दुनिया में लगभग 195 के आसपास देश हैं जिनमें से कुछ बहुत छोटे हैं, तो कुछ बहुत ही विशाल. अब चाहे देश छोटा हो या बड़ा, कमजोर हो या शक्तिशाली, हर किसी के अपने अपने नियम, संविधान, सरकार व सेनाएं होती है. बदलते समय के साथ साथ दुनिया के देशों ने मिल कर काम करने की नीति बनाई, ताकि एक साथ मिल कर वैश्विक तथा आंतरिक चुनौतियों से निपटा जा सके और मनुष्य जीवन को अधिक उन्नत बनाया जा सके. यही कारण है कि आज हम कई तरह के देशों के ग्रुप देखते हैं, जिनमे जी-7 भी एक है.
आपने भी बहुत बार समाचार, सोशल मीडिया या लोगों के मुंह से इस जी-7 शब्द को सुना होगा और इसे सुन कर अवश्य ही आपके मन में आया होगा कि आखिरकार यह जी-7 क्या है (What is G7 in Hindi) और इस जी-7 में कौन कौन से सदस्य देश हैं तथा इसका मुख्य उद्देश्य क्या है. यदि आपके मन में भी इस तरह के सवाल उमड़ रहे हैं और आप इनका उत्तर जानना चाहते हैं, तो चिंता मत कीजिए क्योंकि आज के इस लेख में हम जी-7 से जुड़ी हरेक मुख्य जानकारी को आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं.
जी-7 शिखर सम्मेलन क्या है? – What is G7 Summit in Hindi
सबसे पहला प्रश्न जो लोगों के दिमाग में उमड़ता है. वह है कि आखिरकार यह जी-7 शिखर सम्मेलन है क्या और इसकी स्थापना क्यों की गयी थी? तो यहाँ हम आपको बता दें कि विश्व में कई तरह के देश जरुर हैं, लेकिन उनमें से कुछ देश अत्यधिक शक्तिशाली, सुविधा संपन्न व विकसित देशों की श्रेणी में आते हैं. वैश्विक स्तर पर जो भी नीतियां बनाई जाती है या कार्य किये जाते हैं, वह इन देशों की अवहेलना करके नहीं हो सकते हैं.
तो इनमे से ही कुछ शक्तिशाली किंतु साथ ही लोकतांत्रिक देशों का ही एक समूह है जी-7. अब आपने यहाँ लोकतांत्रिक शब्द भी सुना होगा, जिसका अर्थ शायद ही आपको बताने की जरुरत पड़े. विश्व में ऐसे भी बहुत से देश हैं, जहां आज भी लोकतंत्र नहीं बल्कि राजतंत्र चलता है और वह भी अत्यधिक शक्तिशाली व विकसित हैं जैसे कि रूस व चीन. किन्तु जी-7 में केवल वही देश शामिल है, जो विकसित व शक्तिशाली तो है ही लेकिन साथ ही वहां पर लोगों को सरकार चुनने की शक्तियां प्राप्त हो.
जी-7 विश्व के 7 शक्तिशाली देशों को मिला कर बनाया गया एक ऐसा मंच है, जहाँ पर वैश्विक स्तर की चर्चा की जाती है, विश्व पर आए संकटों को दूर करने के उपाय निकाले जाते हैं और किस तरह से मानवीय जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है, इसके बारे में निष्कर्ष साझा किए जाते हैं.आज के समय में इसमें एक और देश या यूँ कहें कि ग्रुप शामिल हो गया है, जिसके बारे में हम आपको नीचे बताएँगे.
जी-7 देशों की सूची
ऊपर आपने यह तो जान लिया कि जी-7 में कुल 7 देश शामिल हैं, जो दुनिया में शक्तिशाली माने जाते हैं और साथ ही वहां पर लोकतंत्र भी है किन्तु आपको उनके नाम भी जानने होंगे. तो अब हम आपके सामने जी-7 में शामिल सभी सदस्य देशों के नाम भी रखने जा रहे हैं:
- कनाडा
- फ्रांस
- जर्मनी
- इटली
- जापान
- यूनाइटेड किंगडम
- संयुक्त राज्य अमेरिका
तो इन देशों के नाम पढ़ कर ही आप समझ गए होंगे कि यह ऐसे देश हैं जिनका पूरी दुनिया में डंका बजता है. ख़ास तौर पर अमेरिका का जो आज के समय में वैश्विक महाशक्ति भी है. तो जी-7 इन्हीं 7 देशों के समूह को मिलाकर बना हुआ है. हालांकि, अब इसमें आठवें सदस्य के रूप में यूरोपियन यूनियन भी शामिल हो गया है, जो और कुछ नहीं बल्कि यूरोप के अधिकतर देशों को मिलाकर बनाया गया एक संगठन है.
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जी-7 कैसे काम करता है?
जी-7 की स्थापना आज से लगभग 50 वर्ष पहले सन 1973 में हुई थी और तब इसमें कुल 6 सदस्य देश ही थे. जिस कारण उस समय इसका नाम जी 6 था. हालांकि इसका पहला सम्मेलन वर्ष 1975 में हुआ था. तब से लेकर हर वर्ष इसका सम्मेलन होता है, जिसे हम जी-7 शिखर सम्मेलन कहते हैं. इस शिखर सम्मेलन में इन सातों देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होते हैं और अपने एजेंडे पर बात करते हैं. यही जी-7 का काम करने का तरीका है.
कहने का तात्पर्य यह हुआ कि हर वर्ष एक निश्चित समय पर किसी भी सदस्य देश में से एक देश में जी-7 की बैठक होती है. इसमें सभी जी-7 सदस्य देशों के प्रतिनिधि व राष्ट्र अध्यक्ष पहुँचते हैं. इसके साथ ही अन्य गणमान्य देशों के प्रतिनिधि व राष्ट्र अध्यक्षों को भी आमंत्रित किया जाता है, जिनसे विश्व की अर्थव्यवस्था व नीतियाँ प्रभावित होती है. इसके बाद कुछ दिनों तक इसकी बैठक चलती है और फिर निष्कर्ष निकाल लिया जाता है.
हर वर्ष जी-7 के शिखर सम्मेलन में कुछ प्रमुख मुद्दे उठाये जाते हैं और उन पर चर्चा की जाती है. वह मुद्दा कुछ भी हो सकता है और उसकी रूपरेखा पहले ही तैयार कर ली जाती है. उदाहरण के तौर पर युद्ध, आर्थिक मंदी, पर्यावरण की सुरक्षा, वैश्विक अर्थव्यवस्था, औद्योगिक विकास, डिजिटल क्रांति इत्यादि. तो इन पर गहनता के साथ चर्चा की जाती है और एक निष्कर्ष निकाला जाता है. उसके बाद सभी सदस्य देश उन्हीं नीतियों पर ही काम करते हैं और फिर अगली बैठक अगले वर्ष आयोजित की जाती है.
जी-7 का मुख्यालय कहाँ है?
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा, लेकिन यह सच्चाई है कि जी-7 का अभी तक कोई मुख्यालय नहीं है. यदि आप सोच रहे हैं कि किसी देश में इसका मुख्यालय स्थापित किया गया होगा, तो वह आज तक नहीं बनाया गया है. अब आपका अगला प्रश्न यह होगा कि जब जी-7 का कोई मुख्यालय ही नहीं है, तो फिर यह किस आधार पर या किस जगह से काम करता है. तो इसका उत्तर है जिस वर्ष में जी-7 शिखर सम्मेलन की कमान जिस भी देश के पास है, उसके राष्ट्र अध्यक्ष का भवन ही जी-7 का मुख्यालय मान लिया जाता है.
अब आप इसे ऐसे समझिये, वर्ष 2023 में जी-7 शिखर सम्मेलन की कमान जापान देश के पास है और वहीं पर इसका शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. तो वर्ष 2023 के लिए जी-7 का मुख्यालय जापान देश के राष्ट्र अध्यक्ष का आवास या कार्यकारी जगह ही माना जाएगा. फिर अगले वर्ष जिसके पास भी जी-7 की अध्यक्षता रहेगी, उसके राष्ट्र अध्यक्ष के यहाँ जी-7 का मुख्यालय होगा. यह अध्यक्षता सदस्य देशों के बीच रोटेशन टाइप में चलती है.
क्या भारत जी-7 का सदस्य है?
आप जी-7 के बारे में इतना सब कुछ पढ़ रहे हैं, तो अवश्य ही आपके मन में यह प्रश्न भी आ रहा होगा कि क्या दुनिया का एक और शक्तिशाली व तेजी से उभरता हुआ भारत देश भी जी-7 का सदस्य देश है या नहीं. तो यहाँ हम आपको बता दें कि जी-7 में केवल ऊपर बताए गए देश ही शामिल हैं और भारत इसका सदस्य देश नहीं है. हालाँकि, इस वर्ष होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को भी न्यौता दिया गया है. क्योंकि वैश्विक नीतियों में भारत देश का महत्व किसी से छुपा नहीं है. हालांकि, भारत जी-20 का सदस्य देश जरुर है जिसकी अध्यक्षता इस वर्ष भारत को ही मिली है.
जी-7 के अध्यक्ष कौन है?
अब जिस तरह से जी-7 की स्थापना से लेकर अभी तक इसका मुख्यालय नहीं बनाया गया है, उसी तरह से इसका स्थायी अध्यक्ष या प्रेसिडेंट भी किसी को नहीं बनाया गया है. यह भी जी-7 शिखर सम्मेलन किस देश में आयोजित हो रहा है, उसी पर ही निर्भर करता है. कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि किसी वर्ष में जी-7 शिखर सम्मेलन का आयोजन फ्रांस में हो रहा है, तो उस वर्ष के लिए फ्रांस के राष्ट्र प्रमुख ही जी-7 के अध्यक्ष माने जाएंगे.
इस तरह से फ्रांस के राष्ट्र प्रमुख ही जी-7 की नीतियों, उस वर्ष के अजेंडा इत्यादि का निर्धारण करेंगे और उसका शिखर सम्मेलन आयोजित करवाना भी उनका ही उत्तरदायित्व होगा. इस तरह से जी-7 के अध्यक्ष व मुख्यालय हर वर्ष के साथ बदलते रहते हैं.
G-7 से जुड़े FAQ
प्रश्न: पहला G6 शिखर सम्मेलन कहाँ आयोजित किया गया था?
उत्तर: पहला G6 शिखर सम्मेलन Rambouillet, फ्रांस में आयोजित किया गया था.
प्रश्न: ग्रुप ऑफ सेवन (G7) की स्थापना कब की गयी थी?
उत्तर: ग्रुप ऑफ सेवन (G7) की स्थापना 25 मार्च 1973 को की गयी थी.
प्रश्न: रूस को G7 में कब शामिल किया गया था?
उत्तर: रूस वर्ष 1997 से लेकर 2014 तक जी-7 या यूँ कहें कि जी-7 का अनौपचारिक सदस्य रह चुका है. रूस के शामिल होने के बाद इस समूह का नाम G8 रख दिया गया था, लेकिन रूस के बाहर होने के बाद दोबारा इसका नाम G7 कर दिया गया.
प्रश्न: G-7 शिखर सम्मेलन का आयोजन कब किया जाता है?
उत्तर: वैसे तो G-7 शिखर सम्मेलन का आयोजन वर्ष के किसी भी महीने में किया जा सकता है, लेकिन अधिकतर यह मई से जुलाई के महीने में ही आयोजित हुआ है.
प्रश्न: भारत ने किस प्रधानमंत्री के कार्यकाल में G-7 के सम्मेलनों में भाग लिया था?
उत्तर: भारत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कार्यकाल में G-7 के सम्मेलनों में वर्ष 2014 में भाग लिया था.
प्रश्न: 2023 में कौन-सा G7 शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा?
उत्तर: 2023 में 49वीं G7 शिखर सम्मेलन आयोजित की जाएगी.
Conclusion
उम्मीद है आपको हमारा यह लेख “G-7 शिखर सम्मेलन क्या है” जरूर पसंद आया होगा. हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है G7 Summit in Hindi से संबंधित सभी जानकारियां आप तक पहुंचाने की ताकि आपको इस विषय के संदर्भ में किसी दूसरी वेबसाइट पर जाने की जरूरत ना पड़े. अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो या कुछ नया सीखने को मिला हो तो कृपया इसे दूसरे सोशल मीडिया नेटवर्क पर शेयर जरुर करें.