Homeटेक्नोलॉजीRO क्या है? हमें कौनसा water purifier इस्तेमाल करना चाहिए?

RO क्या है? हमें कौनसा water purifier इस्तेमाल करना चाहिए?

आज के समय में बढ़ते प्रदूषण और पानी में पैदा हो रही बीमारियों के कारण हर घर में water purifier का होना जरुरी हो गया है. एक water purifier हमें पीने के लिए साफ़ और शुद्ध पानी उपलब्ध कराता है. आज के आधुनिक युग में पानी को purify करने के लिए बहुत से विकल्प मौजूद है. इन्ही विकल्पों में से एक विकल्प RO Water Purifier है जो अधिक advance और सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली technology है.

RO का फुल full form है Reverse Osmosis अर्थात विपरीत परासरण. आज के इस article में मै आपको बताऊंगा RO क्या है (What is RO in Hindi) और यह कैसे काम करता है और इससे संबंधित अन्य सभी महत्वपूर्ण जानकारियां जिन्हें पढ़ने के बाद आपको RO से जुड़े सभी सवालों के जवाब एक ही स्थान पर मिल जाएंगे. तो चलिए शुरू करते हैं बिना किसी देरी के.

RO क्या है? – What is RO in Hindi

ro kya hota hai

RO का full form Reverse Osmosis है और यह एक water purification process है. इस technology में पानी को purify करने के लिए RO membranes का इस्तेमाल होता है. RO membrane एक कपड़े की तरह बहुत ही पतली झिल्ली होती है जिसमे बहुत बारीक छेद होते हैं. इसके माध्यम से पानी के अंदर मौजूद बहुत ही छोटे आकार के viruses, bacteria और germs, जिन्हें नंगी आँखों से देखना संभव नहीं है, को filter out किया जाता है. ये membrane पानी में मौजूद जहरीले chemicals को भी अलग कर देती है.

RO द्वारा पानी से निकाले जाने वाले दूषित पदार्थ

एक Reverse Osmosis 99%+ contaminants को remove करने में सक्षम है. RO membrane contaminants को उनके size और charge के आधार पर अलग करता है. हालाँकि, किसी RO system पर 100 % bacteria और viruses के निकालने पर भरोसा नहीं किया जा सकता. RO system द्वारा remove किए जाने वाले contaminants कुछ इस प्रकार हैं:

  1. Dissolved Salts
  2. Particles
  3. Colloids
  4. Organics
  5. Bacteria
  6. Viruses

क्या RO purified पानी सुरक्षित है?

RO purified के merits और demerits दोनों हैं, और जिस प्रकार यह हमारे स्वास्थ्य पर पड़ने वाले negative effects को रोकने में सक्षम है इसे “हमारे लिए अधिक खतरनाक” की श्रेणी में रखना उचित नहीं है.

सबसे पहले बात करते हैं इसके merits की. इसमें इस्तेमाल होने वाली membrane एक non-chemical और गैर-अवशेष छोड़े एक physical process है जो contaminants को पानी से अलग करती है. Contaminants का removal निर्भर करता है RO membrane के holes पर. क्योंकि ये holes काफी छोटे ( 0.22–0.45 µm) होते हैं जो पानी से प्राय: सबकुछ निकालने में सक्षम होते हैं और हमें highly purified water उपलब्ध कराते हैं. इस पानी का इस्तेमाल surgical और pharmaceutical उद्देश्यों के लिए भी किया जा सकता है.

अगर demerits की बात की जाए तो हम कह सकते हैं कि RO पानी को उस हद तक demineralize कर देता है जहाँ यह पीने के लिए unfit रह जाता है. पानी से minerals का निकलना हमारे शरीर में minerals की कमी पैदा कर सकता है. यह पानी प्यास नहीं बुझाता. लंबे समय तक इस्तेमाल से कुछ बीमारियाँ पैदा हो सकती हैं जैसे bone density का कम हो जाना, जो हमारी हड्डियों को कमजोर बना सकता है. पानी का ph भी कम हो जाता है जिससे खट्टा स्वाद मिलता है. लेकिन ऐसे मामलों में जहाँ कैंसरकारी तत्वों का शरीर में जाने का खतरा होता है, वहां RO एक रक्षक की तरह काम करता है.

RO water purifier के फायदे – Advantages of RO water purifier in Hindi

  1. पानी में मौजूद हानिकारक bacteria और viruses को मारकर यह उन्हें पूर्ण रूप से खत्म कर देता है.
  2. यह hard water को soft water में बदल देता है.
  3. RO को use करना और maintain रखना बहुत आसान है.
  4. RO पानी में मौजूद विषैले पदार्थ जैसे की भारी metals, salts, mercury, Fluoride, Arsenic, chlorine आदि को निकाल देता है.
  5. यह आपको पीने के लिए एक सुरक्षित पानी उपलब्ध कराता है.

RO water purifier के नुकसान – Disadvantages of RO water purifier in Hindi

Essential minerals को निकाल देता है – RO water purifier पानी में घुले impurities के साथ साथ इसमें मौजूद natural minerals जैसे की iron, magnesium, calcium और sodium को भी अलग कर देता है जो मानव शरीर के लिए अनिवार्य होते हैं. इससे शरीर में जरुरी minerals की कमी आ जाती है.

Bacteria और Viruses नहीं मरते – RO water purifier पानी में रोग पैदा करने वाले bacteria और viruses को नहीं मारता. यहाँ इन सूक्ष्मजीवों के RO membrane से पास होने के chances अधिक रहते हैं, जो पानी के साथ हमारे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं ( इन सूक्ष्मजीवों को नष्ट करने के लिए RO water को UV water purifier से पास करने की सलाह दी जाती है ).

पानी का taste बदल जाता है – पानी से natural minerals के निकल जाने पर पानी de-mineralized हो जाता है, जिससे पानी का स्वाद बदल जाता है और फीका हो जाता है.

Purify करने में अधिक समय लगता है – RO water purifier पानी को purify करने में अधिक समय लेता है.

Water Wastage – Filter out पानी की तुलना में waste water अधिक बहता है.

Expensive – यह दूसरे purifiers की तुलना में अधिक महंगा होता है. UV और RO water purifiers अधिक electricity consume करते हैं.

RO membrane का टूटना – ऐसा कोई mechanism नहीं है जो बता सके कि RO membrane को कब replace करना है. पानी में मौजूद chlorine RO membrane को damage कर सकता है. RO membrane के छोटे pores chlorine से रूक जाते हैं और performance में भारी कमी आ जाती है. ऐसी स्थिति में membrane टूट जाती है और dissolved salts, bacteria, viruses आदि बड़ी आसानी से RO membrane को पार कर जाते हैं. इसलिए RO membrane को प्रत्येक एक साल बाद बदलने की सलाह दी जाती है.

Osmosis और Reverse Osmosis

Reverse Osmosis (RO) के काम करने के तरीके से पहले Osmosis के बारे में जानना जरुरी है. Osmosis एक natural phenomenon है जिसका मतलब है निकट संपर्क का प्रभाव. इस process में कम लवणयुक्त घोल हमेशा अधिक लवणयुक्त घोल की तरफ विस्थापित होने की कोशिश करता है. उदाहरण के लिए पौधों की जड़ो का मिट्टी से पानी सोखना और हमारी किडनियों का खून से पानी सोखना osmosis process कहलाता है.

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नीचे दिखाए गए diagram में आप osmosis process को समझ सकते हैं. एक घोल जो कम concentrated है की प्रवृति हमेशा अधिक concentrated घोल की तरफ migrate होने की रहती है.

osmosis kya hai
Osmosis Process

उदाहरण के लिए अगर आपके पास एक container जो low salt concentrated पानी से भरा है और दूसरा container जो high salt concentrated पानी से भरा है और उनको एक semi-permeable membrane से separate किया गया है, तब जो कम salt concentration वाला पानी है वह अधिक salt concentration वाले पानी के container की तरफ migrate करना शुरू कर देगा.

Semi-permeable membrane एक झिल्ली है जो कुछ एक atoms या molecules को पास करती है और बाकी के molecules को रोक देती है. उदाहरण के लिए दरवाजों में लगी जाली, जो air molecules को पास कर देती है जबकि holes से बड़ी किसी भी चीज को अंदर जाने से रोक लेती है.

Reverse Osmosis वो process है जो osmosis को reverse कर देता है. जहाँ osmosis को एक प्राकृतिक घटना होने की वजह से किसी भी प्रकार की energy की जरूरत नहीं पड़ती, वहीँ osmosis की process को reverse करने के लिए अधिक saline solution पर energy apply करने की जरूरत होती है.

Reverse Osmosis (RO) में पानी को filter करने के लिए एक तरफ से पानी के ऊपर pressure डाला जाता है और इसे membrane से पास किया जाता है. Membrane के छेद इतने छोटे होते हैं कि इसमें से सिर्फ पानी के molecules ही पास हो सकते हैं. Germs और bacteria के molecules पानी के molecules से बड़े होते हैं जो membrane को पार नहीं कर पाते.

एक RO membrane वह membrane होती है जो पानी के molecules को पास कर देती है जबकि पानी में शामिल salt, bacteria, organics और harmful chemicals को पार होने से रोक लेती है. हालाँकि, आपको पानी के ऊपर pressure apply करके इसे RO membrane से push करने की जरूरत होगी. पानी के ऊपर apply किए जाने वाला pressure हमेशा natural osmosis प्रक्रिया से अधिक होना चाहिए ताकि अधिक संख्या में मौजूद contaminants को hold करके शुद्ध पानी को पास किया जा सके.

नीचे दिखाए गए diagram की मदद से आप Reverse Osmosis को समझ सकते हैं.

Reverse Osmosis kya hai
Reverse Osmosis

RO काम कैसे करता है?- How does RO work in Hindi

Reverse Osmosis में एक high pressure pump का इस्तेमाल किया जाता है. इस pump के माध्यम से अशुद्ध जल की तरफ pressure डाला जाता है और पानी को RO membrane से पास किया जाता है. Membrane के holes छोटे होने की वजह से पानी के molecules आसानी से पास हो जाते हैं जबकि पानी में शामिल salt (ions), bacteria या viruses जैसी हानिकारक चीजें, जिनका आकार membrane के holes से बड़ा होता है, को reject stream के साथ अलग कर दिया जाता है.

अशुद्ध जल पर apply किए जाने वाला pressure पानी में मौजूद ions और उनकी concentration पर निर्भर करता है. पानी जितना अधिक concentrated होगा उतने ही अधिक pressure की जरूरत होगी osmotic pressure को दूर करने के लिए.

पानी की वह धारा जो अपने साथ उन concentrated contaminants को लिए होती है जो RO membrane से पास नहीं हो पाए, को Reject Stream कहा जाता है.

RO working in hindi, RO kaam kaise karta hai
RO Process

जैसे ही feed water RO membrane के अंदर pressure के साथ प्रवेश करता है, पानी के molecules इस semi-permeable membrane को पार कर जाते हैं और salt और दूसरे contaminants जो इस membrane को पार नहीं कर पाते को reject stream के साथ अलग कर दिया जाता है. इस reject stream को नाली में बहा दिया जाता है या कुछ परिस्थितियों में पानी की बचत का ख्याल रखते हुए RO system से recycle कर वापस feed water supply में डाल दिया जाता है. जो पानी RO membrane से निकलता है उसे permeate या product water कहा जाता है और आमतौर पर इसमें से 95% से 99% तक salts को अलग कर दिया जाता है.

Difference between RO, UV and UF water purifiers in Hindi

RO UV UF
इसमें पानी को purify करने के लिए electricity की जरूरत पड़ती हैइसमें भी पानी को purify करने के लिए electricity की जरूरत पड़ती हैइसे electricity की जरूरत नहीं होती
यह high water pressure के साथ काम करता हैयह normal water pressure के साथ काम करता हैयह किसी भी water pressure पर काम कर सकता है
यह germs को पानी से remove कर देता हैयह germs को बिना remove किए मार मार देता हैयह germs को filter out कर देता है
यह पानी में घुले salts और हानिकारक metals को अलग कर देता हैयह पानी में मौजूद salts और हानिकारक metals को अलग नहीं करतायह भी dissolved salts और metals को अलग नहीं करता

UV water purifier क्या है? – What is a UV water purifier in Hindi

एक UV water purifier में ultra-violet किरणों का इस्तेमाल करके germs और bacteria को मारा जाता है. यह जल जनित रोगों से निपटने के लिए सबसे प्रभावी तकनीक है. यह bacteria को पानी में बीमारियाँ फैलाने से रोकता है. यह तरीका बहुत ही effective, simple और eco-friendly है.

UV water purifier काम कैसे करता है?

UV water purification procedure के दौरान पानी को UV radiation source tube से गुजारा जाता है. तब UV radiations को पानी के ऊपर डाला जाता है. UV किरणें बीमारी पैदा करने वाले germs और bacteria को खत्म करने में सक्ष्म होती हैं. ये सीधा इन germs और bacteria के DNA पर attack करती है और इन्हें दुबारा पैदा होने से रोकती हैं. इस प्रकार यह हमें पीने योग्य साफ और स्वच्छ पानी उपलब्ध कराता है.

UV water purifier के Advantages

  1. यह सबसे effective तरीका है पानी को purify करने का.
  2. पानी को purify करने के इस तरीके में किसी भी प्रकार के हानिकारक chemicals या products का इस्तेमाल नहीं होता.
  3. इस method से पानी के purification में बहुत कम energy का इस्तेमाल होता है.
  4. UV purifiers को maintain करना आसान और less time-consuming है.

UV water purifier के Disadvantages

  1. यह पानी में मौजूद bacteria और viruses को मारता है लेकिन dissolved impurities जैसे की pesticides, rust, arsenic, fluoride आदि को नहीं निकालता.
  2. यह hard water को soft water में नहीं बदलता.
  3. UV water purifier को हमेशा electricity की जरूरत रहती है. अगर आपके area में electricity cut off ज्यादा हैं और water purifier में storage tank नहीं लगा है तो
  4. आपके पास electricity न होने की स्थिति में purified water का कोई स्त्रोत नहीं है.
  5. यह कीचड़युक्त पानी पर प्रभावी नहीं है. अगर पानी कीचड़युक्त है तो पहले आपको इस पानी को किसी दूसरे purifier से गुजारना होगा, उसके बाद UV purifier से गुजारना होगा.
  6. UV rays हमेशा पानी में नहीं रहती. यदि UV rays किसी सूक्ष्मजीव को miss कर देती है तो यह जिंदा सूक्ष्मजीव अपनी जनसँख्या बढ़ा लेगा और पानी को दूषित कर देगा. इसलिए पानी को UV से purify करने के बाद chlorine के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है.

UF water purifier क्या है?

UF का full form है “Ultra Filtration”. यह एक basic technology है जो कुछ हद तक RO water purifier के समान है. हालाँकि, यह RO technology की तरह advance नहीं है.

RO की तरह UF water purifier भी semi-permeable membranes पर आधारित काम करता है. इसमें membrane के holes RO membrane के holes से बड़े होते हैं. यह membrane पानी के molecules से contaminants को निकालने का काम करती है.

UF water purifier काम कैसे करता है?

इसमें hydrostatic force का इस्तेमाल कर पानी को membrane की तरफ धकेला जाता है. इस membrane में छोटे holes होते हैं जिससे water molecules पास हो सकते हैं, लेकिन सूक्ष्म components और germs पास नहीं हो सकते सकते क्योंकि इनका आकार water molecules के आकार से बड़ा होता है. इसलिए ये अशुद्धियाँ पानी से अलग हो जाती हैं और UF water purifier हमे पीने लायक शुद्ध पानी प्रदान करता है.

यह purification process पूरी तरह से natural होती है और इसमें किसी भी तरह के chemicals का इस्तेमाल नहीं होता. यहाँ तक की इसमें electricity की भी जरूरत नहीं होती.

UF water purifier के Advantages

  1. इसमें impurities को निकालने के लिए दो basic filters का इस्तेमाल किया जाता है, जो बहुत सस्ते हैं.
  2. यह उबले हुए पानी से भी शुद्ध पानी देता है. क्योंकि उबले हुए पानी में bacteria मरने के बाद उनकी body पानी में ही रहती है, जबकि UF water purifier उन्हें अलग कर देता है.
  3. यह gravity और natural water pressure पर काम करता है, इसलिए इसमें electricity की जरूरत नहीं पड़ती.
  4. यह कीचड़युक्त पानी को भी साफ पानी में बदल सकता है.
  5. इसमें अधिक material नहीं लगा होता और वजन भी कम होता है. इसलिए इसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना आसान है.
  6. इसकी maintenance cost बहुत कम है.
  7. इसे install करना बेहद आसान है.
  8. इसमें water waste नहीं होता और यह eco-friendly है.

UF water purifier के Disadvantages

UF filter का सबसे बड़ा disadvantage है कि यह पानी में घुले हानिकारक salts और heavy metals को अलग नहीं करता. विषैली उपधातुएं जैसे cadmium, arsenic, lead, mercury आदि कैंसर जैसी घातक बीमारियां पैदा करती है. इन्हें केवल RO water purifier का इस्तेमाल करके ही पानी से अलग किया जा सकता है.

हमें किस प्रकार के water purifier की जरुरत है यह कैसे पता करें?

कोई भी water purifier खरीदने से पहले आपको कुछ जरुरी factors, जैसे कि आपके पानी का स्त्रोत क्या है, contamination का type क्या है, TDS value क्या है आदि पर जरुर विचार करना चाहिए. तो चलिए जानते हैं किस तरह का water purifier आपके घर के लिए suitable है.

  1. सबसे पहले आपको अपने घर के पानी का TDS test करवाना चाहिए. अगर आपको नहीं पता यह test कैसे करते है और इसकी value कितनी होनी चाहिए तो परेशान होने की जरूरत नहीं है, इसके बारे में मै आगे आपको बताऊंगा.
  2. अगर आपके area में कोई industry है तो आपको chemical test करवाना चाहिए और पानी में मौजूद chemical impurities का पता लगाना चाहिए.
  3. अगर फिर भी आपको कोई confusion रहता है तो आप RO + UV + UF technology के साथ किसी best water purifier को चुन सकते हैं.
        TDS Value       गंदा पानी      बैक्टीरिया     उपयुक्त purifier
300 PPM से कम          No         YesUV water purifier
300 PPM से कम         Yes         YesUV+UF water purifier
300 PPM से अधिक          No         NoRO water purifier + TDS controller
300 PPM से अधिक         Yes         YesRO+UV+UF water purifier + TDS controller

NOTE: यहाँ एक बात ध्यान देने योग्य है, पानी में शामिल किसी individual विषैले पदार्थ का होना TDS की value से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है. उदाहरण के लिए आपके पानी की total TDS value 300 से कम है, जो आमतौर पर पीने के लिए सुरक्षित समझा जाता है. हालाँकि, पानी में arsenic, lead या mercury जैसे हानिकारक पदार्थ अधिक मात्रा में शामिल हो सकते हैं.

TDS क्या है?

TDS का मतलब है Total Dissolved Solids. यह पानी में घुले ठोस पदार्थो की कुल संख्या दर्शाता है. इन ठोस पदार्थों में अधिकांश संख्या inorganic salts की होती है और कुछ मात्रा में organic compounds भी शामिल रहते हैं.

पानी में बहुत सारे inorganic salts मौजूद रहते हैं, जैसे कि sodium, potassium, magnesium, calcium आदि.

भूजल में भी कुछ heavy metals जैसे arsenic, lead और mercury मौजूद रहते हैं. ये heavy metals स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होते हैं और इन्हें slow poisons समझा जाता है अर्थात धीमा जहर.

TDS की उच्च मात्रा पानी में मौजूद हानिकारक पदार्थों की संख्या दर्शाती है. वहीँ दूसरी तरफ अगर TDS काफी कम हो जाए तो पानी tasteless अर्थात स्वादहीन हो जाता है.

इसलिए हमें घर में इस्तेमाल किए जाने वाले पानी का सही TDS level पता होना चाहिए.

TDS – acceptable values

Bureau of Indian Standards (BIS) ने TDS की value को निर्दिष्ट किया है जिसे पीने के पानी में होना चाहिए.

BIS के अनुसार पीने के पानी में TDS value को 500mg/ltr तक स्वीकार किया जा सकता है. अगर TDS का level इससे अधिक है तो पानी पीने योग्य नहीं है.

नीचे दिखाए गए table के माध्यम से आप पानी में acceptable TDS value को समझ सकते हैं.

                     TDS (mg/ltr)                                 Rating
300 से कमExellent
300 से 500 के बीचGood – इस पानी को पिया जा सकता है
500 से 900 के बीचNot Good – यह पीने योग्य नहीं है
900 से 1200 के बीचPoor – यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है
1200 से अधिकUnacceptable – किसी भी हालत में स्वीकार नहीं

पानी के TDS को कैसे check करें? – How to check TDS of water in Hindi

पानी के TDS को तीन तरह के method से check किया जा सकता है.

  1. Using Digital TDS Meter
  2. The Electrical Conductivity Meter Method
  3. Using Filter Paper and a Weighing Scale

इन तीनो में से TDS level का पता लगाने का सबसे आसान तरीका TDS meter method है. इसके इस्तेमाल से आप घर पर बड़ी आसानी से TDS का पता लगा सकते हैं.

Digital TDS Meter

Digital TDS meter बाकी के तीनों method से काफी आसान है. इसमें आपको TDS level का पता लगाने के लिए किसी भी प्रकार की reading और mathematical formulas के साथ calculation करने की जरूरत नहीं है. यहाँ आपको हाथों-हाथ result मिल जाता है. यह digital TDS meter किसी भी online store पर बड़ी आसानी से मिल जाएगा, जहाँ से आप इसे सस्ती कीमत में खरीद सकते हैं.

Digital TDS Meter का इस्तेमाल कैसे करें
Digital TDS Meter

Digital TDS Meter का इस्तेमाल कैसे करें

Step 1 – पानी का temperature चेक करें. इसके लिए नीचे दिए गए steps को follow करें.

  • On का button दबाकर मीटर को चालू करें.
  • TEMP button को दबाएँ. यहाँ temperature केवल celsius में दिखाया जाएगा.
  • TDS mode में लौटने के लिए TEMP button को दुबारा दबाएँ.

Step -2 TDS level को चेक करें. इसके लिए नीचे दिए गए steps को follow करें.

  • Protective cap को अलग करें.
  • On/Off button का इस्तेमाल करके TDS मीटर को चालू करें.
  • अब meter को अधिकतम immersion level तक immerse करें. आमतौर पर यह level 2 inches तक होता है. इस level को indicate करने के लिए meter पर marking की हुई होती है.
  • अब धीरे-धीरे meter को पानी में हिलाएं ताकि उठने वाले air bubbles को हटाया जा सके.
  • reading के stabilize होने का इंतेजार करें ( लगभग 10 seconds तक )
  • HOLD button को दबाएँ और reading देखने के लिए meter को बाहर निकालें.
  • अगर display पर ‘x10’ का symbol दिखाई दे रहा है तो आपको reading को 10 से गुणा (multiply) करना होगा.
  • इस्तेमाल के बाद meter को हिलाकर अतिरिक्त पानी को निकाल दें और cap लगा दें.

Precautions

  • Meter को पानी के अंदर 2 inch से अधिक ना डुबाएं, क्योंकि मीटर waterproof नहीं है.
  • Meter को अधिक तापमान या धूप वाली जगह पर ना रखें.

Conclusion

मुझे उम्मीद है आपको मेरा ये Article ” RO क्या है (What is RO in Hindi) और हमें कौनसा water purifier इस्तेमाल करना चाहिए” जरुर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है “RO क्या है” विषय से जुड़ी हर जानकारी को सरल और सहज शब्दों में explain करने की ताकि आपको इस Article के सन्दर्भ में किसी दूसरी site पर जाने की जरूरत ना पड़े.

अगर आपके मन में इस article को लेकर किसी भी तरह का कोई doubt है या आप चाहते हैं इसमें कुछ सुधार हो तो आप नीचे comment box में लिख सकते हैं.

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Rahul Chauhan
Rahul Chauhanhttps://hindivibe.com/
Rahul Chauhan, Hindivibe के Author और Founder हैं. ये एक B.Tech डिग्री होल्डर हैं. इन्हें विज्ञान और तकनीक से संबंधित चीजों के बारे में जानना और लोगों के साथ शेयर करना अच्छा लगता है. यह अपने ब्लॉग पर ऐसी जानकारियां शेयर करते हैं, जिनसे कुछ नया सिखने को मिले और लोगों के काम आए.

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