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जानिए ई-पासपोर्ट क्या है और कैसे काम करेगा?

वर्ष 2022 का बजट पेश करने के दौरान भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा ऐलान किया गया कि सरकार जल्द ही देशवासियों के लिए ई-पासपोर्ट की सुविधा उपलब्ध कराएगी. इस ऐलान के बाद इंटरनेट पर ई-पासपोर्ट क्या है और कैसे काम करेगा, ई-पासपोर्ट की शुरुआत कब होगी जैसे सवालों के जवाब सर्च किए जाने लगे.

आज के इस आर्टिकल में आप E-Passport से जुड़े सभी सवालों के जवाब जानेंगे, जहां E-Passport क्या होता है, E-Passport की विशेषताएं और यह कैसे काम करता है इत्यादि के बारे में बताया जाएगा. तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं ई-पासपोर्ट से जुड़ी पूरी जानकारी.

E-Passport क्या है?What is E-Passport in Hindi

e-passport kya hai

ई-पासपोर्ट (इसे बायोमेट्रिक पासपोर्ट या डिजिटल पासपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है) एक सामान्य फिजिकल पासपोर्ट की तरह ही काम करता है. यह Radio Frequency Identification (RFID) और Biometric तकनीक पर आधारित है. इसमें एक इलेक्ट्रॉनिक चिप का इस्तेमाल किया जाता है जो पासपोर्ट धारक का बायोमेट्रिक डाटा स्टोर करके रखती है. यह चिप ड्राइविंग लाइसेंस में लगी चिप की तरह ही होती है. इसमें पासपोर्ट होल्डर का जरूरी विवरण जैसे फोटो, नाम, जन्मतिथि, पता, ट्रेवल हिस्ट्री और दूसरी सभी जानकारियां स्टोर होती हैं. सामान्य पासपोर्ट क्या होता है और कैसे बनता है जानने के लिए यहां क्लिक करें.

E-Passport और सामान्य पासपोर्ट में क्या अंतर है?

दुनिया में अधिकतर पासपोर्ट machine readable पासपोर्ट हैं, यानी उनके पहले पेज पर जानकारी प्रिंट की गई होती है जिसे optical reader के जरिए स्कैन किया जाता है. इस जानकारी में धारक का नाम, जन्म तिथि, समाप्ति तिथि और जारीकर्ता देश का नाम शामिल होता है.

हालांकि, डिजिटल पासपोर्ट या ई-पासपोर्ट परम्परागत पासपोर्ट की तरह ही है बस इसमें एक चिप का इस्तेमाल जाता है जो पासपोर्ट धारक की पर्सनल डिटेल्स सहित पिछली यात्राओं का विवरण स्टोर करके रखती है. इसके अतिरिक्त डिजिटल सिक्योरिटी सुविधाओं को जोड़कर, जिसमें बायोमेट्रिक शामिल है, पासपोर्ट को और अधिक सुरक्षित बनाया गया है. यह सब धारक की पहचान को और प्रमाणित करता है और पासपोर्ट को उसके मालिक से बेहतर ढंग से जोड़ता है.

E-Passport कैसे काम करेगा?

जब भी आप विदेश यात्रा पर निकलेंगे तो एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन के दौरान आपका ई-पासपोर्ट एक स्कैनर की मदद से स्कैन किया जाएगा. इसे स्कैन करने में चंद सेकंड्स का समय लगेगा. स्कैन करने के बाद इमीग्रेशन अधिकारी चिप में स्टोर व्यक्तिगत विवरण को वेरीफाई करेगा. ई-पासपोर्ट में लगी चिप में 64 kb की मेमोरी क्षमता होती है जो यात्री की पर्सनल डिटेल्स सहित पिछले 30 दिनों की यात्रा का विवरण स्टोर कर सकती है.

E-Passport की विशेषताएँ?

ई-पासपोर्ट की कुछ मुख्य विशेषताएं जिनके बारे में जानना जरूरी है:

1. यह पासपोर्ट ‘digitally signed’ होगा, यानी सभी जानकारियों को एक secure code के माध्यम से वेरीफाई किया जाएगा, और जानकारियां एक चिप पर स्टोर होंगी.

2. ई-पासपोर्ट मोटे फ्रंट और बैक कवर से ढका हुआ होगा. बैक कवर के भीतर डिजिटल चिप लगी हुई होगी जिसका आकार डाक टिकट से भी छोटा होगा.

3.  चिप में 64 kb मेमोरी होगी जिसमें personal details सहित पिछले 30 दिनों की यात्रा का विवरण स्टोर रहेगा.

4. ई-पासपोर्ट के कवर के भीतर एक आयताकार ऐन्टेना लगा होगा जो contactless डाटा प्रसारण करेगा और चिप को पॉवर प्रदान करेगा.

5. पासपोर्ट धारक का फोटो, फिंगरप्रिंट्स और अन्य सभी बायोमेट्रिक्स को ई-पासपोर्ट में स्टोर किया जाएगा.

6. ई-पासपोर्ट में आईआईटी-कानपुर और राष्ट्रीय विज्ञान सूचना केंद्र द्वारा विकसित किए गए सॉफ्टवेयर के भारतीय संस्करण का इस्तेमाल किया जाएगा.

E-Passport के फायदे क्या हैं?

ई-पासपोर्ट से होने वाले फायदे कुछ इस प्रकार हैं:

1. यह पासपोर्ट गलत इरादों से चिप के साथ की गई छेड़-छाड़ को पहचानने में सक्षम है. इसके इस्तेमाल से फर्जी पासपोर्ट पर रोक लगेगी.

2. डिजिटल हस्ताक्षर होने की वजह से यह सामान्य पासपोर्ट से अधिक सुरक्षित है.

3. यदि ई-पासपोर्ट गुम हो जाता है तो चिंता का विषय नहीं बनता, क्योंकि इसमें यात्री का बायोमेट्रिक डाटा स्टोर होता है.

4. सामान्य पासपोर्ट होल्डर्स को इमीग्रेशन काउंटर पर लंबी कतार में खड़ा रहना पड़ता है. लेकिन ई-पासपोर्ट आने के बाद इमिग्रेशन प्रक्रिया अधिक तेज और आसान हो जाएगी.

5. ई-पासपोर्ट के इस्तेमाल से इमिग्रेशन अधिकारियों के लिए वेरिफिकेशन करना आसान हो जाएगा.

ई-पासपोर्ट कैसे बनेगा?

ई-पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया में बदलाव नहीं किया जाएगा, यह सामान्य पासपोर्ट बनाने की तरह ही होगी. पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया के बारे में आप यहां क्लिक करके जान सकते हैं.

ई-पासपोर्ट कौन बनाएगा?

भारतीय टेक जायंट टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ई-पासपोर्ट के लिए काम कर रही है. उम्मीद है 2022 के अंत तक भारत सरकार द्वारा ई-पासपोर्ट जारी करने की घोषणा कर दी जाएगी. एक न्यूज़ चैनल की रिपोर्ट के अनुसार TCS और भारत का विदेश मंत्रालय (MEA) मिलकर एक नए कमांड और कंट्रोल सेंटर का सेटअप कर रहे हैं.

ई-पासपोर्ट कितने देशों में इस्तेमाल हो रहा है?

वर्तमान में US, UK और जर्मनी सहित दुनिया के लगभग 120 देशों में ई-पासपोर्ट का इस्तेमाल हो रहा है. लोग इसका इस्तेमाल किसी अंतर्राष्ट्रीय यात्रा या दस्तावेज प्रमाण के उद्देश्य से कर सकते हैं.

भारत में ई-पासपोर्ट की सुविधा कब शुरू होगी?

राज्य मंत्री वी मुरलीधरन द्वारा राज्यसभा में दिए गए बयान के अनुसार 2022-23 के वित्त वर्ष में भारत में ई-पासपोर्ट की सुविधा शुरू कर दी जाएगी.

सबसे पहले ई-पासपोर्ट की शुरुआत किस देश में की गई?

सन 1998 सबसे पहले मलेशिया ने ई-पासपोर्ट जारी किया था. इसके बाद वर्ष 2008 में 60 देशों द्वारा इस तरह के पासपोर्ट जारी किए गए और 2019 के मध्य तक 100 देशों से अधिक देश ई-पासपोर्ट जारी कर चुके थे.

Conclusion

उम्मीद करती हूँ आपको मेरा यह लेख “ई-पासपोर्ट क्या है और कैसे काम करेगा” जरूर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है About E-Passport in Hindi से संबंधित सभी जानकारियां आप तक पहुंचाने की ताकि आपको इस विषय के संदर्भ में किसी दूसरी वेबसाइट पर जाने की जरूरत ना पड़े.

अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो या कुछ नया सीखने को मिला हो तो कृपया इसे दूसरे सोशल मीडिया नेटवर्क पर शेयर जरुर करें. 

Rahul Chauhan
Rahul Chauhanhttps://hindivibe.com/
Rahul Chauhan, Hindivibe के Author और Founder हैं. ये एक B.Tech डिग्री होल्डर हैं. इन्हें विज्ञान और तकनीक से संबंधित चीजों के बारे में जानना और लोगों के साथ शेयर करना अच्छा लगता है. यह अपने ब्लॉग पर ऐसी जानकारियां शेयर करते हैं, जिनसे कुछ नया सिखने को मिले और लोगों के काम आए.

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