज बनाई जा सके. Refracting telescope में दूर स्थित वस्तु की इमेज बनाने के लिए लेंसों के combination का इस्तेमाल किया जाता है.

इसमें दो लेंस लगे होते हैं, एक objective lens और एक eyepiece lens. आमतौर पर objective lens अपने केंद्र पर दूर की वस्तु की इमेज बनाता है और eyepiece lens इस इमेज को बड़ा करके दिखाता है. असल में refracting telescope design का इस्तेमाल जासूसी चश्में (spy glasses) और खगोलीय दूरदर्शी (astronomical telescope) के लिए किया जाता था. इसका इस्तेमाल long-focus camera lenses में भी किया जाता है. यद्यपि 19 वीं सदी के दूसरे भाग में शोध कार्यों के लिए refracting telescope बहुत लोकप्रिय थे. बाद में इनकी जगह reflecting telescope का इस्तेमाल किया जाने लगा क्योकिं ये बड़े apertures (लेंस में प्रकाश जाने के लिए छिद्र) की अनुमति देता है.

Refracting telescope का इस्तेमाल खगोलीय दूरदर्शी यानी कि आकाशीय पिंड जैसे चंद्रमा, मंगल ग्रह, बुध ग्रह, शनि ग्रह, पुच्छल तारे, धूमकेतु इत्यादि देखने के लिए किया जाता है. इसके अलावा पार्थिव दूरदर्शी (पृथ्वी पर मौजूद दूर स्थित वस्तुओं को देखने के लिए) के तौर पर भी refracting telescope का इस्तेमाल किया जाता है. उदाहरण के लिए समुद्र में निगरानी रखने या दूसरे देशों की जहाजों पर नजर रखने के लिए. Galilean telescope पार्थिव दूरदर्शी का ही उदाहरण है. 

Refracting telescope के इस्तेमाल के दौरान chromatic aberration (रंगीन विपथन) की समस्या उत्पन्न होती है. क्योंकि lenses द्वारा प्रकाश की अलग-अलग wavelength को अलग-अलग मात्रा में refract किया जाता है. छोटी wavelength अधिक refract होती है बजाय बड़ी wavelength के. इस प्रकार एक प्रिज्म सफ़ेद प्रकाश को दृश्यमान स्पेक्ट्रम में विभाजित करता है. परिणामस्वरुप इमेज के किनारे धुंधले और रंगीन नजर आते हैं, जैसे धुंधला इंद्रधनुष दिखाई देता है. इसके लिए एक खास तरह के लेंस का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसमें chromatic aberration (रंगीन विपथन) की मात्रा को कम करने के लिए एक विशेष कोटिंग होती है, लेकिन वे महंगे होते हैं.

परावर्तक दूरदर्शी (Reflecting Telescope) 

इस टेलीस्कोप में एकल या संयोजित curved mirrors का इस्तेमाल किया जाता है, जो प्रकाश को reflect करता है और एक इमेज बनाता है. Reflecting telescope का आविष्कार 17 वीं शताब्दी में Isaac Newton द्वारा किया गया था. इसे refracting telescope के विकल्प के तौर पर बनाया गया था, क्योंकि उसमें chromatic aberration (रंगीन विपथन) की समस्या आती थी. हालांकि reflecting telescope कुछ अलग प्रकार के aberration पैदा करता है. यह एक ऐसा डिजाइन है जो बड़े diameter के objectives (अभीदृश्यक लेंस) की अनुमति देता है.

अधिकतर खगोल विज्ञान में शोध के लिए इस्तेमाल होने वाले सभी telescope reflector ही होते है. ये telescope कई तरह के design के साथ आते हैं. इमेज क्वालिटी को और बेहतर बनाने के लिए इनमें extra optical elements का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

Reflecting telescope में curved mirrors (घुमावदार दर्पण) के संग्रह का इस्तेमाल कर प्रकाश को reflect किया जाता है और एक इमेज बनाई जाती है. इस इमेज को देखने के लिए इसमें एक eyepiece lens का इस्तेमाल किया जाता है, जो इमेज को स्पष्ट और बड़ा दिखाता है. Reflecting telescope के भी कई प्रकार हैं, जिनमे शामिल हैं Newtonian Telescope, Cassegrain Telescope, Schmidt-Cassegrain Telescope इत्यादि.

चूंकि reflecting telescope में mirror का इस्तेमाल होता है इसलिए इसे catoptric telescope भी कहा जाता है. Reflecting Telescope खगोल-विज्ञान के लिए असाधारण रूप से लोकप्रिय हो गए हैं और Hubble telescope जैसे कई प्रसिद्ध टेलीस्कोप का कुछ लोकप्रिय शौकिया मॉडल भी उपयोग करते हैं.

Refracting Telescope और Reflecting Telescope में अंतर

अपवर्तक दूरदर्शी (Refracting Telescope) और परावर्तक दूरदर्शी (Reflecting Telescope) में अंतर कुछ इस प्रकार है:

Refracting TelescopeReflecting Telescope
यह एक optical telescope है जिसमें इमेज बनाने के लिए एक लेंस लगा होता है. इस लेंस को ऑब्जेक्टिव लेंस कहा जाता है.इस telescope में घुमावदार दर्पणों (curved mirrors) का संयोजन होता है जो प्रकाश की किरणों को reflect कर इमेज बनाते हैं.
इसमें diameter छोटा होता है जिसकी प्रकाश एकत्रित करने की क्षमता कम होती है.इसमें एक बड़ा mirror लगा होता है जिसकी प्रकाश एकत्रित करने की क्षमता अधिक होती है.
यह हल्का होता है और इसे आसानी से कहीं ले जाया जा सकता है.यह भारी और मोटा होता है.
इसका उपयोग photography में अधिक होता है.खगोलीय विज्ञान में इसका उपयोग अधिक होता है.
यह एक बंद tube होती है जो इसे dust और humidity से बचाती है.यह एक खुली tube होती है जिससे धूल-मिट्टी, नमी इत्यादि समस्याएं आती हैं.
इसमें chromatic aberration की समस्या आती है.इसमें chromatic aberration की समस्या नहीं होती.

Telescope का आविष्कार कब और किसने किया?

telescope invention

वर्ष 1600 के शुरुआत में Hans Lippershey ने पहला telescope बनाया. Lippershey एक जर्मन-डच ग्लास निर्माता था. उसके द्वारा बनाया गए इस telescope ने वैज्ञानिकों को telescope को और अधिक बेहतर बनाने के लिए प्रेरित किया. भले ही Hans Lippershey को telescope का आविष्कारक कहना आसान है, लेकिन टेलिस्कोप का इतिहास अराजक और भ्रमित करने वाला रहा है. इतिहासकार और वैज्ञानिक आज भी इस बात को लेकर बहस करते हैं कि telescope का आविष्कार किसने किया.

इतिहास

1400 के दशक में पूरे यूरोप में ग्लास का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता था. ये लेंस इतने शक्तिशाली नहीं थे, पॉलिश नहीं थे और ना ही स्पष्ट थे. अपनी कमियों के चलते वे खगोलीय अवलोकन के लिए उपयोगी नहीं थे. फिर 1600 दशक की शुरुआत में लेंस निर्माताओं ने लेंस को काटने और पॉलिश करने की क्षमता को बढ़ाया. यह वह समय था जब चश्मा बनाने वाले Hans Lippershey ने लेंस के साथ प्रयोग करना शुरू किया था.

Lippershey ने अपने telescope पर एक मास्क रखा ताकि कम मात्रा में प्रकाश telescope में प्रवेश करे. जब उसने ऐसा किया तो देखा कि प्रकाश कम करने पर इमेज स्पष्ट दिखाई देती है लेकिन थोड़ी मंद है. किसी भी telescope निर्माता ने ऐसे नहीं किया था और Lippershey की यह खोज telescope के विकास का आरंभ था.

Lippershey के बाद telescope पूरे यूरोप में फैल गया. मई 1609 के अंत में telescope को पैरिस जैसे बड़े शहर में आसानी से ढूंढा और खरीदा जा सकता था.

Galileo द्वारा निर्मित Telescope

Galileo ने Lippershey का telescope उठाया और उसमें सुधार करना शुरू किया. जब Galileo ने अपने द्वारा बनाए गए telescope को आकाश की ओर किया तो वे अंतरिक्ष की दुनिया देख दंग रह गए. Galileo ने अपने telescope की मदद से चंद्रमा पर मौजूद गड्ढों और बृहस्पति ग्रह के चार उपग्रह का पता लगाया. धरती के सबसे निकट तारा proxima centauri की खोज भी Galileo ने की थी, जो हमारी पृथ्वी से 4.24 प्रकाश वर्ष की दूरी पर मौजूद है. इसके अलावा और भी कई अंतरिक्ष से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दी जो इससे पहले अनजान थी. Galileo द्वारा बनाया गया यह telescope एक refracting telescope था.

Newton द्वारा निर्मित Telescope

शुरुआती telescope में लेंस का इस्तेमाल किया जाता था. लेंस के इस्तेमाल की वजह से बहुत ज्यादा अपवर्तन होता था, जिससे इमेज धुंधली दिखाई देती थी. इस समस्या को chromatic aberration कहा जाता था. इसलिए इस प्रॉब्लम से निजात पाने के लिए newton ने अपने टेलीस्कोप में लेंस की जगह mirror का इस्तेमाल किया. और 1668 में पहला reflecting telescope तैयार किया, जिसे आज Newtonian Reflector के नाम से जाना जाता है. 

Telescope के उपयोग क्या हैं?

टेलीस्कोप का उपयोग विभिन्न कार्यों के लिए किया जाता है जो कुछ इस प्रकार हैं:

1. अंतरिक्ष संबंधित वैज्ञानिक कार्यों के लिए telescope का इस्तेमाल किया जाता है.

2. अस्पतालों एवं प्रयोगशालाओं में विभिन्न कार्यों के लिए micro telescope का इस्तेमाल किया जाता है.

3. पृथ्वी पर दूर स्थित वस्तुओं और स्थानों को देखने के लिए telescope का इस्तेमाल किया जाता है.

4. समुद्री क्षेत्र में प्रतिद्वंदी की जहाजों पर नजर रखने एवं विभिन्न सैन्य कार्यों के लिए telescope का इस्तेमाल किया जाता है.

Conclusion

मैं उम्मीद करता हूँ आपको मेरा यह लेख “Telescope क्या है (Telescope in Hindi) और कैसे काम करता है?” जरूर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है टेलीस्कोप से जुड़ी हर जानकारी को सरल शब्दों में explain करने की ताकि आपको इस विषय के संदर्भ में किसी दूसरी website पर जाने की जरूरत ना पड़े.

अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो या कुछ नया सीखने को मिला हो तो कृपया इसे दूसरे social media networks जैसे whatsapp, facebook, telegram इत्यादि पर share जरूर करें.

Rahul Chauhan
Rahul Chauhanhttps://hindivibe.com/
Rahul Chauhan, Hindivibe के Author और Founder हैं. ये एक B.Tech डिग्री होल्डर हैं. इन्हें विज्ञान और तकनीक से संबंधित चीजों के बारे में जानना और लोगों के साथ शेयर करना अच्छा लगता है. यह अपने ब्लॉग पर ऐसी जानकारियां शेयर करते हैं, जिनसे कुछ नया सिखने को मिले और लोगों के काम आए.

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