Homeटेक्नोलॉजीAnti-Lock Braking System (ABS) क्या है और कैसे काम करता है?

Anti-Lock Braking System (ABS) क्या है और कैसे काम करता है?

ABS क्या है (Anti-Lock Braking System in Hindi)? आज के समय में गाँव हो या शहर हर जगह नई सड़कों का निर्माण हो रहा है. देश-विदेश में highways की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसे में व्हीकल्स की स्पीड बढ़ना भी तय है. कार हो या बाइक हर कोई अपने व्हीकल को तेजी से इन सड़कों पर दौड़ाता है और ना जाने कितने लोग प्रतिदिन सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गवांते हैं.

ज्यादातर मामलों में इन सड़क दुर्घटनाओं का कारण, अधिक स्पीड में होने की वजह से व्हीकल का समय पर ना रुक पाना और नियंत्रण खोना होता है. ऐसे में वाहन कंपनियों को कुछ ऐसा करने की जरूरत थी जो तेज रफ्तार में भी व्हीकल को पूरी तरह से नियंत्रित कर सके और उसे दुर्घटनाग्रस्त होने से रोक सके.

तभी ध्यान जाता है Anti-Lock Braking System की तरफ, जिसे शॉर्ट में ABS के नाम से जाना जाता है. इस तकनीक का इस्तेमाल सबसे पहले सन 1929 में aircraft के लिए किया गया था. धीरे-धीरे इस तकनीक को विकसित किया गया और सन 1980 तक यह आम लोगों के सामने आई. आज इस तकनीक का इस्तेमाल कार, बाइक या बस हर व्हीकल में ब्रेकिंग को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है.

1 अप्रैल 2019 से भारत सरकार द्वारा प्रत्येक नए व्हीकल में इस ABS को अनिवार्य कर दिया गया है. आज के इस लेख में आप ABS के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे, जहां मैं आपको ABS क्या होता है, ABS कैसे काम करता है, ABS के फायदे क्या हैं और ये कितने प्रकार के होते हैं के बारे में बताऊंगा. तो चलिए शुरू करते हैं.

ABS क्या है? – What is ABS in Hindi

anti lock braking system hindi

ABS यानी Anti-Lock Braking System सुरक्षा के लिए बनाया गया एक एंटी-स्किड ब्रेकिंग सिस्टम है जिसका इस्तेमाल aircraft और जमीनी वाहन जैसे कार, बाइक, ट्रक और बसों में किया जाता है.

ABS टायरों को ब्रेक के दौरान lock up होने से रोकता है. Lock up यानी ब्रेक लगने के बाद टायर घूमना रुक जाते हैं, लेकिन गाड़ी या बाइक फिसलती हुई आगे बढती रहती है. ABS ऐसा होने से रोकता है और रोड़ की सतह के साथ टायर की पकड़ को मजबूत बनाता है, ताकि गाड़ी कम दूरी में तुरंत रुक जाए और ड्राइवर का व्हीकल पर नियंत्रण भी बना रहे.

उदाहरण के लिए यदि आप कोई गाड़ी चला रहे हैं जो तेज गति में है और सामने अचानक से कोई वस्तु जैसे इंसान, पशु या कोई दूसरा व्हीकल आ जाता है तो आप तुरंत ब्रेक लगाते हैं. यदि आपकी गाड़ी में ABS है तो यह तुरंत वहीं रूक जाएगी, वरना गाड़ी फिसलती हुई आगे बढ़ेगी और आप गाड़ी से अपना नियंत्रण खो देंगे.

ABS कोई एक component नहीं है, बल्कि कई components को मिलाकर बनाया गया एक सिस्टम है. Anti-Lock Braking System को प्रभावी बनाने के लिए ये सभी components मिलकर काम करते हैं.

ABS के Components

एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम काम करने के लिए निचे दिए गए इन 4 components का इस्तेमाल करता है.

  • Speed Sensors
  • Pump
  • Valves
  • Controller

Speed Sensors – ABS को काम करने के लिए यह जानना जरूरी होता है कि व्हील्स कब lock up होने वाले हैं. इसके लिए speed sensors को प्रत्येक व्हील पर या कुछ मामलों में differential पर लगाया जाता है, जो lock up होने पर जानकारी देते हैं.

Valves – ABS द्वारा नियंत्रित किए जाने वाले प्रत्येक ब्रेक की ब्रेक लाइन पर एक valve लगी होती है. कुछ systems पर valve की तीन positions होती हैं.

  1. पहली पोजीशन में, valve खुली होती है; master cylinder से प्रेशर सीधे ब्रेक तक जाता है.
  2. दूसरी पोजीशन में, valve ब्रेक को master cylinder से अलग करते हुए, लाइन को ब्लॉक कर देता है. यह प्रेशर को और अधिक बढ़ने से रोकता है जब ड्राइवर ब्रेक पेडल को जोर से धक्का लगाता है.
  3. तीसरी पोजीशन में, valve ब्रेक से कुछ प्रेशर को रिलीज कर देता है.

Pump – चूंकि valve ब्रेक से प्रेशर छोड़ने में सक्षम है, इसलिए किसी ऐसे तरीके की जरूरत है जो दोबारा प्रेशर डाल सके. इस काम को पंप पूरा करता है. जब valve लाइन से प्रेशर को कम कर देता है तो pump उस प्रेशर को वापस लाता है.

Controller – यह एक कंप्यूटर होता है, जो speed sensor पर नजर रखता है और valve को नियंत्रित करता है.

ABS कैसे काम करता है?

ABS एक automated system है जो काम करने के लिए threshold braking और cadence braking के सिद्धांतों (principles) का इस्तेमाल करता है.

Threshold Braking – यह ड्राइविंग की एक ऐसी तकनीक है जिसका इस्तेमाल अधिकतम गति से ब्रेक लगाकर गाड़ी को रोकने के लिए किया जाता है. इस तकनीक का ज्यादातर प्रयोग motor racing में होता है. लेकिन रोड व्हीकल्स में भी इसका प्रयोग किया जाता है.

इस तकनीक में व्हील्स के lock up होने से पहले अधिकतम brake pressure दिया जाता है. जैसे ही लगता है कि व्हील्स lock up होने वाले हैं, ब्रेक को छोड़ दिया जाता है और फिर दोबारा कम प्रेशर के साथ ब्रेक लगाए जाते हैं. इस प्रकार गाड़ी को कम फिसलन के साथ नियंत्रित कर लिया जाता है. थ्रेशोल्ड ब्रेकिंग को बिना ABS केवल अनुभवी ड्राइवर ही उपयोग में ला सकते हैं.

Cadence Braking – यह एक ब्रेकिंग तकनीक है जिसका उपयोग कम ग्रिप वाली सतहों पर किया जाता है, जैसे बर्फीली सड़कें. इसमें steering और braking performance के बीच समझौता करने के लिए अनिवार्य रूप से ब्रेक लगाया जाता है और लयबद्ध तरीके से छोड़ा जाता है.

जैसे ही आप ब्रेक लगाएंगे, व्हील्स lock up होने की तरफ बढ़ेंगे, कार धीमी होगी लेकिन आपको streering (गाड़ी की मूवमेंट को नियंत्रित करने) से रोका जाएगा. जैसे ही आप ब्रेक छोड़ेंगे आप फिर से steering control प्राप्त कर लेंगे और गाड़ी सही दिशा में आ जाएगी. आप इसे बार-बार रिपीट करके गाड़ी को नियंत्रित कर लेंगे.

इन्ही दोनों तकनीकों को ABS में शामिल किया गया है. जो इन्हें आधार मानते हुए अपने आप तेज रफ्तार में भी, हर प्रकार की सतह पर व्हीकल को पूरी तरह से नियंत्रित कर लेता है और दुर्घटना होने से रोक लेता है.

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एबीएस के काम करने का तरीका

वैसे तो ABS के लिए अलग-अलग variations और control algorithms हैं, लेकिन हम यहां सबसे साधारण सिस्टम की कार्यप्रणाली को समझेंगे.

गाड़ी में controller हर समय speed sensor पर नजर बनाए रखते हैं. ये speed sensor व्हील्स की गति को देखते हैं और जैसे ही गति असामान्य रूप से कम होती है तो व्हील के lock up होने से ठीक पहले controller को सूचना देते हैं .

यदि व्हीकल 96.6 km/hr की स्पीड से चल रहा है तो आदर्श स्थितियों में ब्रेक लगाने पर रुकने में 5 सेकंड का समय लेता है, लेकिन जब टायर lock up होता है तो वह 1 सेकंड से भी कम समय में घूमना बंद कर देता है.

ब्रेक लगने पर ABS सेंसर की मदद से, व्हील के लॉक अप पॉइंट से ठीक पहले इस rapid deceleration को भांप लेता है और ब्रेक से प्रेशर को तब तक कम करता है जब तक acceleration दिखाई नहीं देता. इसके बाद जैसे ही acceleration होता है वह प्रेशर को तब तक बढ़ाता है जब तक deceleration नहीं होता. 

इस प्रकार 1 सेकंड के भीतर 15 से 20 बार acceleration और deceleration होता है. परिणामस्वरुप टायर उसी गति से धीमे होते हैं जिस गति से कार होती है और व्हीकल कम braking distance पर रुक जाता है.

Bike में ABS क्या होता है?

जिस तरह से four wheeler में ABS का उपयोग किया जाता है, उसी प्रकार बाइक में भी ABS का इस्तेमाल किया जाने लगा है. आपने बारिश के मौसम में गीली या किसी चिकनी सड़क पर अक्सर देखा होगा कि ब्रेक लगाने पर बाइक फिसल जाती है, ऐसा इसलिए क्योंकि बाइक में लगा disc brake सही से कम नहीं कर पाता. इसी समस्या से छुटकारा पाने के लिए bike में भी एबीएस दिया जाने लगा.

ABS के जरिए आप तेज स्पीड में भी बाइक को आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं और इसे फिसलने से रोक सकते हैं. एबीएस बाइक को उसी जगह पर रोक देता है जिस जगह पर आप ब्रेक लगाते हैं. इसलिए बाइक में ABS का होना आपकी सुरक्षा के लिए काफी फायदेमंद है.

ABS के प्रकार – Types of ABS in Hindi

व्हीकल में इस्तेमाल होने वाले ब्रेक के आधार पर Anti-Lock Braking Systems अलग-अलग प्रकार की योजनाओं का इस्तेमाल करते हैं. हम ABS को channels और speed sensors की संख्या के आधार पर वर्गीकृत करेंगे. चैनल्स यानी valves की संख्या जिन्हें अलग-अलग कंट्रोल किया जाता है

1. Four Channel, Four Sensor ABS

इसे ABS इस्तेमाल करने की सबसे अच्छी योजना माना गया है, जिसमें सभी चारों व्हील्स पर एक sensor और एक valve का इस्तेमाल किया जाता है. इस setup के साथ, controller प्रत्येक व्हील पर individually नजर बनाए रखता है, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि यह maximum braking force प्राप्त कर रहा है.

2. Three Channel, Three Sensor ABS

आमतौर पर इस सिस्टम का इस्तेमाल four wheel ABS के साथ pickup trucks में किया जाता है. आगे वाले प्रत्येक व्हील पर एक sensor और एक valve का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि पीछे वाले दोनों व्हील्स के लिए एक sensor और एक valve का इस्तेमाल किया जाता है. 

पीछे वाले व्हील्स के लिए सेंसर को rear axle में लगाया जाता है. यह प्रणाली फ्रंट वाले दोनों व्हील्स को individual कंट्रोल प्रदान करती है ताकि दोनों व्हील्स मैक्सिमम ब्रेकिंग फोर्स प्राप्त कर सकें. जबकि पीछे वाले दोनों व्हील्स को एक साथ मॉनिटर किया जाता है. इसलिए हो सकता है कि पीछे वाले दोनों व्हील्स में से एक रुकने के दौरान lock हो जाए, जो ब्रेक प्रभावशीलता को कम कर सकता है.

3. One Channel, One Sensor ABS

यह सिस्टम आमतौर पर rear-wheel ABS के साथ pickup trucks में पाया जाता है. इसमें पीछे वाले दोनों व्हील्स को नियंत्रित करने के लिए एक valve का इस्तेमाल किया जाता है, और rear axle में एक sensor लगा होता है. इसमें भी Three Channel system की तरह rear wheels को एक साथ मॉनिटर किया जाता है और ये दोनों व्हील्स ABS के एक्टिव होने से पहले lock up होना शुरू हो जाते हैं. यह प्रणाली ऊपर बताई गई दोनों प्रणालियों के मुकाबले बहुत कमजोर होती है.

Anti-Lock Braking System (एबीएस) के फायदे

आपके व्हीकल में यदि एबीएस सिस्टम है तो आपको निम्नलिखित फायदे देखने को मिलेंगे.

  • यदि आप तेज रफ़्तार से चल रही गाड़ी या बाइक को अचानक से रोकते हैं तो इसमें बिना ABS वाली गाड़ी या बाइक के मुकाबले फिसलन बहुत कम होगी.
  • एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम में व्हीकल को रोकने के लिए उपयुक्त प्रेशर का उपयोग किया जाता है, जो braking distance को काफी कम कर देता है.
  • इसमें व्हीकल के रुकने पर व्हील्स lock up नहीं होते, इसलिए व्हील्स असमान रूप से नहीं घिसते.
  • एबीएस सिस्टम brake pads और brake discs के घिसाव को कम कर देता है.
  • आप ब्रेक लगने के दौरान भी गाड़ी को steer कर सकते हैं और आसपास की बाधाओं से बच सकते हैं.

Anti-Lock Braking System (एबीएस) के नुकसान

जहां ABS के कुछ फायदे हैं तो वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं, जिन्हें आप निचे देख सकते हैं.

  • अलग-अलग रोड़ या सतहों पर आपको अलग-अलग प्रकार का braking distance देखने को मिलेगा.
  • यह व्हीकल की overall cost को बढ़ा देता है.
  • ABS को मेंटेन रखना काफी expensive है.
  • Electronic control unit और sensor की पेचीदा अरेंजमेंट complexity को बढ़ा देती है. 

ABS से जुड़े FAQ

जब ABS लाइट On होती है तो इसका मतलब क्या है?

इसका मतलब, ABS light आपको चेतावनी दे रही है कि Anti-Lock Braking System विफल हो रहा है और गाड़ी ब्रेक लगाने पर तुरंत नहीं रुकेगी.

दुर्घटना को रोकने में ABS कितना कारगर है?

यात्री गाड़ी में ABS, overall crash involvement को 6% और LTVs (जैसे हल्के ट्रक, पिकअप ट्रक, SUVs और वैन) में 8% तक कम कर देता है. ब्रेक लगने के दौरान ABS वाहन को फिसलने से रोक लेता है, जो आमतौर पर बिना ABS के heavy braking conditions में होता है.

ABS किस तरह की सतहों पर काम नहीं करता?

एबीएस अधिक गीली सतह, बजरी या बर्फीली स्थितियों में अप्रभावी हो सकता है.

Conclusion

उम्मीद करता हूँ आपको मेरा यह लेख “Anti-Lock Braking System (ABS) क्या है और कैसे काम करता है?” जरूर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है एबीएस (ABS in Hindi) से संबंधित सभी जानकारियां आप तक पहुंचाने की ताकि इस विषय के संदर्भ में आपको किसी दूसरी वेबसाइट पर जाने की जरूरत ना पड़े. अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो या कुछ नया सीखने को मिला हो तो कृपया इसे दूसरे सोशल मीडिया नेटवर्क पर शेयर जरुर करें.

Rahul Chauhan
Rahul Chauhanhttps://hindivibe.com/
Rahul Chauhan, Hindivibe के Author और Founder हैं. ये एक B.Tech डिग्री होल्डर हैं. इन्हें विज्ञान और तकनीक से संबंधित चीजों के बारे में जानना और लोगों के साथ शेयर करना अच्छा लगता है. यह अपने ब्लॉग पर ऐसी जानकारियां शेयर करते हैं, जिनसे कुछ नया सिखने को मिले और लोगों के काम आए.

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