पल्स ऑक्सीमीटर क्या है और कैसे काम करता है? (Pulse Oximeter in Hindi). कोरोना काल में सरकार द्वारा होम क्वारंटाइन किए जाने वाले कोरोना रोगियों को पल्स ऑक्सीमीटर दिया जा रहा है. आपने भी इस डिवाइस को जरूर देखा या इसके बारे में सुना होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं यह पल्स ऑक्सीमीटर क्या होता है और कैसे काम करता है? अगर नहीं तो आज के इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़े. क्योंकि आज के इस लेख में मै आपके साथ पल्स ऑक्सीमीटर की जानकारी शेयर करूँगा.
पल्स ऑक्सीमीटर एक ऐसा डिवाइस है जिसका इस्तेमाल मरीजों में ऑक्सीजन का लेवल मापने के लिए किया जाता है. यह बहुत ही साधारण सा डिवाइस होता है जो केवल उंगली की मदद से ऑक्सीजन का स्तर माप सकता है. तो चलिए आगे बढ़ते हैं बिना किसी देरी के और जानते हैं ऑक्सीमीटर के बारे में विस्तार से.
पल्स ऑक्सीमीटर क्या है? – What is Pulse Oximeter in Hindi
पल्स ऑक्सीमीटर एक छोटा सा डिवाइस है जिसका काम हमारे शरीर के रक्त में ऑक्सीजन का स्तर मापना है. इस डिवाइस में एक सेंसर और एक डिस्प्ले लगा होता है. इसे उंगली में एक क्लिप की तरह फिट किया जाता है और यह रक्त में होने वाले ऑक्सीजन के जरा से बदलाव को डिजिटल डिस्प्ले पर प्रदर्शित करता है.
इस डिवाइस को लगाने पर बिल्कुल भी दर्द नहीं होता. इसके इस्तेमाल से शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह की जानकारी निरंतर मिलती रहती है.
पल्स ऑक्सीमीटर कैसे काम करता है?
पल्स ऑक्सीमीटर के डिजिटल स्क्रीन पर दो numbers दिखाई देते हैं. इनमे से एक पल्स रेट को दर्शाता है और दूसरा ऑक्सीजन सेचुरेशन को. आप डायग्राम में देख सकते हैं जहाँ पल्स रेट 72 बीट्स प्रति मिनट है, वहीं ऑक्सीजन सेचुरेशन 98% है.
ऑक्सीजन सेचुरेशन
शरीर के अंदर रेड ब्लड सेल्स में हीमोग्लोबिन होता है जो अपने साथ ऑक्सीजन लिए होता है. जब हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन के साथ होता है तब इसे “ऑक्सीजन के साथ सैचुरेटेड” कहा जाता है.
Oximeter की Working
एक ऑक्सीमीटर, सेंसर और डिस्प्ले के साथ मॉनिटर से बना होता है. इसमे लगा सेंसर उंगली के माध्यम से रक्त के बहाव का पता लगाता है. यह मॉनिटर पर पल्स वेव के रूप में दिखाई देता है. यह वेव हमे दर्शाती है कि पल्स को डिटेक्ट किया जा रहा है.
आप डायग्राम में देख सकते हैं कि मरीज का पल्स रेट 72 beats / minute है, जबकि 98% का SpO2 है. यहाँ मॉनिटर पल्स रेट को हार्ट बीट के तौर पर दर्शाता है.
सभी ऑक्सीमीटर प्रोब्स में LEDs लगी होती हैं, जो उंगली में रक्त से दो तरह की रेड लाइट पास करती हैं. दूसरी तरफ लगा सेंसर रक्त से पास होने वाली इन रेड लाइट्स को रिसीव करता है और ऑक्सीजन की मात्रा का पता लगाता है. ऐसा करने के लिए यह ऑक्सीजन युक्त या ऑक्सीजन रहित रक्त में प्रकाश अवशोषण के परिवर्तन को मापता है. इस प्रक्रिया में मरीज को बिल्कुल भी दर्द का एहसास नहीं होता है.
इस प्रकार पल्स ऑक्सीमीटर आपको ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल और पल्स रेट की जानकारी प्रदान करता है.
> ऑक्सीजन कैसे बनती है | How Oxygen is Produced in Hindi
पल्स ऑक्सीमीटर कैसे इस्तेमाल करें? – How to Use Pulse Oximeter in Hindi
पल्स ऑक्सीमीटर को सही तरीके से इस्तेमाल करने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें:
- सबसे पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आप की उंगली पर कोई नेल पॉलिश या मेहंदी नहीं लगी है.
- यह सुनिश्चित कर लें कि आपका हाथ सामान्य तापमान पर है.
- अपनी उंगली ऑक्सीमीटर पर डालने से पहले अपने शरीर को आराम दें.
- अब पल्स ऑक्सीमीटर में अपनी तर्जनी या मध्यम उंगली डालें.
- अब अपने हाथ को छाती के नजदीक लाएं और सुनिश्चित करें कि हाथ हिल नहीं रहा है.
- पल्स ऑक्सीमीटर को कम से कम एक मिनट तक अपनी ऊँगली पर रखें जब तक रीडिंग स्थिर न हो जाए.
- अब स्क्रीन पर दिखाई देने वाली हाईएस्ट रीडिंग को रिकॉर्ड करें.
यह सुनिश्चित करलें कि डिवाइस अच्छे से उंगली में फिट हो गया है और अधिक टाइट नहीं है (जो सर्कुलेशन को बाधित कर सकता है) या अधिक ढीला नहीं है (डिवाइस गिर सकता है या दूसरी लाइट अंदर जा सकती है).
Oximeter Reading
ऑक्सीमीटर रीडिंग से मिलने वाले परिणामों को हम इन दिशानिर्देशों से समझ सकते हैं.
- सामान्य
- सामान्य से कम
- सामान्य से अधिक
सामान्य – अगर पल्स ऑक्सीमीटर में ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 95 से 100 प्रतिशत के बीच है तो यह सामान्य है. हालाँकि COPD या अन्य फेफड़ो के रोग में ये रेंज लागु नहीं हो सकती है. ऐसे रोग के मामले में आपका डॉक्टर आपको बताएगा कि आपकी विशिष्ट स्थिति के लिए क्या सामान्य है.
सामान्य से कम – सामान्य से कम ऑक्सीजन के लेवल को हाइपोजेमिया (hypoxemia) कहा जाता है. हाइपोजेमिया अक्सर चिंता का कारण होता है. जितना कम ऑक्सीजन का लेवल होगा उतना ही गंभीर हाइपोजेमिया होगा. जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है.
ऑक्सीमीटर में 95 प्रतिशत से कम ऑक्सीजन लेवल को सामान्य से कम समझा जाता है. यहाँ यह जानना महत्वपूर्ण है कि आपके लिए क्या सामान्य है, विशेष रूप से chronic lung disease के केस में. आपका डॉक्टर आपको यह सुझाव दे सकता है कि आपके लिए ऑक्सीजन का लेवल किस सीमा तक स्वीकार्य है.
सामान्य से अधिक – अगर आप बिना किसी सहारे के साँस ले रहे हैं, तो ऑक्सीजन लेवल अधिक हाई होना मुश्किल है. हाई ऑक्सीजन लेवल उन लोगों में पैदा होता है जो supplemental oxygen का इस्तेमाल करते हैं. इसे ABG (Arterial Blood Gas) के जरिए detect किया जा सकता है.
पल्स ऑक्सीमीटर किन लोगों के काम आता है?
पल्स ऑक्सीमीटर, कोरोना के अलावा ब्लड ऑक्सीजन लेवल की वजह से होने वाली कई बीमारियों को मॉनिटर कर सकता है. जैसे कि क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), लंग कैंसर, अस्थमा, एनीमिया, निमोनिया, हार्ट अटैक या हार्ट फ़ैल इत्यादि.
पल्स ऑक्सीमीटर के फायदे
- रक्त ऑक्सीजन की जाँच के लिए बार-बार अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ती, आप घर बैठे ही इसकी जाँच कर सकते हैं.
- यह पूरक ऑक्सीजन की आवश्यकता का आकलन करता है.
- एनेस्थीसिया देने के बाद मरीज में ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल को मॉनिटर करता है.
- सांस लेने या ऑक्सीजन सेचुरेशन को प्रभावित करने वाली दवाओं को लेने वाले लोगों में खतरनाक दुष्प्रभावों को इंगित करता है.
- ऑक्सीजन थेरेपी और वेंटिलेटर जैसे श्वास हस्तक्षेप की प्रभावशीलता निर्धारित करता है.
- श्वसन समस्याओं वाले मरीजों में फिजिकल एक्टिविटी या एक्सरसाइज के दौरान सेफ्टी के आकलन के लिए डॉक्टर इस डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं.
पल्स ऑक्सीमीटर की कीमत
आप पल्स ऑक्सीमीटर को लोकल मेडिकल स्टोर या किसी ई-कॉमर्स वेबसाइट से ऑनलाइन खरीद सकते हैं. इनकी कीमत 1200 से 4000 रुपए के बीच होती है.
NOTE : यह सामग्री केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए बनाई और प्रकाशित की गई है. पेशेवर चिकित्सा सलाह के लिए इसका कोई विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए कृपया डॉक्टर से परामर्श करें.
Conclusion
मै आशा करता हूँ आपको मेरा यह लेख “पल्स ऑक्सीमीटर क्या है और कैसे काम करता है?” जरुर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है पल्स ऑक्सीमीटर (Pulse Oximeter in Hindi) से जुड़ी हर जानकारी को सरल शब्दों में explain करने कि ताकि आपको इस विषय के संदर्भ में किसी दूसरी website पर जाने की जरूरत ना पड़े.
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