देश में बढ़ते वाहनों और फक्ट्रियों की वजह से शहरों में लगातार वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. जिससे हवा में जहर की मात्रा बढ़ती जा रही है और लोग प्रदूषित हवा में साँस लेने को मजबूर हैं. इस समस्या से निजात पाने के लिए एयर प्यूरीफायर की मांग काफी बढ़ रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं यह एयर प्यूरीफायर क्या होता है (Air Purifier in Hindi) और कैसे काम करता है?
अगर नहीं तो आज के इस article को पूरा जरुर पढ़ें. एयर प्यूरीफायर एक ऐसा device है, जिसका इस्तेमाल घरों में वायु को शुद्ध करने के लिए किया जाता है. अगर आपको लगता है कि वायु प्रदूषण से केवल घर के बाहर की हवा दूषित होती है तो आप गलत सोचते हैं.
बाहर की हवा दूषित होने पर घर में भी धूल और गंदगी हवा के साथ प्रवेश कर जाती है. ऐसे में घर में मौजूद व्यक्ति वायु प्रदूषण का शिकार हो सकता है और उसे एलर्जी और अस्थमा जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
इससे बचने के लिए ही एयर प्यूरीफायर को बनाया गया है जो आपको घर के अंदर शुद्ध और स्वच्छ हवा मुहैया कराता है. बाजार में विभिन्न प्रकार के एयर प्यूरीफायर मौजूद है जो अलग-अलग तरीके से काम करते हैं. इसलिए लोगों को इनके बारे में जरूर जानना चाहिए ताकि वे अपनी जरूरत के अनुसार सही एयर प्यूरीफायर का चुनाव कर सकें. आज के इस लेख में आप एयर प्यूरीफायर की जानकारी हिंदी में जानेंगे. तो बिना देर किए चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं एयर प्यूरीफायर क्या है ? पूरी जानकारी हिंदी में.
एयर प्यूरीफायर क्या होता है? – What is Air Purifier in Hindi
एयर प्यूरीफायर जिसे एयर क्लीनर भी कहा जाता है एक ऐसा यंत्र है जिसका इस्तेमाल किसी बंद स्थान या घर में अंदर की हवा में मौजूद दूषित पदार्थों को अलग कर हवा की क्वालिटी को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है.
इस यंत्र का उद्देश्य हानिकारक अवशेषों को कम करना और अशुद्ध हवा से होने वाली एलर्जी और अस्थमा के खतरे को रोकना है. वो लोग भी एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करते हैं जिनको किसी प्रकार की विशेष समस्याएं नहीं होती, लेकिन वे खुदका और अपने परिवार के स्वास्थ्य का ख्याल रखना चाहते हैं.
एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल इंडस्ट्री में भी किया जाता है ताकि प्रक्रिया से पहले हवा से अशुद्धियों को हटाया जा सके. इस प्रकार एयर प्यूरीफायर पहला और सबसे महत्वपूर्ण यंत्र है जिसका उपयोग आसपास फैले प्रदूषण का मुकाबला करने और घर के अंदर मौजूद हवा की गुणवता बढ़ाने के लिए किया जाता है.
एयर प्यूरीफायर कैसे काम करता है?
एयर प्यूरीफायर अंदर की हवा को फिल्टर करता है और दूषित पदार्थों को निकाल कर इसे शुद्ध करता है. यहाँ एयर प्यूरीफिकेशन को कई चरणों में पूरा किया जाता है.
सबसे पहले प्यूरीफायर कणों को कैद करने के लिए कमरे की हवा को अपने अंदर खींचता है. इसके बाद हवा को कई तरह के फिल्टर्स से पास करता है, जो हवा में मौजूद विभिन्न प्रकार के प्रदूषकों को अलग करते हैं.
प्यूरीफायर के परफॉर्मेंस के अनुसार, यह किसी कमरे के size (जैसे कि लिविंग रूम, बेडरूम, डाइनिंग रूम) से संबंधित हवा की विभिन्न मात्रा को शुद्ध करने में सक्षम होता है. अगर आप बेहतर परिणाम चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी है कि प्रत्येक बंद कमरे में एक प्यूरीफायर लगाया जाए.
एयर प्यूरीफायर में इस्तेमाल होने वाले फिल्टर
- Pre-Filter – यह Macro-Particles ( मोटे कणों) को कैद करता है, जैसे कि मोटा डस्ट या रुएँ. यह कवर और अन्य दूसरे फिल्टर के बीच में लगा होता है. यह हवा के प्यूरीफायर में प्रवेश करने के बाद, सबसे शुरुआती filtration system होता है. यह आमतौर पर washable होता है और macro-particles को हटा कर दूसरे फिल्टर की लाइफ को बढ़ाता है.
- Hepa Filter – यह फिल्टर 0.3 µm (माइक्रोमीटर) साइज से बड़े 99% से अधिक particles को treat करता है. इसे पूर्ण फिल्टर के नाम से भी जाना जाता है. यह फाइबर की बहुत पतली layer से बना होता है और बिलकुल टाइट बुना हुआ होता है. यह फफूंद, कवक, माइट्स, पराग, कीटनाशक, वायरस, बैक्टीरिया, पशुओं के रुएँ, बारीक धूल और यहाँ तक कि डीजल कणों को भी फिल्टर कर सकता है.
- Activated Carbon Filter – Activated Carbon का काम घर के अंदर मौजूद बदबू को दूर करना होता है. इस फिल्टर में कार्बन के बीड्स लगे होते हैं, जिनका काम विषैली गैसों को फिल्टर और खत्म करना होता है जैसे कि फॉर्मेल्डिहाइड, बेंजीन, अमोनिया वपौर, ब्लीच, हाइड्रोजन सल्फाइड, गंदी स्मेल इत्यादि. साथ ही यह घर की हवा में मौजूद अत्यधिक ओजोन मात्रा को भी खत्म करने में मदद करता है.
- Photocatalytic Air Filtration – इसमें प्रदूषण फ़ैलाने वाले कणों को Catalyst और UV Radiation के मध्य oxidation (ऑक्सीजन प्राप्त करना) और reduction (ऑक्सीजन हटाना) reaction के द्वारा absorb कर लिया जाता है. यह प्रक्रिया VOCs (Volatile organic compounds) को H2O और CO2 में परिवर्तित करती है. इसे आप जरूरत के अनुसार switch on या off कर सकते हैं.
- Negative Ion Generation – इस प्यूरीफायर से प्रति सेकंड 8 मिलियन negative ions फैलते हैं. ये negative ions हवा में जनित particles को जमीन पर धकेलते हैं और आपके पर्यावरण को संतुलित करते हैं. इसे आवश्यकता अनुसार switch on या off किया जा सकता है.
- Active Oxygen Generator – एक्टिव ऑक्सीजन फंक्शन आपके कमरे को पूर्णतया treat करता है. जब आपको घर से कहीं बाहर जाना होता है तब आप इसे शुरू कर सकते हैं. इस function का काम गहरे बैठे हुए गंध को दूर करना होता है (जैसे कि sheets, carpeting, textiles). साथ ही यह घर में मौजूद धूल कण को भी दूर करता है.
एयर प्यूरीफायर खरीदते समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?
एयर प्यूरीफायर खरीदते समय हमें निम्नलिखित बातों का ख्याल रखना चाहिए.
कमरे का साइज – जब भी आप एयर प्यूरीफायर खरीदने का मन बनाते हैं तो पहले अपने कमरे का साइज जरूर देख लें. अगर आप अपने बेडरूम या स्टडी रूम के लिए प्यूरीफायर खरीदना चाहते हैं तो केवल शुरुआती स्तर के प्यूरीफायर से काम चल जाएगा.
लेकिन अगर आप किसी बड़े आकार के कमरे के लिए प्यूरीफायर खरीदना चाहते हैं तो आपको थोड़े ज्यादा पैसे खर्चने होंगें. इसके लिए आपको एक बड़ा या दो छोटे प्यूरीफायर खरीदने होंगे. तकरीबन सभी प्यूरीफायर पर दर्शाया गया होता है कि वो कितने क्षेत्रफल में कारगर तरीके से काम कर सकते हैं.
क्लीन एयर डिलीवरी रेट (CADR) – CADR अर्थात क्लीन एयर डिलीवरी रेट किसी प्यूरीफायर की क्षमता को मापने का एक अंतरराष्ट्रीय पैमाना है. इसे कमरे के क्षेत्रफल के आधार पर calculate किया जाता है. यह किसी प्यूरीफायर के हवा को शुद्ध करने में लगने वाले समय को दर्शाता है. यानी की हम इससे पता लगा सकते हैं कि कोई प्यूरीफायर कितने समय में हवा साफ़ कर सकता है.
अस्थमा और एलर्जी फ्रेंडली सर्टिफिकेशन – मार्केट में ऐसे कई प्यूरीफायर मौजूद हैं जो एलर्जी पैदा करने वाले तत्वों को रोकने का दावा करते हैं. लेकिन ये दावा बढ़ा-चढ़ा कर भी किया जा सकता है. इसलिए बिलकुल सही निर्णय लेने के लिए Asthma and Allergy Foundation of America द्वारा Allergy Standards Limited (ASL) के सहयोग से एक सर्टिफिकेशन प्रोग्राम तैयार किया गया है. किसी भी product को certifying करने से पहले, यह जानने के लिए कि एयर प्यूरीफायर अधिकतर हानिकारक कणों को दूर करने में सक्षम है या नहीं, वे उस product को कई तरह के टेस्ट से गुजारते हैं.
एक बार जब प्यूरीफायर प्रोग्राम के तहत सभी टेस्ट पास कर लेता है तो उसे “asthma & allergy friendly®” मार्क दिया जाता है. यह सर्टिफिकेशन आपको बेहतर एयर फिल्ट्रेशन क्षमताओं के साथ एक गुणवत्ता के उत्पाद का आश्वासन देता है और दर्शाता है कि यह एलर्जी से पीड़ित लोगों के लिए एकदम सही है.
फिल्ट्रेशन सिस्टम – फिल्ट्रेशन सिस्टम किसी प्यूरीफायर का मुख्य हिस्सा होता है. एंट्री लेवल के ज्यादातर प्यूरीफायर तीन लेयर वाले फिल्टर सिस्टम के साथ आते हैं. इसमें प्री-फिल्टर, हेपा फिल्टर और कार्बन फिल्टर शामिल होते हैं. ये हवा में मौजूद प्रदूषकों, धूल कणों और गंध को दूर करने का काम करते हैं.
कुछ प्यूरीफायर में ये तीनो फिल्टर अलग-अलग लगे होते हैं, जबकि कुछ में एक साथ एक ही फिल्टर सिस्टम से जुड़े होते हैं.
पॉल्यूशन इंडिकेटर – एंट्री लेवल के ज्यादातर प्यूरीफायर में LED इंडिकेटर सिस्टम लगा होता है, जो एयर क्वालिटी के बारे में दर्शाते हैं. बाजार में प्यूरीफायर के जितने भी नए मॉडल मौजूद हैं उन सब में डिजिटल डिस्प्ले सिस्टम लगा हुआ होता है. इसके जरिए आप हवा की क्वालिटी का वास्तविक स्तर जान सकते हैं. इसकी मदद से आप पता लगा सकते हैं कि प्यूरीफायर को कब अधिकतम स्तर पर चलाना है और कब घटाना है.
फिल्टर रिप्लेसमेंट – एयर प्यूरीफायर का मुख्य काम होता है हवा को साफ़ करना और यह जिम्मेदारी होती हिया एयर फिल्टरों की. इसलिए ज्यादातर फिल्टर कुछ महीने ही चलते हैं और इन्हें नए फिल्टरों के साथ बदलना पड़ता है. इसलिए हमें इन फिल्टरों की बदलने की लागत का भी पता होना चाहिए ताकि बाद में जेब खर्च ना बढ़े.
रिमोट कंट्रोल – ज्यादातर एयर प्यूरीफायर बिना रिमोट कंट्रोल के आते हैं. इसलिए हर बार फंक्शन को इनेबल/डिसेबल करने या मोड बदलने के लिए आपको खुद उठना होगा. इसलिए प्यूरीफायर का चुनाव करते समय इस बात का खास ख्याल रखें कि रिमोट कंट्रोल सिस्टम लगा हुआ है. मार्केट में कुछ स्मार्ट एयर प्यूरीफायर भी मौजूद हैं जिन्हें आप एप की मदद से wi-fi के जरिए आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं.
शोर का लेवल – HEPA फिल्टर के साथ आने वाले ज्यादातर एयर प्यूरीफायर 35 से 70 decibels के बीच शोर पैदा करते हैं. यह शोर का स्तर आपके ऑपरेशनल सेटिंग्स पर निर्भर करता है. इसलिए अगर आप चैन की नींद सोना कहते हैं तो ऐसे प्यूरीफायर का चुनाव करें जो कम शोर करता हो.
एयर प्यूरीफायर कितने प्रकार के होते हैं? – Types of Air Purifier in Hindi
विभिन्न प्रकार के एयर प्यूरीफायर में हवा को शुद्ध करने के लिए विभिन्न तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए इन तकनीक के बारे में जानना महत्वपूर्ण है ताकि हम अपने घर या ऑफिस के लिए सही प्यूरीफायर का चुनाव कर सकें. आमतौर पर तकनीक के आधार पर एयर प्यूरीफायर 5 प्रकार के होते हैं, जो निम्नलिखित हैं.
- HEPA Technology
- Activated Carbon Technology
- UV Technology
- Negative Ion
- Ozone
1. HEPA Technology
HEPA का मतलब है “High Efficiency Particulate Air“. इस तकनीक का इस्तेमाल काफी सालों से हवा को फिल्टर करने के लिए किया जा रहा है. HEPA फिल्टर 0.3 microns से बड़े 99.97% से अधिक कणों को कैद करने में सक्षम है. हम अपनी नंगी आँखों से केवल उन कणों को देख सकते हैं जिनका आकार 10 microns से बड़ा होता है, इसलिए HEPA फिल्टर में कैद होने वाले बैक्टीरिया और वायरस को देख पाना मुमकिन नहीं है.
मोल्ड और बैक्टीरिया को पकड़ पाने की वजह से ये फिल्टर अधिक स्वच्छ वातावरण प्रदान करते हैं. साथ ही इस तरह के प्यूरीफायर ओजोन या किसी दूसरी तरह की हानिकारक गैस जनरेट नहीं करते हैं.
HEPA फिल्टर फाइबर की तरह बहुत ही पतला मटेरियल होता है, जो कि आगे और पीछे की तरफ मुड़ी हुई shape में होता है. यह shape रैंडम तरीके से arrange किए गए फाइबर के साथ एक भूल-भुलैया बनाता है जिसके माध्यम से प्यूरीफायर के फैन द्वारा हवा को धकेला जाता है.
एक घंटे में जितना अधिक हवा के बहाव को फिल्टर के माध्यम से गुजारा जाता है उतनी ही अधिक हवा साफ़ होती है. जैसे ही HEPA फिल्टर फुल हो जाता है यह हवा को पास करना बंद कर देता है और इसे नए फिल्टर के साथ बदलना पड़ता है. हालांकि एक हेपा फिल्टर 2 से 4 साल के लिए चलता है.
बड़े पार्टिकल्स फाइबर की ओपनिंग से नहीं गुजर पाते हैं और तुरंत पकड़ में आ जाते हैं. छोटे पार्टिकल्स तीन अन्य mechanism में से एक द्वारा पकड़ लिए जाते हैं. पहला, जब पार्टिकल्स फाइबर के रेडियस से होकर आते हैं और इससे चिपक जाते हैं. इस mechanism की इंटरसेप्शन कहा जाता है.
दूसरा mechanism इम्पैक्शन कहलाता है, इसमें बड़े पार्टिकल्स फाइबर से टकराते हैं और इससे जुड़ जाते हैं. अंत में ये डिफ्यूशन नामक mechanism के पकड़ में आ जाते हैं. डिफ्यूशन, जहाँ छोटे पार्टिकल्स गैस के मॉलिक्यूल्स के साथ टकराते हैं.
HEPA फिल्टर हवा जनित पार्टिकल्स को कैद करने में सबसे प्रभावी माना जाता है. हालांकि ये गंध, केमिकल और गैस को दूर करने में सक्षम नहीं हैं. इसलिए अधिकांश HEPA एयर प्यूरीफायर में activated carbon आधारित सामग्री का कुछ स्तर होता है जो कि उन गंध और रसायनों को अवशोषित करने के लिए होता है जिन्हें HEPA फिल्टर द्वारा नहीं पकड़ा गया है.
2. Activated Carbon Technology
एक्टिवेटिड कार्बन, कार्बन का ही एक रूप है जिसे छिद्रपूर्ण बनाने और अवशोषण के लिए बड़ा surface area देने के लिए विकसित किया गया है. एक्टिवेटिड कार्बन का इस्तेमाल 1900 दशक के शुरुआत में पानी को शुद्ध करने और चीनी से रंग निकालने के लिए इस्तेमाल किया जाता था.
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान खोज की गई कि इसका इस्तेमाल सैनिकों की सुरक्षा के लिए गैस मास्क के साथ किया जा सकता है, साथ ही युद्ध के समय पानी और एयर प्यूरीफायर के लिए भी किया जा सकता है.
एक्टिवेटिड कार्बन फिल्टर कई आणविक आकार के छिद्रों से मिलकर बना होता है, जिसकी उच्च absorbent ability और chemical bonding होती है. ये गुण उन्हें रासायनिक उत्सर्जन, गैसों, तंबाकू के धुएं और गंध जैसे प्रदूषकों को पकड़ने के लिए एक बहुत प्रभावी उपकरण बनाते हैं. एक बार जब प्रदूषक पकड़ में आ जाते हैं, तब उन्हें हवा में दुबारा रिलीज़ नहीं किया जाता, जिससे पुनरावृत्ति समाप्त हो जाती है.
एक्टिवेटिड कार्बन फिल्टर वाले प्यूरीफायर Multiple Chemical Sensitivity (MCS) वाले लोगों के लिए सहायक होते हैं क्योंकि ये formaldehyde को सोखते हैं, जो कालीन, लकड़ी के पैनलिंग और फर्नीचर असबाब में पाया जाता है. घर में इस्तेमाल होने वाले क्लीनिंग आइटम और परफ्यूम में मौजूद केमिकलों को भी दूर किया जाता है, ताकि वातावरण को अधिक साँस लेने योग्य बनाया जा सके, खासकर अस्थमा से पीड़ित लोगों, बच्चों और बुजुर्गों के लिए.
कार्बन एयर फिल्टर हमारे घर की हवा में मौजूद contamination को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, हालांकि उनके पास एलर्जी और वायुजनित कणों को हटाने में दक्षता स्तर कम है.
3. UV Technology
यूवी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कण फिल्टर सिस्टम के सहयोग से किया जाता है, क्योंकि यह हवा जनित कणों से छुटकारा नहीं दिला सकता. हालांकि ,यह श्रेष्ठ विधि है जर्म्स और बैक्टीरिया मारने की. इस तकनीक वाले प्यूरीफायर में एक UV lamp लगा होता है जिससे निकलने वाली UV किरणों से सूक्ष्मजीव गुजरते हैं, यहाँ कोशिकीय या अनुवांशिक क्षति होती है, जो सूक्ष्मजीवों को नष्ट कर देती है.
एक UV प्यूरीफायर हवा में पाए जाने वाले पानी और ऑक्सीजन के मॉलिक्यूल्स को ओजोन और हाइड्रॉक्सिल में बदल सकता है. सक्रिय मॉलिक्यूल्स वायु प्रदूषकों के साथ react करते हैं और उन्हें हानिरहित कंपोनेंट्स जैसे पानी और कार्बन डाइऑक्साइड में नष्ट कर देते हैं. सफाई के लिए ओजोन की जरूरत नही होती है, क्योंकि यह एक हानिकारक प्रदूषक है, इसलिए एक अच्छे प्यूरीफायर में ओजोन की मात्रा कम या बिल्कुल नहीं निकलनी चाहिए.
इस प्रकार के प्यूरीफायर की इफेक्टिवनेस light की वाट क्षमता और light के संपर्क समय पर निर्भर करती है. UV लैंप को निर्माता के सुझावों के अनुसार ही बदलना और निगरानी करनी चाहिए.
यद्यपि UV तकनीक वायरस और बैक्टीरिया को मारने में प्रभावी है, लेकिन इसका उपयोग lamp के आगे एक फिल्टर सिस्टम के साथ किया जाता है. बिना फिल्टर सिस्टम के, कणों द्वारा कई सूक्ष्मजीवों को प्रकाश से बचा लिया जाता है. इसलिए, UV तकनीक वाले अधिकांश एयर प्यूरिफायर HEPA और Activated Carbon के साथ हवा को फ़िल्टर करना शुरू करते हैं और UV को निस्पंदन के अंतिम चरण के रूप में उपयोग करते हैं.
4. Negative Ion
नेगेटिव आयन प्यूरीफायर में हवा को शुद्ध करने के लिए केमिकल इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है. आयन एक प्राकृतिक कण है जिसमे या तो धनात्मक या ऋणात्मक आवेश होता है. यह चार्ज या तो इलेक्ट्रॉन प्राप्त कर या खो कर हासिल किया जाता है. नेगेटिव आयन वो साधारण ऑक्सीजन कण होते हैं जिन्होंने इलेक्ट्रॉन प्राप्त किया है. वे चुंबकीय रूप से पराग और धूल जैसे वायु कणों को आकर्षित करते हैं, जब तक कि नए बनने वाले कण हवा में रहने के लिए बहुत भारी न हो जाएं. इस वजह से ये कण भारी हो जाते हैं और कमरे में मौजूद किसी दूसरी ठोस चीज़ पर गिर या चिपक जाते हैं, जैसे फर्श या दीवार.
यह तकनीक काफी उन्नत नजर आती है लेकिन ऐसा है नहीं. यह अन्य वायु शोधक तकनीकों की तुलना में कम प्रभावी साबित हुई है. क्योंकि नेगेटिव आयन एयर प्यूरीफायर प्रदूषित हवा को साफ़ करने की अपेक्षा केवल मास्क करते हैं. दुर्भाग्य से, इस प्रकार के एयर प्यूरीफायर में हवा में हानिकारक दूषित पदार्थों को अवशोषित या निपटान करने की क्षमता नहीं होती है.
नेगेटिव आयन हवा जनित कणों को पूर्णतया खत्म करने की बजाय इन्हें हवा से बाहर निकालता है और किसी ठोस पदार्थ या दीवार पर गिरा देता है. जब ये कण किसी दीवार या सतह पर ठहरते हैं तो खुद को दोबारा हल्के कर लेते हैं और हवा में फिर से शामिल हो जाते हैं. इस प्रकार हवा के दोबारा दूषित होने का डर बना रहता है.
5. Ozone
ओजोन एयर प्यूरीफायर हवा को शुद्ध करने के लिए ओजोन गैस (O₃) छोड़ते हैं. हालांकि, जनता को विश्वास दिलाने के लिए कई बयान दिए जाते हैं कि ये devices सुरक्षित हैं और इनडोर एयर पॉल्यूशन को नियंत्रित करने में प्रभावी हैं. स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा इन दावों को झूठा करार दिया गया है और किसी भी federal government agency द्वारा ऐसे devices को मंजूरी नहीं दी गई है. ओजोन के संपर्क में आने से अस्थमा के लक्षण हो सकते हैं और एक उच्च स्तर तक फेफड़े क्षतिग्रस्त हो सकते हैं.
मार्केट में कई कंपनियों के ओजोन एयर प्यूरीफायर मौजूद हैं और ये सभी अलग-अलग मात्रा में ओजोन पैदा करते हैं. इनडोर वातावरण में पाए जाने वाले कई केमिकल, ओजोन के साथ रियेक्ट करने और वास्तव में अप्रभावी होने में कई महीनों या साल का समय ले सकते हैं. साथ ही ओजोन धूल और पराग जैसे कणों को दूर करने में सक्षम नहीं है, इसलिए ओजोन प्यूरीफायर के साथ नेगेटिव आयन टेक्नोलॉजी को शामिल किया गया है. जैसे कि पहले मैंने आपको बताया यह सफाई के विरूद्ध, हवा के मास्क के तौर पर अधिक काम करता है.
एयर प्यूरीफायर लगाने का खर्चा और कीमत
एयर प्यूरीफायर लगाने पर कितना खर्चा होगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपके शहर में प्रदूषण कितना है. क्योंकि अधिक वायु प्रदूषण वाली जगह पर फिल्टर को बार-बार बदलने की जरूरत पड़ती है. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपका प्यूरीफायर सिस्टम खराब हो सकता है.
अगर आप नियमित अंतराल पर फिल्टर नहीं बदलते हैं और खराब फिल्टर का इस्तेमाल करते हैं, तो ये जहरीली हवा पैदा करना शुरू कर देते हैं. एयर प्यूरीफायर प्रदूषकों का प्रभाव खत्म करने के लिए ओजोन गैस भी छोड़ते हैं.
केमिकल युक्त प्यूरीफायर को सबसे महंगा प्यूरीफायर माना जाता है, ये मॉलिक्यूलर फिल्ट्रेशन करता है. भारत में एयर प्यूरीफायर की कीमत 5000 रुपए से लेकर 1 लाख रुपए के बीच हो सकती है.
डॉक्टर और चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि एयर प्यूरीफायर शुद्ध हवा देने में सक्षम हैं. लेकिन यह कहना उचित नहीं होगा कि एयर प्यूरीफायर वास्तव में श्वसन रोगों जैसे कि अस्थमा अटैक जैसी घटनाओं से आपको बचा सकता है.
इसलिए एयर प्यूरीफायर खरीदने से पहले इसके फायदे और नुकसान के बारे में अच्छे से जान लें. एयर प्यूरीफायर से होने वाले फायदे और नुकसान आप नीचे पढ़ सकते हैं.
एयर प्यूरीफायर के फायदे – Advantages of Air Purifier in Hindi
घर में मौजूद हानिकारक केमिकल को खत्म करता है
अगर आप ऐसे शहर में रहते हैं जहां ज्यादा motor vehicles हैं और प्रदूषण काफी अधिक रहता है, तो पूरी संभावना होती है कि आपके घर में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे बाहरी प्रदूषक मौजूद हों. ऐसे में मनोभ्रम और अल्जाइमर रोगों के होने का खतरा बढ़ जाता है. अगर आप ऐसे शहर में नहीं है जहाँ अधिक वाहन नहीं है, तब भी आपके घर का वातावरण कुछ क्लीनिंग एजेंट के विषैले पदार्थों की वजह से प्रदूषित हो सकता है.
घर में इस्तेमाल होने वाले लगभग सभी क्लीनरों में जहरीले केमिकल शामिल होते हैं जैसे कि अमोनिया, क्लोरीन, थैलेट इत्यादि. कम मात्रा में इन केमिकलों के संपर्क में आना हानिकारक हो सकता है. लेकिन नियमित संपर्क से गंभीर स्वास्थ्य रोग जैसे कि ट्यूमर, कैंसर, हृदय और तंत्रिका संबंधी रोग पैदा हो सकते हैं. एक्टिवेटिड कार्बन के साथ आने वाले एयर प्यूरीफायर इन chemical contaminants को साफ़ कर सकते हैं और आपको कई स्वास्थ्य सबंधित समस्याओं से बचा सकते हैं.
अप्रिय गंध को बेअसर करता है
कुछ केमिकल जैसे कि गैसोलीन, बेंजीन और फॉर्मेल्डिहाइड कमरे के तापमान पर टूट जाते हैं, जिससे एक गंध निकलती है. इन केमिकलों को Volatile organic compounds (VOCs) कहा जाता है, जो कि आमतौर पर पेंट, एयरोसोल स्प्रे, गद्दी लगे हुए फर्नीचर या एयर फ्रेशनर में पाए जाते हैं. VOCs से निकलने वाली गंध से जी मिचलाना, सांस फूलना इत्यादि जैसे रोग पैदा होते हैं और यह आपके ज्ञान-संबधी कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकता है.
HEPA और Activated carbon फिल्टर के साथ आने वाले एयर प्यूरीफायर घर की हवा में मौजूद गैसों के साथ-साथ पार्टिकल्स को ट्रैप करने और प्रदूषकों को दूर करने में सहायक होते हैं. इस प्रकार एयर प्यूरीफायर सभी तरह की गंध को absorb करता है और आपके कमरे को फ्रेश और साफ़ बनाता है.
हवा जनित रोगों के खतरे को कम करता है
हवा जनित रोग जैसे कि कोल्ड और फ्लू हमारे आसपास बहने वाले रोगजनकों द्वारा फैलते हैं. अगर परिवार का कोई एक सदस्य फ्लू की चपेट में आज आ जाता है, तो घर के बाकी सदस्यों का इससे प्रभावित होना आम बात होती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सभी सदस्य उसी हवा में साँस लेते हैं जो बैक्टीरिया और वायरस से संक्रमित हो चुकी होती है.
HEPA फिल्टर के साथ आने वाले प्यूरीफायर इन बैक्टीरिया और वायरस को कैद कर लेते हैं. इसलिए एयर प्यूरीफायर इन हवा जनित रोगों को दूर कर आपको और आपकी फैमिली को सम्पूर्ण सुरक्षा प्रदान करते हैं. अगर आपके घर में बुजुर्ग, बच्चे या कोई ऐसा सदस्य है जिसका इम्यून सिस्टम कमजोर है, तो आपको घर में एयर प्यूरीफायर जरूर लगाना चाहिए.
नींद में सुधार करता है
घर में मौजूद एलर्जी वाले तत्व जैसे बैक्टीरिया, कवक और धूल कण एलर्जी या बुखार जैसी बीमारियां पैदा करते हैं. ऐसे में लगातार नाक बहना, छींक, खांसी, आंखों में पानी आना या गला खराब होने जैसे सामान्य एलर्जी लक्षण आपकी नींद खराब कर सकते हैं.
रात को सही नींद ना लेने पर दिन के समय झपकियाँ आती हैं, जो काम के समय आपकी productivity को घटाता है. इस तरह के नींद विघटन से बचने के लिए HEPA फिल्टर का इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि ये एलर्जी पैदा करने वाले तत्वों को आपके रूम से खत्म कर देता है.
लाइफ एक्सपेक्टेंसी बढ़ा सकता है
इनडोर वायु प्रदूषण आपके हृदय, श्वसन और यहां तक कि न्यूरोलॉजिकल सिस्टम को प्रभावित कर सकता है. सामान्य हाउसहोल्ड प्रोडक्ट से निकलने वाले केमिकल और गैस आपके फेफड़ों में जमा हो सकते हैं. वास्तव में, हवाई कण इतने छोटे होते हैं कि वे आपके मस्तिष्क और संज्ञानात्मक कार्यों को प्रभावित करते हुए रक्त-मस्तिष्क की बाधा में प्रवेश करते हैं. एक अच्छा एयर प्यूरीफायर बारीक कणों को भी कैद कर आपको बेहतर वायु गुणवत्ता प्रदान करता है.
एयर प्यूरीफायर से होने वाले नुकसान – Disadvantages of Air Purifier in Hindi
ओजोन उत्सर्जन
एयर प्यूरीफायर जैसे कि इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रेसिपिटेटर्स, ओजोन जनरेटर और आयनाइजर घर में ओजोन छोड़ते हैं. ओजोन एक विषैली रंगहीन गैस है जो प्राकृतिक तौर पर ऊपरी वायुमंडल में उपलब्ध है. यह मानव निर्मित स्मॉग का एक घटक भी है.
एयर प्यूरीफायर में ओजोन गैस का उत्सर्जन जानबूझकर कराया जाता है ताकि हवा में मौजूद बैक्टीरिया और केमिकल को दूर किया जा सके. इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रेसिपिटेटर्स अपने फंक्शन के पार्ट के तौर पर ओजोन छोड़ता है. इसमें चार्जिंग प्रोसेस के दौरान ओजोन का उत्सर्जन होता है. ओजोन से साँस लेने में दिक्कत, छाती में दर्द और खांसी हो सकती है और अस्थमा के रोगियों को तीव्र लक्षण दिखाई दे सकते हैं.
परफॉरमेंस
एयर प्यूरिफायर कमजोर प्रदर्शन कर सकते हैं और उन सभी प्यूरिफाइंग इफेक्ट्स को प्रदान नहीं करते हैं, जो वे ऑफर करने का दावा करते हैं. प्यूरीफायर जो एक्टिवेटिड कार्बन का इस्तेमाल करते हैं गंध, केमिकल और गैस को खत्म कर सकते हैं, लेकिन अभी तक एलर्जी और सूक्ष्म जीवों के खिलाफ अप्रभावी हैं. HEPA फिल्टर वाले प्यूरीफायर एलर्जी पैदा करने वाले तत्वों को खत्म कर सकते हैं, लेकिन गंध, गैस और केमिकल को नहीं.
रखरखाव
कई एयर प्यूरिफायर डिस्पोजेबल, बदली फिल्टर पर निर्भर करते हैं जो महंगे हैं. प्यूरीफायर के सुचारू रूप से काम करने के लिए फिल्टरों को समय-समय पर बदलने की जरूरत होती है. रखरखाव न केवल महंगा है, बल्कि श्रम गहन भी है.
एयर प्यूरीफायर बनाने वाली कंपनियां कौन सी हैं?
वैसे तो एयर प्यूरीफायर बनाने वाली बहुत सारी कंपनियां हैं, लेकिन यहाँ मै आपको दस टॉप कंपनियों के नाम बताने जा रहा हूँ जो कुछ इस प्रकार हैं:
- Air Concept
- BreatheEasy Labs
- BreatheFresh Solutions
- Breathify
- Elofic Industries
- Hi Tech Sweet Water Technologies
- Lingel India
- Osim India
- STULZCHSPL India
- Wardwizard Solutions India
एयर प्यूरीफायर से संबंधित FAQs
क्या एयर प्यूरीफायर कोरोना वायरस को रोक सकता है?
नहीं, इसका कोई सबूत नहीं है कि एयर प्यूरीफायर कोरोना वायरस को रोक सकता है. आमतौर पर, HEPA फिल्टर 0.3 microns से बड़े आकार के कणों को फिल्टर कर सकता है, लेकिन कोरोना वायरस इससे छोटा होता है. UV lights वाले कुछ एयर प्यूरीफायर छोटे रोगजनकों को मार सकते हैं लेकिन ऐसी कोई विशेष स्टडी नहीं है जो दर्शाती हो कि कोरोना वायरस को इससे खत्म किया जा सकता है.
एयर प्यूरीफायर कमरे की हवा साफ़ करने में कितना समय लेता है?
ज्यादातर प्यूरीफायर कमरे को साफ़ करने के लिए 30 मिनट से लेकर 2 घंटे तक का समय लेते हैं. यह समय कमरे के आकार और एयर प्यूरीफायर की ACH रेटिंग पर निर्भर करता है. ACH रेटिंग का मतलब है, एक घंटे में कितनी बार पूरे कमरे की हवा फिल्टर की गई है. सबसे कुशल प्यूरीफायर एक घंटे में 4 से 5 बार हवा को फिल्टर करते हैं.
क्या एयर प्यूरीफायर हमारे लिए सही नहीं है?
सभी एयर प्यूरीफायर बुरे नहीं होते हैं. कुछ ओजोन छोड़ने वाले एयर प्यूरीफायर हानिकारक हो सकते हैं. इनकी वजह से साँस लेने में तकलीफ, खांसी और चेस्ट पैन जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं. अधिक मात्रा में ओजोन निकलने पर आपकी श्वसन प्रणाली खराब हो सकती है. HEPA और Activated Carbon फिल्टर सामान्य तौर पर इस्तेमाल के लिए सेफ होते हैं.
एयर फिल्टर कब चेंज करें?
अधिकांश निर्माता अपने सर्वोत्तम प्रदर्शन के लिए हर 3-6 महीनों में अपने फिल्टर को बदलने की सलाह देते हैं. यह एलर्जी और अस्थमा पीड़ितों के साथ-साथ उन लोगों के लिए अनुशंसित है जो हर 30-60 दिनों में अपने फिल्टर को बदलने के लिए साफ़ हवा चाहते हैं.
मुझे अपना एयर प्यूरीफायर कहाँ सेट करना चाहिए?
एयर प्यूरीफायर को लिविंग रूम या बेडरूम में लगाना चाहिए. यानी की इसे वहां सेट करना चाहिए जहाँ आप अधिक समय बिताते हैं, ताकि आप शुद्ध हवा का ज्यादा देर तक आनंद ले सकें. एयर प्यूरीफायर पोर्टेबल होते हैं, उन्हें जरूरत पड़ने पर कमरे से कमरे में स्थानांतरित किया जा सकता है.
क्या एयर प्यूरीफायर अच्छी नींद लेने में सहायक है?
जी हाँ, एयर प्यूरीफायर उन सभी एलर्जी पैदा करने वाले तत्वों को रोकता है जो अच्छी नींद लेने में बाधा उत्पन्न करते हैं. बार-बार खांसी आना, छींक और साँस लेने में तकलीफ होना ये सब वो एलर्जिक रिएक्शन हैं जो अच्छी नींद को नुकसान पहुंचाते हैं. एयर प्यूरीफायर प्रदूषकों को कैद करके एलर्जी की संभावनाओं को कम करता है और हमे अच्छी नींद प्रदान करता है.
Conclusion
मै आशा करता हूँ आपको मेरा यह लेख “एयर प्यूरीफायर क्या होता है और कैसे काम करता है? (Air Purifier in Hindi) ” जरुर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है एयर प्यूरीफायर की पूरी जानकारी हिंदी में explain करने कि ताकि आपको इस विषय के संदर्भ में किसी दूसरी website पर जाने की जरूरत ना पड़े.
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