Homeइनफॉर्मेटिवG-20 Summit क्या है, इसका उद्देश्य, G20 के सदस्य देश

G-20 Summit क्या है, इसका उद्देश्य, G20 के सदस्य देश

G20 in Hindi. इस वर्ष (2022) इंडोनेशिया के बाली में G-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसकी अध्यक्षता भारत द्वारा की गई. इस सम्मेलन में दुनिया भर के कई शीर्ष नेताओं ने हिस्सा लिया. आपने भी इस सम्मेलन से जुड़ी खबर जरूर देखी या सुनी होगी. लेकिन क्या आप जानते हैं G-20 शिखर सम्मेलन (समिट) क्या है और इसका उद्देश्य क्या है? अगर नहीं तो आज का यह आर्टिकल आपके लिए काफी मददगार साबित होने वाला है.

आज के इस लेख में आप G-20 क्या होता है, G-20 का कार्य और उद्देश्य क्या है, G-20 के सदस्य देश कौन-कौन से हैं इत्यादि जैसे सवालों के जवाब जानेंगे. तो चलिए करते हैं शुरुआत बिना किसी देरी के और जानते हैं जी20 से जुड़ी पूरी जानकारी.

G-20 समिट क्या है? – What is G20 Summit in Hindi

G20 kya hai
G-20 क्या है?

G-20 यानी “Group of Twenty” यूरोपियन संघ और 19 देशों का एक समूह है, जिसका मुख्य कार्य वैश्विक आर्थिक सहयोग प्रदान करना और आर्थिक स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखना है. यह समूह दुनिया की 85 प्रतिशत अर्थव्यवस्था और 75 वैश्विक व्यापार को नियंत्रित करता है. इसके अलावा ये देश जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर भी बात करते हैं.

जी20 में वे देश शामिल हैं, जो अर्थव्यवस्था के मामले में शीर्ष पर हैं. प्रत्येक वर्ष इन देशों द्वारा एक सम्मेलन (समिट) किया जाता है. इस दौरान अलग-अलग देशों के टॉप लीडर्स प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री आदि सम्मेलन में हिस्सा लेते हैं. मंत्री स्तर की बैठक में मंत्री, गवर्नर आदि शामिल होते हैं. इसलिए इसे एक अहम समिट का दर्जा दिया गया है.

समिट के दौरान हर देश अपना दृष्टिकोण रख सकता है और कई व्यापार समझौतों पर अलग-अलग देशों से बात कर सकता है. समिट में देशों के बीच शांतिप्रिय माहौल को कायम रखने पर भी बल दिया जाता है. इस वर्ष (2022) के सम्मेलन में भारत को इसका अध्यक्ष बनाया गया, जहां अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों जैसे नेताओं ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

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G-20 के सदस्य देशों के नाम

जी20 में शामिल सदस्य देशों के नाम कुछ इस प्रकार हैं:

  • भारत
  • रूस
  • अमेरिका
  • फ्रांस
  • जापान
  • ऑस्ट्रेलिया
  • चीन
  • यूनाइटेड किंगडम
  • जर्मनी
  • ब्राज़ील
  • कनाडा
  • सऊदी अरब
  • दक्षिण अफ्रीका
  • अर्जेंटीना
  • मेक्सिको
  • इंडोनेशिया
  • इटली
  • रिपब्लिक ऑफ कोरिया
  • तुर्की
  • यूरोपीय संघ

यदि इन सभी देशों की GDP को जोड़ा जाए तो यह दुनिया भर के देशों की 85 फीसदी है. इसलिए इन्हें दुनिया के शक्तिशाली देशों में गिना जाता है. इस सम्मेलन को इसलिए भी अहम माना जाता है, क्योंकि दुनिया की 60 फीसदी आबादी इन 20 देशों से ही आती है. हर साल G-20 की मेजबानी अलग-अलग देशों के पास रहती है.

G-20 के कार्य

G-20 में शामिल देशों के शीर्ष नेता वर्ष में एक बार बैठक जरूर करते हैं. इसके अलावा, वर्ष के दौरान, सभी सदस्य देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर नियमित रूप से बैठक करते रहते हैं, जहां वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों और वित्तीय नियमन में सुधार लाने और जरूरी प्रमुख आर्थिक सुधारों पर चर्चा की जाती है. इन बैठकों के अलावा कई अन्य बैठकें चलती रहती हैं जिनमें वरिष्ट अधिकारी और विशेष मुद्दों पर नीतिगत समन्वय पर काम करने वाले कार्य समूह शामिल होते हैं.

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G-20 कैसे काम करता है?

जी20 के कार्यों को दो ट्रैक में बांटा गया है:

Finance Track – इसमें सदस्य देशों के वित्त मंत्री, केंद्रीय बैंक के गवर्नर और उनके प्रतिनिधियों के साथ बैठकें की जाती हैं, जहां मौद्रिक और राजकोषीय मुद्दों, वित्तीय विनियमों इत्यादि पर ध्यान केंद्रित किया जाता है. ये बैठकें साल में कई बार होती हैं.

Sherpa Track – शेरपा ट्रैक में व्यापक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है जैसे राजनीतिक जुड़ाव, भ्रष्टाचार विरोधी, विकास इत्यादि. प्रत्येक देश को इसके sherpa (सिविल सेवक या राजनयिक) द्वारा ही represent किया जाता है, जो अपने संबंधित देश के नेता की ओर से योजना बनाना, गाइड करना और लागू करना जैसे कार्य करता है.

G-20 का उद्देश्य क्या है?

G-20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक और वित्तीय कार्यसूची के अत्यंत महत्वपूर्ण पहलुओं पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए एक मुख्य मंच है, जो दुनियाभर की प्रमुख उन्नत और उभरती अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाने का काम करता है. जी20 के उद्देश्य कुछ इस प्रकार हैं:

  • वैश्विक आर्थिक स्थिरता और सतत विकास के लिए सदस्य देशों के बीच नीतियों का सामंजस्य व तालमेल स्थापित करना.
  • भविष्य में वित्तीय संकट को रोकने और जोखिमों को कम करने वाले वित्तीय नियमों को प्रोत्साहन देना.
  • नई अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना तैयार करना.

G-20 की संरचना और कार्यप्रणाली

  • G-20 का कोई स्थायी सेक्रेटेरिएट या मुख्यालय नहीं है. बल्कि, G-20 अध्यक्ष देश अन्य सदस्य देशों के परामर्श से और वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास के जवाब में जी20 देशों को एक साथ लाने के लिए उत्तरदायी होता है.
  • हर साल जब एक नया देश अध्यक्षता लेता है, तो वह पिछले अध्यक्ष और आगे बनने वाले अध्यक्ष देश के साथ मिलकर काम करता है. इस प्रकार के समूह को TROIKA (तीन सदस्यों का एक साथ काम करना) के नाम से जाना जाता है. यह निरंतरता और स्थिरता को सुनिश्चित करता है.
  • G-20 की अध्यक्षता एक सिस्टम के तहत प्रत्येक वर्ष बदलती रहती है, जो समय के साथ एक क्षेत्रीय संतुलन सुनिश्चित करता है. अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए सभी देशों को 5 ग्रुप में विभाजित कर दिया जाता है. एक ग्रुप में 4 से अधिक सदस्य देश नहीं हो सकते. अध्यक्षता प्रत्येक ग्रुप के बीच घूमती है. प्रत्येक वर्ष G-20 द्वारा अध्यक्ष बनने के लिए दूसरे ग्रुप से एक देश का चयन किया जाता है. भारत ग्रुप 2 का सदस्य है जिसमें रूस, दक्षिण अफ्रीका और तुर्की शामिल हैं.

G-20 में किस तरह के मुद्दों पर ध्यान दिया जाता है?

G-20 वैश्विक महत्व के मुद्दों के एक व्यापक एजेंडे पर केंद्रित है, हालांकि वैश्विक अर्थव्यवस्था से संबंधित मुद्दे एजेंडे पर हावी होते हैं, पिछले कुछ सालों से अतिरिक्त विषय अधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं, जैसे:

  • भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई
  • जलवायु परिवर्तन
  • वैश्विक स्वास्थ्य
  • रोजगार
  • आर्थिक बाजार
  • कृषि
  • ऊर्जा
  • जॉब मार्केट में महिलाओं की उन्नति
  • आतंकवाद विरोधी
  • कर और राजकोषीय नीति

G-20 की स्थापना

जी20 की स्थापना 25 सितंबर 1999 को अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में, विश्व के प्रमुख देशों के संगठन G7 द्वारा की गई. एशिया के वित्तीय संकट के बाद वित्त मंत्रियों और बैंक के गवर्नरों ने बैठक की शुरुआत की. वित्तीय संकट को देखते हुए पहले G-20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा की गई, जिसका आयोजन 2008 में 14-15 नवंबर को किया गया. तब से प्रत्येक वर्ष G-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाने लगा. प्रत्येक वर्ष G-20 के अध्यक्ष देश द्वारा, अन्य सदस्य देशों को अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया जाता है. 

जी20 का मुख्यालय कहां है? (G-20 Headquarters in Hindi)

G-20 का मुख्यालय कहीं नहीं है, क्योंकि प्रत्येक वर्ष जी20 (G-20) शिखर सम्मेलन का आयोजन अलग-अलग देशों में किया जाता है. इसमें सभी देशों को एक अतिथि के रूप में बुलाया जाता है, जो बैठक में अपनी-अपनी राय रखते हैं और सबकी सहमति को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए जाते हैं.

G-20 शिखर सम्मेलन का विवरण

जी-20 शिखर सम्मेलनदिनांकमेजबान देशस्थान और मेजबान शहर
114 – 15 नवंबर, 2008यूनाइटेड स्टेट्सराष्ट्रीय भवन संग्रहालय, वाशिंगटन, डी.सी
202 अप्रैल, 2009यूनाइटेड किंगडमएक्सएल लंदन, लंदन
32-25 सितंबर, 2009यूनाइटेड स्टेट्सडेविड एल लॉरेंस कन्वेंशन सेंटर, पिट्सबर्ग
426-27 जुलाई, 2010कनाडामेट्रो टोरंटो कन्वेंशन सेंटर, टोरंटो
511-12 नवंबर, 2010दक्षिण कोरियाCOEX सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र, सियोल
603-04 नवंबर, 2011फ्रांसपालिस डेस फेस्टिवल, कान
718-19 जून, 2012मेक्सिकोलॉस काबोस कन्वेंशन सेंटर, सैन जोस डेल काबो, लॉस काबोस
805-06 सितम्बर, 2013रूसकॉन्स्टेंटाइन पैलेस, सेंट पीटर्सबर्ग
915-16 नवंबर, 2014ऑस्ट्रेलियाब्रिस्बेन सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र, ब्रिस्बेन
1015-16 नवंबर, 2015तुर्कीरेग्नम कार्या होटल कन्वेंशन सेंटर, सेरिक, एंटाल्या
1104-05 सितम्बर, 2016चीनहांग्जो अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र, हांग्जो
1207-08 जुलाई, 2017जर्मनीहैम्बर्ग मेस्सी, हैम्बर्ग
1330 नवंबर – 01 दिसंबर, 2018अर्जेंटीनाकोस्टा सालगुएरो सेंटर, ब्यूनस आयर्स
1428-29 जून, 2019जापानइंटेक्स ओसाका, ओसाका
1521-22 नवंबर, 2020सऊदी अरबकिंग अब्दुल्ला वित्तीय जिला, रियाद
1630-31 अक्टूबर, 2021इटलीरोम
1715-16 नवंबर, 2022इंडोनेशियाअपूर्व केम्पिंस्की, बाली
1809-10 सितंबर, 2023भारतप्रगति मैदान कन्वेंशन सेंटर, नई दिल्ली
192024 (तिथि घोषित नहीं)ब्राज़ील

Conclusion

उम्मीद करती हूँ आपको मेरा यह लेख “G-20 शिखर सम्मेलन (समिट) क्या है और इसका उद्देश्य” जरूर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है जी20 (What is G20 in Hindi) से संबंधित सभी जानकारियां आप तक पहुंचाने की ताकि आपको इस विषय के संदर्भ में किसी दूसरी वेबसाइट पर जाने की जरूरत ना पड़े.

अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो या कुछ नया सीखने को मिला हो तो कृपया इसे दूसरे सोशल मीडिया नेटवर्क पर शेयर जरुर करें.

Monika Chauhan
Monika Chauhanhttps://hindivibe.com/
मोनिका चौहान Hindivibe की Co-Founder और Author हैं. इन्हें सामान्य ज्ञान से संबंधित जानकारियों का अध्ययन करना और उनके बारे में लिखना अच्छा लगता है.

6 COMMENTS

  1. Thank so much for providing me this article.
    This article literary proved very helpful for me because in which writer use very simple form of Hindi. Which relates to real life and esaly understand all thing and also learn.
    Thanks.

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