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परमाणु बम क्या है? जानें इससे कितना नुकसान होता है

परमाणु बम क्या है (What is Nuclear Bomb in Hindi) सन 1945 में अमेरिका द्वारा जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर किए गए परमाणु हमले को देख दुनिया दहल उठी थी. क्षण भर में दोनों शहर शमशान में तब्दील हो गए थे. इमारतें बुरी तरह से तबाह हो गईं थी और लाखों की संख्या में लोगों की मौत हुई. खतरनाक रेडिएशन के प्रभाव से 1945 के अंत तक लोगों की जाने जाती रही. इतने वर्षों बाद आज भी हिरोशिमा में हजारों की संख्या में लोग रेडिएशन से पीड़ित हैं. इस घटना के बाद परमाणु बम को दुनिया का सबसे विनाशकारी हथियार समझा जाने लगा.

लेकिन क्या आप जानते हैं परमाणु बम क्या होता है और कैसे काम करता है, परमाणु बम से कितना नुकसान होता है और परमाणु हमले से कैसे बचा जा सकता है. अगर नहीं तो आज के इस आर्टिकल को अंत तक पूरा जरुर पढ़ें. क्योंकि आज मै आपके साथ परमाणु बम से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां शेयर करूंगा. तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं परमाणु बम की जानकारी हिंदी में.

परमाणु बम क्या है?What is Nuclear Bomb in Hindi

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परमाणु बम सामूहिक विनाश के लिए बनाया गया एक हथियार है, जो परमाणु नाभिकों (Atomic Nuclei) के विभाजन से उत्पन्न हुई एनर्जी का उपयोग करता है. इस प्रक्रिया को परमाणु विखंडन कहा जाता है जो परमाणु बम को जन्म देती है.

जब एक अकेला फ्री न्यूट्रॉन, रेडियो एक्टिव मटेरियल जैसे कि यूरेनियम या प्लूटोनियम के एक परमाणु के नाभिक से टकराता है तो यह दो या तीन और न्यूट्रॉन्स को मुक्त करता है. जब ये न्यूट्रॉन नाभिक से अलग होते हैं तब एक एनर्जी उत्पन्न होती है और ये नए उत्पन्न हुए न्यूट्रॉन्स दूसरे यूरेनियम या प्लूटोनियम के नाभिकों से टकराते हैं और उसी तरीके से उनका विभाजन करते हैं. जिससे और अधिक एनर्जी और न्यूट्रॉन्स पैदा होते हैं.

द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में हिरोशिमा और नागासाकी में युद्ध के दौरान परमाणु बम विस्फोट किए गए थे.

परमाणु बम कैसे फटता है?

प्रत्येक परमाणु (Atom) के केंद्र में एक नाभिक होता है. उस नाभिक को तोड़ कर अलग करने पर या दो नाभिकों को एक साथ जोड़ने के दौरान बड़ी मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है. परमाणु हथियार इसी ऊर्जा का इस्तेमाल विस्फोट करने के लिए करते हैं. 

आधुनिक परमाणु हथियार केमिकल विस्फोटकों का संयोजन, परमाणु विखंडन, और परमाणु संलयन के द्वारा काम करते हैं. विस्फोटक परमाणु सामग्री को compress करते हैं जिससे विखंडन होता है, जो X-Ray के रूप में विशाल मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न करता है. इससे पैदा हुए उच्च तापमान और दबाव का उपयोग परमाणु संलयन में किया जा सकता है.

परमाणु बम का आविष्कार किसने किया?

परमाणु बम का आविष्कार Robert Oppenheimer ने किया था. इन्हें “फादर ऑफ दी एटॉमिक बॉम्ब” के नाम से भी जाना जाता है. 16 जुलाई, 1945 को, न्यू मैक्सिको के अलामोगोर्डो के पास एक सुदूर रेगिस्तानी स्थान में, पहला परमाणु बम सफलतापूर्वक विस्फोट किया गया था. इसने लगभग 40,000 फीट ऊँचा एक विशाल मशरूम बादल बनाया और इसके साथ ही परमाणु युग की शुरुआत हुई.

परमाणु हथियार कितने प्रकार के होते हैं?

जैसा की हम जानते हैं सभी पदार्थ परमाणुओं (atoms) से बने होते हैं. ये अविश्वसनीय ढंग से बनी तीन अलग-अलग कणों की संरचनाए होती हैं, जिनमें प्रोटॉन्स, इलेक्ट्रॉन्स और न्यूट्रॉन्स शामिल होते हैं. 

प्रत्येक परमाणु के केंद्र पर एक नाभिक होता है, जहाँ neutrons और protons एक साथ निकटता में बंधे होते हैं. अधिकांश नाभिक काफी हद तक स्थिर होते हैं, यानी कि उनके neutrons और protons अपेक्षाकृत स्थिर और अपरिवर्तनीय होते हैं. लेकिन कुछ परमाणु नाभिक स्थिर नहीं होते हैं और वे स्वाभाविक रूप से कुछ कण छोड़ते हैं, जिन्हें साइंस की भाषा में ‘रेडिएशन’ कहा जाता है. जो नाभिक रेडिएशन छोड़ता है उसे रेडियोएक्टिव कहा जाता है और इस प्रक्रिया को ‘रेडियोएक्टिव डिके’ (Radioactive Decay) कहा जाता है. ये Radioactive Decay तीन प्रकार के होते हैं:

  1. Alpha Decay : एक नाभिक एक साथ बंधे दो प्रोटॉन और दो न्यूट्रॉन को बाहर निकालता है, जिसे अल्फा कण के रूप में जाना जाता है
  2. Beta Decay : एक न्यूट्रॉन एक प्रोटॉन, एक इलेक्ट्रॉन और एक एंटीन्यूट्रिनो बन जाता है. उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन को बीटा कण कहा जाता है.
  3. Spontaneous Fission : एक नाभिक दो टुकड़ों में बंट जाता है. इस प्रक्रिया में, यह न्यूट्रॉन को बाहर निकाल सकता है जो न्यूट्रॉन किरणें बन सकता है. नाभिक एक विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा के फटने का उत्सर्जन भी कर सकता है, जिसे गामा किरण के रूप में जाना जाता है. गामा किरणें एकमात्र प्रकार का परमाणु विकिरण है, जो तेज गति वाले कणों के बजाय ऊर्जा से आता है.
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परमाणु हथियार दो प्रकार के होते हैं परमाणु विखंडन (Nuclear Fission) और परमाणु संलयन (Nuclear Fusion).

परमाणु विखंडन 

विखंडन (Fission) के दौरान कुछ भारी परमाणुओं के नाभिक छोटे और हल्के नाभिकों में विभाजित हो जाते हैं और प्रक्रिया के दौरान ऊर्जा छोड़ते हैं. यह स्वाभाविक (Spontaneously) भी हो सकता है, लेकिन कुछ नाभिकों में बाहर से भी प्रेरित किया जा सकता है. एक न्यूट्रॉन की नाभिक के साथ टक्कर करवाई जाती है और इसे absorb कर लिया जाता है, जिसकी वजह से अस्थिरता और विखंडन होता है. कुछ तत्वों में, जैसे कि यूरेनियम और प्लूटोनियम समस्थानिक में, विखंडन प्रक्रिया के दौरान अतिरिक्त neutrons उत्पन्न होते हैं, जो कि एक चैन रिएक्शन ट्रिगर कर सकते हैं यदि वे नजदीकी परमाणुओं द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं.

परमाणु संलयन

संलयन (Fusion) विखंडन का उल्टा है. जब नाभिकों को अत्यधिक तापमान और दबाव के संपर्क में लाया जाता है तब कुछ हल्के नाभिक एक भारी नाभिक बनाने के लिए एक दूजे के साथ जुड़ जाते हैं और इस प्रक्रिया के दौरान ऊर्जा उत्पन्न करते हैं. 

आधुनिक परमाणु हथियार, जो विखंडन और संलयन दोनों का उपयोग करते हैं, एक single warhead द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान संयुक्त रूप से इस्तेमाल किए गए सभी हथियारों की तुलना में एक सेकंड के एक अंश में अधिक विस्फोटक ऊर्जा जारी कर सकते हैं, जिसमें जापान पर गिराए गए फैट मैन और लिटिल बॉय शामिल हैं.

किन-किन देशों के पास कितने परमाणु बम हैं?

दुनिया के नौ देशों के पास परमाणु हथियार है जिनमे शामिल देश कुछ इस प्रकार हैं: संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इजरायल.

परमाणु बमों की संख्या

                  देश                तैनात                  कुल
संयुक्त राज्य अमेरिका                 1700                5500
रूस              1600                6257
यूनाइटेड किंगडम                120                  225
फ्रांस                280                  290
चीन                NA                  350
भारत                NA                  160
पाकिस्तान                0                  165
उत्तर कोरिया                0                  45
इजरायल                0                  90

विश्व में सबसे पहला परमाणु बम परीक्षण कब और किस देश में किया गया था?

16 जुलाई, 1945 के दिन सुबह 5:30 बजे विश्व के प्रथम परमाणु बम का परीक्षण किया गया था. इस परीक्षण के लिए अमेरिका के अलामोगोर्डो (Alamogordo) के उत्तर के रेगिस्तानी भाग को चुना गया था. इस दौरान परमाणु बम के परीक्षण के लिए एक पहाड़ी के ऊपर 32 टन वजन वाली 100 फुट ऊँची धातु की मीनार पर बम रखा गया था. इस परीक्षण को पहाड़ी से काफी दूर खड़े होकर एक हजार दर्शकों ने इसे देखा था. जैसे ही विस्फोट हुआ एक भयानक आवाज के साथ पूरे क्षेत्र में प्रकाश फ़ैल गया था. 

परमाणु बम से कितना नुकसान होता है?

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परमाणु बम भारी मात्रा में ऊर्जा छोड़ते हैं जिससे विनाश अधिक होता है. परमाणु बम से कितना नुकसान होता है इस बात का अंदाजा आप अमेरिका द्वारा सन 1945 में जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में किए गए परमाणु हमले से हुए नुकसान को देख कर लगा सकते हैं. 

इन दोनों शहरों पर गिराए जाने वाले परमाणु बमों के नाम ‘लिटिल बॉय’ और ‘फैट मैन’ थे. ऐसा कहा जाता है कि जब इन दो शहरों पर परमाणु बम गिराए गए थे तब परिणामस्वरूप 140,000 से अधिक लोग हिरोशिमा में जबकि 74000 से अधिक नागासाकी में 1945 के अंत तक मारे गए थे.

हिरोशिमा में बम गिरने से 15000 टन टीएनटी का विस्फोट हुआ जिसके कारण 70% इमारतें बुरी तरह से तबाह हो गयी. विस्फोट के दौरान 500 मीटर की दूरी तक 90% लोग तीन सप्ताह के अंदर गंभीर जलन या विकिरण की उच्च मात्रा से मर गए थे. 

इस दौरान बम विस्फोट की साइट के पास तापमान लगभग 300,000 डिग्री सेल्सियस और लगभग 4000 डिग्री सेल्सियस जमीन के नीचे होने का अनुमान लगाया गया. जो कि स्टील को आसानी से पिघला सकता है. इस हमले के दौरान काफी तेज आंधी चली जिसकी गति 1005 किलोमीटर प्रति घंटे बताई जाती है और 10 वर्ग किलोमीटर में गहरे गड्ढे बन गए थे. साथ ही 500 मीटर तक 19 टन पर स्क्वायर इंच के हिसाब से दबाव बना, जो किसी भी विशाल इमारत को हवा में उड़ाने के लिए काफी था.

हिरोशिमा में हुए परमाणु बम विस्फोट के एक महीने बाद एक चक्रवात आया जिसके कारण शहर में 2000 लोगों की जान चली गई थी. आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि अमेरिका में 10% बिजली विघटित परमाणु बम से बनी है. 

परमाणु बम से बचने के उपाय

जब हिरोशिमा पर परमाणु हमला करवाया गया तब वहां मौजूद पुलिस वालों ने अपनी जान एटॉमिक चमक दिखने के बाद कुछ खास तरीके से छुपकर बचाई थी. इस प्रक्रिया को ‘डक एंड कवर’ के नाम से जाना जाता है.

‘डक एंड कवर’ एक शॉर्ट फिल्म थी जिसे सन 1951 में कक्षाओं में दिखाया गया था. इस चाइल्ड फ्रेंडली फिल्म को आर्चर प्रोडक्शन के द्वारा बनाया गया था और इस प्रोजेक्ट के लिए FCDA द्वारा फंड जारी किया गया था ताकि बच्चों को सिखाया जा सके कि परमाणु हमला होने की स्थिति में कैसे खुद को बचाया जा सकता है.

इस शॉर्ट फिल्म में ‘Bert the Turtle’ एक एनिमेटेड हीरो (कछुआ) को दिखाया गया है जो विस्फोट होने के दौरान जमीन पर गिर जाता है (डक) और पीछे हटते हुए खुद को अपने खोल में छुपा लेता है (कवर). यह फिल्म बच्चों को बताती है कि हमला होने की स्थिति में इसी तरह जमीन पर लेट जाओ और आश्रय ढूँढो. इस फिल्म को उत्तरी अमेरिका की कक्षाओं के बच्चों को दिखाया गया और दोहराया गया. उन्हें सिखाया गया कि अचानक हमला होने की स्थिति में आश्रय के लिए डेस्क की नीचे चले जाओ और अपने सिर और गर्दन के पीछे वाले हिस्से को कवर कर लो.

क्या यह तरीका सच में बचा सकता है?

सन 1945 में हिरोशिमा और नागासाकी में हुए परमाणु हमले के बाद जीवित बचे लोगों पर रेडिएशन के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए अमेरिकी डॉक्टरों की एक टीम को वहां भेजा गया.

वहां पहुंची टीम ने विशेष रूप से एक प्रश्न लगातार सबसे पूछा की जब हमला हुआ तब वे लोग कहाँ थे. इस दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों को आश्रय दिया गया था वे जिंदा थे और उन लोगों के अपेक्षा अधिक स्वस्थ थे जिन्हें आश्रय नहीं दिया गया था.

परमाणु हमला कैसे होता है और इसका बटन किसके पास होता है?

परमाणु बम क्या होता है यह तो आपने अच्छे से जान लिया, लेकिन क्या आप जानते हैं परमाणु हमला कैसे किया जाता है और किसके आदेश होने पर परमाणु बम छोड़ने का फैसला लिया जाता है.

सबसे पहले आपको बता दूँ की प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति की टेबल पर परमाणु हमला करने का कोई बटन नहीं होता है. अगर कोई देश किसी दूसरे देश पर परमाणु हमला करना चाहेगा तो उसे लंबी प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ेगा.

भारत की बात की जाए तो यहाँ देश के प्रधानमंत्री के पास परमाणु हमले पर आखिरी फैसला करने की शक्ति होती है और प्रधानमंत्री के आदेश मिलने पर ही भारत किसी दूसरे देश पर परमाणु हमला कर सकता है. दरअसल देश का प्रधानमंत्री NCA (न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी) का नेतृत्व करता है, जो परमाणु से जुड़े कार्यों को अंजाम तक पहुंचाती है. प्रधानमंत्री के आदेश मिलने पर ही यह परमाणु संबंधी ऑपरेशन करती है.

प्रधानमंत्री के पास एक स्मार्ट कोड होता है जिसका इस्तेमाल परमाणु बम छोड़ने के दौरान किया जाता है. इस कोड के बिना परमाणु हमला नहीं किया जा सकता. इस स्मार्ट कोड के अलावा भी कई अन्य गोपनीय कार्रवाई की जाती हैं.

प्रधानमंत्री भी इस कोड का इस्तेमाल करने से पहले कैबिनेट कमेटी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, चेयरमैन ऑफ चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी आदि से चर्चा करता है और उसके बाद ही यह फैसला लिया जाता है. भारत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी के शासन में परमाणु बम का परीक्षण किया था.

Conclusion

मैं उम्मीद करता हूँ आपको मेरा यह लेख “परमाणु बम क्या है और इससे कितना नुकसान होता है?” जरूर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है परमाणु बम से जुड़ी हर जानकारी को सरल शब्दों में explain करने की ताकि आपको इस विषय के संदर्भ में किसी दूसरी website पर जाने की जरूरत ना पड़े.

अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो या कुछ नया सीखने को मिला हो तो कृपया इसे दूसरे social media networks जैसे whatsapp, facebook, telegram इत्यादि पर share जरूर करें.

Rahul Chauhan
Rahul Chauhanhttps://hindivibe.com/
Rahul Chauhan, Hindivibe के Author और Founder हैं. ये एक B.Tech डिग्री होल्डर हैं. इन्हें विज्ञान और तकनीक से संबंधित चीजों के बारे में जानना और लोगों के साथ शेयर करना अच्छा लगता है. यह अपने ब्लॉग पर ऐसी जानकारियां शेयर करते हैं, जिनसे कुछ नया सिखने को मिले और लोगों के काम आए.

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