रेडिएशन क्या है? (Radiation in Hindi) जब भी हम रेडिएशन शब्द सुनते हैं तो हमारे मन में एक अलग ही प्रकार का भय उत्पन्न होता है, जहां कैंसर, परमाणु बम का अटैक इत्यादि जैसे ना जाने कितने डरावने विचार हमें घेर लेते हैं. लेकिन वास्तविकता इससे बिल्कुल अलग है. रेडिएशन का उपयोग हमारी जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है. अगर हम कहें कि रेडिएशन के बिना आधुनिक युग संभव ही नहीं है तो यह गलत नहीं होगा.
मनोरंजन, कारोबार या चिकित्सा चाहें कोई भी क्षेत्र क्यों ना हो हर जगह आधुनिक उपकरणों के सुचारू रूप से काम करने के लिए रेडिएशन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. इसलिए आज के इस लेख में हम रेडिएशन से जुड़ी तमाम जानकारियों के बारे में चर्चा करेंगे, जहां रेडिएशन क्या होता है, रेडिएशन के नुकसान, रेडिएशन के फायदे, मोबाइल रेडिएशन क्या है इत्यादि के बारे में बताया जाएगा. तो चलिए आगे बढ़ते हैं बिना किसी देरी के और जानते हैं रेडिएशन (विकिरण) से जुड़ी पूरी जानकारी.
रेडिएशन (विकिरण) क्या है? – What is Radiation in Hindi
रेडिएशन, तरंगो और कणों के रूप में एक ऊर्जा है जो एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रकाश की गति से ट्रेवल करती है. इसे ‘Electromagnetic Radiation’ के नाम से जाना जाता है. हम हमेशा रेडिएशन के संपर्क में आते रहते हैं. रेडिएशन के सबसे परिचित स्रोतों में सूर्य, रसोई में इस्तेमाल होने वाला माइक्रोवेव ओवन और कारों में लगा रेडियो शामिल हैं. अधिकतर रेडिएशन से हमें किसी भी प्रकार का खतरा नहीं होता है. लेकिन कुछ रेडिएशन हैं जो हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं और यह नुकसान इनकी मात्रा पर निर्भर करता है. यदि मात्रा कम है तो नुकसान कम होने की संभावना होती है और यदि मात्रा अधिक है तो नुकसान भी अधिक पहुंच सकता है. रेडिएशन के प्रकार के आधार पर, विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए इस्तेमाल होने वाले रेडिएशन के प्रभाव से हमारे शरीर और पर्यावरण को बचाने के लिए उचित उपाय किए जाने जरूरी हैं.
रेडिएशन के प्रकार
आमतौर पर रेडिएशन को स्वास्थ्य संबंधी खतरों के आधार पर दो भागों में वर्गीकृत किया जाता है:
- गैर-आयनकारी रेडिएशन (Non-Ionizing Radiation)
- आयनकारी रेडिएशन (Ionizing Radiation)
गैर-आयनकारी रेडिएशन (Non-Ionizing Radiation)
गैर-आयनकारी रेडिएशन, रेडिएशन का वह रूप है जिसमें आयनकारी रेडिएशन के मुकाबले कम ऊर्जा होती है. यह आयनकारी रेडिएशन के विपरीत उन पदार्थों के परमाणुओं और अणुओं से इलेक्ट्रॉन्स को नहीं हटाता है, जिनमे हवा, पानी और जीव ऊतक शामिल हैं.
गैर-आयनकारी रेडिएशन के उदाहरण कुछ इस प्रकार हैं:
- पराबैंगनी किरणें (Ultraviolet Radiation)
- दिखाई देने वाला प्रकाश (Visible Light)
- इन्फ्रारेड किरणें
- माइक्रोवेव
- सूक्ष्म तरंगे
- रेडियो और रडार तरंगे
- वायरलेस इंटरनेट कनेक्शन
- मोबाइल फोन सिग्नल
अभी तक किए गए अध्ययन में पाया गया है कि सामान्य रूप से गैर आयनकारी रेडिएशन के संपर्क में आने से अधिक नुकसान नहीं होता है, लेकिन इसके कुछ प्रकार हैं जो बेहद खतरनाक होते हैं. इन्हीं प्रकारों में पराबैंगनी किरणें शामिल हैं.
पराबैंगनी किरणें (Ultraviolet Radiation in Hindi)
गैर-आयनकारी रेडिएशन में सबसे खतरनाक अल्ट्रावायलेट रेडिएशन को माना गया है, जो हमारी त्वचा को क्षतिग्रस्त करने की क्षमता रखता है. अल्ट्रावायलेट रेडिएशन का मुख्य स्रोत सूर्य है. Sunbed और Sunlamp से भी अल्ट्रावायलेट रेडिएशन निकलते है.
प्राकृतिक रूप से अल्ट्रावायलेट रेडिएशन का निम्न स्तर हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होता है. सूर्य से मिलने वाले पराबैंगनी रेडिएशन से हमें विटामिन-डी की प्राप्ति होती हैं, जो हमारी हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है और उन्हें स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है.
लेकिन अधिक समय तक या अधिक मात्रा में अल्ट्रावायलेट रेडिएशन के संपर्क में रहना हानिकारक साबित हो सकता है. इससे त्वचा जलन और मेलेनोमा (Melanoma) और नॉन-मेलेनोमा (Non-Melanoma) त्वचा कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं.
गैर-आयनकारी रेडिएशन के स्रोत
गैर-आयनकारी रेडिएशन प्राकृतिक और अप्राकृतिक दोनों तरह के स्रोतों से प्राप्त होते हैं.
प्राकृतिक स्रोत
- सूर्य से निकलने वाली ऊष्मा एवं प्रकाश
- आकाशीय बिजली
- धरती का प्राकृतिक इलेक्ट्रिक और मैग्नेटिक फील्ड
कृत्रिम स्रोत
- माइक्रोवेव ओवन
- बिजली की लाइनें और घरेलू वायरिंग
- हैंडहेल्ड लेजर और लेजर प्वाइंटर्स
- वायरलेस उपकरण जैसे, सेल फोन, सेल फोन टावर, WiFi उपकरण, रेडियो ऐन्टेना इत्यादि.
- प्रकाशीय उत्पाद जैसे, LED बल्ब और चमकदार बल्ब
- टैनिंग बेड्स
आयनकारी रेडिएशन (Ionizing Radiation)
यह ऊर्जा का वह रूप है जो पदार्थ के अणुओं और परमाणुओं से इलेक्ट्रॉन्स हटाकर कार्य करता है जिनमें हवा, जल और जीव ऊतक शामिल रहते हैं. आयनकारी रेडिएशन अदृश्य होकर यात्रा कर सकता है और इन पदार्थों से होकर गुजर सकता है.
आयनकारी रेडिएशन के उदाहरण निम्न हैं:
- एक्स-रे (X-Rays)
- गामा-रे (Gamma Rays)
उदाहरण के लिए X-Rays हमारे शरीर में प्रवेश कर सकती हैं और हमारी हड्डियों की इमेज प्रस्तुत कर सकती हैं. यहां हम X-Rays को आयनकारी (ionizing) कह सकते हैं, क्योंकि जिस पदार्थ से भी होकर ये गुजरती हैं उनके परमाणुओं और अणुओं से इलेक्ट्रॉन्स को हटाने की क्षमता रखती हैं. आयनकारी गतिविधि हमारे शरीर की कोशिकाओं के भीतर अणुओं को बदल सकती हैं, जो कैंसर जैसे रोगों का कारण बन सकता है. आयनकारी रेडिएशन के तीव्र जोखिम से त्वचा और ऊतकों को नुकसान पहुंच सकता है.
आयनकारी रेडिएशन के स्रोत
प्राकृतिक स्रोत
पर्यावरण में मौजूद चट्टानों और मिट्टी से निकलने वाली रेडिएशन और अंतरिक्ष से आने वाली ब्रह्मांडीय रेडिएशन, आयनकारी रेडिएशन के प्राकृतिक स्रोत हैं. इन स्रोतों से मिलने वाली रेडिएशन को ‘बैकग्राउंड’ रेडिएशन कहा जाता है.
कृत्रिम स्रोत
- नाभिकीय ऊर्जा
- मेडिकल उपकरण जैसे कि एक्स-रे मशीन, सीटी स्कैनर, मैमोग्राफी
- वैज्ञानिक अनुसंधान और माप के लिए इस्तेमाल होने वाले इंडस्ट्रियल उपकरण
- बैगेज एक्स-रे स्क्रीनिंग उपकरण
मोबाइल रेडिएशन क्या है?
मोबाइल रेडिएशन, मोबाइल फोन से निकलने वाले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन को ही कहा जाता है. मोबाइल में कॉल करने और प्राप्त करने के लिए Radio Frequency Waves (RF) का इस्तेमाल किया जाता है. मोबाइल फोन से निकले वाली रेडिएशन की मात्रा बहुत कम होती है.
मोबाइल रेडिएशन से होने वाले नुकसान?
लोगों का मानना है कि मोबाइल से निकलने वाले गैर-आयनकारी रेडिएशन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं. हालांकि दुनिया में वैज्ञानिकों द्वारा किए गए कई शोधों से दूरसंचार उपकरणों से स्वास्थ्य को कोई बड़ा खतरा नहीं पाया गया है.
National Cancer Institute द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी तक ऐसा कोई तर्कयुक्त सबूत नहीं मिला है जो यह दावा करता हो कि गैर-आयनकारी रेडिएशन से इंसानों में कैंसर जैसे रोग पैदा हो सकते हैं. मनुष्य में रेडियो फ्रीक्वेंसी रेडिएशन से होने वाला एकमात्र प्रभाव जिसके सबूत मिले हैं वो हीटिंग है. वैज्ञानिकों द्वारा किए गए विभिन्न शोध दर्शाते हैं कि मोबाइल फोन और कैंसर की समस्या के बीच कोई संबंध नहीं है.
कुछ अध्ययन जो दर्शाते हैं कि मोबाइल फोन से निकलने वाली RF waves से मनुष्यों पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ सकते हैं.
- इस्तेमाल के दौरान हल्का ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जो इस्तेमाल बंद कर देने के बाद वापस सामान्य हो जाता है.
- लंबे समय तक इस्तेमाल के कारण ब्रेन वार्मिंग हो सकता है, जो फोन का इस्तेमाल बंद करने के बाद तुरंत चला जाता है.
- लंबे समय तक इस्तेमाल के बाद हल्की थकान महसूस हो सकती है.
मोबाइल रेडिएशन से बचने के उपाय
वैसे तो मोबाइल रेडिएशन से हमारे स्वास्थ्य पर किसी तरह के हानिकारक प्रभाव का सबूत नहीं मिला है, लेकिन अभी शोध जारी है, इसलिए हो सकता है भविष्य में कोई गंभीर दुष्प्रभाव देखने को मिले. यदि आप मोबाइल रेडिएशन से बचना चाहते हैं तो नीचे दिए गए सुझावों को फॉलो कर सकते हैं.
- कॉल के दौरान मोबाइल को हैंड्स फ्री मोड में उपयोग करें.
- इयरपीस या ब्लूटूथ का इस्तेमाल करें.
- फोन को चार्ज लगाकर कभी बात मत करें.
- मोबाइल सिग्नल कम है या बैटरी लो है तो फोन को प्रेग्नेंट महिलाओं से दूर रखें.
- सोते समय फोन को उचित दूरी पर रखें.
- मोबाइल फोन को शर्ट के ऊपर वाले पॉकेट में ना रखें.
रेडिएशन के फायदे
रेडिएशन से हमें होने वाले फायदे कुछ इस प्रकार हैं:
- चिकित्सा कार्यों के लिए रेडिएशन का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे कि कई तरह के कैंसर का उपचार और X-Ray, CT Scan, MRI इत्यादि नैदानिक इमेजिंग विधियों के लिए.
- रेडिएशन का इस्तेमाल बिजली उत्पन्न करने के लिए किया जाता है, जैसे Solar energy और Nuclear energy.
- रेडिएशन का इस्तेमाल अपशिष्ट जल (wastewater) के उपचार के लिए या नए किस्म के पौधे उगाने के लिए किया जाता है जो जलवायु प्रतिरोधी हैं.
- वैज्ञानिक रेडिएशन का इस्तेमाल प्राचीन वस्तुओं की जांच करने और बेहतरीन विशेषताओं के साथ उत्पादन की सामग्री के लिए करते हैं.
रेडिएशन के नुकसान
आयनकारी रेडिएशन की अधिक मात्रा या लंबे समय तक इनके संपर्क में आने से निम्न तरह के नुकसान हो सकते हैं:
- कैंसर उपचार के दौरान जब रेडिएशन का इस्तेमाल किया जाता है तो मरीजों में हेयर लोस (बाल झड़ने) की समस्या आम देखने को मिलती है. हालांकि, कुछ दिनों बाद झड़े हुए बाल वापस आ जाते हैं लेकिन कई बार यह समस्या स्थायी रूप ले लेती हैं.
- यदि रेडिएशन को उपचार के दौरान छाती पर कुछ देर के लिए केंद्रित किया जाता है तो त्वचा का वह हिस्सा संवेदनशील, शुष्क और परेशान करने वाला हो सकता है.
- मनुष्य के पेट और पेट से निचले हिस्से पर केंद्रित किया गया रेडिएशन पेट या मुत्राशय से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकता है, जिससे उल्टी, दस्त या बार-बार पेशाब आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
- यदि कोई इंसान लंबे समय तक रेडिएशन के संपर्क में रहता है तो गले में खराश और निगलने में कठिनाई जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई सभी जानकारियां सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Hindivibe.com इनकी पुष्टि नहीं करता है. बताई गई सभी बातों पर अमल करने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें.)
मोबाइल रेडिएशन कितना होना चाहिए?
कोई मोबाइल कितना रेडिएशन फैलाता है, इसे SAR वैल्यू (स्पेसिफिक एब्जॉर्ब्प्शन रेट) से पता किया जा सकता है. 1.6 W/Kg से अधिक SAR वैल्यू हमारे लिए खतरनाक है.
मोबाइल का रेडिएशन कैसे चेक करते हैं?
मोबाइल का रेडिएशन चेक करने के लिए आपको *#07# डायल करना होगा. जैसे ही आप इस नंबर को डायल करते हैं, आपके स्क्रीन पर रेडिएशन से जुड़ी जानकारी आ जाएगी. इसमें दो तरह के रेडिएशन स्तर को दिखाया जाता है. एक ‘हैड’ और दूसरा ‘बॉडी’. हैड यानी फोन पर बात करते समय रेडिएशन का स्तर और बॉडी यानी फोन का इस्तेमाल करते वक्त या जेब में रखे हुए रेडिएशन का स्तर.
Conclusion
उम्मीद करता हूँ आपको मेरा यह लेख “रेडिएशन क्या है और मोबाइल रेडिएशन के नुकसान” जरूर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है विकिरण (Radiation in Hindi) से संबंधित सभी जानकारियां आप तक पहुंचाने की ताकि आपको इस विषय के संदर्भ में किसी दूसरी वेबसाइट पर जाने की जरूरत ना पड़े.
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