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जानें UNESCO क्या है और इसके उद्देश्य के बारे में

आज के इस लेख में हम आपको यूनेस्को (UNESCO in Hindi) से संबंधित जानकारी देंगे, जहां UNESCO क्या है, इसके उद्देश्य और कार्यों के बारे में बताया जाएगा. यूनेस्को संयुक्त राष्ट्र का एक घटक निकाय है, जिसका मकसद अंतरराष्ट्रीय सहयोग से शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति के माध्यम से वैश्विक शांति बनाए रखना है.

यह संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास समूह (UNSDG) का सदस्य भी है. संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों और संगठनों के इस समूह का उद्देश्य सतत् विकास के लक्ष्यों को हासिल करना है. आइए जानते हैं UNESCO के बारे में पूरी जानकारी.

UNESCO का फुल फॉर्म

UNESCO का फुल फॉर्म है “United Educational, Scientific and Cultural Organization”. हिंदी में “संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन”.

UNESCO क्या है? What is UNESCO in Hindi

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यूनेस्को क्या है?

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) संयुक्त राष्ट्र का एक हिस्सा है, जिसका कार्य शिक्षा, प्रकृति तथा समाज विज्ञान, संस्कृति तथा संचार के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देना है. संयुक्त राष्ट्र की इस विशेष संस्था का गठन 16 नवंबर 1945 को हुआ था, जिसका मुख्यालय फ्रांस की राजधानी पेरिस में स्थित है. 

इसकी कार्यकारी भाषाएं अंग्रेजी, हिंदी, फ्रेंच, अरबी, चाइनीज, रूसी, स्पेनिश, इटालियन और पोर्तुगीस है. UNESCO में कुल 193 सदस्य देश और 11 सहयोगी देश शामिल हैं,जो पांच क्षेत्रीय ग्रुपों में बंटे हुए हैं. अफ्रीका, अरब राज्य, एशिया और प्रशांत, यूरोप और उत्तरी अमेरिका और लैटिन अमेरिका. इनमें से प्रत्येक क्षेत्र में संस्था, उनके स्थान की जरूरतों के अनुसार विशेष कार्यक्रमों और गतिविधियों को स्थापित करती है.

UNESCO का उद्देश्य

यूनेस्को का उद्देश्य शिक्षा एवं संस्कृति के अंतरराष्ट्रीय सहयोग से शांति एवं सुरक्षा की स्थापना करना है, ताकि संयुक्त राष्ट्र के अधिकार-पत्र में वर्णित न्याय, कानून का राज, मानवाधिकार एवं मौलिक स्वतंत्रता हेतु वैश्विक सहमति बन सके. असल में UNESCO का गठन द्वितीय विश्व युद्ध के समय तबाह हुए स्कूल, लाइब्रेरी और म्यूजियम के पुनर्निर्माण के लिए हुआ था, लेकिन आज यह अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों, सम्मेलनों और प्रकाशनों को भी प्रायोजित करता है. यह संस्था शिक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में ग्लोबल लीडर्स की पहचान करती है और उन्हें अवार्ड देती है. यूनेस्को दुनिया के आर्थिक रूप से कमजोर क्षेत्रों में शैक्षिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने का काम करता है.

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UNESCO के प्रमुख अंग

यूनेस्को के तीन प्रमुख अंग कुछ इस प्रकार हैं: (i) सामान्य सभा (ii) कार्यकारी बोर्ड (iii) और सचिवालय.

सामान्य सभा

इस सामान्य सभा में, UNESCO के सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं. इसका सामान्य सत्र प्रत्येक दो वर्षों में एक बार बुलाया जाता है, जो लगभग 5 हफ़्तों तक चलता है, जिसका आयोजन पेरिस में इसके मुख्यालय में होता है. इसके अलावा ये सभी सदस्य अपनी मर्जी से या कार्यकारी बोर्ड द्वारा बुलाने पर या कम से कम एक तिहाई सदस्य देशों के अनुरोध पर, अपनी पसंद के किसी दूसरे शहर में असाधारण सत्र के तहत भी मिल सकते हैं. इस सभा में प्रत्येक सदस्य देश अपने पांच प्रतिनिधि रख सकता है.

कार्यकारी बोर्ड 

कार्यकारी बोर्ड, सामान्य सभा के बीच एक केंद्र बिंदु है, जो एक संप्रभु विधायी निकाय और सचिवालय है. इसके सदस्यों का चयन सामान्य सभा द्वारा अपने प्रतिनिधियों के बीच से किया जाता है. कार्यकारी बोर्ड, सामान्य सभा के आदेशानुसार या अपनी स्वयं की पहल पर कार्य करके, UNESCO द्वारा चलाए गए सभी कार्यक्रमों की निगरानी करता है. बोर्ड, वर्ष में दो बार मीटिंग का आयोजन करता है. लेकिन आमतौर पर प्रत्येक दो वर्षों में इसके आधे सदस्य रिटायर हो जाते हैं और उनकी जगह नए चुने जाते हैं.

सचिवालय

UNESCO के सचिवालय को 5 मुख्य क्षेत्रों में बांटा गया है, जिनमें प्रत्येक की अध्यक्षता एक सहायक महानिदेशक द्वारा की जाती है. वह अपने क्षेत्र के तहत सभी विभागों की गतिविधियों और कार्यक्रमों के लिए जिम्मेदार होता है. इसके पांच प्रमुख क्षेत्र हैं: शिक्षा, प्राकृतिक विज्ञान, सामाजिक और मानव विज्ञान, संस्कृति और संचार एवं सूचना. 

UNESCO कैसे काम करता है?

यूनेस्को के कार्यक्रम जिन्हें पांच प्रमुख क्षेत्रों में बांटा गया है, कुछ इस प्रकार हैं:

  1. शिक्षा
  2. प्राकृतिक विज्ञान
  3. सामाजिक और मानव विज्ञान
  4. संस्कृति
  5. संचार और सूचना

शिक्षा का क्षेत्र

UNESCO का शिक्षा क्षेत्र दुनिया भर में शिक्षा को आर्थिक और सामाजिक विकास के तरीके के रूप में बढ़ावा देता है. इसका “Education for All” कार्यक्रम, सबसे बड़ा कार्यक्रम माना जाता है. इसके उद्देश्यों में बच्चों की शुरुआती देखभाल और शिक्षा, सभी बच्चों को मुफ्त में शिक्षा, वयस्क साक्षरता में वृद्धि और मैथ और रीडिंग में global learning standards को सेट करना शामिल है.

संयुक्त राष्ट्र बालिका शिक्षा पहल (UNGEI) का उद्देश्य, लड़के और लड़कियों को स्कूल में सफल होने के सामान अवसर प्रदान करना है. दुनिया के कई हिस्सों में लड़कियों को उनकी शिक्षा पूरी करने से रोका जाता है. ऐसे क्षेत्रों में आर्थिक विकास धीमा हो जाता है, क्योंकि क्षेत्र की लगभग आधी आबादी (महिलाएं) अपनी शैक्षिक क्षमता तक पहुंच नहीं पाती हैं. इसलिए लड़कियों तक शिक्षा की पहुंच को सुनिश्चित करना, केवल लड़कियों को ही नहीं अपितु पूरे समुदाय को समृद्ध बनाता है. UNGEI, दुनियाभर में ज्यादातर आर्थिक रूप से कमजोर क्षेत्रों में उन लड़कियों और वयस्क महिलाओं की शिक्षा पर अधिक बल देता है, जो स्कूल नहीं जाती हैं.

यूनेस्को का EDUCAIDS, HIV और AIDS से जुड़ा दूसरा सबसे बड़ा educational program है. EDUCAIDS, समुदायों को HIV के कारणों और AIDS से जुड़े खतरों के बारे में शिक्षा देता है. इसने कंबोडिया में HIV/AIDS शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने वाले सामुदायिक शिक्षा केंद्र स्थापित करने के लिए कंबोडियाई शिक्षा, युवा और खेल मंत्रालय के साथ काम किया है. उन्होंने कंबोडिया की आधिकारिक भाषा खमेर में teacher’s manual, textbook और chart जैसे मटेरियल का विकास और उत्पादन किया है.

प्राकृतिक विज्ञान

यूनेस्को का प्राकृतिक साइंस सेक्टर विज्ञान, इंजीनियरिंग और नवीकरणीय ऊर्जा (renewable energy) में अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम और रिसर्च का आयोजन करता है. इसके कार्यक्रमों को क्लाइमेट चेंज और गरीबी जैसे अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों के वैज्ञानिक पहलुओं पर प्रतिक्रिया देने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह क्षेत्र कम और मध्यम आय वाले देशों (LMICs) पर अधिक ध्यान केंद्रित करता है, विशेष रूप से अफ्रीकी महाद्वीप और प्राकृतिक आपदाओं वाले हिस्सों में.

इस सेक्टर के मुख्य पहलों में से एक Intergovernmental Oceanographic Commission (IOC), दुनिया भर के वैज्ञानिकों को महासागरीय संसाधनों को समझने और मैनेज करने में मदद करता है. 2010 के शुरुआत में, इसने अफ्रीका के तटीय क्षेत्रों पर मानव गतिविधियों और प्राकृतिक खतरों के प्रबंधन के लिए बेनिन गणराज्य में कार्यशालाओं की एक श्रृंखला आयोजित की. इन कार्यशालाओं ने observation system को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया. ऑब्जरवेशन सिस्टम, प्रदूषण और ऑयल ड्रिलिंग सहित तटीय क्षेत्रो पर पड़ने वाले मानव प्रभावों को माप सकता है. इसके अलावा यह मौसम पैटर्न को ट्रैक कर अफ्रीका के जल संसाधनों पर होने वाले जलवायु परिवर्तन पर भी नजर रख सकता है.

प्राकृतिक विज्ञान क्षेत्र अपने एक कार्यक्रम के तहत छोटे विकासशील द्वीप देशों पर भी ध्यान केंद्रित करता है, जैसे समोआ, फिजी, टोंगा और ग्रेनाडा जैसे देश. क्षेत्र का उद्देश्य प्रत्येक द्वीप की अर्थव्यवस्था, समाज और संस्कृति को मजबूत करना और उन्हें एक सामूहिक पहचान में एकीकृत करना है.

सामाजिक और मानव विज्ञान

यूनेस्को के सामाजिक और मानव विज्ञान क्षेत्र का प्रमुख उद्देश्य है, अपने सदस्य देशों की सामाजिक स्थितियों को सुधारना. ऐसा करने के लिए क्षेत्र न्याय और स्वतंत्रता के मूल्यों पर बौद्धिक सहयोग को प्रोत्साहन देता है. इस क्षेत्र के माध्यम से UNESCO, मानव अधिकारों का समर्थन करता है. मानव अधिकारों के सार्वजनिक घोषणा पत्र के अनुसार “सभी इंसान प्रतिष्ठा और अधिकारों में स्वतंत्र और समान पैदा होते हैं”. क्षेत्र दुनिया भर में सब मानव अधिकारों की रक्षा के लिए हर प्रकार के भेदभाव के खिलाफ लड़ाई में मुख्य भूमिका निभाता है.

यह भेदभाव वाले समूह के रोजगार और आवास अवसरों में सुधार पर ध्यान केंद्रित करता है, जैसे कि उत्तरी अफ्रीकी और अरब प्रवासी. यह इन समूहों को अपने शहर में सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए भी प्रेरित करता है. 

यूनेस्को का सामाजिक और मानव विज्ञान क्षेत्र, गरीबी को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है. इसका एक प्रोजेक्ट मध्य और दक्षिण एशिया के पर्वतीय क्षेत्रों में इकोटूरिस्म का समर्थन करता है. इस क्षेत्र में भारत, ईरान, कजाख्स्तान, नेपाल और पाकिस्तान के भाग शामिल हैं. यह कार्यक्रम पर्वतों में स्थानीय लोगों को गाइडिंग, होटल मैनेजमेंट और हाई क्वालिटी के क्राफ्ट आइटम बनाना जैसे कार्यों की ट्रेनिंग देता है. साथ में पर्यटकों को इन क्षेत्रों में आने और भ्रमण करने, स्थानीय होटलों में रुकने और लोकल आर्ट्स और क्राफ्ट्स खरीदने के लिए प्रोत्साहित करता है, ताकि स्थानीय अर्थव्यवस्था में निवेश हो सके. टूरिज्म को बढ़ाकर इन क्षेत्रों में गरीबी को दूर किया जा सकता है.

संस्कृति

UNESCO का संस्कृति क्षेत्र, दुनिया के विरासत स्थलों को उनके सभी रूपों में प्रोटेक्ट और मैनेज करता है. UNESCO, विरासत को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत करता है: सांस्कृतिक और प्राकृतिक, मूर्त और अमूर्त और चल और अचल. 

सांस्कृतिक विरासत, आमतौर पर आर्ट के टुकड़ों से बनी हुई होती है, जैसे कि फ्रांस में पेरिस के Louvre Museum में रखी Leonardo da Vinci की प्रसिद्ध चित्रकारी “मोना लिसा”. प्राकृतिक विरासत को आमतौर पर यूनिक इकोसिस्टम के रूप में परिभाषित किया जाता है, जैसे कि मूंगा चट्टान. मूर्त विरासत में वे चीज़ें शामिल हैं, जिन्हें आप देख सकते हैं और छू सकते हैं, जैसे पेपाइरस (मिस्र के एक पौधे की सज्जा से बना कागज) पर लिखी प्राचीन मिस्र की पांडुलिपियां. अमूर्त विरासत में वे चीजें आती हैं, जिन्हें आप न ही देख सकते हैं और न ही छू सकते हैं, जैसे भाषा या क्षेत्रीय संगीत. 

चल विरासत में म्यूजियम में रखी वो आर्टवर्क शामिल हैं, जो ट्रेवल कर सकती हैं. अचल विरासत सभी भवन और भौगोलिक स्थल शामिल हैं, जैसे गिजा के महान पिरामिड. संस्कृति क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, विश्व धरोहर स्थलों की सूची. यह सूची वर्ष 1972 में बनाई गई जिसमें उन सभी स्थलों का नाम जोड़ा गया, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र (UN) और सरकार से संरक्षण मिलेगा. 

संचार और सूचना

यूनेस्को के संचार और सूचना क्षेत्र के दो मुख्य उद्देश्य हैं: पहला, सूचना तक सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करना और दूसरा, मीडिया में विविध अभिव्यक्तियों को प्रोत्साहित करना. UNESCO के इस क्षेत्र की पहल B@bel (babel) कई परियोजनाओं का समर्थन करता है, जिनका उद्देश्य इंटरनेट पर बहुभाषी कंटेंट को बढ़ावा देना है. पहल की परियोजनाओं में से एक बहुभाषी web browser है. शुरुआत में इस ब्राउज़र को बर्मी भाषा में web page बनाने और देखने के लिए तैयार किया गया था, लेकिन अब यह software developers के लिए उपलब्ध है, ताकि वे अपनी भाषा में प्रोग्राम लिख सके. संचार और सूचना क्षेत्र, मीडिया पेशेवरों की ट्रेनिंग को बेहतर बनाने में भी मदद करता है.

विशेष थीम

यूनेस्को कई पहलों का समर्थन करता है, जिन्हें विशेष थीम के तौर पर जाना जाता है. इसमें पांचों क्षेत्रों के कार्य को जोड़ा जाता है. इनमें कुछ थीम जैसे वैश्विक जलवायु परिवर्तन, लैंगिक समानता और संघर्ष के बाद और आपदा के बाद की प्रतिक्रियाएँ शामिल हैं. संघर्ष के बाद और आपदा के बाद की प्रतिक्रियाएँ मतलब, किसी क्षेत्र में संघर्ष (जैसे युद्ध) और प्राकृतिक आपदा जैसे, भूकंप, बाढ़ या सुनामी के बाद क्षेत्र का दोबारा निर्माण करना.

उदाहरण के लिए किसी क्षेत्र में भूकंप आने पर ये विशेष थीम, शिक्षा और संस्कृति क्षेत्र को जोड़कर, वहां स्कूल और म्यूजियम के निर्माण में मदद कर सकती है. प्राकृतिक विज्ञान क्षेत्र किसी एरिया में भूकंप का पहले पता लगाने वाली तकनीक विकसित कर इस थीम में अपना योगदान दे सकता है. सामाजिक और मानव विज्ञान क्षेत्र विकलांगों की जरूरत के बारे में एजेंसियों को याद दिला सकता है. भूकंप के बाद बचे लोगों के बारे संचार और सूचना क्षेत्र के जरिए ब्रॉडकास्ट की जा सकती है.

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UNESCO का इतिहास

यूनेस्को की उत्पत्ति प्रयासों की एक श्रृंखला के साथ होती है, जिसका आरंभ 20वीं शताब्दी के शुरुआत में, विशेष कर प्रथम विश्व युद्ध के बाद, अंतरराष्ट्रीय सहयोग से वैश्विक शांति स्थापित करने के उद्देश्य के साथ हुआ.

इस दौरान राष्ट्र संघ द्वारा, 4 जनवरी 1922 को जेनेवा में आधारित बौद्धिक सहयोग के लिए अंतरराष्ट्रीय आयोग की स्थापना करने और इसकी कार्यकारी एजेंसी के रूप में, 1925 से बौद्धिक सहयोग के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थान बनाने का एक उल्लेखनीय निर्णय लिया जाता है.

उसी वर्ष, 18 दिसंबर 1925 को, शिक्षा और विज्ञान के जरिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने हेतु, पहले प्राइवेट निकाय के रूप में और फिर 1929 से एक अंतर सरकारी संगठन के तौर पर International Bureau of Education अपनी गतिविधियां शुरू करता है.

द्वितीय विश्व युद्ध के कारण ये शुरुआती प्रयास आगे नहीं बढ़ पाते और इन्हें रोक दिया जाता है. लेकिन वर्ष 1942 में, इंग्लैंड में Allied Ministers of Education (CAME) का एक सम्मेलन होता है, जिसमें पहले यूरोपीय देश और बाद में संयुक्त राज्य अमेरिका एक साथ आते हैं.

CAME की पहल पर, नवंबर 1945 में लंदन में शिक्षा और सांस्कृतिक संगठन की स्थापना पर संयुक्त राष्ट्र एक सम्मेलन का आयोजन करता है. इस सम्मेलन में 40 स्टेट्स के प्रतिनिधि हिस्सा लेते हैं और मानवता की बौद्धिक और नैतिक एकता पर, एक शांति की संस्कृति की स्थापना करने का निर्णय लेते हैं.

सम्मेलन के अंत में 38 स्टेट्स UNESCO के जन्म को चिन्हित करने वाले संविधान पर हस्ताक्षर करते हैं. UNESCO का संविधान 1946 में लागू होता है, जिसकी पुष्टि 20 देशों द्वारा की जाती है. इन देशों में भारत, ब्राज़ील, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, डेनमार्क, चेकोस्लोवाकिया, डोमिनिकन गणराज्य, मिस्र, मेक्सिको, न्यूजीलैंड, ग्रीस, फ्रांस, लेबनान, नॉर्वे, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल होते हैं.  

यूनेस्को और भारत

UNESCO के सहयोग के लिए भारत में भारतीय राष्ट्रीय आयोग (INCCU) की स्थापना की गई है. भारत, नेपाल, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, ईरान, मालदीव, मंगोलिया और म्यांमार के लिए दिल्ली में एक क्लस्टर कार्यालय बनाया गया है.

UNESCO द्वारा घोषित भारत के विश्व धरोहर स्थल

यूनेस्को द्वारा भारत में कुल 32 विश्व धरोहर स्थल घोषित किए गए हैं, जिनमें से कुछ के नाम इस प्रकार हैं:

  • अजंता की गुफाएं
  • आगरा का किला
  • एलोरा की गुफाएं
  • ताजमहल
  • सूर्य मंदिर कोणार्क
  • फतेहपुर सीकरी
  • खजुराहो के स्मारक
  • हुमायूँ का मकबरा, दिल्ली
  • क़ुतुब मीनार, दिल्ली
  • लाल किला, दिल्ली

UNESCO से संबंधित FAQ

यूनेस्को का मुख्यालय कहां है?

यूनेस्को का मुख्यालय पेरिस, फ्रांस में स्थित है और विश्व भर में इसके 50 कार्यालय हैं.

UNESCO की स्थापना कब हुई?

यूनेस्को की स्थापना 16 नवंबर 1945 को हुई थी.

UNESCO का संविधान कब लागू हुआ?

यूनेस्को का संविधान 04 नवंबर 1946 को लागू हुआ.

यूनेस्को का पूरा नाम क्या है?

UNESCO का पूरा नाम United Nations Education, Scientific and Cultural Organization है.

यूनेस्को का अध्यक्ष कौन है?

वर्तमान में (अप्रैल 2023), UNESCO की महानिदेशक ऑद्रे अजोले (Ms Audrey Azoulay) है. 

UNESCO को फंडिंग कहाँ से मिलती है?

यूनेस्को को सदस्य राष्ट्रों द्वारा अपनी स्वेच्छा से किया गए योगदान से धन प्राप्त होता है. इसके अलावा कुछ अन्य तरीके भी हैं, जिनकी मदद से यूनेस्को के लिए धन जुटाया जाता है. 

निष्कर्ष (Conclusion):

उम्मीद करती हूँ आपको मेरा यह लेख “ जानें UNESCO क्या है और इसके उद्देश्य के बारे में” जरूर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है यूनेस्को (UNESCO in Hindi) से संबंधित सभी जानकारियां आप तक पहुंचाने की, ताकि आपको इस विषय के संदर्भ में किसी दूसरी वेबसाइट पर जाने की जरूरत ना पड़े. अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो या कुछ नया सीखने को मिला हो, तो कृपया इसे दूसरे सोशल मीडिया नेटवर्क पर शेयर जरुर करें.

Monika Chauhan
Monika Chauhanhttps://hindivibe.com/
मोनिका चौहान Hindivibe की Co-Founder और Author हैं. इन्हें सामान्य ज्ञान से संबंधित जानकारियों का अध्ययन करना और उनके बारे में लिखना अच्छा लगता है.

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