रूस और यूक्रेन के बीच तनाव अपने चरम पर है. इन दोनों देशों के बीच कभी भी युद्ध छिड़ सकता है. यूरोपीय महाशक्तियां इन दोनों देशों के बीच उत्पन्न तनाव को शांतिपूर्ण तरीके से निपटाना चाहती है. रूस और यूक्रेन के बीच पैदा हुए इस तनाव की वजह यूक्रेन का NATO में शामिल होने की घोषणा करना है. रूस नहीं चाहता कि नाटो सेनाएँ उसके पड़ोसी देश यूक्रेन तक अपनी पहुँच बनाएं. यूक्रेन का NATO में शामिल होने को रूस अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानता है, क्योंकि यूक्रेन की सीमा रूस के साथ लगती है.
यह न्यूज़ सुनने के बाद आपके मन में ये सवाल जरूर आया होगा कि आखिर ये NATO क्या होता है और NATO का कार्य क्या है? इसलिए आज के इस लेख में मै आपके साथ NATO से जुड़ी सभी जानकारियां शेयर करूंगी, जिन्हें पढ़ने के बाद आपको नाटो से संबंधित सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे. तो चलिए बढ़ते हैं आगे और जानते हैं NATO की पूरीजानकारी हिंदी में.
NATO क्या है? – What is NATO in Hindi
नाटो एक संधि के आधार पर बना अंतर सरकारी सैन्य संगठन है, जिसमें उत्तरी अमेरिका और यूरोप के 30 स्वतंत्र देश शामिल हैं. नाटो का मतलब उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन है. नाटो की स्थापना की शुरुआत तब की गई जब मार्च 1947 में फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम ने सोवियत संघ के जर्मनी के हमले करने की स्थिति में गठबंधन बनाने के लिए “डनकर्क की संधि” पर हस्ताक्षर किए थे.
अगले कुछ वर्षों में संधि का विस्तार किया गया और NATO में कुछ और देशों को शामिल किया गया. इसे वाशिंगटन संधि के नाम से जाना जाता है, जिस पर अप्रैल 1949 में हस्ताक्षर किए गए थे. इस संगठन का उद्देश्य इसके सदस्य देशों की सामूहिक सुरक्षा करना है.
नाटो का उद्देश्य क्या है?
नाटो की स्थापना द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद की गई थी. इसका उद्देश्य यूरोप में शांति सुनिश्चित करना, इसके सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना और उनकी आजादी की सुरक्षा करना है. यह सब उस समय सोवियत संघ से उत्पन्न खतरे का मुकाबला करने के संदर्भ में किया गया था. सन 1949 में वाशिंगटन में गठबंधन की स्थापना संधि पर एक दर्जन यूरोपीय और उत्तरी अमेरिकी देशों द्वारा हस्ताक्षर किए गए. यह अपने मित्र राष्ट्रों को लोकतंत्र, व्यक्तिगत आजादी और कानून के शासन के साथ-साथ विवादों के समाधान के लिए प्रतिबद्ध करता है.
महत्वपूर्ण रूप से संधि सामूहिक सुरक्षा के विचार को निर्धारित करती है, अर्थात किसी एक मित्र देश पर हमला होने की स्थिति में सभी मित्र देशों पर हमला माना जाएगा. अटलांटिक संधि संगठन यह सुनिश्चित करता है कि इसके यूरोपीय सदस्य देशों की सुरक्षा अविभाज्य रूप से उत्तरी अमेरिकी सदस्य देशों से जुड़ी हुई है. इसके साथ ही संगठन पूरे अटलांटिक में वार्ता और सहयोग के लिए एक अनूठा मंच भी प्रदान करता है.
NATO के सदस्य देश कौन-कौन से हैं?
NATO के सदस्य देशों में 30 देश शामिल हैं जिनके नाम कुछ इस प्रकार हैं:
1. Albania
2. Belgium
3. Bulgaria
4. Canada
5. Croatia
6. Czech Republic
7. Denmark
8. Estonia
9. France
10. Germany
11. Greece
12. Hungary
13. Iceland
14. Italy
15. Latvia
16. Lithuania
17. Luxembourg
18. Montenegro
19. Netherlands
20. North Macedonia
21. Norway
22. Poland
23. Portugal
24. Romania
25. Slovakia
26. Slovenia
27. Spain
28. Turkey
29. United Kingdom
30. United States
नाटो का फुल फॉर्म क्या है? – NATO Full Form in Hindi
NATO का फुल फॉर्म है “North Atlantic Treaty Organization”. हिंदी में मतलब है “उत्तर अटलांटिक संधि संगठन”.
NATO Structure in Hindi
NATO की संरचना जटिल और बहुआयामी है. निर्णय लेने का काम North Atlantic Council (NAC) द्वारा किया जाता है और सदस्य देशों के प्रतिनिधि भी Defence Policy and Planning Committee (DPPC) और Nuclear Planning Group (NPG) पर बैठते हैं. इसके नीचे NATO के महासचिव नागरिक अंतरराष्ट्रीय कर्मचारियों को निर्देश देते हैं, जो कि प्रशासनिक विभागों, दफ्तरों और अन्य संगठनों में विभाजित किए हुए होते हैं. NAC, DPPC और NPG के लिए भी कई जिम्मेदार समितियां हैं जो NATO की संचालन और मानकीकरण एजेंसियों की निगरानी करती हैं.
NATO Military Committee सैन्य मामलों में NAC को सलाह और सहायता प्रदान करती है. Defence Planning Committee, जो अपनी output को Division of Defence Policy को निर्देशित करता है, एक नाममात्र नागरिक विभाग है जो Military Committee के अंतरराष्ट्रीय Military Staff के साथ मिलकर कार्य करता है. सभी एजेंसियों और संगठनों को या तो नागरिक प्रशासनिक या सैन्य कार्यकारी भूमिकाओं में एकीकृत किया जाता है. इनके द्वारा किए जाने वाले अधिकांश कार्य और भूमिकाएं directly और indirectly पूरे गठबंधन की सुरक्षा भूमिका का समर्थन करते हैं.
नाटो के महासचिव कौन है?
वर्तमान में नाटो के महासचिव नॉर्वे के पूर्व प्रधानमंत्री Jens Stoltenberg हैं. उन्होंने 01 अक्टूबर 2014 को अपना पदभार संभाला. महासचिव के रूप में स्टोल्टेनबर्ग के मिशन को एक और चार साल के कार्यकाल के लिए बढ़ा दिया गया था, यानी कि वह 30 सितंबर, 2022 तक नाटो का नेतृत्व करेंगे.
नाटो का गठन कब किया गया?
नाटो की स्थापना वर्ष 1949 में अमेरिका, कनाडा और अन्य पश्चिमी यूरोपीय देशों द्वारा सोवियत संघ के खिलाफ सामूहिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए की गई.
नाटो का मुख्यालय कहाँ है?
नाटो का मुख्यालय ब्रुसेल्स (Brussels), बेल्जियम (Belgium) में स्थित है.
Conclusion
मैं उम्मीद करती हूँ आपको मेरा यह लेख “NATO क्या है और इसके सदस्य देश कौन-कौन से हैं” जरूर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है NATO Full Form in Hindi से जुड़ी हर जानकारी को सरल शब्दों में explain करने की ताकि आपको इस विषय के संदर्भ में किसी दूसरी website पर जाने की जरूरत ना पड़े.
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