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Artificial Intelligence (AI) क्या है?

क्या आप जानते हैं यह Artificial Intelligence (AI) क्या है? पिछले कुछ समय से Artificial Intelligence (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) लगातार चर्चा में बनी हुई है. Artificial Intelligence कंप्यूटर विज्ञान की वह शाखा है, जो इंसानों की तरह सोचने समझने या मानव बुद्धि की नकल करने वाली मशीन बनाती है. आज के समय में AI का उपयोग काफी बढ़ गया है. हम जितने भी smart device इस्तेमाल करते हैं, जैसे स्मार्टफोन, स्मार्ट टीवी इत्यादि, इन सभी में AI का उपयोग हो रहा है. यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले समय में हम पूरी तरह से AI पर निर्भर हो जाएंगे.

हम अपने फोन में जो face lock लगाते हैं और voice command के जरिए कुछ भी आसानी से सर्च कर लेते हैं, वह सब Artificial Intelligence का ही कमाल है. आज के इस लेख में आप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में सब कुछ जानेंगे, जहां आपको आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्या होता है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैसे काम करता है, AI के प्रकार, फायदे और नुकसान क्या हैं इत्यादि के बारे में बताया जाएगा. तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं AI (Artificial Intelligence in Hindi) की पूरी जानकारी.

Artificial Intelligence (AI) क्या है?What is AI in Hindi

artificial intelligence kya hai

AI का मतलब वो मशीनें हैं, खास तौर पर कंप्यूटर सिस्टम, जो हूबहू इंसानों की तरह सोचने और कार्यों को पूरा करने की क्षमता रखती हैं. ये मशीनें मानव बुद्धि प्रक्रियाओं की नकल करती हैं. एआई (AI) के विशिष्ट अनुप्रयोगों में expert system (एक कंप्यूटर प्रोग्राम), machine vision, speech recognition और natural language processing शामिल हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की विशेषता है कि यह तर्क सहित किसी के बारे में बताने और एक विशिष्ट लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कार्यवाही करने की क्षमता रखता है. 

Machine Learning एआई का ही एक हिस्सा है, जिसमें computer programs बिना किसी इंसान की मदद के अपने आप सीख सकते हैं और नए डेटा के अनुकूल हो सकते हैं. इस automatic learning को सक्षम बनाने का काम, बड़ी मात्रा में unstructured data जैसे text, image, video इत्यादि को absorb कर, deep learning तकनीक करती है.

Artificial Intelligence के क्षेत्र में रिसर्चर्स और डेवलपर्स नकल करने की गतिविधियों जैसे सीखना, विचार करना और अनुभव करना के लिए आश्चर्यजनक रूप से तेजी के साथ प्रगति कर रहे हैं. कुछ लोगों का मानना है कि जल्द ही ऐसे सिस्टम भी विकसित होंगे जो मानव के सीखने और विचार करने की क्षमता को भी पार कर लेंगे.

AI के उदाहरण

  • Facial Detection और Recognition
  • Chatbots
  • Digital Assistants
  • E-Payments
  • Text Editors
  • Maps और Navigation
  • Search और Recommendation Algorithms 

Artificial Intelligence (AI) कैसे काम करता है?

ज्यादातर कंपनियां अपने उत्पाद या सेवाओं में AI इस्तेमाल करने का दावा करती है, लेकिन असल में जिन्हें वे AI मानते हैं वह केवल AI का एक भाग होता है, जैसे मशीन लर्निंग. Machine learning algorithms के लिए लिखने और प्रशिक्षण के लिए AI को एक विशेष हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है. कोई भी प्रोग्रामिंग भाषा AI के समान नहीं है, लेकिन कुछ जिनमें पायथन, आर और जावा शामिल हैं, लोकप्रिय हैं.

साधारण भाषा में, Artificial Intelligence (AI) system काम करने के लिए बड़ी मात्रा में labeled training data को ग्रहण करता है, इसके बाद पारस्परिक संबंध और पैटर्न तैयार करने के लिए डेटा का विश्लेषण करता है, और इस पैटर्न का इस्तेमाल करते हुए भविष्य की स्थितियों का अनुमान लगाता है.

इस तरीके का ही इस्तेमाल करते हुए chatbot (मानव उपयोगकर्ताओं के साथ बातचीत की नकल करने के लिए डिज़ाइन किया गया एक कंप्यूटर प्रोग्राम) में text chats के उदाहरण डाले जाते हैं, जो लोगों के साथ ज्यों के त्यों आदान-प्रदान करते हैं. दूसरा, एक image recognition tool लाखों उदाहरणों की समीक्षा (reviewing) करके इमेज में वस्तु की पहचान करना और उनका वर्णन करना सीख सकता है.

AI Programming में तीन ज्ञान-संबंधी स्किल्स पर फोकस किया जाता है:

  1. Learning
  2. Reasoning
  3. Self-Correction

Learning प्रक्रियाएं – AI प्रोग्रामिंग के इस पहलू में डेटा का संग्रह किया जाता है और इसे actionable information में बदलने के लिए नियम बनाए जाते हैं. इन्हीं नियमों को algorithms कहा जाता है, जो किसी specific task को पूरा करने के लिए step-by-step इंस्ट्रक्शन्स के साथ computing device प्रदान करते हैं.

Reasoning प्रक्रियाएं – इस पहलू में AI प्रोग्रामिंग अपने वांछित परिणाम (desired outcome) को प्राप्त करने के लिए सही algorithm का चुनाव करता है. 

Self-Correction प्रक्रियाएं – AI प्रोग्रामिंग के इस पहलू को algorithms को लगातार ठीक करने और सबसे सटीक परिणाम को सुनिश्चित करने के लिए डिजाइन किया जाता है.

AI में शामिल उपक्षेत्र

AI अध्ययन का एक व्यापक क्षेत्र है जिसमें कई सिद्धांत, विधियां और प्रौद्योगिकियां शामिल हैं, साथ-साथ कई उपक्षेत्र भी शामिल हैं. AI में शामिल उपक्षेत्रों (subfields) को आप नीचे देख सकते हैं.

Machine Learning 

मशीन लर्निंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का एक व्यापक उपक्षेत्र है, जो कंप्यूटर को बिना स्पष्ट प्रोग्रामिंग के डेटा और अनुभव से सीखने में सक्षम बनाता है. मशीन लर्निंग का ज्यादातर इस्तेमाल finance, healthcare और manufacturing के क्षेत्र में किया जाता है. मशीन लर्निंग एल्गोरिथ्म को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है: Supervised और Unsupervised.

Supervised Algorithms को एक training dataset की आवश्यकता होती है, जिसमें input data और desired output दोनों शामिल होते हैं. जबकि Unsupervised Algorithms में training data की आवश्यकता नहीं होती, यह खुद से सीखे गए डेटा पर निर्भर करता है.

Deep Learning

इसे मशीन लर्निंग का उपक्षेत्र भी कहा जाता है. डीप लर्निंग एआई का इस्तेमाल self driving cars, speech recognition और computer vision जैसे टास्क को पूरा करने के लिए किया जाता है. डीप लर्निंग नेटवर्क को deep इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें interconnected processing nodes की कई layers शामिल होती हैं. 

पहली लेयर, बाहरी दुनिया से इनपुट लेती है, जैसे कोई इमेज या वाक्य. दूसरी लेयर इस इनपुट को अगली लेयर को पास करती है, इसी तरह यह प्रक्रिया आगे बढ़ती रहती है. अंतिम चरण में आउटपुट लेयर का परिणाम, भविष्यवाणी या वर्गीकरण के रूप में होता है, जैसे इमेज से किसी विशेष वस्तु की पहचान या किसी वाक्य का एक भाषा से दूसरी भाषा में ट्रांसलेशन.

Neural Networks

AI के इस उपक्षेत्र का इस्तेमाल ऐसे सॉफ्टवेयर बनाने के लिए किया जाता है जो इंसानों की तरह सीख सकते हैं और फैसले ले सकते हैं. AI Neural Networks कई तरह के interconnected processing nodes या neurals से बने होते हैं, जो मानव मस्तिष्क की तरह पैटर्न को पहचानना सीख सकते हैं. 

AI Neural Networks कई इंडस्ट्रीज में decision making में सुधार करने का काम करते हैं, जैसे healthcare, finance और manufacturing industries. इनका इस्तेमाल machine learning algorithms द्वारा की गई भविष्यवाणियों की सटीकता को बढ़ाने के लिए भी किया जा सकता है.

Natural Language Processing

यह AI का वह उपक्षेत्र है जो मानव भाषा को समझने और जोड़-तोड़ से संबंध रखता है. AI का यह क्षेत्र काफी लंबे समय से मौजूद है, लेकिन पिछले कुछ सालों में machine learning और deep learning की उन्नति की वजह से यह अधिक पॉपुलर हुआ है. 

NLP का इस्तेमाल विभिन्न अनुप्रयोगों में किया जाता है, जैसे कि machine translation, text classification, sentiment analysis इत्यादि. इनका इस्तेमाल chatbots और personal assistants बनाने, जैसे Google Translate, Alexa, Siri इत्यादि के लिए किया जाता है.

Computer Vision

Artificial Intelligence के इस क्षेत्र में कंप्यूटर को visual world की व्याख्या और समझने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. कैमरा से डिजिटल छवियों, वीडियो और deep learning मॉडल्स का इस्तेमाल करते हुए मशीनें सटीकता के साथ objects को पहचान सकती हैं और वर्गीकरण कर सकती हैं. 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रकार

कार्यक्षमता के आधार पर AI को चार भागों में बांटा गया है:

  1. Reactive Machines AI – इस तरह के AI में वो मशीनें शामिल होती हैं जो केवल वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए present data पर अकेले ऑपरेट की जाती हैं. Reactive AI मशीनें अपने भविष्य के कार्यों को आकलन करने के लिए डेटा से अनुमान नहीं लगा सकती. वे पूर्व निर्धारित कार्यों को एक सीमित सीमा तक ही पूरा कर सकती हैं. रिएक्टिव एआई का उदाहरण प्रसिद्ध IBM chess program है, जिसने विश्व चैंपियन Garry Kasparov को भी हरा दिया था.
  2. Limited Memory AI – इस प्रकार के AI में अपने past data का अध्ययन करके, सूचित करने और निर्णय लेने की क्षमता होती है. इनके पास थोड़े समय के लिए या एक अस्थायी memory होती है, जिन्हें पिछले अनुभव को स्टोर करने और भविष्य की क्रियाओं का आकलन करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. Self driving कारों में Limited Memory AI का इस्तेमाल किया जाता है, जो तुरंत निर्णय लेने के लिए हाल ही में एकत्रित किए गए डेटा का इस्तेमाल करता है. 
  3. Theory of Mind AI – यह एक advance type की AI तकनीक है. अनुमान लगाया गया है कि इस प्रकार की श्रेणी में आने वाली मशीनें मनोविज्ञान में मुख्य भूमिका निभाएंगी. इस तरह के AI को मुख्य तौर पर भावनात्मक बुद्धि पर केंद्रित किया जाएगा, ताकि मानव विचारों को अच्छी तरह से समझा जा सके. अभी theory of mind पूरी तरह से विकसित नहीं हुई है, लेकिन वैज्ञानिक इस क्षेत्र में तेजी से कार्य कर रहे हैं.
  4. Self-aware AI – बेहतर होगा यदि हम इस तरह की AI तक ना पहुंचे. क्योंकि इस AI में मशीनों की अपनी चेतना होगी और वे जागरूक बन जाएंगी, जो इंसानों के लिए मुसीबत बन सकती हैं. वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए हम इस प्रकार की AI से अभी दूर हैं. हालांकि, भविष्य में इस AI तक पहुंचना संभव हो सकता है. Elon Musk और Stephen Hawking जैसे जीनियस लोगों ने AI के विकास को लेकर लगातार चेतावनी दी है.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रमुख अनुप्रयोग – AI Applications in Hindi

एआई क्या है, समझने के बाद बारी है कुछ ऐसे examples को जानने की जिनमें AI का इस्तेमाल होता है. इन उदाहरणों को आप नीचे देख सकते हैं.

AI Robots – ये वे रोबोट्स हैं जो इंसानों की तरह बात करने, देखने, चलने फिरने और बाधाओं को पहचानने की क्षमता रखते हैं. ये मानव जैसी भावनाओं को व्यक्त करने और यहां तक कि खाना बनाने में भी सक्षम हो सकते हैं. अलग-अलग रोबोट्स अलग-अलग विशेषताओं के साथ बनाए जाते हैं. आपने हॉलीवुड मूवीज I Robot, Blade Runner और भारतीय फिल्म Robot जैसी फिल्मों में इस तरह के रोबोट्स को देखा होगा. असल लाइफ में मौजूद AI robots में Sophia, Flippy 2 और Pepper शामिल हैं.

AI और Smart Assistants – एआई असिस्टेंट या डिजिटल असिस्टेंट वे असिस्टेंट होते हैं, जिनसे voice command के जरिए किसी भी task को पूरा किया जा सकता है, जैसे Apple का Siri, Amazon का Alexa और Samsung का Bixby. इन AI assistant की मदद से आप अपने फोन में timers और reminders सेट करना, phone calls, online searches, light on-off ओर music play जैसे कई कार्य कर सकते हैं.

Healthcare में AI – स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस game changer साबित हो रहा है. रोबोट सर्जरी से लेकर साइबर अपराधियों से निजी सुरक्षा तक, AI की मदद से उद्योग के लगभग हर पहलू में सुधार हो रहा है. वहीं चिकित्सा लागत कम होने के साथ-साथ गैर जरूरी प्रक्रियाओं में भी कमी आ रही है. Workflow assistants की मदद से डॉक्टर समय की बचत कर पा रहे हैं तो virtual assistants अनावश्यक hospital visits को कम करने में मदद कर रहे हैं. PathAI जैसी AI आधारित तकनीक pathologists को tissue samples का विश्लेषण करने और अधिक सटीक निदान करने में मदद करती है. इसी तरह Pager जो कि एक AI आधारित virtual platform है, छोटे दर्द और बीमारियों का पता लगाने में मरीज की मदद करता है.

Self-Driving Car –  पहले लोग बिना ड्राइवर के अपने आप चलने वाली कारों की कल्पना करते थे, लेकिन अब यह वास्तविकता में बदल रहा है. यह संभव हुआ है AI की मदद से. Tesla और Waymo जैसी कंपनियां self driving कारें लॉन्च कर रही हैं. इन कारों में sensors लगे होते हैं जो सड़क पर और कार के आसपास हर घटना पर नजर रखते हैं, जैसे कार की स्पीड, रास्ते के हालात, दूसरे वाहन इत्यादि और सही समायोजन के लिए artificial intelligence का इस्तेमाल करते हैं. ये कारें बिना इंसान या ड्राइवर के अपने आप चल सकती हैं और गंतव्य तक पहुँच सकती हैं.

Social Media में AI – आज Facebook, Twitter और Telegram जैसे सोशल मीडिया, उपयोगकर्ता के सार्थक अनुभवों को व्यक्तिगत और विकसित करने के लिए लगातार लड़ाई में है. इंडस्ट्री में Artificial intelligence का उपयोग तेजी के साथ बढ़ रहा है. विशाल मात्रा में डेटा को व्यवस्थित करने, इमेजेज को पहचानने, चैटबोट पेश करने और कल्चर के बदलाव की भविष्यवाणी करने की क्षमता के साथ, AI इंडस्ट्री के लिए बहुत मूल्यवान है. 

Travel और Transportation में AI – Travel और Transportation में Artificial intelligence का इस्तेमाल एक मेगा ट्रेंड बन गया है. लोग यात्रा की व्यवस्था करने से लेकर, काम के बाद घर जाने के लिए कुशल रास्ते का पता लगाने तक, AI का बढ़-चढ़कर इस्तेमाल कर रहे हैं. एआई आधारित चैटबोट, ग्राहकों से मानवों की तरह बात करके यात्रा से संबंधित सवालों के जवाब देते हैं. AI की बदौलत ट्रैवल इंडस्ट्री में तेजी के साथ बदलाव हो रहे हैं. Google maps जैसी AI आधारित एप के जरिए हम आसानी से रास्तों से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और नजदीकी पेट्रोल पंप, शॉप्स, रेस्तौरेंट इत्यादि का भी पता लगा सकते हैं.

Surveillance System – निगरानी तंत्र (Surveillance System) में AI का इस्तेमाल काफी अधिक हो रहा है. AI के जरिए पशुओं, वस्तुओं और इंसानों में आसानी से फर्क किया जा सकता है. AI आधारित कैमरों के जरिए दुश्मनों पर नजर रखी जा सकती है और आवाज और छवियों का विश्लेषण कर उनकी पहचान की जा सकती है. इस तरह के मामलों में मशीन विज़न तकनीक का प्रयोग किया जाता है, जो object की लम्बाई, चौड़ाई, आकार और गति का पता लगा सकती है. यह algorithms और mathematical procedure का एक सेट होता है, जिसका इस्तेमाल अधिकतर satellites और surveillance system में होता है.

Space Exploration – अंतरिक्ष से जुड़े ज्यादातर मिशन मानव रहित होते हैं, यानी उनका पूरा नियंत्रण automatic होता है. इस काम को बखूबी पूरा करने में AI का ही प्रयोग किया जाता है. अंतरिक्ष संबंधी कुछ ऐसे कार्य जो इंसानों के लिए जोखिम भरे हो सकते हैं, वहां AI का शत प्रतिशत योगदान होता है. ऐसे में बिना AI के Space Exploration मुमकिन नहीं है.

Manufacturing Industry में – निर्माण उद्योगों में सबसे ज्यादा श्रम और मेहनत की आवश्यकता होती है. इसलिए AI का इस्तेमाल इन उद्योगों के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ है. सिर्फ समय और श्रम ही नहीं बल्कि वित्तीय तौर पर भी AI से काफी फायदा होता है. AI आधारित मशीनों के इस्तेमाल से manufacturing industry को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है. हालांकि, मशीनों का इस्तेमाल पहले भी किया जाता था, लेकिन ज्यादातर मशीनें manually operate की जाती थी, इसलिए मानव श्रम की जरूरत पड़ती थी. AI based मशीनें पूरी तरह से ऑटोमेटिक होती हैं. 

AI के फायदे और नुकसान

Artificial Intelligence के फायदे और नुकसान दोनों हैं, जिनके बारे में आप नीचे पढ़ सकते हैं.

Artificial Intelligence के फायदे

  • AI विस्तार-उन्मुख नौकरियों के लिए फायदेमंद है.
  • बड़े कार्यों को जल्दी पूरा कर समय की बचत की जा कसती है.
  • AI से लगातार कार्य चलता रहता है.
  • AI-powered वर्चुअल एजेंट्स हमेशा उपलब्ध होते हैं.
  • AI विकलांग व्यक्तियों की कार्यक्षमता को बढ़ा सकता है.
  • मशीनों में AI का इस्तेमाल उत्पादन बढ़ा सकता है.
  • AI प्रक्रिया को तेज और स्मार्ट बनाकर निर्णय लेने की सुविधा प्रदान करता है.

Artificial Intelligence के नुकसान

  • काफी expensive है.
  • AI टूल्स के निर्माण के लिए योग्य workers बहुत कम हैं.
  • AI आधारित मशीनों का अधिक इस्तेमाल बेरोजगारी बढ़ा सकता है.
  • यह इंसानों को आलसी बना सकता है और शारीरिक गतिविधियां कम हो सकती हैं .
  • AI के लिए गहरी तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता है.

Conclusion

ऊपर बताई गई बातों से साफ जाहिर होता है कि आने वाला युग Artificial Intelligence का ही युग है. मशीनें वो सब करने में सक्षम होंगी जो एक इंसान कर सकता है. हमें किस प्रकार से इसे अपने जीवन में शामिल करना है, यह हमारे ऊपर निर्भर होगा. उम्मीद है आपको मेरा यह लेख “Artificial Intelligence (AI) क्या है और कैसे काम करता है” जरूर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से हर संभव प्रयास किया है AI (Artificial Intelligence in Hindi) से जुड़ी पूरी जानकारी को आप तक पहुँचाने का. यदि आपको यह जानकारी पसंद आई हो और कुछ नया सीखने को मिला हो तो कृपया इसे अन्य लोगों के साथ शेयर जरूर करें.

Rahul Chauhan
Rahul Chauhanhttps://hindivibe.com/
Rahul Chauhan, Hindivibe के Author और Founder हैं. ये एक B.Tech डिग्री होल्डर हैं. इन्हें विज्ञान और तकनीक से संबंधित चीजों के बारे में जानना और लोगों के साथ शेयर करना अच्छा लगता है. यह अपने ब्लॉग पर ऐसी जानकारियां शेयर करते हैं, जिनसे कुछ नया सिखने को मिले और लोगों के काम आए.

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