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Fastag क्या है? जानें यह कैसे काम करता है?

Fastag क्या है और कैसे काम करता है? अगर आप चार पहिया वाहन का इस्तेमाल करते हैं तो आपने FASTag के बारे में जरुर पढ़ा या सुना होगा. टोल collection के दौरान टोल प्लाजाओं पर लगने वाली गाड़ियों की लंबी कतार से छुटकारा पाने और समय और ईंधन की बचत के लिए देश में FASTag की शुरुआत की गई. इसके आने के बाद toll collect करना आसान हो गया और टोल प्लाजाओं पर line में खड़े होकर होने वाली समय और ईंधन की बर्बादी से भी निजात मिल गई.

लेकिन क्या आप जानते हैं यह फास्टैग क्या है और कैसे काम करता है? अगर नहीं जानते हैं तो आज के इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़ें. Fastag एक electronic tag होता है जिसका इस्तेमाल टोल प्लाजाओं पर बिना किसी इंसान की मदद के toll collection के लिए किया जाता है. इसके इस्तेमाल से वाहन को टोल प्लाजा पर ठहरने की जरूरत नही पड़ती और चलते हुए अपने आप टोल भुगतान हो जाता है. तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं Fastag क्या है (What is FASTag in Hindi) और कैसे काम करता है के बारे में. 

FASTag क्या है? (What is FASTag in Hindi)

fastag kya hai

Fastag एक Radio Frequency Identification Technology (RFID) है, जिसे वाहन की front windscreen पर फिट किया जाता है. इस Tag को भारत सरकार द्वारा Ministry of Road Transport and Highway की तरफ से अक्टूबर, 2017 में पेश किया गया था.

Fastag को National Payment Corporation of India (NPCI) के अधीन देश के 23 बैंकों और National Highway Authority of India (NHAI) द्वारा operate किया जाता है.

इसकी शुरुआत, बड़ी संख्या में individual drivers और देश को होने वाली असुविधाओं से निपटने के लिए की गई. फास्टैग के इस्तेमाल से वाहनों को highways पर टोल भुगतान के लिए लंबी कतारों में खड़े रहने और ईंधन की होने वाली बर्बादी से छुटकारा मिल गया.

दूसरा, देश के शहरी इलाकों में प्रदूषण भी तेजी के साथ बढ़ रहा है. इसके मुख्य कारणों में टोल प्लाजा पर वाहनों की लगने वाली भीड़ भी शामिल है. इसलिए प्रदूषण को कम करने में भी फास्टैग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

FASTag कैसे काम करता है?

फास्टैग Radio Frequency Identification Technology (RFID) का इस्तेमाल करता है. इसमें RFID Technology, एक Electronic Produce Code (EPC) के जरिए vehicles को identify करने का काम करती है. यह कोड vehicle registration number से अलग होता है और global scale पर इसे विशिष्ट पहचान प्रदान करता है.

RFID फास्टैग में प्रत्येक EPC कोड एक 13-digit number होता है, जिसे GS1 india द्वारा प्रदान किया जाता है. GS1 india एक standard organisation है, जो किसी product की सही पहचान के लिए वैश्विक मानकों के अनुरूप इसे एक unique कोड provide करता है.

Barcoding की तरह ही RFID technology भी एक data capture technology है. लेकिन इसमें information को encode करने के लिए Barcode की तरह black bars और white spaces वाला pattern नहीं होता. RFID tag या fastag में एक electronic chip का इस्तेमाल किया जाता है जो एक antenna से घिरा होता है.

साथ ही इसे barcode की तरह reader के बिलकुल नज़दीक और दृष्टि के सामने लाने की भी जरूरत नहीं होती. इसे scanner सीमित दूरी के अंदर आसानी से scan कर लेता है.

एक फास्टैग के अंदर एक passive RFID chip का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें अपनी खुद की battery नहीं होती. इसे power तभी मिलती है जब scanner से आने वाली beam इससे टकराती है. टोल प्लाजा पर जैसे ही कोई vehicle वहां लगे scanner की range के दायरे में आता है तो scanner signal भेजता है और tag में लगे vehicle के identification code (EPC) को पढ़ता है. इसे पढ़ने के बाद फास्टैग से जुड़े digital wallet या saving account से टोल fees का भुगतान हो जाता है और गाड़ी बिना रुके आगे बढ़ जाती है.

FASTag कितना सुरक्षित है?

National Payment Corporation of India (NPCI) फास्टैग के मामले में data सुरक्षा सुनिश्चित करता है. इनके पास backend servers के साथ proper IT infrastructure है जहाँ सारा data capture किया जाता है. RFID technology किसी individual को identify नहीं कर सकती, इसलिए फास्टैग का उपयोग करने वालों को घबराने की जरूरत नहीं है.

FASTag क्यों जरुरी है?

अगर आपके घर में एक या एक से अधिक four-wheelers को तो आपको जल्द से जल्द fastag खरीद लेना चाहिए. क्योंकि सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय द्वारा 16 फरवरी 2021 से टोल प्लाजाओं से गुजरने वाले सभी वाहनों के लिए fastag अनिवार्य कर दिया गया है. हो सकता है इस deadline को आगे बढ़ा दिया जाए, लेकिन आने वाले समय में अगर आप बिना फास्टैग के टोल से गुजरते हैं तो आपको vehicle की category के हिसाब से दोगुना टोल भुगतान करना होगा. इसके साथ ही सरकार ने vehicle के third party insurance को प्राप्त करने के लिए भी fastag को अनिवार्य कर दिया है. 

FASTag कैसे और कहाँ से खरीदें?

आप फास्टैग को बैंकों की शाखाओं और online सेवाओं से खरीद सकते हैं, जिसमे HDFC Bank, ICICI, Bank of Baroda, SBI, Axis Bank, City Union Bank इत्यादि प्रमुख बैंक शामिल हैं. साथ ही फास्टैग को टोल प्लाजाओं पर NHAI के point of sale, PayTM, e-commerce website जैसे Amazon और Road Transport Aurthority (RTO) offices द्वारा भी जारी किया जा रहा है.

आप Fastag को “My FASTag” app के जरिए भी online order कर सकते हैं. यहाँ से खरीदने के बाद फास्टैग को आपके घर या ऑफिस के address पर पहुंचा दिया जाएगा.

FASTag Apply करने के लिए जरुरी Documents

Fastag के लिए apply करने के दौरान customer को application के साथ नीचे बताए गए documents की जरूरत होती है. चलिए जानते हैं उन documents के बारे में.

  1. Vehicle की RC (Registration Certificate)
  2. Vehicle के मालिक की Passport Size Photo
  3. KYC Documents के तौर पर इनमे से कोई एक – जैसे Driving License, Adhar Card, Voter ID, PAN Card या Passport. 

अगर आप किसी PoS (Point of Sale) location पर जाकर fastag के लिए apply करते हैं तो इन Documents के साथ इनकी Xerox Copies लेलें (Original भी जरुरी हैं). यदि आप online apply कर रहे हैं तो इनके original की ही photo upload करें.

FASTag के लिए Charges कितने हैं?

Vehicle के अनुसार प्रत्येक फास्टैग को एक color code दिया गया है जिसके आधार पर minimum amount वसूला जाता है, जो कि 500 से 900 के बीच होता है. उदाहरण के लिए car/jeep/van के लिए 500 रुपए और bus/truck/3 axle के लिए 700 रुपए.

इसमें card के charge के तौर पर 100 रुपए लिए जातें हैं. 200 रुपए refundable deposit के तौर पर लिए जाते हैं और बचा हुआ amount balance के तौर पर रखा जाता है.

FASTag इस्तेमाल करने के फायदे क्या हैं?

फास्टैग इस्तेमाल करने के benefits कुछ इस प्रकार  हैं:

  1. आसान Toll Payment – Fastag से पहले टोल भुगतान के लिए toll lane पर गाड़ी रोकनी पड़ती थी और cash payment करना पड़ता था. लेकिन अब आप बिना रुके और cashless तरीके से toll payment कर सकते हैं.
  2. ईंधन की बचत –  Fastag के आने के बाद गाड़ियों को टोल प्लाजा पर line में खड़े नहीं रखना पड़ता, जिससे ईंधन की बचत होती है.
  3. प्रदूषण कम होता है – इससे air pollution कम होता है और paper का भी इस्तेमाल नहीं होता, जिससे पर्यावरण को फायदा मिलता है.
  4. आर्थिक फायदा होता है – टोल प्लाजा मालिकों को कम human resources की आवश्कता पड़ती जिससे उन्हें आर्थिक फायदा होता है और management भी बेहतर ढंग से किया जाता है.
  5. Toll खर्चों को track कर सकते हैं – अगर आप long drive पर कहीं जा रहे हैं और इस दौरान विभिन्न टोल प्लाजाओं से होकर गुजरना पड़ रहा है तो आपको SMS या Email के जरिए प्रत्येक transaction के बाद message मिलता रहेगा.
  6. Online Recharge की सुविधा – आप Fastag को Credit card, Debit card या Net banking के माध्यम से आसानी से घर बैठे online recharge कर सकते हैं.
  7. Social Benefits – इसके इस्तेमाल से Toll payment के दौरान होने वाली परेशानी कम हो जाती है और highway management को बेहतर ढंग से manage किया जा सकता है.

FASTag से संबंधित बार-बार पूछे जाने वाले सवाल एवं उनके जवाब – FAQs

Fastag को रिचार्ज कैसे करें?

आप अपने FASTag account को cheque या Debit Card, Credit Card या NET banking के जरिए online recharge कर सकते हैं. FASTag को account को 100 रुपए से लेकर अधिकतम 1 लाख रुपए तक रिचार्ज किया जा सकता है. FASTag रिचार्ज कैसे करें के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लिक करें.

Fastag को शीशे पर कहाँ लगाएं?

FASTag को गाड़ी के front शीशे पर अंदर की तरफ लगाया जाता है. इसे फिट करने की सही जगह शीशे के centre में top पर होती है. इसके पीछे glue लगा होता है जिससे यह आसानी से शीशे के साथ चिपक जाता है.

क्या 24 घंटे के भीतर वापसी पर Toll Charge कम लगेगा?

हाँ, जब आप पहली बार Toll cross करते हैं तब आपको one way toll charge अदा करना होता है. लेकिन अगर आप 24 घंटे के भीतर वापस आते हैं तब electronic toll collection system आपके समय और return journy charges को calculate करता है और उसी हिसाब से toll fee adjust कर लेता है.

अगर गलती से अधिक Toll Fees deduct हो जाती है तो क्या करना होगा?

वैसे तो इस तरह की गलती होने के chances बहुत कम होते है, लेकिन फिर भी अगर ऐसा होता है तो तुरंत Bank customer care से संपर्क करें और विस्तार से इसकी जानकारी दें.

मेरे पास नया Vehicle है जिसपर पहले से ही RFID Tag लगा है. इसे Activate कैसे करें?

इसके लिए संबंधित issuer agency के PoS (Point of Sale) से संपर्क करें.

अगर मेरा Fastag गुम हो जाता है तो क्या करना होगा? और account balance का क्या होगा?

अगर आपका fastag गुम हो जाता है तो संबंधित issuer bank के customer care से संपर्क करें और फास्टैग को block करवा दें. नया account खुलने के बाद issuer agency आपके balance को नए खाते में transfer कर देगी.

क्या एक Vehicle के लिए ख़रीदे गए FASTag को किसी दूसरे Vehicle के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है?

नहीं, प्रत्येक vehicle के लिए फास्टैग को KYC documents के आधार पर issue किया जाता है. अगर आप इस फास्टैग को किसी दूसरे vehicle के पर इस्तेमाल करते हैं तो इसे blacklist कर दिया जाएगा और vehicle को टोल प्लाजा के fastag lane से नहीं गुजरने दिया जाएगा. 

अगर टोल प्लाजा से गुजरते समय किसी Technical Problem की वजह से FASTag काम ना करे तो क्या होगा?

अगर आपके फास्टैग में sufficient account balance है और तकनीकी वजह से यह काम नहीं कर रहा है तो आपको कोई charge नहीं देना होगा. आप फ्री में टोल से गुजर सकते हैं.

Conclusion

मै उम्मीद करता हूँ आपको मेरा यह लेख “Fastag क्या है (What is Fastag in Hindi) और कैसे काम करता है?” जरुर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है फास्टैग से जुड़ी हर जानकारी को सरल शब्दों में explain करने कि ताकि आपको इस विषय के संदर्भ में किसी दूसरी website पर जाने की जरूरत ना पड़े.

अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो या कुछ नया सीखने को मिला हो तो कृपया इसे दूसरे social media networks जैसे whatsapp, facebook, telegram इत्यादि पर share जरुर करें.

Rahul Chauhan
Rahul Chauhanhttps://hindivibe.com/
Rahul Chauhan, Hindivibe के Author और Founder हैं. ये एक B.Tech डिग्री होल्डर हैं. इन्हें विज्ञान और तकनीक से संबंधित चीजों के बारे में जानना और लोगों के साथ शेयर करना अच्छा लगता है. यह अपने ब्लॉग पर ऐसी जानकारियां शेयर करते हैं, जिनसे कुछ नया सिखने को मिले और लोगों के काम आए.

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