HomeइंटरनेटEnd-to-end encryption क्या है और कैसे काम करता है ?

End-to-end encryption क्या है और कैसे काम करता है ?

आज के समय में जब भी किसी messaging app जैसे कि Whatsapp, Telegram आदि की सुरक्षा के बारे में बात की जाती है, तब end-to-end encryption के बारे में जरुर सुनने या पढ़ने को मिलता है. ऐसे में आपके मन में ये सवाल जरुर आता होगा कि आखिर ये end-to-end encryption क्या है और काम कैसे करता है ? (What is end-to-end enryption in Hindi) तो आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि “ End-to-end encryption एक method है आपकी communication को secure रखने का, जो आपके data को एक device से दूसरे device के बीच transfer के दौरान किसी third party तक पहुँचने से रोकता है ”.

आज के इस आर्टिकल में हम खास इसी विषय पर चर्चा करेंगे और जानेंगे end-to-end encryption से जुड़ी हर जानकारी हिंदी भाषा में. तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं “End-to-end encryption क्या है और कैसे काम करता है“ के बारे में.

End-to-end encryption क्या है (E2EE) ?End to End Encrypted Meaning in Hindi

end to end encryption kya hai

जब भी आप message या email भेजते समय E2EE का इस्तेमाल करते हैं, तब network की निगरानी करने वाला कोई भी व्यक्ति आपके message के content को नहीं देख सकता, फिर चाहे वह government हो, कोई hacker हो या communication की सुविधा देने वाली कोई कंपनी.

यह उस encryption से अलग है जिसे अधिकांश कंपनियां इस्तेमाल करती हैं, जो केवल आपके device और server के बीच transit होने वाले data को protect करता है. उदाहरण के लिए, आप जब भी किसी ऐसी messaging service का इस्तेमाल करते हैं जो end-to-end encryption की सुविधा नहीं देती जैसे gmail या hotmail, इनकी service provider कंपनियां आपके message के content को आसानी से access कर सकती हैं क्योंकि इनके पास भी encryption key होती है.

End-to-end encryption कैसे काम करता है ?

इसके काम करने का तरीका काफी अनोखा और मजेदार है. इसे ठीक से समझने के लिए हम diagram का सहारा लेंगे. उदाहरण के लिए Manoj अपने दोस्त Akshay को private chat के जरिए Hello कहना चाहता है. अब Akshay के पास एक Public Key है और एक Private Key है, जो दो mathematically संबंधित encryption keys हैं.

end to end encryption kya hai
Diagram: End-to-end-encryption process

Manoj सबसे पहले message को encrypt करने के लिए Akshay की Public Key का इस्तेमाल करेगा, जहाँ “Hello” शब्द कुछ random characters में तब्दील हो जाएगा जिसे ciphertext कहा जाता है. अब Manoj इस encrypted message को internet पर भेजता है. यह message रास्ते में आने वाले कई servers से होकर गुजरता है, जो उनके द्वारा इस्तेमाल कि जाने वाले email service और उनके internet service provider से संबंधित होते हैं. इस दौरान यदि ये कंपनियां इस message को पढ़ने का प्रयास करती हैं या किसी third party के साथ share करती हैं, तब उनके लिए इस encrypted message को दुबारा plain text में बदलना संभव नहीं है.क्योंकि इस message को Akshay की public key का इस्तेमाल करके encrypt किया गया है और केवल Akshay ही अपने inbox में पहुँचने के बाद इसे अपनी private key के जरिए decrypt कर सकता है. अगर Akshay जवाब देना चाहेगा, तो वह Manoj की public key का इस्तेमाल करके इसी process को repeat करेगा.

End-to-end encryption के advantages क्या हैं ?

अधिकतर कंपनियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले standard encryption की जगह E2EE के कई फायदे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:

Data को Hack होने से बचाता है

E2EE का मतलब है कि केवल चुनिंदा parties ही आपके data को access कर सकती है. आपके द्वारा server पर store किए गए data को, service उपलब्ध करवाने वाली कंपनी या hackers चाह कर भी decrypt नहीं कर सकते, क्योंकि उनके पास decryption keys नहीं होती.

आपके Data को private रखता है

अगर आप Gmail के जरिए message भेजते हैं, तो Google आपके द्वारा भेजे गए mail में प्रत्येक intimate details को पढ़ सकता है. लेकिन E2EE में ऐसा नहीं है, इसकी मदद से आप अपने message पर नियंत्रण रख सकते हो और केवल अपनी इच्छा से किसी को message दिखा सकते हो.

Democracy के हित में है

हर किसी को privacy का अधिकार है. E2EE लोगों को अपने विचार खुलकर किसी के समक्ष रखने की आजादी देता है और परेशान करने वालों की धमकियों से बचाता है.

Encryption Support करने वाली Messaging Services

  1. Whatsapp
  2. Telegram
  3. Apple iMessage
  4. Silence
  5. Threema
  6. Signal
  7. Facebook Messenger
  8. Dust
  9. Wicker Me

Encryption क्या होता है?Encryption Meaning in Hindi

Encryption एक तरीका है data को scramble (गड़बड़ा देना) करने का जिससे केवल authorized party द्वारा ही information को समझा जा सकता है. तकनीकी भाषा में यह एक तरीका है plain Text को ciphertext में बदलने का. सरल शब्दों में कहूँ, तो encryption वो तकनीक है जिसमें readable data को लिया जाता है और इसे random characters में बदल दिया जाता है.

Encryption के लिए एक encryption key की जरूरत होती है : जो की एक सेट होता है mathematical values का, जिसके बारे में केवल message भेजने वाला और प्राप्त करने वाला ही जानते हैं.

Encryption meaning in hindi
Encryption-Decryption

हालाँकि encrypted data दिखने में random होता है, encryption को logical और predictable ways में proceed किया जाता है, इसलिए data प्राप्त करने वाली party, encrypt के लिए इस्तेमाल की गई key से ही इसे decrypt करके plain text में बदल सकती है. Encrypt किए गए data को किसी third party या hacker द्वारा decrypt करना संभव नहीं है.

डाटा को store के समय और transmitting के दौरान encrypt किया जा सकता है.

Cryptography में key क्या है ?

एक cryptography key कुछ characters की श्रृंखला होती है, जिनका इस्तेमाल encryption algorithm के साथ data को alter करने में किया जाता है ताकि वह random तरीके में दिखे. किसी physical चाबी की तरह, यह data को lock (encrypt) कर देता है, जिसके बाद केवल सही चाबी के इस्तेमाल से ही data को unlock (decrypt) किया जा सकता है.

Encryption के प्रकार – Types of Encryption in Hindi

Encryption दो प्रकार के होते हैं, पहला है symmetric encryption और दूसरा है asymmetric encryption. Asymmetric encryption को public key encryption भी कहा जाता है.

Symmetric encryption

इसमें एक key होती है, और सभी communicating पार्टियों द्वारा encryption और decryption के लिए केवल एक ही key का इस्तेमाल किया जाता है. इसे Single-key encryption भी कहा जाता है.

Advantages

काफी आसान है – इस तरह की encryption को carry out करना आसान है. सभी users को secret key बताना और share करना होगा, जिसके बाद encrypt और decrypt को शुरू किया जा सकता है.

खुद की file encrypt और decrypt करें – अगर आप इस encryption का इस्तेमाल उस message या file के लिए करते हैं जिसे केवल आप access करना चाहते हैं, तो आपको दूसरी key create करने की जरूरत नहीं होगी. इसके लिए single-key encryption सबसे best है.

काफी fast है – Symmetric encryption काफी fast होता है asymmetric encryption की तुलना में.

कम computer resources का इस्तेमाल – Single-key encryption के लिए asymmetric encryption की तुलना में बहुत ही कम computer resources की आवश्यकता होती है.

बड़े पैमाने पर होने वाले message security जोखिमों से बचाता है – यहाँ प्रत्येक अलग party के साथ communication के लिए अलग secret key का इस्तेमाल होता है. अगर कोई key hack होती है तो इसका प्रभाव केवल एक particular pair के sender और receiver के messages पर पड़ेगा. दूसरे लोगों के साथ हुई communication secure रहेगी.

Disadvantages

Secret Key exchange करने के लिए secure channel की जरूरत – Symmetric encryption में secret key exchange करने में problem होती है. इसे इस तरह से exchange करने की जरूरत होती है कि यह बिलकुल secure रहे.

बहुत सारी keys – प्रत्येक party के साथ communication करने के लिए एक अलग share key generate करने की जरूरत होती है. इसमें सभी keys के लिए security को manage और ensure करना एक बहुत बड़ी problem है.

Message की उत्पति और प्रमाणिकता की guaranty नहीं – भेजने वाला और प्राप्त करने वाला same key का इस्तेमाल करता है, ऐसे में यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि message किस particular user से आया है. यहाँ मतभेद की स्थिति में यह समस्या पैदा हो सकती है.

Asymmetric encryption

यहाँ दो तरह की keys होती हैं, “public key” और “private key”, public key का इस्तेमाल encryption के लिए और private key का इस्तेमाल decryption के लिए किया जाता है. इसके विपरीत भी हो सकता है, private key से encrypt किया गया data केवल public key से ही decrypt किया जा सकता है.

End-to-end encryption में Asymmetric encryption का ही इस्तेमाल होता है, जो data को अधिक secure बनाता है.

Advantages

सुविधाजनक – इसके आने के बाद key distribution को लेकर होने वाली समस्याएँ solve हो गई. प्रत्येक व्यक्ति अपनी public key शेयर करने लगा जिससे private key secure रहने लगी.

Message प्रमाणिकता – Public key encryption allow करती digital signature को, जिससे message प्राप्त करने वाला verify कर सकता है कि यह सच में एक particular sender से प्राप्त हुआ है.

हेरफेर की पहचान – Public key में इस्तेमाल हुआ digital signature, प्राप्तकर्ता को यह detect करने के लिए allow करता है कि कहीं रास्ते में message के साथ छेड़छाड़ तो नहीं हुई. एक digitally sign किया हुआ message बिना validate signature के modify नहीं किया जा सकता.

Disadvantages

Slow – Public key encryption काफी slow है symmetric encryption की तुलना में. इसे bulk messages को decrypt करने के लिए इस्तेमाल करना संभव नहीं है.

अधिक computer resources का इस्तेमाल – इसमें single-key encryption की अपेक्षा अधिक computer resources की आवश्यकता होती है.

बड़े पैमाने पर सुरक्षा का जोखिम संभव – अगर यहाँ कोई attacker आपकी private key का पता लगा लेता है, तो वह आपके सारे messages पढ़ सकता है.

Private Key का नुकसान irreparable हो सकता है – अगर आपकी private key loss हो जाती है, तो प्राप्त होने वाले messages को decrypt नही किया जा सकता.

Private Key और Public Key में अंतर

Private Key – Private Key का इस्तेमाल data को encrypt और decrypt दोनों करने के लिए किया जा सकता है. इस key को encrypted sensitive information के sender और receiver दोनों के बीच share किया जाता है. दोनों parties के लिए common होने की वजह से इसे symmetric भी कहा जाता है. यह public key की अपेक्षा faster होती है.

Public Key – Public Key का इस्तेमाल data को encrypt करने के लिए और private key का इस्तेमाल decrypt करने के लिए किया जाता है. Information को encrypt करने के लिए public key को sender के साथ share किया जाता है. Public key को asymmetric cryptography भी कहा जाता है.

Conclusion

मुझे उम्मीद है आपको मेरा ये Article “End-to-end encryption क्या है और कैसे काम करता है? (End to End Encrypted Meaning in Hindi)” जरुर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है End-to-end encryption क्या है विषय से जुड़ी हर जानकारी को सरल और सहज शब्दों में explain करने की ताकि आपको इस Article के सन्दर्भ में किसी दूसरी site पर जाने की जरूरत ना पड़े.

अगर आपके मन में इस article को लेकर किसी भी तरह का कोई doubt है या आप चाहते हैं इसमें कुछ सुधार हो तो आप नीचे comment box में लिख सकते हैं.

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Rahul Chauhan
Rahul Chauhanhttps://hindivibe.com/
Rahul Chauhan, Hindivibe के Author और Founder हैं. ये एक B.Tech डिग्री होल्डर हैं. इन्हें विज्ञान और तकनीक से संबंधित चीजों के बारे में जानना और लोगों के साथ शेयर करना अच्छा लगता है. यह अपने ब्लॉग पर ऐसी जानकारियां शेयर करते हैं, जिनसे कुछ नया सिखने को मिले और लोगों के काम आए.

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