भारत के Education budget 2023 में देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बच्चों और किशोरों के लिए डिजिटल पुस्तकालय की घोषणा की और सभी स्कूलों को इस डिजिटल पुस्तकालय से जोड़ने की बात कही. ऐसे में काफी लोगों के मन में ये सवाल उठने लगा कि आखिर ये Digital Library क्या है (Digital Library in Hindi) और कैसे काम करती है?
इस विषय को लेकर हमने रिसर्च शुरू की और कुछ खास जानकारियां एकत्रित की. आज के इस लेख में आपको डिजिटल पुस्तकालय से जुड़ी तमाम जानकारियां जानने की मिलेंगी. जैसे कि डिजिटल लाइब्रेरी की विशेषताएं क्या हैं? डिजिटल लाइब्रेरी के फायदे? इत्यादि सवालों के जवाब आपको इस लेख में पढ़ने को मिलेंगे. तो आइए आगे बढ़ते हैं और करते हैं शुरुआत पूरी जानकारी की.
Digital Library क्या है?
एक डिजिटल लाइब्रेरी जिसे online library या internet library के नाम से भी जाना जाता है, डिजिटल वस्तुओं जैसे text, images, audio, video, digital documents या अन्य media formats का एक संग्रह होता है, जिसे स्थानीय नेटवर्क या इंटरनेट के जरिए एक्सेस किया जा सकता है. इन वस्तुओं में digitized content भी शामिल हो सकते हैं जैसे print या photograph, साथ ही मूल रूप में digital content जैसे word processor files या social media posts इत्यादि भी शामिल हो सकते हैं.
कंटेंट को स्टोर करने के अलावा digital library संग्रह में शामिल कंटेंट को व्यवस्थित करने, सर्च करने और प्राप्त करने के साधन भी प्रदान करती है. डिजिटल पुस्तकालय आकार और दायरे में काफी भिन्न हो सकते हैं और इन्हें व्यक्तियों या संगठनों द्वारा चलाया जाता है.
इन पुस्तकालयों में कंटेंट (सामग्री) को स्थानीय रूप से संग्रहीत किया जा सकता है या computer networks के जरिए दूरस्थ रूप से access किया जा सकता है.
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डिजिटल लाइब्रेरी कैसे काम करती है?
डिजिटल लाइब्रेरी electronic form में व्यवस्थित दस्तावेजों का संग्रह होता है, जो दो तरह की हो सकती है; एक इंटरनेट आधारित और दूसरा CD-ROM disk आधारित.
इंटरनेट पर broadband connection, जैसे cable modem या DSL द्वारा डिजिटल लाइब्रेरी के उपयोग को बढ़ाया जा सकता है. Plain-text documents और image के साथ कुछ documents को एक्सेस करने के लिए dial-up connections का इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन complex files और animated video content को एक्सेस करने के लिए कुछ सौ kbps की स्पीड के साथ इंटरनेट कनेक्शन user experience को और बेहतर बना सकता है. इंटरनेट आधारित पुस्तकालय को दैनिक आधार पर अपडेट किया जा सकता है, जो इसका सबसे बड़ा फायदा है.
CD-ROM आधारित लाइब्रेरी में कंटेंट को स्टोर करने की क्षमता कई सौ megabyte तक सीमित होती है, लेकिन एक्सेस आमतौर पर एक इंटरनेट कनेक्शन की बजाय कहीं अधिक तेज होता है. कई CD-ROMs को एक सेट में combine किया जा सकता है, और क्योंकि disks आकार में छोटी होती हैं, इसलिए एक उचित physical space में एक बड़ी लाइब्रेरी को समायोजित किया जा सकता है. लेकिन CD-ROM की मुख्य limitation है कि इसे इंटरनेट आधारित लाइब्रेरी की तरह frequently अपडेट नहीं किया जा सकता. इसके अलावा CD-ROMs का उत्पादन और वितरण ज्यादा महंगा है, जो इसे इंटरनेट आधारित लाइब्रेरी से अधिक expensive बनाता है.
डिजिटल लाइब्रेरी के कार्य
एक डिजिटल पुस्तकालय के कार्य कुछ इस प्रकार होते हैं:
- जब भी जरूरत हो एक बड़ी मात्रा में जानकारियों को उपयोगकर्ताओं तक पहुंचाना चाहे वे कहीं पर भी हों.
- User-friendly interface प्रदान करना.
- प्राथमिक सूचना स्रोतों तक पहुंच प्रदान करना.
- टेक्स्ट के साथ multimedia content को support.
- नेविगेशन के लिए hypertext links.
- इंटरनेट और इंट्रानेट पर network accessibility.
- ग्राहक-सर्वर संरचना.
- अन्य डिजिटल पुस्तकालयों के साथ एकीकरण.
- उन्नत खोज और पुनः प्राप्ति.
Digital Library में क्या-क्या होता है?
एक डिजिटल लाइब्रेरी को दो तरीकों से तैयार किया जा सकता है; एक तरीका है पारम्परिक लाइब्रेरी को डिजिटल लाइब्रेरी में बदलना और दूसरा तरीका है सीधा डिजिटल लाइब्रेरी तैयार करना. डिजिटल पुस्तकालय की योजना में IT Infrastructure, digitization, कर्मचारी, फर्नीचर, उपकरण, स्थान, सेवाएं और पूंजी शामिल होती है.
डिजिटल संसाधनों के निर्माण के लिए जरूरी चीजें
एक डिजिटल लाइब्रेरी में डिजिटल संसाधनों के निर्माण के लिए जिन चीजों की आवश्यकता होती है, वो कुछ इस प्रकार हैं:
- डिजिटल सामग्री का डाटाबेस जो campus-wide LAN पर सभी उपयोगकर्ताओं के लिए खुला हो.
- High bandwidth के साथ internet connectivity.
- डिजिटल संसाधनों को प्राप्त करने पर चुनिंदा ध्यान देना.
- Electronic journal को शामिल करना और print subscription को धीरे-धीरे हटाना.
- लाइसेंस प्राप्त database.
- विश्वविद्यालय के भीतर उपलब्ध local digital content का निर्माण.
डिजिटल लाइब्रेरी के फायदे
- बहुत ही कम कीमत पर लगभग असीमित storage space प्राप्त होता है.
- डिजिटल लाइब्रेरी में भौतिक सीमाएं नहीं होती.
- सामग्री दैनिक आधार पर अपडेट होती रहती है.
- विविध प्रकार की सामग्री का एक्सेस मिलता है.
- संसाधनों की कमी नहीं होती.
- यह पाठकों के लिए चौबीसों घंटे उपलब्ध रहती है.
- एक साथ कई उपयोगकर्ताओं तक पहुंच प्रदान की जा सकती है.
- इसकी सार्वभौमिक पहुंच होती है.
- जानकारी प्राप्त करना काफी तेज और सुविधाजनक होता है.
- कुछ प्रिंट कंटेंट के लिए preservation रहता है.
- डिजिटल लाइब्रेरी में सामग्री अच्छी क्वालिटी में मिलती है.
- आगे आने वाली पीढ़ी के लिए ज्ञान सरंक्षित रहता है.
डिजिटल लाइब्रेरी के उद्देश्य
डिजिटल लाइब्रेरी के उद्देश्य कुछ इस प्रकार हैं:
- डिजिटल रूप में जानकारियों को एकत्रित करने, स्टोर करने और व्यवस्थित करने की प्रक्रियाओं के व्यवस्थित विकास में तेजी लाना.
- कम लागत में सभी उपयोगकर्ताओं तक जानकारी का वितरण करना.
- शिक्षण संस्थानों के बीच संचार और सहयोग को मजबूती प्रदान करना.
- ज्ञान के जनरेशन और प्रसार में नेतृत्व की भूमिका निभाना.
- अनुसंधान संसाधन, कंप्यूटिंग और संचार नेटवर्क में सहकारी प्रयासों को प्रोत्साहन देना.
डिजिटल लाइब्रेरी की विशेषताएं
- डिजिटल लाइब्रेरी के संग्रह में स्थायी दस्तावेज शामिल होते हैं.
- लाइब्रेरी में डिजिटल वातावरण जानकारी को तुरंत पाठकों तक पहुंचाता है.
- प्रायः डिजिटल पुस्तकालय का इस्तेमाल अकेले काम करने वाले व्यक्तियों द्वारा किया जाता है.
- इसमें डाटा की भौतिक सीमाएं नहीं होती, यानी डाटा असीमित मात्रा में स्टोर किया जा सकता है.
- डाटा स्टोरेज का compression डिजिटल जानकारी के publication और storage को सक्षम बनाता है.
- टेलीकम्यूनिकेशन संसाधनों के स्टोरेज, पुनःप्राप्ति, इस्तेमाल और exchange की सुविधा उपलब्ध कराता है.
Digital Library के प्रकार
डिजिटल पुस्तकालय तीन तरह के होते हैं, जिन्हें आप नीचे देख सकते हैं.
संस्थागत रिपोजिटरी (Institutional Repositories)
ये एकेडमिक पुस्तकालय होते हैं जिनके भंडार में उनके संस्थान की किताबें, पेपर्स और अन्य चीजें जिन्हें digitized किया जा सकता है या डिजिटली पैदा होते हैं, शामिल होते हैं. ये पुस्तकालय कुछ प्रतिबंधों के साथ open access के उद्देश्यों के अनुसार आम जनता के लिए उपलब्ध होते हैं.
राष्ट्रीय पुस्तकालय संग्रह (National Library Collections)
नेशनल लाइब्रेरी किसी देश में सूचना का प्रमुख भंडार (repository) होती है. इन पुस्तकालयों में देश के भीतर पब्लिश की गई हर सामग्री की एक या दो प्रतिलिपि सरंक्षित की जाती हैं, जिसे legal deposit कहा जाता है. इस legal deposit को copyright act या legal deposit के लिए बने किसी विशेष कानून के तहत कवर किया जाता है.
Electronic documents के आगमन के बाद, नए स्वरूपों को शामिल करने के लिए कानून में संशोधन करना पड़ा, जैसे कि ऑस्ट्रेलिया में 2016 में copyright act 1968 में संशोधन. तब से विभिन्न प्रकार की electronic depositories बनाई गई.
ब्रिटिश लाइब्रेरी का Publisher Submission Portal और Deutsche Nationalbibliothek पर German model पुस्तकालयों के एक नेटवर्क का deposit point है, लेकिन public access केवल पुस्तकालयों में reading rooms में उपलब्ध है. इसी तरह Australian National edeposit system में भी वही फीचर्स हैं, लेकिन यह अधिकांश सामग्री के लिए आम जनता को remote access प्रदान करता है.
Digital Archives
डिजिटल अर्चिएवे, डिजिटल लाइब्रेरी से थोड़ा अलग होते हैं जिनमें information के primary sources शामिल होते हैं. इनमें files, invoices, deeds और अन्य documents को स्टोर किया जाता है. इनके अलावा इसमें music और videos को भी स्टोर किया जा सकता है. Digital archives अक्सर वेब आधारित होते हैं, लेकिन local data carriers का उपयोग भी electronic archives के रूप में किया जा सकता है.
डिजिटल अर्चिएव्स का उद्देश्य उन डेटा को स्टोर करना है जिनकी अब तत्काल आवश्यकता नहीं है, लेकिन फिर भी उन्हें महत्वपूर्ण माना जाता है. ये महत्वपूर्ण जानकारियों को भावी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखने का काम करते हैं.
डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ़ इंडिया
भारत में डिजिटल पुस्तकालयों के सर्वोत्तम उदाहरण की बात की जाए तो वह आईआईटी खड़गपुर स्थित, भारतीय राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी (Indian National Digital Library) है. यह भारतीय भाषाओं की पुस्तकों का एक प्रमुख पुस्तकालय है, जो इंटरनेट पर आम जनता के लिए उपलब्ध है. इसमें आप मुफ्त में पुस्तकें खोजकर उन्हें पढ़ सकते हैं. इसके साथ ही यह लाइब्रेरी छः प्रमुख भारतीय समाचार पत्रों के ऑनलाइन लिंक भी प्रदान करती है.
देश के अन्य प्रमुख डिजिटल पुस्तकालय
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र डिजिटल लाइब्रेरी, नई दिल्ली
- पारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार
- विद्यानिधि मैसूर (मैसूर के सूचना विभाग में)
निष्कर्ष (Conclusion):
उम्मीद है आपको अच्छे से समझ आ गया होगा कि Digital Library क्या है? मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है डिजिटल पुस्तकालय (Digital Library in Hindi) से संबंधित सभी जानकारियां आप तक पहुंचाने की ताकि इस विषय के संदर्भ में आपको किसी दूसरी वेबसाइट पर जाने की जरूरत ना पड़े. अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो या कुछ नया सीखने को मिला हो तो कृपया इसे दूसरे सोशल मीडिया नेटवर्क पर शेयर जरुर करें.