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व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी विवाद क्या है?

मैसेजिंग ऐप WhatsApp अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी (WhatsApp new Privacy Policy in Hindi) को लेकर पिछले काफी समय से चर्चा में बना हुआ है. व्हाट्सऐप और सरकार के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है. लेकिन व्हाट्सएप यूजर के लिए एक राहत भरी खबर है कि व्हाट्सऐप ने भारत में 15 मई से लागू होने वाली नई प्राइवेसी पॉलिसी को फिलहाल टाल दिया है और इसकी समयसीमा 19 जून तक कर दी गई है.

व्हाट्सऐप की पॉलिसी को लेकर सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने सात दिन का नोटिस व्हाट्सएप को दे दिया है. आइये जानते हैं कि व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी विवाद क्या है और इसका क्या निवारण होगा.

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व्हाट्सऐप की नई पॉलिसी क्या है? – WhatsApp New Privacy Policy in Hindi

व्हाट्सऐप ने सबसे पहले नई पॉलिसी 8 फरवरी को लागू की थी लेकिन उसकी समयसीमा को 15 मई तक बढ़ा दिया था. अब इसकी समयसीमा को 19 जून तक बढ़ा दिया है. इस नई प्राइवेसी पॉलिसी के अंतर्गत जो भी यूजर व्हाट्सएप की शर्तों को नहीं मानेगा उसके अकाउंट को बंद कर दिया जाएगा. इसके लिए इन एक्टिव यूजर्स पॉलिसी लागू होगी. जिसके अंतर्गत एक्सेप्ट नहीं करने वाले यूजर्स की पूरी मैसेज हिस्ट्री को व्हाट्सएप परमानेंट डिलीट कर देगा जिसके कारण यूजर को मैसेज हिस्ट्री वापस नहीं मिलेगी. इस पॉलिसी में यूजर जो कंटेंट अपलोड, स्टोर, सेंड या रिसीव करते हैं तो कंपनी इसका डाटा अपनी पैरेंट कंपनी फेसबुक के साथ शेयर कर सकती है. 

भारत सरकार का बयान

प्राइवेसी पॉलिसी विवाद पर व्हाट्सऐप और सरकार एक दुसरे के आमने सामने खड़े हैं. सरकार ने पॉलिसी वापस लेने के लिए 7 दिन के अंदर नोटिस का जवाब माँगा था. सात दिन के भीतर संतोषजनक जवाब न मिलने पर कानून के अनुरूप जरूरी कदम उठाए जाएंगे. सरकार का कहना है कि यह सीधे तौर पर लोगों की निजता पर हमला और डाटा सिक्योरिटी के अधिकार को खत्म करने वाली है और उन्हें शर्तों को मानने के लिए मजबूर किया जा रहा है. यूरोप और भारत में व्हाट्सएप की पॉलिसी अलग- अलग है. इसे सरकार ने भारतीय यूजर्स के लिए भेदभाव वाला बताया है.

व्हाट्सऐप का बयान

सरकार ने जो 7 दिन के अंदर जो जवाब माँगा था, व्हाट्सऐप ने अब भारत सरकार को अपना जवाब दे दिया है. व्हाट्सऐप का क्या जवाब है आइये जानते हैं-

  • व्हाट्सऐप का कहना है कि हम पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं करेंगे.
  • यूजर्स को नई पॉलिसी एक्सेप्ट करने का लगातार रिमाइंडर देंगे.
  • नई पॉलिसी किसी भी यूजर के प्राइवेट चैट में बदलाव के लिए नहीं है, बल्कि इसमें यूजर का डाटा पूरी तरह सुरक्षित है.
  • व्हाट्सऐप के अनुसार जब तक पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन लॉ नहीं आ जाता तब तक कोई बदलाव नहीं होंगे और लोगों को रिमाइंड कराते रहेंगे.
  • कंपनी ने किसी भी यूजर द्वारा पॉलिसी एक्सेप्ट न करने पर उसके अकाउंट बंद होने वाली बात को बाद में ऑप्शन बता दिया था .
  • बिना यूजर की सहमति के उसका डाटा किसी को भी दिया नहीं जा सकता क्योंकि लोगों की पर्सनल चैट एनक्रिप्टेड (Encrypted) फॉर्म में रहती है, जिसे न तो व्हाट्सएप और न ही कोई थर्ड पार्टी देख सकती है.
  • नई पॉलिसी सिर्फ बिजनेस अकाउंट के लिए है.

कंपनी के रिमाइंडर का यूजर्स पर प्रभाव

कंपनी ने कहा है कि किसी का भी व्हाट्सएप अकाउंट डिलीट नहीं होगा बल्कि उसको रिमाइंडर भेजकर याद दिलाते रहेंगे. बार-बार रिमाइंडर भेजने पर भी नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार नहीं करने वाले यूजर्स पर अंत में इनएक्टिव यूजर्स संबंधित व्हाट्सएप की पॉलिसी नीति लागू होगी. यूजर्स व्हाट्सऐप पर आने वाली कुछ सुविधाओं व फीचर्स का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. हालांकि अभी इसकी कोई समय सीमा की पुष्टि  नहीं की गई है.

व्हाट्सऐप का कोर्ट में जवाब

व्हाट्सऐप ने कोर्ट में नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर याचिका दायर की थी. जिसकी सुनवाई 17 मई को हुई. सरकार की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि व्हाट्सएप नई पॉलिसी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (IT) कानून का उल्लंघन हैं. जबकि व्हाट्सऐप का कहना है कि अन्य प्लेटफ़ॉर्म जैसे ओला, ट्रू कॉलर, जोमैटो और आरोग्य सेतु ऐप भी यूजर्स का डेटा यूज़ करती है, वैसे ही डेटा हम ले रहें हैं. जबकि दुसरे प्लेटफ़ॉर्म के मुकाबले हम यूजर्स की सहमती से डेटा ले रहें हैं. कंपनी ने इतना क्लियर कर दिया है कि नई पॉलिसी स्वीकार ना करने पर यूजर्स का अकाउंट बंद नहीं किया जाएगा.

WhatsApp पर क्या हो सकती है कार्यवाही?

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपने एक बयान में कहा है कि केंद्र सरकार अपने नागरिकों की निजता के अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है. अगर व्हाट्सएप सरकार की गाइडलाइन को नहीं मानता है तो वह अपना स्टेटस खो सकता है. हालांकि सरकार की तरफ से पूरी तरह बैन किया जाएगा या नहीं फ़िलहाल अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई हैं.

Conclusion

मैसेजिंग ऐप WhatsApp जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की आईटी मंत्रालय के साथ लगातार बातचीत हो रही है, ये तो भविष्य में ही पता चलेगा की यह प्लेटफॉर्म सरकार की नई गाइडलाइन का पालन करेगा या इस पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. अब करोड़ों उपयोगकर्ताओं को इंतजार है कि सरकार क्या फैसला लेती हैं.

आशा करता हूँ आपको मेरा यह लेख “व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी विवाद” जरूर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है इस विषय से संबंधित हर जानकारी को सरल भाषा में समझाने की. अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो या कुछ नया सीखने को मिला हो तो कृपया इसे अपने दोस्तों और परिजनों के साथ शेयर जरुर करें.

Bhupender Chauhan
Bhupender Chauhanhttps://hindivibe.com/
भूपेंद्र चौहान Hindivibe के Co-Founder और Author हैं. इन्हें सामान्य जानकारियों के बारे में जानना और लोगों के साथ शेयर करना अच्छा लगता है. इन्हें ऐसे content लिखना पसंद हैं जिनसे कुछ नया सीखने को मिले और लोगों के काम आए.

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