IPO क्या है? इन दिनों आईपीओ (IPO) चर्चा का विषय बना हुआ है. IPO के बारे में बहुत कम लोगों को पता है. बड़ी कंपनियां भी अपना IPO बाजार में ला रही हैं. कोरोना महामारी के बाद शेयर बाजार खुलने के कुछ समय बाद ही IPO मार्केट मे आने लगे हैं.
इन आईपीओ से निवेशकों को भी बहुत लाभ हुआ है. लेकिन क्या आप जानते हैं IPO क्या है (IPO in Hindi) और यह किस तरह काम करता है? अगर नहीं तो आइये इस लेख के द्वारा IPO के बारे में विस्तृत जानकारी लेते हैं .
आईपीओ (IPO) क्या है? – What is IPO in Hindi?
आईपीओ यानी जब कोई भी कंपनी पहली बार अपने शेयर को जनता के सामने लाती है और उन्हें अपने शेयर पर निवेश करने के लिए ऑफर करती है. जिससे निवेशकों को शेयर की हिस्सेदारी मिल जाती है और कंपनियों को अपने बिज़नेस के लिए पूंजी मिल जाती है.
What is IPO in Share Market
कोई भी कंपनी पूंजी एकत्रित करने के लिए अपने शेयर को पब्लिक के सामने लाती है. जिससे कंपनी को अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए व आवश्यक खर्चों के लिए पूंजी मिल जाती और पब्लिक को इसके बदले में उतने ही पैसे के शेयर मिल जातें हैं. कंपनी IPO से शेयर मार्किट मे लिस्ट हो जाती है, जिससे कंपनी का लाभ हानि शेयर मार्किट के उतार चढ़ाव पर निर्भर हो जाता है .
आईपीओ की फुल फॉर्म – IPO Full Form in Hindi
आईपीओ (IPO) की फुल फॉर्म इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (Initial Public Offering) यानी जनता के सामने प्रस्ताव .
IPO कैसे काम करते हैं?
जब कोई कंपनी अपना IPO मार्केट में लाती है तो वह प्राइवेट कंपनी से पब्लिक कंपनी में परिवर्तित हो जाती हैं. वह कंपनी पब्लिक से फंड जुटाने के लिए अपने कुछ शेयर्स का प्राइस फिक्स करती है और उन शेयर्स को निवेशकों के लिए निकाल देती है. उसके बाद उन शेयर्स पर प्रभाव शेयर मार्किट के अनुसार होता है.
IPO को लाने का कारण?
IPO लाने का मुख्य कारण फंड को एकत्रित करना. कुछ छोटी कंपनियां अपने बिज़नेस की तरक्की के लिए और अपने बिज़नेस के आवश्यक खर्चों के लिए अपने कुछ शेयर्स को मार्किट में IPO के माध्यम से लाती है और उन्हें निवेशकों को दे देती हैं, जिससे कंपनी को फंड मिल जाता है और निवेशकों को कंपनी के शेयर्स की भागीदारी मिल जाती हैं .
IPO अलॉटमेंट प्रोसेस
IPO के अंदर 3 प्रकार के निवेशक होते हैं
1 QIB ( Qualified Institutional Buyers )
2 HIN ( High Net Worth Investors ) , NII ( Non Institutional Investors )
3 Retail Investors
1. QIB ( Qualified Institutional Buyers )
QIB मतलब संस्थाएं जो आम जनता के लिए investment करते हैं जैसे Mutual Fund , Provident Fund, Insurance Company. QIB बहुत बड़े कैपिटल के साथ इन्वेस्ट करते हैं. IPO में हर केटेगरी के लिए कोटा रिज़र्व रखा जाता है. QIB के लिए ज्यादा से ज्यादा 50% कोटा रिज़र्व रखा जा सकता है.
2. Non Institutional Investors or HIN
इस केटेगरी में Individual Investors, NRI or HUF आते हैं. आईपीओ में 15% कोटा इस केटेगरी के लिए रिज़र्व रखा जाता है. इसमें 2 लाख से ज्यादा की बिड लगा सकते हैं .
3. Retail Investors
इस कैटेगरी में आम जनता आती हैं. इस कैटेगरी के लिए 35% कोटा रिज़र्व रखा जाता है. इसमें 2 लाख से कम की बिड लगा सकते हैं . IPO में बिड लगाने के कुछ दिन बाद अलॉटमेंट प्रोसेस होती हैं. आईपीओ में 1 या 2 शेयर नहीं खरीद सकते है. आईपीओ इशू करने वाली कंपनी एक लोट साइज़ decide करती है, हमें उस लोट साइज़ मे ही शेयर्स खरीदना होता है. मान लेते हैं कोई कंपनी अपना शेयर Rs.1000 फिक्स करती है और अपना लोट साइज़ 14 शेयर का रखा है, तो आपका 1 लोट शेयर Rs. 14000 का हो जाएगा. आईपीओ में कम से कम 1 लोट का बिड लगाना होता है. आईपीओ में यदि 1 से 18 लोट तक बिड लगाने वाले रिटेल इन्वेस्टर्स में आते हैं और आपके 18 लोट की बिड Rs. 200000 के अंतर्गत आती है. यदि 18 लोट से ज्यादा की बिड लगाते हैं तो HNI ( High Network Investor ) के अंतर्गत आते हैं क्योंकि 18 लोट से ऊपर की बिड लगाने पर Rs. 200000 से ऊपर चली जाएगी .
IPO में कैसे निवेश करें?
आईपीओ में निवेश करने के लिए सबसे पहले Demat Account खोलना होगा. Demat Account किसी भी अच्छी ब्रोकिंग फर्म से भी खोल सकते हैं. अब शेयर अलॉटमेंट का प्रोसेस Demat फॉर्म में होता है. इसलिए demat अकाउंट होना अनिवार्य है. इसमें लेनदेन चेक और कैश में नहीं होता है बल्कि demat account से जुड़े खाते से होता है.
क्या आईपीओ में निवेश करना अच्छा है?
आईपीओ में निवेश करना निवेशकों के लिए काफी हद तक अच्छा रहता है, लेकिन इसके लिए निवेशकों को उस कंपनी की पूरी जानकारी होनी चाहिए. वैसे भी कंपनियां अपना आईपीओ बाज़ार मे तेज़ी के दिनों मे ही निकालती है. नई कंपनियां अपने बिज़नेस की तरक्की के लिए या कर्ज उतारने के लिए फंड आईपीओ से एकत्रित करती है. पिछले समय मे लगभग जितने भी आईपीओ मार्केट में आये हैं उन सब ने अच्छा रिटर्न दिया है .
IPO पैसे कैसे कमाता है?
कंपनी अपने कुल शेयर्स में से कुछ शेयर्स आईपीओ के माध्यम से मार्केट में निकालती है, जिससे कंपनी को फंड मिल जाता है. उस फंड से कंपनी अपने लेवल को बढ़ाती है और दूसरी जगह भी इन्वेस्ट करती है, जिससे उसका प्रॉफिट और उसकी वैल्यू दोनों बढ़ती है. जितनी जयादा वैल्यू बढ़ती जाएगी उतने ही निवेशक निवेश करेंगे .
IPO से लाभ
आईपीओ में निवेशक अच्छा रिटर्न कमाने के लिए निवेश करते हैं. अधिकतर आईपीओ में निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिलता भी है. आईपीओ में शेयर खरीदने के लिए पहले से बुकिंग करनी पड़ती है. शेयर की बुकिंग 3,5 या 7 दिन के लिए खुलती है, इसके बाद बुकिंग बंद हो जाती है. साल 2021 में 40 से अधिक आईपीओ launch हुए है और इनमे से अधिकतर कंपनी के आईपीओ ने निवेशकों को बहुत अच्छा रिटर्न दिया है. कुछ आईपीओ के बेस प्राइस बहुत कम थे और उनका रिटर्न बहुत अच्छा मिला. आजकल नई कंपनियां निवेशकों को डबल रिटर्न दे रही हैं, लेकिन पुरानी कंपनियों को अच्छे रिटर्न के लिए काफी मेहनत करनी पड़ रही है. इसलिए जरुरी नहीं की अच्छा रिटर्न मिले कई बार कम रिटर्न से संतोष करना पड़ता है .
IPO के नुकसान
जिस तरह किसी भी कंपनी के आईपीओ के फायदे है. उसी तरह बिना पूरी जानकारी के निवेश जोखिमपूर्ण होता है. अभी हाल के दिनों में PAYTM ने अपना आईपीओ मार्केट में Launch किया है और उसके base price भी ज्यादा था लेकिन Launch के दिनों में PAYTM के शेयर की मार्केट डाउन हो गई. जिससे निवेशकों के करोड़ों रुपया डूब गया. इसलिए जिस भी कंपनी आईपीओ लेना हो पहले उसकी कम्पलीट जानकारी होनी चाहिए .
आईपीओ पर सेबी (SEBI) की राय
अभी हाल के दिनों में सेबी ने न्यू टेक कंपनियों के आईपीओ के लिए एक डिस्कशन पेपर जारी किया गया है. इस पेपर के अंतर्गत आईपीओ के लिए कंपनियों को आबंटित शेयरों की संख्या में से 50 फीसदी शेयर के साथ-साथ एंकर निवेशकों के लिए लॉक इन 30 दिन से बढ़ाकर 90 दिन का प्रस्ताव चल रहा है. इस डिस्कशन पेपर के मुताबिक नए ज़माने की कंपनियों को आईपीओ से जुटाई गई रकम की पूरी डिटेल्स देनी होगी कि वह उस रकम का इस्तेमाल कैसे करेगी. आईपीओ की अधिकतम 35% रकम ही इनऑर्गेनिक ग्रोथ के लिए रख सकती है .
Conclusion
आशा करता हूँ कि मेरे द्वारा लिखे गए लेख “IPO क्या है” से आप IPO के बारें में अच्छी तरह समझ गए होंगे. IPO में शेयर खरीदने समय समझदारी बरतें. उस कंपनी की पूरी जानकारी लेने के बाद ही शेयर खरीदें अन्यथा यह जोखिमपूर्ण हो सकता है.