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Electricity या बिजली कैसे बनती है? | जानें Electricity क्या है?

Electricity या बिजली का हमारी जिंदगी में एक महत्वपूर्ण रोल है. बिजली के माध्यम से हम अपने cell phones, computer, light, A.C. इत्यादि को को चला पाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं यह Electricity क्या है और कैसे बनती है? अगर नहीं तो यह आर्टिकल पूरा जरुर पढ़ें.

क्योंकि आज के इस आर्टिकल में आपको बिजली से जुड़ी पूरी जानकारी मिलेगी, जहां बिजली कैसे बनती है और इसके बनाने के तरीकों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा. तो चलिए बढ़ते हैं आगे और जानते हैं पूरी जानकारी हिंदी में.

Electricity या बिजली क्या है? – What is Electricity in Hindi

bijali kaise banti hai

सभी पदार्थ परमाणुओं से बने होते हैं और प्रत्येक परमाणु में एक केंद्र होता है, जिसे नाभिक (Nucleus) कहा जाता है. इस नाभिक के चारों तरफ चार्ज पार्टिकल इलेक्ट्रॉन (electrons) और प्रोटॉन (protons) और अनचार्ज पार्टिकल न्यूट्रॉन (neutrons) परिक्रमा करते हैं. जब एक इलेक्ट्रॉन एक परमाणु से दूसरे परमाणु में प्रवाह (flow) करता है तो उसे electricity कहा जाता है, जो ऊर्जा का एक रूप है.

प्रत्येक परमाणु में कम से कम एक प्रोटॉन जरूर होता है. किसी परमाणु में प्रोटॉन की संख्या ही परमाणु के chemical element को दर्शाती है. उदाहरण के लिए अगर एक परमाणु में एक प्रोटॉन है तो वह Hydrogen है, यदि 29 प्रोटॉन है तो copper और यदि 94 प्रोटॉन है तो plutonium कहलाएगा. किसी परमाणु में प्रोटॉन की संख्या को उस परमाणु का atomic number कहा जाता है.

हर एक परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या आमतौर पर प्रोटॉनों की संख्या के बराबर पाई जाती है. इलेक्ट्रॉन नेगेटिव चार्ज लिए होते हैं, जबकि प्रोटॉन पॉजिटिव चार्ज. जब इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन के मध्य संतुलन बल किसी बाहरी बल (outside force) की वजह से अपसेट होता है तो एक परमाणु एक इलेक्ट्रॉन प्राप्त कर सकता है या छोड़ सकता है. जब इलेक्ट्रॉन एक परमाणु से अलग होते हैं तो ये फ्री इलेक्ट्रॉन एक current flow पैदा करते हैं. 

बिजली कैसे बनती है?

बिजली पैदा करने के लिए एक electricity generator का इस्तेमाल किया जाता है. Electricity generator वो डिवाइस है जो ऊर्जा के एक रूप को बिजली में परिवर्तित करता है. दुनिया मे कई तरह के electricity generator मौजूद हैं, लेकिन अधिकतर जनरेटर महान वैज्ञानिक Michael Faraday द्वारा 1831 में की गई खोज पर आधारित है. Faraday के अनुसार, जब एक चुम्बक (magnet) को wire की coil के भीतर हिलाया जाता है तो electric current उत्पन्न होता है और यह करंट wire में फ्लो करता है. उन्होंने पहला electricity generator बनाया था, जिसका नाम Faraday disk था. यह जनरेटर magnetism और electricity के बीच रिलेशनशिप पर काम करता है और इसी आधार पर आज सभी electromagnetic generator काम करते हैं.

Electromagnetic generator में पारंपरिक magnet की जगह electromagnet का इस्तेमाल किया जाता है, यानी बिजली से बनने वाली चुंबक. Basic electromagnetic generator के अंदर insulated wire coils की एक सीरीज होती है, जो electromagnetic shaft (rotor) के चारो तरफ एक स्थिर cylinder (stator) बनाती है.

जब रोटर घूमता है तो wire coil के प्रत्येक section में इलेक्ट्रिक करंट फ्लो करता है, जो कि एक अलग electric conductor बन जाता है. इस प्रकार प्रत्येक section को एक साथ जोड़कर बड़ी मात्रा में करंट पैदा किया जाता है और फिर यह करंट बिजली के रूप में generator से power lines द्वारा उपभोक्ताओं तक पहुंचता है. Electromagnetic generator को mechanical energy ( kinetic energy) द्वारा ड्राइव किया जाता है.

अब हम जान चुके हैं कि इलेक्ट्रोमैग्नेटिक जनरेटर से बिजली कैसे पैदा की जाती है. अब हम जानेंगे जनरेटर को ड्राइव किए जाने के तरीकों के बारे में, यानी बिजली बनाने के तरीकों के बारे में.

बिजली बनाने के तरीके

हमें मिलने वाली बिजली को दो प्रकार के स्रोतों से प्राप्त किया जाता है:

  1. प्राइमरी स्त्रोत
  2. सेकंडरी स्त्रोत

प्राइमरी स्त्रोत – इन स्रोतों की लिस्ट में प्राकृतिक स्त्रोत शामिल हैं, जैसे सूर्य की गर्मी और हवा. ऊर्जा के इन स्रोतों का इस्तेमाल सीमित रूप में किया जा सकता है, क्योंकि इनसे निरंतर ऊर्जा प्राप्त कर पाना संभव नहीं है. प्राइमरी स्रोत में शामिल हैं:

Wind Power हवा से बिजली का निर्माण

wind power plant

विंड पावर यानी हवा की शक्ति के माध्यम से बिजली का निर्माण किया जाता है. बिजली बनाने की यह विधि काफी पॉपुलर और किफायती है. यह एक नवीकरणीय ऊर्जा (renewable energy) स्त्रोत है, और इसके इस्तेमाल से पर्यावरण पर जीवाश्म ईंधन की अपेक्षा बहुत कम दुष्प्रभाव पड़ता है.

Wind turbine, जिसे पवन-चक्की भी बोला जाता है, बहुत ही साधारण सिद्धांत पर काम करता है. हवा टरबाइन के प्रोपेलर जैसे ब्लेड को घूमाती है, जिससे rotor घूमता है और generator से बिजली उत्पन्न की जाती है. इन्हें समुद्र, समुद्र के किनारे या पहाड़ी इलाकों में लगाया जाता है, ताकि इन्हें नियमित रूप से हवा मिलती रहे और ये लगातार घूमते रहें. इन्हें 80 से 100 फीट तक की ऊँचाई पर सेट किया जाता है.

हवा चारों दिशाओं से बदल-बदल कर आती है, इसलिए पवन-चक्की के ऊपरी भाग के पिछले हिस्से में anemometer लगा होता है. जो हवा की दिशा को detect करता है और सभी पंखुड़ियों को हवा की दिशा में घुमा देता है. इसलिए हवा चाहे किसी भी दिशा में चले पवन-चक्की चलती रहती है. इन्हें हर जगह लगाना संभव नहीं है और इनके maintenance का खर्चा भी अधिक आता है.

Solar Power सौर ऊर्जा से बिजली का निर्माण

इस विधि में सूर्य से ऊर्जा प्राप्त की जाती है. सूर्य की रोशनी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है और यह नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत होता है, जिसका इस्तेमाल कर हम अपने घरों में आसानी से बिजली प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए घर की छत पर या खुले स्थान पर solar power plant स्थापित करने की आवश्यकता होती है. इसे लगाने का खर्च ज्यादा होता है, लेकिन एक बार लगने के बाद यह आपकी बिजली खपत को काफी कम कर देता है.

सबसे महत्वपूर्ण बात, यह आपकी electric grid पर निर्भरता को कम कर देता है. यानी बिजली supply ना होने पर emergency के हालात में आप आसानी से बिजली प्राप्त कर सकते हैं. इसके इस्तेमाल में किसी भी प्रकार का जल या वायु प्रदूषण नहीं फैलता. बिजली की पर्याप्त उपलब्धता के साथ-साथ यह आपके जेब खर्च को भी कम कर देता है. 

Solar power से बिजली प्राप्त करने में किसी भी तरह की कठिनाई नहीं होती. क्योंकि सूर्य की रोशनी विशाल मात्रा में उपलब्ध होती है. और solar plant इस रोशनी को ऊर्जा में बदल देता है. सोलर पैनल या सोलर पावर प्लांट के बारे में और अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें.

सेकंडरी स्त्रोत – पानी और जीवाश्म ईंधन जैसे कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस ऊर्जा के सेकंडरी स्रोत हैं. हमें मिलने वाली बिजली लगभग इन्ही स्रोतों से प्राप्त होती है. भारत में बड़े स्तर पर इन स्त्रोतों से बिजली प्राप्त की जा रही है. बिजली उत्पादन के सेकंड्री स्रोतों को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जो कुछ इस प्रकार हैं:

a. Thermal Power

b. Hydro Power

c. Diesel Power

d. Nuclear Power

Thermal Power थर्मल पॉवर से बिजली का निर्माण

थर्मल पावर के जरिए electricity generate करने के तीन तरीके हैं:

1. Pulverized Coal-Fired Power Generation – Pulverized (चूर्णित) Coal-Fired Power Generation मुख्य तरीका है कोयले के जरिए electricity उत्पन्न करने का. इस विधि में कोयले को बिल्कुल बारीक powder में पीस लिया जाता है और इसे boiler में जलाया जाता है. अब boiler में उत्पन्न हुई ऊष्मा (heat) पानी को भाप में बदल देती है. अब भाप का प्रेशर steam turbine को घुमाता है और generator बिजली पैदा करता है.

2. Combined Cycle Power Generation – एक combined cycle power में पहले compressed air में ईंधन जलाकर गैस उत्पन्न की जाती है. गैस का दबाव gas turbine को घुमाता है और generator electricity पैदा करता है. इसके अलावा, gas turbine से निकली ऊष्मा (heat) का इस्तेमाल भाप पैदा करने के लिए किया जाता है, जो turbine को rotate करती है.

3. Integrated Coal Gasification Combined Cycle (IGCC) – IGCC, Gasification के अंदर कोयले और दूसरे कार्बन आधारित ईंधन को गैस में बदलता है. अब इस gasified fuel को compressed air में जलाकर pressurized gas उत्पन्न की जाती है. गैस दबाव gas turbine को घुमाता है और बिजली उत्पन्न होती है. इसके अलावा, निकलने वाली गैस हीट का इस्तेमाल कर पानी को उबाला जाता है और भाप पैदा की जाती है, जिसका इस्तेमाल भी बिजली पैदा करने के लिए किया जाता है.

Hydro Power – पानी से बिजली का निर्माण

hydro power plant

इस विधि में बरसात या बर्फ के पानी को किसी ऊँचे स्थान पर बांध बनाकर इकट्ठा किया जाता है और फिर पानी को ऊँचाई से नीचे गिराया जाता है और turbine को घुमाया जाता है. Turbine के घूमने पर generator चलता है और बिजली बनना शुरू हो जाती है.

Hydro Electric Power Plant में हमेशा पानी की जरूरत पड़ती है, इसलिए इसे बनाना काफी महंगा होता है. लेकिन कार्यकारी कीमत काफी कम होती है. इस तकनीक में पानी की मात्रा कम होने पर भी यह काफी प्रभावी है. Turbine के लिए इस्तेमाल होने के बाद नीचे गिरने वाले पानी का उपयोग खेतों में सिंचाई के लिए किया जाता है. ये plant बहुत ही साधारण संरचना में होते हैं, इसलिए देखभाल की आवश्यकता काफी कम होती है. इस विधि से मिलने वाली बिजली काफी सस्ती होती है.

Diesel Power – डीजल से बिजली का निर्माण

इस विधि में alternator को घुमाने के लिए डीजल इंजन का इस्तेमाल किया जाता है और बिजली उत्पन्न की जाती है. इसमें डीजल इंजन का इस्तेमाल मुख्य चालक के तौर पर होता है और इस तरह के power plant को diesel power plant के नाम से जाना जाता है.

डीजल के जलने पर rotational energy (घूर्णी ऊर्जा) उत्पन्न होती है. डीजल इंजन की उसी shaft के साथ alternator/generator जुड़ा होता है, जो डीजल इंजन की rotational energy को electrical energy में बदल देता है. डीजल इंजन पावर प्लांट का इस्तेमाल उन जगहों के लिए किया जाता है जहां बहुत कम बिजली की आवश्यकता होती है. ईंधन महंगा होने की वजह से बिजली उत्पादन की यह विधि काफी महंगी होती है.

Nuclear Power – परमाणु ऊर्जा से बिजली का निर्माण

इस विधि में ईंधन के रूप में यूरेनियम पदार्थ का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें परमाणु के विखंडन के जरिए ऊष्मीय ऊर्जा उत्पन्न की जाती है. न्यूक्लियर पावर के जरिए बिजली उत्पादन के दो प्रकार हैं:

1. Boiling Water Reactor (BWR) – इस विधि में परमाणु विखंडन के जरिए reactor core में हीट उत्पन्न की जाती है, फिर पानी उबलता है और भाप पैदा की जाती है. भाप का इस्तेमाल turbine को घुमाने के लिए किया जाता है और फिर बिजली उत्पन्न की जाती है. इसके बाद भाप को समुद्री पानी के साथ ठंडा किया जाता है और तरल पानी में बदल दिया जाता है. अब इस पानी को दोबारा reactor में भेज दिया जाता है.

2. Pressurized Water Reactor (PWR) – इसमें BWR की तरह परमाणु विखंडन के जरिए reactor core में हीट उत्पन्न की जाती है, लेकिन heated water को उबालने से पहले उच्च प्रेशर के साथ दबा दिया जाता है. उच्च तापमान और दबाव के साथ इस पानी को steam generator में भेजा जाता है और पानी को उबालकर भाप पैदा की जाती है. इस भाप की मदद से turbine को घूमाया जाता है और बिजली तैयार की जाती है. इसके बाद इस भाप को समुद्री पानी द्वारा condenser में ठंडा किया जाता है और दोबारा पानी में बदल कर steam turbine में वापस भेज दिया जाता है.

Conclusion

मैं उम्मीद करता हूँ आपको मेरा यह लेख “Electricity या बिजली क्या है और कैसे बनती है? जरूर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है electricity in hindi से जुड़ी हर जानकारी को सरल शब्दों में explain करने की ताकि आपको इस विषय के संदर्भ में किसी दूसरी website पर जाने की जरूरत ना पड़े.

अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो या कुछ नया सीखने को मिला हो तो कृपया इसे दूसरे social media networks जैसे whatsapp, facebook, telegram इत्यादि पर share जरूर करें. 

Rahul Chauhan
Rahul Chauhanhttps://hindivibe.com/
Rahul Chauhan, Hindivibe के Author और Founder हैं. ये एक B.Tech डिग्री होल्डर हैं. इन्हें विज्ञान और तकनीक से संबंधित चीजों के बारे में जानना और लोगों के साथ शेयर करना अच्छा लगता है. यह अपने ब्लॉग पर ऐसी जानकारियां शेयर करते हैं, जिनसे कुछ नया सिखने को मिले और लोगों के काम आए.

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