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जानें OPEC क्या है? OPEC और OPEC Plus में अंतर

(OPEC and OPEC Plus in Hindi) अक्सर हमें अखबारों और समाचारों के माध्यम से कच्चे तेल की कीमतों पर बढ़ोतरी और कटौती देखने को मिलती है, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कच्चे तेल की कीमत पर नियंत्रण किसका होता है? कच्चे तेल का उत्पादन कौन बढ़ाता है? कच्चे तेल निर्यातक देशों का संगठन का क्या नाम है? यदि आप इन सब बातों के बारे में नहीं जानते हैं तो आज के इस लेख को पूरा अवश्य पढ़ें, क्योंकि आज इस लेख में हम आपको तेल उत्पादक देशों के दो समूहों, OPEC और OPEC Plus के बारे में जानकारी देंगे, जिनके द्वारा लिए फैसलों से विश्व भर में तेल के व्यापार पर असर पड़ता है.

हम इस लेख में आपको OPEC क्या है? OPEC और OPEC Plus में क्या अंतर है? OPEC और OPEC Plus में कौन से देश शामिल हैं इत्यादि से संबंधित जानकारी देंगे. तो आइए आगे बढ़ते हैं और नजर डालते हैं पूरी जानकारी पर.

OPEC क्या है? What is OPEC in Hindi

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OPEC (Organization of the Petroleum Exporting Countries) एक संगठन है जो दुनिया भर के तेल उत्पादक देशों का समूह है. यह संगठन सन 1960 ई में गठित किया गया था ताकि विश्व तेल बाजार में कीमतों को नियंत्रित किया जा सके. OPEC के सदस्य देशों में इराक, ईरान, कुवैत, सऊदी अरब, वेनेजुएला, अल्जीरिया, अंगोला, गैबॉन, लीबिया, कांगो, नाइजीरिया और गयाना शामिल हैं.

OPEC, तेल उत्पादन देशों के बीच तेल के उत्पादन, निर्यात और मूल्यों का नियंत्रण करता है. इस संगठन का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में तेल के मूल्य को नियंत्रित करना है. ओपेक पूरी दुनिया में तेल उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. OPEC, दुनिया के तेल बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण फैसले लेने का एक स्थायी संगठन है.

यह दुनिया के सदस्य देशों के लिए एक उच्च स्तर का अधिकार और अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी और वित्तीय संगठन के रूप में कार्य करता है. ओपेक ग्रुप को चलाने के लिए एक अध्यक्ष नियुक्त होता है, जो एक साल के लिए ही नियुक्त किया जाता है. संगठन का मुख्य कार्य तेल के मूल्यों को नियंत्रित करना है, जो तेल उत्पादक देशों के अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है.

OPEC की सदस्यता दर हर एक सदस्य देश के बीच अलग-अलग होती है और यह उनके तेल उत्पादन के आधार पर निर्धारित की जाती है. OPEC की सदस्यता केवल उन देशों को दी जाती है जो तेल उत्पादन करते हैं और अधिकतम तेल उत्पादक देशों को ही इसके सदस्य के रूप में शामिल किया जाता है. वर्तमान में OPEC में 13 सदस्य देश हैं, जो सभी तेल उत्पादक देश हैं.

ओपेक ने विभिन्न तेल मूल्य नियंत्रण नीतियों का उपयोग करके विश्व भर में तेल मूल्यों को नियंत्रित किया है. इसके अलावा, OPEC ने अपने सदस्य देशों के बीच सहयोग और तकनीकी विकास को बढ़ावा देने के लिए भी कई उपाय भी बनाए हैं.

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OPEC और OPEC Plus में अंतर

OPEC की शुरुआत वर्ष 1960 में बगदाद सम्मेलन के दौरान की गई थी. OPEC पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन एक स्थायी, अंतर सरकारी संगठन है. जिसमें कुल 13 देश शामिल हैं. OPEC सदस्य देशों के लिए  पेट्रोलियम नीतियों का समन्वय और एकीकरण का कार्य करता है.

वहीं OPEC Plus की शुरुआत दिसंबर 2016 में कच्चे तेल निर्यातक देश और गैर OPEC देशों को एकजुट करने के उद्देश्य से की गई थी. OPEC Plus में OPEC देशों के अलावा (OPEC Plus in Hindi) कुल 10 देश शामिल हैं. इसमें पेट्रोलियम नीतियों का समन्वय और एकीकरण OPEC तथा गैर OPEC सदस्य देशों के सहमति के बाद होता है.

OPEC और OPEC Plus, दोनों संगठनों में मुख्य अंतर पेट्रोलियम नीतियों का समन्वय और तेल की कीमत पर नियंत्रण को लेकर है. जहां OPEC के द्वारा उसमें शामिल देशों के लिए पेट्रोल कीमतों पर भरपूर नियंत्रण किया जाता है, वहीं OPEC Plus देश अपनी सहमति के साथ कीमत पर नियंत्रण करते हैं.

OPEC में शामिल सदस्य देशों के नाम

OPEC संगठन में सदस्य देश बनने और सदस्यता खोने की सूची समय समय पर बदलती रही है. वर्तमान समय में कुल 13 सदस्य देश इस समूह में शामिल हैं, जो निम्नलिखित हैं:

  • अंगोला
  • अल्जीरिया
  • कुवैत
  • सऊदी अरब
  • ईरान 
  • इराक 
  • लीबिया 
  • गेबान 
  • कांगो 
  • संयुक्त अरब अमीरात 
  • नाइजीरिया 
  • वेनेजुएला 
  • मध्यवर्ती गिनी

वर्ष 1992 में इक्वाडोर नामक देश ने अपनी OPEC सदस्यता छोड़ी थी, परंतु बाद में 2007 में पुनः OPEC के साथ शामिल हुआ. फिर 2020 में दोबारा इक्वाडोर ने सदस्यता छोड़ने का निर्णय लिया.

वर्ष 1995 में गैबॉन देश इस सदस्यता सूची से बाहर हो चुका था, परंतु 2016 में पुनः समूह में शामिल होने का फैसला किया. इसी क्रम में अपनी सदस्यता को छोड़ते हुए 2019 में कतर OPEC संगठन से बाहर हुआ था.

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OPEC Plus में शामिल सदस्य देशों के नाम

OPEC Plus में वे देश शामिल हैं जो तेल निर्यात करते हैं, लेकिन OPEC संगठन का हिस्सा नहीं है. इस इकाई को ओपेक संगठन के द्वारा दिसंबर 2016 में गठबंधन के तौर पर निर्माण किया गया था. इस गठबंधन को OPEC Plus से संदर्भित किया जाता है.

OPEC Plus संगठन में 13 OPEC सदस्य देश शामिल हैं. इनके अलावा निम्नलिखित देश शामिल हैं, जो OPEC संगठन का प्रमुख रूप से हिस्सा नहीं हैं परन्तु अधिक मात्रा में तेल निर्यात करते हैं.

  • कजाकिस्तान
  • मलेशिया
  • रूस
  • दक्षिण सूडान
  • मैक्सिको
  • सूडान
  • अज़रबैजान
  • बहरीन
  • ब्रूनेई
  • ओमान

OPEC Plus को OPEC देशों से अधिक प्रभावशाली क्यों माना जाता है?

ओपेक देशों की अपेक्षा OPEC Plus को अधिक प्रभावशाली माना जाता है, क्योंकि OPEC plus समूह में OPEC की अपेक्षा अधिक संख्या में देश शामिल हैं. जहां विश्व पेट्रोलियम उत्पादक देश संगठन में 13 सदस्य देश शामिल हैं, वहीं OPEC Plus समूह में 10 अतिरिक्त देश भी शामिल हैं. 

इसके अलावा OPEC Plus समूह में अधिक मात्रा में तेल उत्पादन करने वाले देश भी शामिल हैं. रूस, कजाकिस्तान, मेक्सिको, ओमान, अंगोला आदि जो दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादकों में शामिल हैं. उदाहरण के लिए रूस दुनिया का सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है.

यही कारण है कि OPEC Plus के सदस्य देश, OPEC देशों की अपेक्षा अधिक तेल उत्पादन क्षमता रखते हैं. इससे दुनिया में उनका प्रभाव बढ़ता है. OPEC Plus और OPEC समूह के बीच समझौते पर OPEC Plus के समझौते अधिक संपन्न होते हैं, जो OPEC Plus देश को अधिक प्रभावशाली और सक्रिय संगठन बनाते हैं. इस वजह से OPEC Plus को दुनिया का सबसे प्रभावशाली समूह माना जाता है.

भारत का OPEC Plus देशों से संबंध

OPEC Plus समूह का भारत सदस्य नहीं है, चूंकि OPEC Plus में तेल निर्यातक देश सदस्य होते हैं, लेकिन फिर भी OPEC Plus भारत के लिए अहम योगदान रखता है. भारत OPEC Plus समूह का एक बड़ा तेल आयातक देश है. यही कारण है कि OPEC Plus समूह के द्वारा लिए गए फैसलों से भारत देश पर भी प्रभाव पड़ता है. यदि OPEC Plus समूह में शामिल देशों के द्वारा तेल के उत्पादन में कमी या कीमतों पर बढ़ोतरी की जाती है, तो इसका सीधा नकारात्मक प्रभाव भारत पर पड़ता है.

हाल ही में रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर यूरोपीय देशों और रूस के बीच काफी तनाव देखने को मिला. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा, क्योंकि रूस OPEC Plus का एक हिस्सा है. इसके बावजूद रूस को यूरोपीय देशों और अमेरिकी देशों में तेल निर्यात करने में काफी समस्याएं आई. भारत ने निष्पक्ष होते हुए कम कीमतों पर कच्चे तेल देने वाले देशों के साथ बहुत अच्छा संबंध बनाया.

पिछले कुछ समय से OPEC Plus देशों के साथ भारत का संबंध काफी अच्छा रहा है. भारत ने इस समूह के साथ अपनी मांगों को पूरा करने के लिए तेल की कीमतों पर सक्रिय रूप से सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए कीमत कम करने की मांग की है.

संक्षेप में बात की जाए तो, भारत OPEC Plus देशों के साथ सबसे अधिक तेल आयात करने वाला देश बन गया है. इसका सकारात्मक प्रभाव भारत पर पड़ा है, लेकिन इसके बावजूद तेल की कीमत पर कोई कमी नहीं की गई जिससे लोग काफी प्रभावित हुए हैं.

Conclusion

उम्मीद है आपको हमारा यह लेख “जानें OPEC क्या है? OPEC और OPEC Plus में अंतर” जरूर पसंद आया होगा. हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है OPEC in Hindi से संबंधित सभी जानकारियां आप तक पहुंचाने की ताकि आपको इस विषय के संदर्भ में किसी दूसरी वेबसाइट पर जाने की जरूरत ना पड़े. अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो या कुछ नया सीखने को मिला हो तो कृपया इसे दूसरे सोशल मीडिया नेटवर्क पर शेयर जरुर करें.

Monika Chauhan
Monika Chauhanhttps://hindivibe.com/
मोनिका चौहान Hindivibe की Co-Founder और Author हैं. इन्हें सामान्य ज्ञान से संबंधित जानकारियों का अध्ययन करना और उनके बारे में लिखना अच्छा लगता है.

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