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क्या होता है Optical Fiber? जानिए पूरी जानकारी हिंदी में

क्या आपने कभी सोचा है कि कैसे पलक झपकते ही Email एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंच जाता है, कैसे internet के माध्यम से data एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर पर transfer कर दिया जाता है और कैसे पूरी दुनिया में communication इतनी जल्दी हो पाता है. ये सब संभव होता है Optical fiber की वजह से. लेकिन क्या आप जानते हैं Optical fiber क्या है? और यह कैसे काम करता है?

Optical fiber एक ऐसी पतली तार है जिसमे light के माध्यम से data को एक स्थान से दूसरे स्थान पर तेजी से transfer किया जाता है. इसके उपयोग ने आधुनिक युग में एक नई क्रांति पैदा की है.

आज अगर आप मेरा ये आर्टिकल अपने कंप्यूटर या मोबाइल पर पढ़ रहे हैं तो इसे संभव बनाने के पीछे ये ऑप्टिकल फाइबर ही है.

आज के इस लेख में आपको Optical fiber के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में पढ़ने को मिलेगी, जहाँ हम Optical Fiber क्या है (Optical Fiber in Hindi) और यह कैसे काम करता है के बारे में जानेंगे. तो चलिए शुरू करते हैं.

Optical fiber क्या है? – What is Optical Fiber in Hindi

optical fiber kya hai

ऑप्टिकल फाइबर एक flexible, transparent fiber है जो कि drawing glass (silica) या प्लास्टिक से बना होता है और इसका diameter इंसानों के बाल से थोड़ा अधिक होता है. इसका इस्तेमाल data, voice और images को light के माध्यम से एक end से दूसरे end तक भेजने के लिए किया जाता है.

Optical fiber के जरिए लंबी दूरी तक transmission किया जा सकता है और इसमें electrical cable की अपेक्षा higher bandwitdh (अधिक data transfer rate) होता है.

इसमें metal wires की जगह fibers का इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि इनके माध्यम से signals कम loss के साथ लंबी दूरी तय कर सकते हैं. इसके अलावा fibers, electromagnetic हस्तक्षेप के लिए प्रतिरक्षित होते हैं, जबकि metal wires में यह समस्या आम होती है.

Optical fiber में बिजली का संचार नहीं, बल्कि light (प्रकाश) का संचार किया जाता है, जिससे speed काफी तेज हो जाती है. ऑप्टिकल फाइबर की कीमत अन्य तारों के मुकाबले कहीं अधिक होती है.

इसके माध्यम से travel करने वाला data प्रकाश की गति से travel करता है, जो कि तीन लाख किलोमीटर प्रति सेकंड होती है.

Optical fiber कैसे काम करता है?

जैसे कि नाम से पता चलता है, Optical = प्रकाशीय Fiber = तंतु, यह प्रकाश (light) के माध्यम से काम करने वाला fiber होता है. इसके जरिए data transfer करने के लिए transducer की मदद से data को electrical signals से light pulses में बदला जाता है और फिर इन light pulses को core के जरिए एक end से दूसरे end तक भेजा जाता है.

optical fiber kya hai

जैसे ही light pulses recieve होती है, इसे photo-transducer की मदद से दोबारा electrical signal में बदला जाता है. इन्ही electrical signals (binary values) को computer समझता है और हमे जानकारी प्राप्त होती है.

Optical Fiber किस सिद्धांत पर काम करता है?

ऑप्टिकल फाइबर पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection) के सिद्धांत पर काम करता है. जैसे ही light core में प्रवेश करती है यह zig-zag फॉर्म में travel करती हुई एक end से दूसरे end पर पहुँचती है. यह सब core और cladding की वजह से उत्पन्न होने वाले total internal reflection से ही संभव हो पाता है. इसे और गहराई से समझने के लिए आपको Ray Theory of Light को समझना होगा.

Optical fiber का Structure

Optical fiber वो wires होती हैं जो light को transmit कर सकती हैं. फलस्वरूप ये wires पतली और flexible होती हैं. ये दूसरे wires की तरह metal से नहीं बनी होती हैं, बल्कि ये खास तरह के glass या transparent plastic से बनी होती हैं. आमतौर पर Optical fiber के structure में तीन भाग शामिल होते हैं:

1.Core

2.Cladding

3.Jacket

optical fiber structure in hindi

Core – यह सबसे भीतर का भाग होता है जो कि glass या transparent plastic का बना होता है. यह अत्यंत पतला, flexible और cylindrical shape में होता है. इसका मुख्य उद्देश्य पूरे प्रकाश को अपने भीतर रखना और इसे अपने axis के parallel guide करना होता है.

चूंकि यह light waves का प्रथम carrier और guide है, इसे एक optical waveguide कहा जा सकता है. इसलिए transfer होने वाले सभी data में optical fiber के इस segment के आधार पर transmission parameter या properties होंगे.

Claddingयह core के ऊपर second layer होती है. यह भी transparent glass और plastic की बनी होती है. लेकिन इसमे इस्तेमाल होने वाला material थोड़ा अलग होता है, इसलिए core की तुलना में cladding का refractive index कम होता है. इसका काम light को core के अंदर बनाए रखना होता है.

Cladding का refractive index कम होता है core के मुकाबले. ऐसे में light core और cladding की boundary के बीच critical angle से परे reflection पैदा करती है जिसे total internal reflection कहा जाता है. इसी आधार पर Optical Fiber Communication संभव हो पाता है.

Jacketइसका इस्तेमाल core और cladding को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है. इसे बनाने के लिए flexible और abrasion-resistant प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है. आमतौर पर jacket के नीचे एक दूसरी layer भी होती है जिसे buffer कहा जाता है.

ये buffer और jacket दोनों मिलकर optical fiber को environmental और physical damage से बचाते हैं.

Optical fibers कितने प्रकार के होते हैं? -Types of Optical Fiber in Hindi

सामान्य तौर पर Optical fibers तीन प्रकार के होते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:

  1. Single Mode Optical fiber
  2. Multimode Optical fiber
  • (i) Stepped Index Multimode Optical fiber
  • (ii) Graded Index Multimode Optical fiber
  1. Microstructured Optical Fiber
  1. Single Mode Optical fiber 

जैसे कि नाम से पता चलता है, इस तरह के fiber में केवल एक light के mode को transfer किया जाता है. साधारण भाषा में, यह अपनी लम्बाई में प्रकाश की केवल एक wavelength को लेजा सकता है. आमतौर पर wavelength 1310nm या 1550nm (nanometer) होती है.

single mode optical fiber

Single mode optical fiber ज्यादा बेहतर होते हैं multi-mode fiber की अपेक्षा, क्योंकि इनमे bandwidth ज्यादा होता है और loss कम होता है. यहाँ मजेदार बात यह है कि single mode fiber बाद में अस्तित्व में आया है multi mode fiber के. इसलिए ये multimode cables की अपेक्षा अधिक ताजा हैं.

इसमें एक tiny core का इस्तेमाल किया जाता है जिसका diameter इससे गुजरने वाली light के wavelength के बराबर होता है. इनमें light एक straight direction में travel करती है जिससे loss भी कम होता है. इसका इस्तेमाल उन applications में किया जाता है जहाँ longer distance connections की जरूरत होती है.

2. Multimode Optical fiber

इस तरह के optical fibers में प्रकाश उनके axis के साथ multiple modes में travel करता है. यह संभव हो पाता है उनके thicker core diameter की वजह से. Multimode fibers में light की wavelength 850nm से 1300nm के बीच होती है.

multi mode optical fiber

Multimode fibers के अंदर waves का reflection प्रत्येक mode के लिए अलग-अलग angles पर बनता है. इसके फलस्वरूप, इन angles के आधार पर reflection की संख्या भिन्न होती है. इसमें एक ऐसा mode भी हो सकता है जहाँ light बिना core से टकराए गुजर सकती है. और हल्का higher mode भी हो सकता है जो कि उपयुक्त internal reflections के साथ travel करे. 

Incident angle के साथ सभी mode जो total internal reflection का कारण नहीं बनते हैं, उन्हें cladding द्वारा absorb कर लिया जाता है. जिसके result में losses पैदा होते हैं. 

इसमें higher-order modes भी हो सकते हैं, वे waves जो waveguide के axis की तरफ highly transverse होती हैं, कई बार reflect कर सकती हैं. असल में, असामान्य angles पर बढ़े हुए reflections की वजह से, higher-order modes cable में पूरी तरह से lost भी हो सकते हैं.

Lower-order modes मध्यम रूप से transverse या पूरी तरह से straight होते हैं जो कि तुलनात्मक रूप से अधिक बेहतर होते हैं.

Multimode Optical Fiber दो प्रकार के होते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:

(i) Stepped-Index Multimode Optical fiber – इसमें multimode के core का reflective index cable में एकसमान रहता है.

(ii) Graded-Index Multimode Optical fiber – Core का refractive index इसके centre से लेकर surface तक radially बदलता रहता है

Graded Index Multimode Optical fiber की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि stepped index fiber में waves same point पर अलग-अलग समय पर पहुंचती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि सभी modes की velocity अलग-अलग होती है. जिसके चलते output समकालीन नहीं होता है और bandwidth कम हो जाती है. इसे intermodal dispersion/distortion कहा जाता है.

इस issue को graded-indexed fiber के जरिए कम किया जाता है. क्योंकि refractive index radially बदलता रहता है, जिससे higher-order modes झुकते हैं lower order modes की तरफ और result के रूप में waves एक साथ same point पर पहुँचती है.

3. Microstructure Optical Fibres

ये नए प्रकार के optical fibres हैं, जो light के जरिए communication के लिए एक पूरी तरह से अलग concept का इस्तेमाल करते हैं. ऊपर बताए गए optical fibers के प्रकारों में light (प्रकाश) core और cladding के total internal reflection और refractive indices के कारण travel करती है.

लेकिन microstructure optical fibers में light के manipulate के लिए, waveguide के physical structure का इस्तेमाल nano-scale level पर किया जाता है. Microstructure Optical Fibers के निम्नलिखित प्रकार हैं:

  • Photonic Crystals
  • Air-Clad या Double Clad Fibers
  • Fresnel Fibers

Optical Fiber के उपयोग क्या हैं? – Uses of Optical Fiber in Hindi

ऑप्टिकल फाइबर के उपयोग

ऑप्टिकल फाइबर के इस्तेमाल कुछ इस प्रकार हैं:

  • ऑप्टिकल फाइबर का उपयोग telecommunication और computer networking के माध्यम के तौर पर किया जाता है, क्योंकि यह flexible होता है और इसे cable की तरह bundle के रूप में रख सकते हैं. इसका अधिक लाभ long distance communication में होता है.
  • रिमोट सेंसिंग में भी fibers का इस्तेमाल किया जाता है. कुछ applications में optical fiber को ही sensor के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.
  • Flexible होने के कारण doctors द्वारा सर्जरी के दौरान शरीर के भीतरी भाग में प्रकाश पहुँचाने के लिए इनका इस्तेमाल किया जाता है. 
  • ऑप्टिकल फाइबर का उपयोग power transmission के लिए भी किया जा सकता है. इसके लिए photovoltaic cell का उपयोग किया जाता है light को electricity में बदलने के लिए.  

ऑप्टिकल फाइबर के फायदे – Advantages of Optical Fiber in Hindi

ऑप्टिकल fiber के benefits कुछ इस प्रकार हैं:

  1. Higher Bandwidth  – अधिक bandwidth होने के कारण optical fiber में data transfer बहुत तेजी के साथ होता है. सामान्य cables की तुलना में इसका bandwidth 10 से 100 गुना अधिक होता है. साथ ही यह अधिक data को transmit कर सकता है. इसलिए इसका इस्तेमाल लंबी दूरी वाले connections के लिए किया जाता है.
  2. कम Loss – ऑप्टिकल फाइबर में signal भेजने के लिए metal wire की जगह light का इस्तेमाल किया जाता है. फलस्वरूप, signal loss कम होता है.
  3. पतला और हल्का Size – ऑप्टिकल फाइबर का आकार हमारे बालों से थोड़ा ही अधिक होता है और साथ में ये हल्के भी होते हैं. इसलिए इनका रखरखाव बहुत आसान हो जाता है.
  4. Electromagnetic हस्तक्षेप प्रतिरक्षित – ऑप्टिकल फाइबर पूरी तरह से insulator (कुचालक) के बने होते हैं. इसलिए इनपर electromagnetic क्षेत्र का प्रभाव नही होता है तथा ये बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के कार्य करता है.
  5. अधिक सुरक्षित – इसके माध्यम से travel करने वाला data पूरा सुरक्षित होता है. ऑप्टिकल फाइबर से data चोरी करना अत्यंत मुश्किल काम है. इसलिए data चोरी होने का डर नहीं होता है.
  6. Short Circuit का खतरा नहीं – चुंकि ऑप्टिकल फाइबर में data transfer के लिए बिजली की जगह प्रकाश का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में short circuit से cable के जलने का खतरा नहीं रहता है.

ऑप्टिकल फाइबर के नुकसान – Disadvantages of Optical Fiber in Hindi

  1. Copper Cable की तुलना में अधिक महंगा – ऑप्टिकल फाइबर का installation कॉपर केबल की तुलना में अधिक महंगा पड़ता है. क्योंकि ऑप्टिकल फाइबर के installation में अधिक care की आवश्यकता होती है.
  2. मुश्किल Installation – Fiber optic cable को splice करना अत्यंत कठिन काम होता है. और यदि इन्हें अधिक bend कर दिया जाए तो ये टूट सकते हैं. Installation या construction के समय इनके cut और damage होने का खतरा बना रहता है. इसलिए इन्हें install करना बहुत मुश्किल काम होता है. 
  3. Attenuation और Dispersion – जैसे-जैसे transmission distance बढ़ता जाता है, light कमजोर होती जाती है और फैलती जाती है. इससे निपटने के लिए एक extra optical component का इस्तेमाल किया जाता है जैसे कि EDFA.
  4. Repair करना मुश्किल – अगर ऑप्टिकल फाइबर कहीं से damage हो जाता है या कोई और समस्या आती है तो इन्हें repair करना मुश्किल हो जाता है. इसके लिए skilled कारीगरों की आवश्यकता होती है.

ऑप्टिकल फाइबर का आविष्कार किसने किया?

सन 1840 के शुरुआती दशक में फ़्रांसीसी आविष्कारक डैनियल कोलाडन और जैक्स बाबिनेट द्वारा अपवर्तन से दूरी पर transmission का मार्गदर्शन किया गया, जिसके बाद transmission की अवधारणा अस्तित्व में आई.

सन 1850 के मध्य में आयरिश आविष्कारक जॉन टिंडल ने फव्वारे का उपयोग करते हुए एक समान प्रदर्शन किया. इन्ही प्रयोगों के आधार पर आविष्कारक जॉन लॉगी बेयर ने 1925 में टेलीविज़न का आविष्कार किया.

सन 1952 में भौतिक विज्ञानी नरिंदर सिंह कपानी ने जॉन टिंडल के प्रयोगों को आधार बनाते हुए पहली वास्तविक opticle fiber cabel का आविष्कार किया. इसके पश्चात सन 1965 में ब्रिटिश के दो शोध वैज्ञानिकों चार्ल्स काओ और जॉर्ज होकमैन ने standard telephone और cables के साथ काम किया. उन्होंने पाया कि manufacturing के दौरान अशुद्धियों के कारण optics में attenuation की समस्या उत्पन्न हो रही है.

अगर इस attenuation की समस्या पर काबू पा लिया जाए तो opticle fiber को communication के लिए व्यवहारिक साधन के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है.

इसके बाद सन 1970 में कॉर्निंग ग्लास वर्क्स, रॉबर्ट मूरर, डोनाल्ड केक, पीटर शल्ट्ज़ और फ्रैंक ज़िमर के लिए काम कर रहे इन चार शोध वैज्ञानिकों ने attenuation की समस्या को दूर कर दिया. 

Conclusion

मै आशा करता हूँ आपको मेरा यह लेख “Optical Fiber क्या है? जानिए पूरी जानकारी हिंदी में” जरुर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है Optical Fiber in Hindi से जुड़ी हर जानकारी को सरल शब्दों में explain करने कि ताकि आपको इस विषय के संदर्भ में किसी दूसरी website पर जाने की जरूरत ना पड़े.

अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो या कुछ नया सीखने को मिला हो तो कृपया इसे दूसरे social media networks जैसे whatsapp, facebook, telegram इत्यादि पर share जरुर करें.

Rahul Chauhan
Rahul Chauhanhttps://hindivibe.com/
Rahul Chauhan, Hindivibe के Author और Founder हैं. ये एक B.Tech डिग्री होल्डर हैं. इन्हें विज्ञान और तकनीक से संबंधित चीजों के बारे में जानना और लोगों के साथ शेयर करना अच्छा लगता है. यह अपने ब्लॉग पर ऐसी जानकारियां शेयर करते हैं, जिनसे कुछ नया सिखने को मिले और लोगों के काम आए.

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