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सोना कैसे बनता है और सोने का उत्पादन कैसे किया जाता है?

क्या आप जानते हैं सोना कैसे बनता है और सोने का उत्पादन कैसे किया जाता है? अगर नहीं तो आज के इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़ें. क्योंकि आज के इस लेख में मैं आपके साथ सोने से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां शेयर करूंगा, जिन्हें जानने के बाद आपको सोना उत्पादन से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे.

सोना एक बेशकीमती धातु है, जिसका इस्तेमाल आभूषण और सजावटी सामान बनाने के लिए किया जाता है. यह धातु देखने में काफी सुंदर और आकर्षक होती है, जो लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचती है. इस धातु पर मौसम का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ता. मतलब यह हर मौसम में बिल्कुल सुरक्षित रहती है. इसलिए सोने की मांग और कीमत निरंतर बढ़ती रहती है.

आज के इस लेख में आपको सोने से जुड़ी सभी जानकारियां हिंदी में पढ़ने को मिलेंगी. जहाँ आप सोना क्या है, सोने का निर्माण कैसे होता है, सोना जमीन से कैसे निकाला जाता है, जमीन के अंदर सोना कैसे पता करते हैं इत्यादि के बारे में विस्तार से जानेंगे. तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं पूरी जानकारी हिंदी में.

सोना क्या है? – What is Gold in Hindi

सोना एक रासायनिक तत्व (chemical element) है, जिसका प्रतीक ‘Au’ है (लैटिन शब्द Aurum से लिया गया) और इसकी परमाणु संख्या 79 है. यह प्राकृतिक रूप से पैदा होने वाले उच्च परमाणु संख्या वाले तत्वों में से एक है.

शुद्ध रूप में यह एक चमकदार, हल्का लाल-पीला, ठोस, नरम, नमनीय और आसानी से परिवर्तित होने वाली धातु है. यह कम से कम प्रतिक्रियाशील रासायनिक तत्वों में से एक है, जो मानक परिस्थितियों में ठोस अवस्था में रहता है. सोना प्राय: मुक्त तत्व के रूप में उत्पन्न होता है, जो छोटे टुकड़ों या अनाज जैसे आकार में होता है. यह चट्टानों और बहते पानी से इकट्ठी हुई मिट्टी में पाया जाता है. सोना सभी धातुओं में सबसे ठोस धातुओं में से एक है. यह heat और electricity का अच्छा सुचालक भी है.

सोना दिखने में काफी सुन्दर धातु है, जिसे काम में लिया जा सकता है. यह ना ही मैला होता है और ना ही केमिकल एक्शन से कमजोर पड़ता है या नष्ट होता है. इसलिए यह मानव का ध्यान आकर्षित करने वाली पहली धातुओं में से एक थी. गहने और अन्य सजावटी वस्तुएं तैयार करने में सोना अत्यधिक पसंदीदा सामग्री बनी हुई है. अपने अद्वितीय गुणों के कारण सोना ऐसी सामग्री है, जिसे वस्तुओं और सेवाओं के बदले हर जगह स्वीकार किया जाता है.

सोना कैसे बनता है या सोने का निर्माण कैसे होता है?How is Gold Formed in Hindi

sona kaise banta hai

सोना प्राकृतिक रूप से पैदा होने वाला तत्व है. हमारी पृथ्वी के गर्भ में बेशकीमती चीजों का विशाल भंडार है, जैसे कि पीने के लिए पानी, सोना, चाँदी, तांबा जैसी धातुएं और पेट्रोलियम खनिज.

सोने के निर्माण की बात की जाए तो वैज्ञानिकों के अनुसार सोना जीवाश्म के कारण धरती के अंदर तैयार हुआ था. जबकि कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि करोड़ो-अरबों वर्ष पूर्व पृथ्वी पर धूमकेतु की वर्षा हुई थी और सभी प्रकार के धातु धरती के अंदर गहराई में समा गए थे. रसायन विज्ञान या केमिकल रिएक्शन के जरिए सोने का निर्माण संभव नहीं है.

सोने का उत्पादन कैसे किया जाता है? – How is Gold Produced in Hindi

आमतौर पर पर सोना बिल्कुल शुद्ध रूप में पाया जाता है, हालांकि इसे सिल्वर, कॉपर, जिंक और लीड से भी निकाला जा सकता है. समुद्री पानी से भी सोना निकाला जाता है, जो कि एक टन पानी से एक ग्रेन सोने का लगभग 40 वां भाग निकलता है. लाभ की दृष्टि से देखा जाए तो यह पर्याप्त नहीं है.

सोना आमतौर पर दो तरह के डिपॉजिट में पाया जाता है. Lode या vein deposit और Placer deposit. सोना निकालने के लिए कौन-सी mining तकनीक का इस्तेमाल होगा यह डिपॉजिट के प्रकार पर निर्भर करता है. माइनिंग तकनीक से सोना निकालने के बाद इसे रिफाइन करने के लिए चार मुख्य प्रक्रियाओं में से किसी एक का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें शामिल है Floatation, Cyanidation, Amalgamation और Carbon-in-pulp.

प्रत्येक प्रक्रिया सोने के अयस्क की शुरुआती पिसाई पर निर्भर करती है और सोने के अयस्क के उसी बैच पर एक से अधिक प्रक्रियाओं का इस्तेमाल भी किया जा सकता है.

माइनिंग प्रक्रिया – Gold Mining Process in Hindi

  1. Lode या Vein Deposit – सोना चट्टानों की vein (छोटी दरारें) में एक चमकीले पत्थर रूपी दूसरे खनिज के साथ मिक्स होता है, जो आसपास की चट्टानों में विभाजन भर देता है. सोने को आसपास की चट्टानों में ड्रिल या ब्लास्ट करके प्राप्त किया जाता है.

Lode (बड़ी दरारें) deposit भूमि के अंदर काफी गहराई तक जाते हैं. भूमि के अंदर माइनिंग के लिए माइनर्स vein के साथ खुदाई करते हैं और इसके बाद नुकीले औजार या छोटे विस्फोटकों का इस्तेमाल कर सोने के अयस्क को चट्टानों से अलग कर देते हैं. अब सोने को इकट्ठा कर रिफाइनिंग के लिए मिल में भेज दिया जाता है.

  1. Placer Deposit – ये सोना अयस्क के बड़े टुकड़े और दाने होते हैं, जो कि lode deposit से नदी की धारा के साथ बहकर आ गए हैं और सामान्य तौर पर रेत या कंक्कड़ के साथ मिक्स हो जाते हैं.

Placer deposit को माइन करने के लिए तीन मुख्य तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है: Hydraulic Mining, Dredging और Power Shoveling. इन सभी तरीकों में गुरुत्वाकर्षण (gravity) का इस्तेमाल बेसिक छंटाई बल के तौर पर किया जाता है. 

Hydraulic Mining – हाइड्रोलिक माइनिंग में Hydraulic giant नामक मशीन का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें उच्च दबाव के साथ पानी की धारा का इस्तेमाल कर सोने के अयस्क पर प्रहार किया जाता है और इन्हें अयस्क लिए किनारों से दूर किया जाता है. अब सोने के अयस्कों को sluice box (बहते पानी से सोना पकड़ने के लिए नालियों सहित बना बॉक्स) या trough (नाँद) में धोया जाता है, जिसमें सोने को पकड़ने के खांचे बने होते हैं.

Dredging ड्रेजिंग तकनीक में माइनिंग के दौरान मटेरियल को नदी से बाहर निकालने के लिए एक बड़े dredge (नदी के तल पर जमा किच्चड़ को साफ़ करने वाली मशीन) में conveyor line के साथ buckets का इस्तेमाल किया जाता है. इसके जरिए नदी से रेत, कंक्कड़ और सोने के अयस्क को निकाला जाता है. इसके बाद पानी का इस्तेमाल कर मटेरियल को छाना जाता है या छंटाई की जाती है.

यह बड़े आकार के कंक्कड़ और पत्थरों को अलग कर देता है और undersize material (जिमसें गोल्ड भी शामिल होता है) को अलग कर sluice box में डाल देता है. इसके बाद रेत और धूल को धोकर अलग कर दिया जाता है और सोना sluice box के खांचों में बैठ जाता है.

छोटी ड्रेजिंग मशीन में conveyor line की जगह suction pipe का इस्तेमाल कर मटेरियल को नदी से बाहर निकाला जाता है और same प्रक्रिया से सोने को प्राप्त किया जाता है.

Power Shoveling – Dredging और Power shoveling में एक जैसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें बड़ी मशीने बेलचों की तरह काम कर बड़ी मात्रा में सोने के साथ रेत और कंक्कड़ को नदी के तल से निकालते हैं.

Hydraulic mining और Dredging को कई देशों में प्रतिबंधित कर दिया गया है. क्योंकि ये भूमि और जलधारा दोनों के लिए पर्यावरणीय रूप से विनाशकारी हैं.

Grinding – पिसाई

जब माइनिंग के बाद सोने के अयस्कों को निकाल लिया जाता है तब आमतौर पर इसे खान पर ही प्रारंभिक शोधन तकनीक के रूप में धोया और फ़िल्टर किया जाता है. इसके बाद इसे मिलों में भेजा जाता है, जहाँ इसे पहले पानी के साथ मिक्स किया जाता है और बाद में छोटे टुकड़ों में पीस लिया जाता है. अब इस मिश्रण को एक बॉल मिल में पीसा जाता है. यह एक घूमता हुआ बेलनाकार (cylindrical) बर्तन है जो अयस्क को कूटने के लिए स्टील बॉल्स का इस्तेमाल करता है.

अयस्क से सोने को अलग करना 

सोने को अयस्क से अलग करने के लिए कई methods है जिनमे से एक का इस्तेमाल किया जाता है.

Floatation (तैरने की क्रिया) – इस क्रिया में सोने को अयस्क से अलग करने के लिए हवा और कुछ केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है. इसके बाद भूमि अयस्क को एक घोल में डाला जाता है, जिसमे frothing agent (जो पानी में झाग पैदा करता है), एक collecting agent (जो सोने के साथ जुड़ कर एक oily film बनाता है जो एयर बबल्स से चिपकती है) और एक organic chemicals का मिश्रण ( जो दूषित पदार्थों को एयर बबल्स के साथ चिपकने से बचाता है) डाला जाता है.

अब पानी में हवा या गैस मिलाई जाती है और बुलबुले (bubbles) उठना शुरू हो जाते हैं. सोना एयर बबल्स के साथ चिपक जाता है. ये बुलबुले पानी के ऊपर तैरने लगते हैं और सोने को बुलबुलों की लेयर के साथ अलग कर लिया जाता है.

Cyanidation – इस क्रिया में भी सोने को अशुद्धियों से अलग करने के लिए कुछ केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है. यहाँ भूमि अयस्क को cyanide के कमजोर घोल वाले टैंक में रख दिया जाता है. इसके बाद zinc को टैंक में डाला जाता है. जिंक की वजह से केमिकल रिएक्शन होता है और अंत में सोना अयस्क से अलग हो जाता है. अब सोने को फिल्टर कर cyanide घोल से अलग कर लिया जाता है.

Amalgamation – Amalgamation प्रक्रिया बिल्कुल Cyanidation प्रक्रिया की तरह ही है, लेकिन इसमें इस्तेमाल किए जाने वाले केमिकल्स थोड़ा अलग हैं. इसमें सबसे पहले भूमि अयस्क को प्लेट्स के ऊपर एक घोल में रखा जाता है जिसे mercury (पारा) के साथ ढ़का जाता है. Mercury सोने को आकर्षित करता है और एक मिश्रधातु (alloy) का निर्माण करता है.

अब इस मिश्रधातु को गर्म किया जाता है जहाँ mercury उबल कर गैस में तब्दील हो जाती है और सोना वहीं रह जाता है. Mercury को इकट्ठा करके recycle कर दोबारा इसी प्रक्रिया में इस्तेमाल कर लिया जाता है. 

Carbon-in-pulp – इस method में भी cyanide का इस्तेमाल होता है, लेकिन यहां सोने को अलग करने के लिए zinc की जगह carbon का प्रयोग किया जाता है. इसमें सबसे पहले भूमि अयस्क को पानी के साथ मिलाकर एक pulp (गूदा) तैयार किया जाता है. अब सोने को घोलने के लिए cyanide को शामिल किया जाता है और उसके बाद gold के साथ बांधने के लिए कार्बन डाला जाता है.

इसके बाद carbon particles को pulp से अलग कर दिया जाता है और इन्हें गर्म caustic (corrosive) carbon solution में रखा जाता है, जो सोने को carbon से अलग कर देता है.

यदि अब भी गोल्ड पर्याप्त शुद्ध नहीं हुआ तो इसे पिघलाया जा सकता है. इसके लिए gold को flux नामक एक chemical substance के साथ गर्म किया जाता है . यह flux अशुद्धियों के साथ बंध जाता है और पिघले हुए सोने पर तैरने लगता है. इसके बाद सोने को ठंडा कर सांचे में डालकर ठोस में बदल दिया जाता है और flux के साथ अशुद्धियों को solid waste के रूप में अलग कर दिया जाता है.

जमीन के अंदर सोना कैसे पता किया जाता है?

जमीन के अंदर सोना पता करने के लिए सबसे पहले भूवैज्ञानिक, ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) का इस्तेमाल कर भूमि में सोने की मौजूदगी का पता लगाते हैं. यह रडार जमीन की मिट्टी का घनत्व और चुम्बकीय गुणों की मौजूदगी को रिकॉर्ड करता है. इसके आधार पर ग्राफ तैयार किया जाता है और अनुमान लगाया जाता है कि मिट्टी के नीचे कौन-कौन से तत्व हो सकते हैं. इसके बाद सटीक जानकारी के लिए जमीन के अंदर ड्रिलिंग कर थोड़ा मलबा बाहर निकाला जाता है और उसका विश्लेषण किया जाता है. इस तरीके से जमीन के नीचे मौजूद धातु की सही जानकारी (तांबा, चाँदी, सोना, जस्ता) प्राप्त कर जमीन को खोदना शुरू किया जाता है.

सबसे अधिक सोना उत्पादन करने वाले देश कौन-कौन से हैं?

वर्ष 2020 में, दुनिया में सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाला देश चीन था, जो कि कुल वैश्विक उत्पादन का 11 प्रतिशत सोना उत्पादन करता है. जबकि बात की जाए सोने के भंडार की तो यह अमेरिका के पास सबसे ज्यादा है. मौजूदा समय में अमेरिका के पास 8,135 टन सोना मौजूद है.

यहाँ मै आपको सोने के वार्षिक उत्पादन के साथ 10 देशों के नाम बताने जा रहा हूँ जो इस प्रकार हैं:

  1. चीन – 368.3
  2. रूस – 331.1
  3. ऑस्ट्रेलिया – 327.8
  4. संयुक्त राज्य अमेरिका – 190.2
  5. कनाडा – 170.6
  6. घाना – 138.7
  7. ब्राजील – 107.0
  8. उज़्बेकिस्तान – 101.6
  9. मेक्सिको – 101.6
  10. इंडोनेशिया – 100.9

सोने में कैरेट क्या होता है? – What is Carat in Gold in Hindi

gold-jewellery

सोने में कैरेट शब्द का इस्तेमाल सोने की शुद्धता मापने के लिए किया जाता है. यदि किसी Gold के साथ 24 कैरेट गोल्ड लाइन का इस्तेमाल होता है तो यह उच्च कोटि का बिल्कुल शुद्ध सोना है. यानी कि जितना ज्यादा कैरेट होगा, सोना उतना ही अधिक शुद्ध और महंगा होगा.

अगर सोना 24 कैरेट का है तो वह बिल्कुल शुद्ध या सौ प्रतिशत सोना कहलाएगा. इसका मतलब सोने में सभी 24 भाग बिल्कुल शुद्ध सोना है और इसमें कोई दूसरा धातु नहीं मिलाया गया है. 24 कैरेट का सोना 99.9 प्रतिशत बिल्कुल शुद्ध चमकीला पीले रंग का सोना होगा. 24 कैरेट सोने का बिल्कुल शुद्ध रूप होता है, इससे अधिक कैरेट में सोना नहीं हो सकता.

24 कैरेट सोना जो कि शुद्ध सोना होता है, बिल्कुल मुलायम अवस्था में होता है, क्योंकि इसमें किसी दूसरे धातु का इस्तेमाल नहीं होता. इसलिए 24 कैरेट सोने से आभूषण बनाना संभव नहीं है और इसका इस्तेमाल केवल सोने की ईंट, प्लेट, सिक्के और बिस्कुट इत्यादि बनाने में किया जाता है.

आभूषण बनाने के लिए 22 कैरेट सोने का इस्तेमाल किया जाता है. 22 कैरेट सोना कम शुद्ध होता है 24 कैरेट सोने के मुकाबले में और इसमें सोने की मात्रा 91.6 प्रतिशत ही होती है. जबकि 8.3 प्रतिशत अन्य धातु मिलाई जाती है. इससे सोना मजबूत बन जाता है और लचीलापन दूर हो जाता है. आपकी जानकारी के लिए बता दूँ की 22 कैरेट सोने को 916 सोना भी कहा जाता है. 

जितना कैरेट सोना घटता जाएगा उतनी ही सोने की शुद्धता घटती जाएगी.

24 कैरेट सोना – 99.99 % शुद्धता

22 कैरेट सोना – 91.6 % शुद्धता 

18 कैरेट सोना – 75 % % शुद्धता

14 कैरेट सोना – 58.33 % शुद्धता

12 कैरेट सोना – 50 % शुद्धता

10 कैरेट सोना – 41.7 % शुद्धता

सोने की मजबूती बढ़ाने के लिए उसके साथ कौन-सा पदार्थ इस्तेमाल किया जाता है?

जैसा कि पहले मैंने आपको बताया कि 24 कैरेट सोना शुद्ध तो होता है, लेकिन अधिक लचीला होने की वजह से उससे आभूषण बनाना संभव नहीं है. इसलिए सोने की मजबूती बढ़ाने के लिए उसके साथ ताँबा, चाँदी, निकिल और जस्ता आदि धातु का प्रयोग किया जाता है.

सोना इतना महंगा क्यों है?

अक्सर लोगों के मन में यह सवाल जरूर उठता है कि सोना इतना महंगा क्यों है और इसकी वजह क्या है. सोना महंगा होने के पीछे ये पांच कारण हैं:

  1. सोना एक दुर्लभ धातु है जो दुनिया में बहुत कम मात्रा में पाई जाती है.
  2. सोना किसी भी मौसम में ख़राब नहीं होता. यानी की इसपर बारिश, हवा, सर्दी, गर्मी का कोई प्रभाव नहीं पड़ता. इसलिए इसे लंबे समय तक स्टोर करके रखा जा सकता है.
  3. सोना अत्यधिक सुंदर धातु है जो हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करता है. इसलिए आभूषण और कीमती सजावट के सामानों में इसका उपयोग किया जाता है जिससे इसकी मांग अधिक रहती है.
  4. सोने की उत्पादन प्रक्रिया काफी महंगी है, क्योंकि सोने को जमीन से निकालने और इसे शुद्ध रूप में प्राप्त करने के लिए काफी पैसा खर्च होता है.
  5. सोने की मांग हमेशा बढ़ती रहती है इसलिए इसकी कीमत में भी इजाफा होता रहता है. क्योंकि लोग सोना खरीद कर सुरक्षित इन्वेस्टमेंट करते हैं जो आगे चलकर कीमत बढ़ने के बाद काफी प्रॉफिट प्रदान करता है. 

Conclusion

उम्मीद करता हूँ आपको मेरे द्वारा बताई गई जानकारी “सोना कैसे बनता है और सोने का उत्पादन कैसे किया जाता है?” जरूर पसंद आई होगी. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है सोना उत्पादन से संबंधित सभी जानकारियां आप तक पहुंचाने की ताकि इस विषय के संदर्भ में आपको किसी दूसरी वेबसाइट पर जाने की जरूरत ना पड़े.

अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो या कुछ नया सीखने को मिला हो तो कृपया इसे दूसरे सोशल मीडिया नेटवर्क पर शेयर जरुर करें. 

Rahul Chauhan
Rahul Chauhanhttps://hindivibe.com/
Rahul Chauhan, Hindivibe के Author और Founder हैं. ये एक B.Tech डिग्री होल्डर हैं. इन्हें विज्ञान और तकनीक से संबंधित चीजों के बारे में जानना और लोगों के साथ शेयर करना अच्छा लगता है. यह अपने ब्लॉग पर ऐसी जानकारियां शेयर करते हैं, जिनसे कुछ नया सिखने को मिले और लोगों के काम आए.

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