SIM card जिसे हम अपने mobile phone में इस्तेमाल करते हैं, क्या आप जानते हैं यह छोटा सा card कैसे काम करता है? अगर नहीं तो इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़ें. यहाँ आपको सिम कार्ड की पूरी जानकारी हिंदी में पढ़ने को मिलेगी.
आज आपको SIM card क्या है से लेकर इसके काम करने का तरीका और सभी parts और इनके functions के बारे में बहुत ही सरल तरीके से बताया जाएगा. तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं SIM card कैसे काम करता है (How SIM card works in Hindi) के बारे में.
SIM Card क्या है? (What is SIM Card in Hindi)
SIM Card एक ऐसा smart card होता है, जो उन पहचान की जानकारियों को स्टोर करता है, जो किसी network पर किसी विशेष phone का पता लगाती हैं. डाटा जिसे SIM card स्टोर करता है, उसमें user identity, phone number और location, personal security keys, network authorization data, contact list और stored text messages शामिल होते हैं.
SIM card के बिना किसी phone से call करना, internet चलाना या message करना संभव नहीं है. इसे एक phone से निकालकर दूसरे phone में डाला जा सकता है.
SIM card किसी service provider के लिए हमारी account details पता लगाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. इस account details में हमारा address, हमने कितना internet इस्तेमाल किया है, कितने और कहाँ calls किए हैं, कितने messages किए हैं और कौन सा plan हमारे phone पर चल रहा है जैसी जानकारियां शामिल होती हैं. ये सभी जानकारियां आपके SIM card या phone में नहीं, बल्कि network के database (computers की एक श्रृंखला) में स्टोर होती हैं.
Full form of SIM Card?
SIM का full form है – Subscriber Identity Module. जो किसी subscriber या customer की पहचान कराता है.
SIM Cards कितने प्रकार के होते हैं?
Technology के आधार पर SIM cards तीन प्रकार के होते हैं.
- GSM SIM
- CDMA SIM
- eSIM
GSM SIM – GSM का मतलब है Global System for Mobile. इसे हम कभी भी phone से निकाल सकते हैं और किसी दूसरे phone में डाल सकते हैं.
CDMA SIM – CDMA का मतलब है Code Division Multiple Access. इसे phone से निकालना संभव नहीं है.
eSIM – ये एक नई Mobile Phone Communication Technology है, जिसका मतलब है Embedded SIM. इसमें किसी भी तरह की कोई फिजिकल chip शामिल नहीं होती. यह NFC chip की तरह ही phone में एक pre-assembled छोटे size की chip होती है. आप इसमें भी अपने network operator को बदल सकते हैं, क्योंकि eSIM एक re-writable chip होती है. इन eSIMs को network carrier द्वारा remotely activate किया जाता है.
SIM Card की Shape और Size
SIM card का आकार rectangular होता है और corner से कटा हुआ होता है, ताकि phone में इसे insert करने के दौरान कोई गलती ना हो. साइज के आधार पर SIM cards तीन प्रकार के होते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:
a. Standard SIM cards – इनका आकार 25x15mm होता है और पुराने या सामान्य फोन में इस्तेमाल किए जाते हैं.
b. Micro SIM cards – इनका आकार 15x12mm होता है और 2010 या इसके बाद के phones में इस्तेमाल किए जाते थे.
c. Nano SIM cards – इनका आकार 12.3×8.8mm होता है और नए smartphones में इस्तेमाल किए जाते हैं.
SIM Card कैसे काम करता है? (How SIM Card Works in Hindi)
SIM या Subscriber Identity Module में एक integrated circuit होता है जो International Mobile Subscriber Identity या IMSI और Keys को स्टोर करके रखता है, जिसके जरिए communication system subscriber की पहचान करता है और इसे प्रमाणित करता है.
SIM card में स्टोर data में एक unique serial number जिसे ICCID कहा जाता है, Security Authentication Information, Network के बारे में temporary information, एक Personal Identification Number (PIN) और एक Personal Unblocking Code या unblocking के लिए PUK शामिल होते हैं. SIM card की internal memory में personal और financial information, और GSM/CDMA की identity स्टोर होती है. आधुनिक SIM cards उन application data को भी स्टोर करते हैं जो SIM application tool kit का इस्तेमाल करके server या handset के साथ communicate करते हैं.
SIM Cards की महत्वपूर्ण Keys
- Integrated Circuit Card Identifier (ICCID)
- International Mobile Subscriber Identity (IMSI)
- Authentication Key (Ki)
- Location Area Identity (LAI)
- SMS Messages
- Contacts
1. Integrated Circuit Card Identifier (ICCID)
यह 19 digits का Primary account number होता है. यह number कई sections में बंटा होता है, जिसमे Issuer Identification Number (IIN), Individual Account Identification, Check digit इत्यादि होते हैं.
2. International Mobile Subscriber Identity (IMSI)
इसका इस्तेमाल किसी विशेष operator network पर SIM card को पहचानने के लिए किया जाता है. Mobile Network Operators इन्ही IMSIs की बदौलत mobile phone calls को connect करते हैं और अपने SIM card users के साथ communicate करते हैं. इसके पहले 3 digits Mobile Country Code (MCC) और अगले 2-3 digits Mobile Network Code (MNC) को दर्शाते हैं. इसके आगे के digits Mobile Subscriber Identification Number (MSIN) को दर्शाते हैं. सामान्य तौर पर इनकी संख्या 10 होती है, लेकिन 3 digits MNC के केस में या national regulations कहते हैं कि IMSI के digits 15 से कम होने चाहिए, तो इनकी संख्या घटाई भी जा सकती है. IMSI digits की संख्या अलग-अलग देशों में अलग-अलग होती है.
3. Authentication Key (Ki)
Ki एक 128-bit value है, जिसका इस्तेमाल mobile network पर SIM card को प्रमाणित करने के लिए किया जाता है. प्रत्येक SIM card का एक unique Authentication Key होता है जो operator द्वारा personalization process के दौरान प्रदान किया जाता है. Ki भी network के एक database (जिसे authentication centre कहा जाता है) में स्टोर होता है.
Process
- जब mobile phone शुरू होता है, तब यह SIM card से International Mobile Subscriber Identity (IMSI) प्राप्त कर इसे mobile operator के पास भेजता है और access और authentication के लिए request करता है.
- अब operator network आने वाली IMSI और सहयोगी Ki के लिए अपने database में खोज शुरू करता है.
- इसके बाद operator network एक random number (RAND) generate करता है और इसे associated Ki और IMSI के साथ sign करता है, और फिर एक दूसरा number create करता है जिसे Signed Response (SRES_1) कहा जाता है.
- अब random number (RAND) को mobile phone और SIM में भेजा जाता है और Authentication Key के साथ sign किया जाता है और SRES_2 generate किया जाता है. यह SRES_2 operator network में आता है.
- अब operator network अपने द्वारा generate किए गए SRES_1 और mobile phone से मिले SRES_2 को compare करता है. अगर दोनों match हो जाते हैं तो SIM को authenticate कर दिया जाता है.
4. Location Area Identity (LAI)
SIM card नेटवर्क स्थिति की जानकारी स्टोर करता है, जो Location Area Identity से प्राप्त होती है. Operator networks को location areas में divide किया जाता है और प्रत्येक area network का एक अलग LAI होता है. जैसे ही device की location बदलती है, यह SIM में नई LAI को स्टोर करता है और अपनी नई location के साथ इसे network operator के पास वापस भेजता है.
5. SMS Messages
SIM card बहुत सारे SMS Messages को स्टोर कर सकता है.
6. Contacts
SIM card करीब 250 contacts को स्टोर कर सकता है.
SIM Card के Functions
SIM card के functions कुछ इस प्रकार हैं:
- यह Subscriber की पहचान करता है – SIM card में मौजूद IMSI, subscriber की पहचान कराता है. प्रत्येक mobile number पर एक IMSI होता है, जिसे Home Location Register (HLR) पर नियोजित किया जाता है ताकि subscriber को identify किया जा सके.
- Subscriber को प्रमाणित करता है – इस process के दौरान, SIM card पर authentication algorithm का इस्तेमाल कर प्रत्येक subscriber द्वारा IMSI (SIM में स्टोर) और RAND (network द्वारा दिए गए) पर आधारित एक अलग response दिया जाता है. इस response को network द्वारा computed values के साथ match किया जाता है और legal subscriber को network में प्रवेश करने की अनुमति दी जाती है. इसके बाद ग्राहक mobile service provider द्वारा दी जाने वाली सेवाओं का लाभ उठा सकता है.
- Storage – SIM card द्वारा कुछ storage भी उपलब्ध कराई जाती है, जिसमे हम SMS और contacts सुरक्षित कर सकते हैं.
Inside of SIM Card – सिम कार्ड की जानकारी
SIM card के अंदर एक electronic circuit होता है, जो plastic paper पर छपा होता है. आजकल इसे Universal Integrated Circuit Card (UICC) कहा जाता है. Electronic circuit, paper पर एक small capacity processor system होता है, जिसमे power-ON reset और clock circuit को छोड़कर वो सबकुछ शामिल होता है जो low level programming के लिए जरुरी होता है.
Processor एक small integrated circuit होता है, जिसे insert करने के बाद mobile द्वारा read किया जाता है. Modern processor में वो सभी चीजें शामिल होती हैं जो SIM operating system (OS) के execution के लिए जरुरी होती हैं. इसमें ALU, तीन प्रकार की memories और input output ports शामिल होते हैं. OS को execute करने के लिए तीन प्रकार की memories – system, scratch-pad और erasable memories की जरूरत होती है.
System memory OS program और constants को स्टोर करती है, scratch-pad memory की जरूरत intermediate results को स्टोर करने और stack के implementation के लिए होती है. जबकि erasable memory का इस्तेमाल subscriber की information, जैसे कि mobile number, phone directory इत्यादि स्टोर करने के लिए किया जाता है.
Microcontroller आधारित SIM Cards
SIM card का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा Microcontroller होता है. यह एक paper sized chip होता है जिसपर बाह्य उपकरण लगे होते हैं, जिनका काम code को execute करना होता है, ताकि subscriber को सेवाएं उपलब्ध कराई जा सके. इन बाह्य उपकरणों में 64KB से 512KB के बीच ROM, 1KB से 8KB के बीच RAM और 16KB से 512KB के बीच EEPROM शामिल होते हैं.
ROM मे card के लिए operating system होता है, EEPROM के data को personalization कहा जाता है जिसमे IMSI, contact table, SMS management इत्यादि शामिल होते हैं. SIM की operating voltage 1.8V, 3V या 5V होती है और clock frequency 20MHz तक की होती है.
SIM और Handset के बीच Communication
SIM card mobile का removable part होता है और इसे किसी भी handset में इस्तेमाल किया जा सकता है. दोनों के बीच serial communication के माध्यम से connection स्थापित किया जाता है. SIM के flat connector पर केवल एक I/O pin उपलब्ध होता है. Input और output data दोनों का transfer इसी pin के माध्यम से होता है. यह two way communication, duplex कहलाता है लेकिन अभी तक एक ही wire के इस्तेमाल होने की वजह से इसे आमतौर पर half duplex कहा जाता है. पुराने SIM cards के लिए data transfer rate 9.6Kbps और modern SIM cards के लिए 500Kbps होता है.
SIM Card में Software
Operating System program C, assembly या java language में लिखा होता है और SIM card की system memory में स्टोर होता है. इसके उद्देश्य कुछ इस प्रकार हैं:
- Subscriber के data को manage करता है, जैसे identity, phone number, contact list, SMS इत्यादि.
- यह encryption technique के माध्यम से authentication द्वारा subscriber के data को secure करता है.
- Authentication, call management, power management आदि activities को monitor करता है.
- Memory management करता है.
- Data communication स्थापित करता है.
SIM card Parts and Functions
- VCC – Phone की power supply से connect करने के लिए.
- CLK – Processor के लिए SIM को clock signal के साथ provide कराता है.
- RST – जरूरत पड़ने पर SIM को reset करने के लिए.
- GND – Chip को ground करना.
- VPP – Voltage Programming Power
- D+ and D- (Optional USB Pad) – भविष्य में इस्तेमाल के लिए reserve होते हैं.
- SIM Data I/O Pin – डाटा transfer करने के लिए.
मुझे उम्मीद है आपको मेरा ये Article ” SIM Card क्या है और कैसे काम करता है? (How SIM Card Works in Hindi)” जरुर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है सिम कार्ड की पूरी जानकारी को सरल और सहज शब्दों में explain करने की, ताकि आपको इस Article के सन्दर्भ में किसी दूसरी site पर जाने की जरूरत ना पड़े.
यदि आपको मेरा यह लेख पसंद आया या कुछ नया सीखने को मिला हो तो कृपया इस post को Social Networks जैसे कि Facebook, Whatsapp, Twitter और अन्य Social Platforms पर share जरुर करें.