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CBI क्या है? – जानिए सीबीआई की पूरी जानकारी

आज के इस लेख में आप सीबीआई के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे जहां CBI क्या है (CBI in Hindi), सीबीआई के कार्य क्या हैं, सीबीआई का अधिकार क्षेत्र, सीबीआई किन-किन मामलों की जांच कर सकती है इत्यादि से संबंधित सवालों के जवाब दिए जाएंगे.

CBI के बारे में आप अक्सर न्यूज़ चैनल्स पर सुनते रहते हैं. किसी अपराध से जुड़े मामलों की जांच में सीबीआई विशेष भूमिका निभाती है. जब राज्य पुलिस किसी मामले को सुलझाने में नाकाम रहती है तो अंत में यह मामला सीबीआई को सौंपा जाता है. सीबीआई को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ जांच एजेंसियों में गिना जाता है. आइए जानते हैं CBI के बारे में विस्तार से.

CBI क्या है? – What is CBI in Hindi

cbi kya hai

सीबीआई (CBI) यानी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो, भारत की एक प्रमुख जांच एजेंसी है. यह एजेंसी भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के क्षेत्राधिकार के तहत कार्य करती है. शुरुआत में इस एजेंसी को स्थापित करने का मकसद रिश्वतखोरी और सरकारी भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों की जांच करना था. बाद में सन 1965 में इसके अधिकार क्षेत्र को बढ़ा दिया गया और अब यह एजेंसी भारत सरकार द्वारा लागू किए गए केंद्रीय कानूनों के उल्लंघन, बहु-राज्य संगठित अपराध, बहु-एजेंसी या अंतर्राष्ट्रीय मामलों की जांच कर सकती है. 

इनके अलावा CBI विभिन्न आर्थिक अपराधों, भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों, विशेष अपराधों और कई अन्य मामलों की जांच कर सकती है. सीबीआई के अधिकार क्षेत्र को DSPE Act, 1946 के तहत रेलवे क्षेत्रों और राज्यों तक बढ़ाया जा सकता है, बशर्ते राज्य सरकार एक्ट की धारा 6 के तहत सहमति प्रदान करे. 

सीबीआई को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ जांच एजेंसियों में शामिल किया गया है, जिसकी वजह इसका उच्च दोषसिद्धि दर है जो 65 से 70 % के बीच रहता है. इसे सूचना के अधिकार (RTI) प्रावधानों से छूट प्राप्त है.

CBI का फुल फॉर्म क्या है?

CBI का फुल फॉर्म है Central Bureau of Investigation. हिंदी में अर्थ है केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो.

सीबीआई के कार्य क्या हैं?

सीबीआई भारत की प्रमुख जांच एजेंसी के तौर पर कार्य करती है. यह वैधानिक निकाय नहीं है. यह अपनी शक्तियां दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (DSPE) अधिनियम, 1946 से प्राप्त करती है. सीबीआई, केंद्रीय सतर्कता आयोग (Central Vigilance Commission) और लोकपाल को सहायता प्रदान करती है. ये तीनों मिलकर देश में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का काम करते हैं. सीबीआई द्वारा किए जाने वाले मुख्य कार्यों को आप निचे देख सकते हैं.

  • सीबीआई का मुख्य काम भ्रष्टाचार को रोकना और प्रशासन में सत्यनिष्ठा को बनाए रखना है. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 से संबंधित मामलों की जांच के लिए CBI केंद्रीय सतर्कता आयोग की देखरेख में कार्य करती है. 
  • आर्थिक और वित्तीय कानून के उल्लंघनों से जुड़े मामलों की जांच, जैसे निर्यात और आयात नियंत्रण, आयकर, विदेशी मुद्रा विनियम, सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क इत्यादि से संबंधित कानूनों का उल्लंघन. लेकिन सीबीआई द्वारा इस तरह के मामलों की जांच संबंधित विभाग के अनुरोध पर या परामर्श से की जाती है.
  • गंभीर प्रकृति के अपराधों की जांच, जिनके राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय प्रभाव हैं, और पेशेवर अपराधियों या संगठित गिरोह द्वारा अंजाम दिए गए हैं.
  • सीबीआई विभिन्न राज पुलिस बलों और भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसियों की गतिविधियों के साथ सामंजस्य स्थापित करके काम करती है. किसी राज्य की आज्ञा होने पर सीबीआई सार्वजनिक महत्व के किसी केस को ले सकती है और उसकी जांच कर सकती है.
  • सीबीआई अपराध के आंकड़ों को बनाए रखती है और अपराध संबंधी मामलों की जानकारी का प्रसार करती है.
  • यह भारत की इकलौती जांच एजेंसी है जो आधिकारिक तौर पर इंटरपोल (अंतरराष्ट्रीय पुलिस) के साथ संपर्क स्थापित करती है और पत्राचार के लिए भारत के प्रतिनिधि के तौर पर कार्य करती है.

CBI की शक्तियां और अधिकार क्षेत्र

जांच के लिए सीबीआई को दी गई कानूनी शक्तियां, दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम, 1946 से प्राप्त हुई है. ये कानूनी शक्तियां सीबीआई और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों को शक्तियां, कर्तव्य, विशेषाधिकार और दायित्व प्रदान करती हैं.

केंद्र सरकार, CBI के अधिकार क्षेत्र और शक्तियों को (केंद्र शासित प्रदेशों को छोड़कर) राज्य सरकार की सहमति से किसी भी क्षेत्र में बढ़ा सकती है. सीबीआई के सदस्य जिनका पद Sub-Inspector या उससे ऊपर है, को थानों का प्रभारी अधिकारी माना जा सकता है. अधिनियम के तहत, CBI केवल केंद्र सरकार की अधिसूचना (notification) के साथ ही किसी मामले की जांच कर सकती है.

सीबीआई किन-किन मामलों की जांच कर सकती है?

सीबीआई द्वारा नीचे दिए गए विभिन्न मामलों की जांच की जाती है.

आर्थिक अपराध – ऐसे मामले जिनमें गंभीर आर्थिक धोखाधड़ी और वित्तिय घोटाले शामिल है, की जांच CBI द्वारा की जाती है. इन मामलों में बैंक धोखाधड़ी, साइबर अपराध, नकली भारतीय मुद्रा, बड़े पैमाने पर होने वाली नशीले पदार्थों की तस्करी, आयात-निर्यात और विदेशी मुद्रा से जुड़े घोटाले, प्राचीन और अन्य वस्तुएं जिनकी तस्करी पर रोक है इत्यादि शामिल हैं.

भ्रष्टाचार संबंधी अपराध – सीबीआई भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सरकारी कर्मचारियों और केंद्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, भारत सरकार के स्वामित्व या नियंत्रण वाले निगम या निकाय के कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की जांच करती है.

विशेष अपराध – राज्य सरकार के अनुरोध या उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के आदेश पर, भारतीय दंड संहिता और अन्य कानूनों के तहत आने वाले गंभीर और नियोजित अपराधों की जांच जैसे कि फिरौती के लिए किया गया अपहरण, बॉम्ब ब्लास्ट, आंतकवाद से जुड़ी गतिविधि और माफिया या अंडरवर्ल्ड द्वारा किए गए अपराधों से जुड़े मामले.

स्वतः संज्ञान लिए गए मामले – केंद्र शासित प्रदेशों में सीबीआई अपराधों की स्वतः जांच कर सकती है. 

केंद्र सरकार सीबीआई को किसी राज्य में जांच का अधिकार दे सकती है, लेकिन इसके लिए राज्य सरकार की सहमति अनिवार्य होती है. लेकिन उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय का आदेश होने पर सीबीआई बिना राज्य की सहमति से किसी अपराध की जांच कर सकती है.

CBI का इतिहास

देश में जांच ब्यूरो की शुरुआत द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (Special Police Establishment) के नाम से सन 1941 में की गई. यह एक केंद्रीय पुलिस बल था जिसकी स्थापना भारत सरकार द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध के समय, भारत के युद्ध और आपूर्ति विभाग के साथ लेनदेन के समय कमर्चारियों द्वारा की गई रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार की जांच के लिए की गई थी. उस समय इसका मुख्यालय लाहौर में था. SPE के अधीक्षक के तौर पर कुर्बान अली को नियुक्त किया गया था, जिन्हें भारत-पाकिस्तान के विभाजन के बाद पाकिस्तान के लिए चुना गया. 

इस जांच ब्यूरो के पहले कानूनी सलाहकार राय साहब करम चंद जैन थे. युद्ध समाप्त होने के बाद देश को आगे भी केंद्रीय कर्मचारियों द्वारा किए जाने वाले भ्रष्टाचार से निपटने के लिए एक केंद्रीय जांच एजेंसी की जरूरत थी. बाद में इस विभाग को दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (DSPE) अधिनियम, 1946 के तहत गृह विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया. इस दौरान भी राय साहब करम चंद जैन इसके क़ानूनी सलाहकार बने रहे.

भारत सरकार के सभी विभागों को कवर करने के लिए DSPE का दायरा बढ़ाया गया. इसके अधिकार क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेशों तक बढ़ा दिया गया. राज्य सरकारों की सहमति से अधिकार क्षेत्र को आगे राज्यों तक भी बढ़ाया जा सकता है. 1 अप्रैल 1963 को गृह मंत्रालय के प्रस्ताव पर DSPE का नाम बदलकर CBI (केंद्रीय जांच ब्यूरो) किया गया.

सीबीआई की संरचना

CBI का नेतृत्व एक निदेशक करता है, जो Director General of Police या Commissioner of Police (राज्य) की रैंक का एक IPS अधिकारी होता है. निदेशक को दो वर्ष के कार्यकाल के लिए नियुक्त किया जाता है.

सीबीआई के निदेशक की नियुक्ति का अधिकार संशोधित दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के तहत एक समिति को दिया जाता है. इस समिति में प्रधानमंत्री (अध्यक्ष), विपक्षी दल के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश या मुख्य न्यायाधीश द्वारा सिफारिश किए गए सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश सदस्य के रूप में शामिल होते हैं.

सीबीआई में शामिल अन्य पद

सीबीआई में शामिल अन्य पद जिन्हें IRS (Indian Revenue Service) अधिकारी या IPS अधिकारी द्वारा नियुक्त किया जा सकता है, कुछ इस प्रकार हैं:

  • स्पेशल डायरेक्टर
  • एडिशनल डायरेक्टर
  • जॉइंट डायरेक्टर
  • डिप्टी इंस्पेक्टर ऑफ जनरल ऑफ पुलिस
  • सुपरिन्टेन्डेन्ट ऑफ पुलिस
  • डिप्टी सुपरिन्टेन्डेन्ट ऑफ पुलिस
  • इंस्पेक्टर
  • सब-इंस्पेक्टर
  • असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर
  • हेड कांस्टेबल
  • कांस्टेबल

सूचना का अधिकार (आरटीआई) से छूट प्राप्त

सीबीआई को सूचना का अधिकार अधिनियम प्रावधानों से छूट दी गई है. यह छूट सरकार द्वारा 9 जून 2011 को राष्ट्रीय सुरक्षा एक आधार पर दी गई थी. सीबीआई के अलावा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड (नैटग्रिड) और आयकर जाँच महानिदेशालय को भी RTI प्रावधानों से मुक्त रखा गया है.

किन राज्यों ने सीबीआई को जांच करने के लिए आम सहमति नहीं दी है?

देश के 9 राज्यों द्वारा अपराध दर्ज करने और जांच करने के लिए CBI को आम सहमति नहीं दी गई है. इन राज्यों में पंजाब, महाराष्ट्र, राजस्थान, मिजोरम, पश्चिम बंगाल, छतीसगढ़, केरल, झारखण्ड और मेघालय शामिल हैं. इन राज्यों में अगर जांच करनी है तो सीबीआई को राज्यों से विशिष्ट सहमति की आवश्यकता होगी. हालांकि यदि सर्वोच्च न्यायालय  या उच्च न्यायालय द्वारा सीबीआई को जांच के लिए मामले सौंपे जाते हैं तो, सहमति देने वाली किसी अधिसूचना की जरूरत नहीं है. 

सीबीआई से संबंधित FAQ

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) का गठन कब हुआ?

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो का गठन 01 अप्रैल 1963 को हुआ.

सीबीआई का आदर्श वाक्य (CBI Motto in Hindi)

सीबीआई का आदर्श वाक्य उद्यम, निष्पक्षता और ईमानदारी है.

सीबीआई का मुख्यालय कहाँ स्थित है?

CBI का मुख्यालय CGO कॉम्प्लेक्स, नजदीक जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, नई दिल्ली में स्थित है.

सीबीआई के संस्थापक और प्रथम निदेशक कौन थे?

CBI के संस्थापक और प्रथम निदेशक धर्मनाथ प्रसाद कोहली (डी.पी.कोहली) थे. उन्होंने 01 अप्रैल 1963 से 31 मई 1968 तक अपना कार्यभार संभाला.

सीबीआई का पुराना नाम क्या है?

CBI का पुराना नाम SPE (Special Police Establishment) है.

Conclusion

उम्मीद करती हूँ आपको मेरा यह लेख “CBI क्या है? – जानिए सीबीआई की पूरी जानकारी” जरूर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है CBI in Hindi से संबंधित सभी जानकारियां आप तक पहुंचाने की ताकि आपको इस विषय के संदर्भ में किसी दूसरी वेबसाइट पर जाने की जरूरत ना पड़े.

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Monika Chauhan
Monika Chauhanhttps://hindivibe.com/
मोनिका चौहान Hindivibe की Co-Founder और Author हैं. इन्हें सामान्य ज्ञान से संबंधित जानकारियों का अध्ययन करना और उनके बारे में लिखना अच्छा लगता है.

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