अक्सर ब्रह्मांड की उत्पत्ति को लेकर हमारे मन में ये सवाल जरूर रहता है कि आखिर ब्रह्मांड का निर्माण हुआ कैसे था? कैसे ये ग्रह, तारे और आकाशगंगाएं अस्तित्व में आए? इन सब सवालों का जवाब हमें बिग बैंग सिद्धांत (Big Bang Theory in Hindi) से मिलता है. लेकिन क्या आप जानते हैं बिग बैंग सिद्धांत क्या है?
बिग बैंग सिद्धांत हमें ब्रह्मांड के विस्तार के बारे में जानने में मदद करता है. क्या कुछ कहा गया है इस सिद्धांत में, यह आपको आज के इस लेख में पढ़ने को मिलेगा. तो चलिए बढ़ते हैं आगे और जानते हैं Big Bang Theory के बारे में.
Big Bang Theory क्या है? (What is Big Bang Theory in Hindi)
बिग बैंग, खगोलविदों द्वारा ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बारे में बताने का एक तरीका है. यह एक विचार है जिसमें कहा गया है कि ब्रह्मांड की शुरुआत एक सिंगल बिंदु से होती है, फिर इसका विस्तार होता है और यह इतना बड़ा हो जाता है जितना अब है. अब भी ब्रह्मांड लगातार फ़ैल रहा है.
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ब्रह्मांड की उत्पत्ति कैसे हुई?
जब ब्रह्मांड की शुरुआत हुई, तब यह प्रकाश और ऊर्जा के साथ असीम रूप से गर्म, छोटे कणों का मिश्रण था. यह ऐसा बिल्कुल भी नहीं था, जैसा अब दिखाई देता है. जैसे-जैसे सब फैलता गया, यह और स्थान घेरता गया और ठंडा होता रहा.
इसके बाद ये छोटे कण एक साथ आ गए और परमाणु का निर्माण हुआ. फिर ये परमाणु आपस में जुड़ गए. बहुत समय बाद इन परमाणुओं ने मिलकर तारे और आकाशगंगाओं का निर्माण किया.
सबसे पहले तारों ने बड़े परमाणु और परमाणुओं का ग्रुप बनाया, जो अन्य तारों के निर्माण का कारण बनें. उसी दौरान आकाशगंगाएं टकरा रही थी और मिलकर ग्रुप बना रहीं थीं. इस प्रकार नए तारे बन रहे थे और मर रहे थे, साथ ही क्षुद्रग्रह, धूमकेतु, ग्रह और ब्लैक होल जैसी चीजें बन रहीं थी.
विस्तार से..
सन 1927 में भौतिकी के प्रोफेसर जॉर्ज लेमैत्रे ने ब्रह्मांड की उत्पत्ति को लेकर एक सिद्धांत का प्रतिपादन किया था, जिसे बिग बैंग सिद्धांत (Big Bang Theory in Hindi) के नाम से जाना जाता है. इसी सिद्धांत के आधार पर ब्रह्मांड की उत्पत्ति और विस्तार की कल्पना की जाती है.
अधिकांश खगोलविद बिग बैंग थ्योरी से सहमत हैं, लेकिन कुछ सिद्धांतकार ऐसे भी हैं जिनके पास बिग बैंग के अलावा वैकल्पिक स्पष्टीकरण है, जैसे eternal inflation और एक oscillating universe.
माना जाता है कि आरंभ में ब्रह्मांड अत्यंत सघन और गर्म था. पूरा ब्रह्मांड एक बिंदु के अंदर समाया हुआ था, जिसे ब्रह्मांड का उद्भव माना जाता है. इस बिंदु में पूरे भौतिक तत्व और ऊर्जा सिमटे हुए थे. अचानक एक विस्फोट से विस्तार शुरू होता है, यह विस्फोट किसी बम विस्फोट के जैसा नहीं था, बल्कि ब्रह्मांड प्रकाश की गति से भी तेज रफ्तार से बाहर की तरफ फैलना शुरू कर देता है. इसे cosmic inflation का दौर कहा जाता है, जो एक सेकंड से भी कम समय के लिए था.
Cosmic inflation, प्रारंभिक ब्रह्मांड में अंतरिक्ष के घातीय विस्तार का सिद्धांत है. इसी के साथ अंतरिक्ष में पदार्थ और ऊर्जा की बाढ़ आ जाती है, जो ब्रह्मांड में फैलना शुरू कर देते हैं. यह सब कुछ ब्रह्मांड की शुरुआत के बाद केवल पहले सेकंड में ही घट जाता है, उस दौरान हर चीज का तापमान बहुत अधिक गर्म था (NASA के अनुसार 5.5 बिलियन सेल्सियस).
इसी के साथ सब-एटॉमिक कणों की रचना होती है, जो प्रोटोन, न्यूट्रॉन और इलेक्ट्रॉन से बने हुए थे. कणों की बहुलता के कारण हाइड्रोजन, हीलियम और लिथियम का निर्माण संभव हुआ. इन्ही कणों के संगठित होने के कारण तारों और ग्रहों का निर्माण संभव हुआ. अगले 13.8 बिलियन वर्षों में ब्रह्मांड उतना फ़ैल गया जितना अब है और यह अभी भी फ़ैल रहा है.
बिग-बैंग सिद्धांत ब्रह्मांड की प्रारंभिक स्थिति की व्याख्या नहीं करता, लेकिन ब्रह्मांड के सामान्य विकास का वर्णन करता है. मौजूदा तकनीक इतनी विकसित नहीं है कि खगोलविद सचमुच ब्रह्मांड के जन्म के समय में झांक सके. लेकिन जितनी भी जानकारी बिग बैंग (ब्रह्मांड की उत्पत्ति) के बारे में मौजूद है, वह mathematical formulas और models से प्राप्त हुई है. हालांकि, खगोलविद विस्तार की प्रतिध्वनि (echo) को एक घटना जिसे cosmic microwave background के नाम से जाना जाता है, के जरिए देख सकते हैं.
बिग-बैंग मॉडल दो मान्यताओं पर आधारित है. पहला है अल्बर्ट आइन्स्टाइन की General Theory of Relativity, जिसमें सभी पदार्थों के gravitational interaction का सही वर्णन किया गया है. वहीं दूसरी मान्यता है, cosmological principle जो बताता है कि ब्रह्मांड के बारे में एक observer का दृष्टिकोण न तो उस दिशा पर निर्भर करता है जिसमें वह दिखता है और न ही उसके स्थान पर. यह सिद्धांत केवल ब्रह्मांड की large-scale properties पर लागू होता है. लेकिन इसका तात्पर्य यह है कि ब्रह्मांड का कोई किनारा नहीं है, इसलिए बिग-बैंग की उत्पत्ति अंतरिक्ष में किसी विशेष बिंदु पर नहीं बल्कि एक ही समय में पूरे अंतरिक्ष में हुई. इन्ही दो मान्यताओं की बदौलत ब्रह्मांड के विस्तार का आकलन करना संभव हुआ है.
बिग बैंग की घटना कितने वर्ष पूर्व हुई थी?
बिग बैंग की घटना 13,800,000,000 वर्ष पूर्व हुई थी.
बिग बैंग सिद्धांत किसने दिया?
बिग बैंग का सिद्धांत महान खगोलविद, ब्रह्मांड विज्ञानी और भौतिकी के प्रोफेसर जॉर्ज लेमैत्रे ने सन 1927 में दिया था.
निष्कर्ष (Conclusion):
उम्मीद करता हूँ आपको अच्छे से समझ आ गया होगा कि Big Bang Theory क्या है. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है बिग-बैंग थ्योरी से संबंधित सभी जानकारियां आप तक पहुंचाने की ताकि आपको इस विषय के संदर्भ में किसी दूसरी वेबसाइट पर जाने की जरूरत ना पड़े. अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो या कुछ नया सीखने को मिला हो तो कृपया इसे दूसरे सोशल मीडिया नेटवर्क पर शेयर जरुर करें.
Very nice bro