क्या आप जानते हैं DNA क्या होता है? डीएनए मानव शरीर की एक बहुत ही जटिल संरचना है जो हमारे पूर्वजों से हमें विरासत में मिलती है. यह सभी जीवित कोशिकाओं में पाई जाती है यानी कि सभी जीवों में DNA मौजूद होता है. DNA अमर होता है और यह पीढ़ी दर पीढ़ी आगे ट्रांसफर होता रहता है.
आपने फिल्मों में या न्यूज़ चैनलों पर DNA के बारे में जरुर सुना होगा कि कैसे किसी इंसान के मृत शरीर की पहचान के लिए DNA की मदद ली जाती है. आज के इस लेख में आप DNA के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे जहां DNA क्या होता है, DNA का कार्य, DNA टेस्ट कैसे होता है और DNA के प्रकार से जुड़ी सभी जानकारियों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा. तो चलिए बढ़ते हैं आगे और जानते हैं DNA की पूरी जानकारी हिंदी में.
DNA क्या होता है? – What is DNA in Hindi
DNA या deoxyribonucleic acid एक अनुवांशिक पदार्थ है जो इंसानों और लगभग अन्य सभी जीवों में पाया जाता है. अधिकतर एक व्यक्ति की प्रत्येक कोशिका (cell) में एक तरह का ही DNA होता है. अधिकतर DNA कोशिका केन्द्रक में ही स्थित रहते हैं (इसे नाभिकीय DNA कहा जाता है), लेकिन DNA की कुछ मात्रा माइटोकांड्रिया में भी पाई जाती है जिसे mitochondrial DNA कहा जाता है. माइटोकांड्रिया कोशिकाओं में मौजूद structures होते हैं जो भोजन से मिलने वाली ऊर्जा को उस रूप में convert करते हैं जिसे कोशिकाओं के लिए इस्तेमाल किया जा सके.
DNA के अंदर जानकारियां एक कोड के रूप में सुरक्षित रहती हैं जो चार chemical bases पर बना होता है : adenine (A), guanine (G), cytosine (C), thymine (T). इंसानी DNA में लगभग 3 billion (300 करोड़) bases होते हैं और इन bases में से 99 प्रतिशत से ज्यादा bases सभी लोगों में एक जैसे होते हैं. इन bases का order या sequence एक जीव के बनाने और रखरखाव के लिए उपलब्ध जानकारी को निर्धारित करता है. ठीक वैसे ही जैसे किसी शब्द या वाक्य को पूरा करने के लिए alphabets दिखाई देते हैं.
DNA bases एक यूनिट बनाने के लिए एक दूसरे के साथ एक pair (जोड़ा) तैयार करते हैं जिन्हें base pairs कहा जाता है. A, T के साथ pair बनाता है और C, G के साथ pair बनाता है. प्रत्येक base एक sugar molecule और एक phosphate molecule से जुड़ा होता है. जब एक base, sugar और phosphate मिलते हैं तो इसे एक nucleotide कहा जाता है.
Nucleotides दो लंबे strands में व्यवस्थित होते हैं जो एक spiral बनाते हैं जिसे double helix (दोहरी कुंडली) कहा जाता है. दिखने में double helix का structure एक घुमावदार सीढ़ी की तरह होता है, जो base pairs के साथ सीढ़ी का डंडा बनाता है और sugar और phosphate molecules सीढ़ी के vertical side piece बनाते हैं.
DNA की सबसे खास बात यह होती है कि यह खुद को दोहराता है यानी खुद की copies तैयार करता है. DNA का प्रत्येक strand double helix में bases sequence के duplicating के लिए काम कर सकता है. कोशिकाओं के विभाजन के समय यह काफी महत्वपूर्ण कार्य होता है, क्योंकि प्रत्येक नई कोशिका को पुरानी कोशिका में मौजूद DNA की एक सटीक कॉपी (प्रतिलिपि) की आवश्यकता होती है.
DNA Full Form in Hindi
DNA का full form है “Deoxyribonucleic Acid”. हिंदी में इसे “डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक अम्ल” कहा जाता है.
DNA क्या काम करता है?
DNA में किसी जीव के बढ़ने, जीने और प्रजनन के लिए आवश्यक निर्देश मौजूद रहते हैं. इन सभी कार्यों को करने के लिए DNA sequences को उस संदेश में convert किया जाता है जिसका इस्तेमाल प्रोटीन बनाने के लिए किया जा सकता है, ये जटिल molecules होते हैं जो अधिकांश कार्यों को पूरा करते हैं.
प्रत्येक DNA sequence जिसमें प्रोटीन बनाने के लिए निर्देश मौजूद रहते हैं को जीन (gene) कहा जाता है. इंसानों में जीन का आकार 1000 bases से 1 million bases तक का हो सकता है. जीन DNA sequence के केवल 1 प्रतिशत भाग से बनते हैं. इस 1 प्रतिशत से बाहर DNA sequence कब, कैसे और कितना प्रोटीन बनता है इसे नियंत्रित करता है.
प्रोटीन बनाने के लिए एक two-step process के तहत DNA के निर्देशों का इस्तेमाल किया जाता है. सबसे पहले enzymes एक DNA molecule में मौजूद information को पढ़ते हैं और इसे एक intermediary molecule में दर्ज करते हैं जिसे messenger ribonucleic acid या mRNA कहा जाता है.
अब mRNA molecule में मौजूद information को amino acids के भाषा में translate किया जाता है जो कि प्रोटीन में building blocks होते हैं. यह भाषा कोशिका की प्रोटीन बनाने वाली मशीनरी को सटीक क्रम बताती है जिसमें amino acid को एक विशिष्ट प्रोटीन का उत्पादन करने के लिए जोड़ा जाता है. यह एक major task होता है क्योंकि यहां 20 तरह के amino acids होते हैं जिन्हें एक प्रोटीन की व्यापक variety उत्पन्न करने के लिए कई अलग-अलग orders में रखा जाता है.
DNA की संरचना – DNA Structure in Hindi
Deoxyribonucleic acid यानी DNA के building blocks को nucleotides कहा जाता है जो तीन भागों से मिलकर बना है, एक deoxyribose (5 – carbon sugar), एक phosphate group और एक nitrogenous base. DNA के भीतर nitrogenous base चार तरह के होते हैं. Adenine (A), guanine (G), cytosine (C), और thymine (T). Nucleotide का नाम इसमें शामिल nitrogenous base का आधार पर रखा जाता है.
Nucleotide का phosphate group अगले nucleotide के sugar molecule के साथ जुड़ता है और इस प्रकार nucleotide monomers एक अलग polymer (बहुलक) बनाते हैं. Sugar phosphate DNA की प्रत्येक single strand के लिए एक backbone में पंक्ति में ग्रुप बनाते हैं और nucleotide bases इस backbone से बाहर की तरफ निकल जाते हैं. Five carbon sugar के carbon atoms को ऑक्सीजन से clockwise डायरेक्शन में क्रमांकित किया जाता है 1, 2, 3, 4 और 5 (1 को one prime के रूप में पढ़ा जाता है). Phosphate ग्रुप एक nucleotide के 5 carbon से जुड़ा होता है और अगले nucleotide के 3 carbon से. अपनी प्राकृतिक अवस्था में प्रत्येक DNA दो single strand से मिलकर बना होता है. ये single strands, bases के बीच hydrozen bond से अपनी लम्बाई के साथ जुड़े हुए होते हैं.
Watson और Crick ने बताया की DNA दो strands से बना है जो एक दूसरे के चारों और मुड़कर एक right handed helix बनाते हैं, इसे double helix बनाते हैं, इसे double helix कहा जाता है. Base pairing purine और pyrimidine के बीच बनती है जहां A, T के साथ pair बनाता है और G, C के साथ pair बनाता है. Adenine (A) और thymine (T) दो hydrozen bond द्वारा जुड़े हुए होते हैं और cytosine (C) और guanine (G) तीन hydrozen bond से जुड़े होते हैं. प्राकृतिक रूप से दो strands antiparallel होते हैं, एक strand में sugar के 3 carbon upward position में होंगे. DNA double helix का diameter हर जगह से एक जैसा होता है, क्योंकि के purine (two ring) हमेशा एक pyrimidine (one ring) से जुड़ता है और उनकी combine length हमेशा बराबर होती है.
DNA टेस्ट क्या है और कैसे होता है?
DNA टेस्ट के जरिए इंसान के अनुवांशिक गुणों की पूरी जानकारी प्राप्त की जा सकती है. इस टेस्ट के जरिए बच्चे के पिता का पता लगाया जा सकता है साथ ही अनुवांशिक बीमारियों का भी पता लगाया जा सकता है. DNA की मदद से आंखों का रंग, बालों का रंग आदि सुनिश्चित किया जा सकता है. यहां तक कि आने वाले समय में कौन सी बीमारी होगी यह भी पता लगाया जा सकता है.
DNA टेस्ट मनुष्य के खून एवं मूत्र सैंपल, त्वचा, बाल, गाल आदि की कोशिकाओं की मदद से किया जा सकता है. DNA टेस्ट जन्म के दौरान गर्भनाल रक्त के नमूने पर भी किया जा सकता है. इन सैंपल को मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में भेजा जाता है जहां उनकी जांच कर 10 से 20 दिनों के भीतर रिपोर्ट दी जाती है. वर्तमान में 1200 से अधिक तरह की DNA जांच उपलब्ध जिनका खर्चा 5000 से 50000 रुपये के बीच होता है.
DNA (deoxyribonucleic acid) एक genetic material है जो इंसान के शरीर में प्रत्येक कोशिका में मौजूद होता है. समरूप कई जन्मों को छोड़कर प्रत्येक व्यक्ति का DNA अलग होता है. एक बच्चा अपने genetic material का आधा अपनी माता से प्राप्त करता है जबकि आधा अपने पिता से. DNA टेस्ट के दौरान बच्चे की अनुवांशिक विशेषताओं की तुलना मां से की जाती है. माता में नहीं पाई जाने वाली विशेषताएं पिता से अनुवांशिक रूप से मिली हुई होती हैं.
DNA टेस्ट पितृत्व टेस्टिंग का सबसे सटीक रूप है. यदि बच्चे और कथित पिता के बीच DNA patterns दो या दो से अधिक जांच में मेल नहीं खाते हैं तब कथित पिता को पूरी तरह से खारिज किया जा सकता है. यदि माता, बच्चे और पिता के बीच DNA patterns प्रत्येक जांच पर मेल खाते हैं तब पितृत्व की संभावना 99.99 प्रतिशत होती है.
DNA के प्रकार
कोशिका में दो तरह के DNA होते हैं (i) autosomal DNA (ii) और mitochondrial DNA.
(i) Autosomal DNA – इसे nuclear DNA भी कहा जाता है और यह 22 जोड़े गुणसूत्रों में पैक होता है. Autosome के प्रत्येक जोड़े में एक माता से विरासत में मिलता है और एक पिता से. Autosomal DNA माता-पिता दोनों से मिलता है और व्यक्ति के वंश का सुराग प्रदान करता है.
(ii) Mitochondrial DNA – Mitochondria ऐसा अंग है जो कोशिका के ऊर्जा उत्पादन के लिए जिम्मेदार होता है. इसमें अपना खुद का DNA शामिल होता है जिसे mitochondrial DNA कहा जाता है. Mitochondrial DNA में एक गुणसूत्र (chromosome) होता है जिसे metabolic process (भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करने की क्रिया) के लिए आवश्यक विशिष्ट प्रोटीन के लिए कोड किया जाता है. इस क्रिया को mitochondria पूरा करता है. Mitochondria DNA शेष कोशिका से अलग से प्रतिकृति बनाता है और यह केवल माता से बच्चे को मिलता है.
DNA की खोज कब और किसने की?
DNA की खोज सन् 1953 में James Watson और Francis Crick नामक दो वैज्ञानिकों ने की थी. उन्होंने x-ray diffraction patterns और building models का अध्ययन किया और DNA के double helix structure की खोज की. Double helix एक ऐसा structure है जो DNA को एक जनरेशन से दूसरी जनरेशन में biological information रखने में सक्षम बनाता है. इस खोज के लिए दोनों वैज्ञानिकों को वर्ष 1962 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
Conclusion
मैं उम्मीद करता हूँ आपको मेरा यह लेख “DNA क्या होता है और इसके कार्य क्या हैं” जरूर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है DNA full form in Hindi से जुड़ी हर जानकारी को सरल शब्दों में explain करने की ताकि आपको इस विषय के संदर्भ में किसी दूसरी website पर जाने की जरूरत ना पड़े.
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