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कपड़ा कैसे बनता है और इसके प्रकार

कपड़ा हमारी जिंदगी का एक जरूरी हिस्सा है. शरीर को ढ़कने से लेकर घर की सजावट तक कपड़ा हमारी जिंदगी से जुड़ा हुआ है. केवल घर ही नहीं अपितु ऑफिस, दुकान, कार, बाइक हर जगह कपड़े का इस्तेमाल किया जाता है. अलग-अलग ऋतुओं में शरीर को सुरक्षित रखने के लिए हम गर्म और ठंडे कपड़ों का इस्तेमाल करते हैं. सजने, सवरने और अच्छा दिखने के लिए भी हम कपड़ों का सहारा लेते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कपड़ा (Fabric) कैसे बनता है?

आज के इस लेख में आपको कपड़ा बनाने और कपड़े के प्रकार के बारे में बताया जाएगा. साथ ही कपड़ा बनाने के लिए किस तरह के कच्चे माल की आवश्यकता होती है, यह भी समझाया जाएगा. तो चलिए करते हैं शुरुआत और जानते हैं कपड़ा बनाने की पूरी प्रक्रिया के बारे में.

कपड़ा उत्पादन के लिए कच्चा माल (Raw Material)

जैसा कि हम जानते हैं, किसी भी उत्पाद को तैयार करने से पहले उसके लिए कच्चे माल की आवश्यकता होती है. उसी प्रकार कपड़ा यानी वस्त्र बनाने के लिए भी कच्चे माल की आवश्यकता होती है, जिसका चयन कपड़े की जरूरत और इस्तेमाल पर निर्भर करता है. कपड़े के लिए कच्चे माल को तीन भागों में वर्गीकृत किया गया है:

  • वे जो पौधों से प्राप्त होते हैं.
  • वे जो जानवरों से प्राप्त होते हैं.
  • वे जो कृत्रिम या मानव निर्मित होते हैं.

कपड़ा कैसे बनता है, यह जानने से पहले कपड़े के लिए इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल के बारे में जानना जरूरी है. कच्चा माल कहा से प्राप्त होता है या कैसे बनता है? और कपड़ा उत्पादन से पहले इनके साथ क्या किया जाना जरूरी है? आइए जानते हैं.

कपास (Cotton) – कपास, जो कि कपास के पौधे से प्राप्त होती है और इसे मशीन या हाथों से निकाला जाता है. कपास निकालने के बाद इसे cotton processing plant में भेजा जाता है, जहां इसमें मौजूद बीज और अशुद्धियों को rollers की मदद से अलग किया जाता है. बाद में कपास की गांठ बनाई जाती है, जिसे धागा फैक्ट्रियों में भेजा जाता है.

ऊन (Wool) – ऊन को पालतू भेड़ों के बालों से प्राप्त किया जाता है. भेड़ के अलावा बकरी और याक के बालों से भी ऊन प्राप्त होती है. प्राप्त की गई ऊन को धोया जाता है और मशीन के जरिए साफ़ किया जाता है. इसके बाद ऊन को धागा बनाने हेतु फैक्ट्रियों में भेजा जाता है.

रेशम (Silk) – रेशम यानी सिल्क को रेशम कीट से कोकून को अलग कर प्राप्त किया जाता है. कोकून, रेशमी फिलामेंट की एक पतली परत के साथ पंक्तिबद्ध होता है, जिसे मुलायम किया जाता है और फिर एक सिंगल धागे के रूप में अलग किया जाता है. उत्पादन के अगले स्टेज तक ले जाने से पहले, इस तरह के कई सिंगल धागों को एक साथ ट्विस्ट किया जाता है, क्योंकि अकेला धागा बहुत पतला होने की वजह से इससे कपड़ा बनाना संभव नहीं है.

पटसन (Flax) – पटसन पौधे का इस्तेमाल लिनन (linen) बनाने के लिए किया जाता है. सबसे पहले पौधे को जमीन से अलग किया जाता है, फिर बीज निकाले जाते हैं और कपड़ा उत्पादन से पहले रेशों को अलग करने के लिए combing की जाती है.

रेयान (Rayon) – इसे बनाने के लिए cellulose को एक spinneret नामक मशीन से फोर्स किया जाता है. यह शावर के फव्वारे के तरह होता है, जो cellulose को तरल से ठोस फिलामेंट (रेशे) में बदलता है. सेल्यूलोज, पौधों से निकाला गया एक साधारण शुगर बहुलक है.

नायलॉन (Nylon) – नायलॉन को भी रेयान की तरह उत्पादित किया जाता है. नायलॉन उत्पादन के लिए इस्तेमाल होने वाले तत्व पौधों से प्राप्त नहीं होते हैं. इसे कोयला और पेट्रोलियम उप उत्पादों, पानी और हवा से बनाया जाता है.

पॉलिएस्टर (Polyester) – यह रेयान और नायलॉन के मुकाबले अधिक मजबूत और बहुमुखी प्रतिभा संपन्न है. इसे भी केमिकल्स को spinneret से फोर्स करके बनाया जाता है. पॉलिएस्टर के लिए इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स को अल्कोहोल्स से निकाला जाता है.

कपड़ा कैसे बनता है?

kapda kaise banta hai

कपड़ा बनाने की प्रक्रिया को तीन स्टेप्स में पूरा किया जाता है, जिन्हें आप नीचे देख सकते हैं:

धागे का निर्माण – यह कपड़ा बनाने का सबसे पहला चरण होता है, जिसमें संशोधित किए गए कच्चे माल से बने कच्चे रेशे को धागे (thread) में बदला जाता है. धागा बनाने की प्रक्रिया को कताई (spinning) कहते हैं. पहले कताई हाथ से की जाती थी, जो काफी समय लेने वाली और थकाऊ प्रक्रिया थी. लेकिन अब फैक्ट्रियों में इसके लिए आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है. 

कताई प्रक्रिया में कपास के रेशों को twist कर उन्हें धागों में बदल दिया जाता है. इन धागों को एक cylindrical object पर लपेटा जाता है, जिसे bobbin कहते हैं. इसके बाद एक अन्य मशीन, जिसे winding machine कहते हैं, के जरिए कई bobbins से धागों को एक paper cone पर लपेटा जाता है.

कपड़े का निर्माण – धागा बनने के बाद इसे दूसरे चरण के लिए आगे भेज दिया जाता है, जहां अलग-अलग धागों को जोड़कर कपड़ा बनाया जाता है. धागों को जोड़कर कपड़ा बनाने की इस प्रकिया को बुनाई (weaving) कहा जाता है. जिस मशीन पर बुनाई की जाती है उसे loom (लूम) कहते हैं.

बुनाई के लिए धागों के दो सेट की आवश्यकता होती है. पहले सेट को warp (ताना) कहा जाता है, जो एक मेटल के फ्रेम में सख्ती से तना हुआ रहता है. दूसरा सेट weft (बाना) कहलाता है, जो एक metal rod से जुड़ा होता है, जिसमें एक धागा प्रति rod होता है. लूम को कंप्यूटर के माध्यम से कंट्रोल किया जाता है, जो weft को बताता है कि कपड़ा किस तरह से बुनना है.

प्रोसेसिंग – बुनाई के बाद कपड़े को लूम से निकाल लिया जाता है और अंतिम चरण processing के लिए भेजा जाता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि लूम से निकाले गए फ्रेश कपड़े को हम सीधा इस्तेमाल नहीं कर सकते. इसमें काफी अशुद्धियाँ, बीज कण और मलबा भरा होता है. इसे उपयोगी वस्त्र में बदलने से पहले साफ़ करना जरूरी होता है.

सबसे पहले इसके बेस कलर को शुद्ध करने के लिए ब्लीचिंग की जाती है. इसके बाद इसे कई तरह के केमिकल्स से ट्रीट किया जाता है, जो इससे तेल, वैक्स और दूसरे तत्वों को दूर करने का काम करते हैं, जो प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होते हैं.

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कपड़ा बनाने के कुछ अन्य तरीके

वीविंग (weaving) के अलावा कुछ अन्य तरीकों से भी वस्त्र तैयार किए जाते हैं, जिनमें Knitting और Crochet शामिल हैं. दोनों पारम्परिक रूप से ऊन के साथ जुड़े हुए हैं. Crochet का इस्तेमाल फीता उत्पादन (lace production) के लिए अधिक किया जाता है. Knitting, हाथ और मशीन दोनों से की जा सकती है. लेकिन crochet केवल हाथ से ही संभव है. दुनिया भर में handlooms का भी व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है. हैंडलूम से बने हुए कपड़ों को लोग काफी पसंद करते हैं.

कलर और डिजाइनिंग – लूम से निकलने और प्रोसेसिंग के बाद कपड़े को रंगाई (कलर करने) के लिए भेजा जाता है. रंगाई के पहले चरण में कपड़े को Mercerizer नामक मशीन से गुजारा जाता है. इस मशीन में एक रासायनिक घोल (chemical solution) होता है, साथ ही कास्टिक सोडा भी मिला हुआ होता है, जो मध्यम कम तापमान बनाए रखता है. Mercerization process में कपड़े के धागों के छिद्रों को बड़ा किया जाता है, जिससे रंगाई के दौरान कलर सोखने में आसानी होती है. इससे कपड़ा चमकदार और बोल्ड नजर आता है.

इसके बाद कपड़े को धोया जाता है और गीली अवस्था में ही इसे एक धातु के फ्रेम में फैलाकर और कसकर खींच दिया जाता है. ऐसा करने से बुनाई पैटर्न संरेखित हो जाता है और कपड़ा रंग सोखने के लिए थोड़ा और खुल जाता है. इसके बाद कपड़े को अन्य मशीनों की मदद से कलर और डिजाईन प्रदान किया जाता है. अंत में इसे clothing और textile निर्माताओं के पास भेज दिया जाता है.

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कपड़े कितने प्रकार के होते हैं?

जैसा कि हम जान चुके हैं, कपड़ा परस्पर दो धागों को जोड़कर तैयार किया जाता है. आमतौर पर किसी कपड़े को नाम उसे बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले फाइबर के आधार पर दिया जाता है. कुछ कपड़ों को दो अलग-अलग प्रकार के फाइबरों को मिक्स करके भी बनाया जाता है. इस्तेमाल होने वाले फाइबर के अलावा, पैटर्न और टेक्सचर और उत्पादन प्रक्रिया के आधार पर भी कपड़ों के प्रकार तय किए जाते हैं.

इस्तेमाल होने वाले फाइबर (रेशे) के आधार पर कपड़ों को दो भागों में वर्गीकृत किया जाता है:

Natural (प्राकृतिक) vs. Synthetic (कृत्रिम)

जैसा कि ऊपर रॉ मटेरियल के लिए बताया गया है, Natural fiber वे फाइबर होते हैं जिन्हें पौधों और पशुओं से प्राप्त किया जाता है. जैसे पौधों से प्राप्त होने वाली कपास और भेड़ से मिलने वाली ऊन.

वहीं Synthetic fiber वे हैं जिन्हें इंसानों द्वारा बनाया जाता है. सिंथेटिक कपड़ों के उदाहरण:

  • रेयान
  • नायलॉन
  • ऐक्रेलिक
  • पॉलिएस्टर
  • स्पैन्डेक्स

उत्पादन प्रक्रिया के आधार पर भी कपड़ों को दो भागों में वर्गीकृत किया जाता है:

Woven (वोवन) vs. Knitted (निटेड)

जैसा कि manufacturing process में बताया गया है, Woven fabric (कपड़ा) वह कपड़ा है जिसे दो धागों को एक लूम पर क्षेतिज (horizontally) और लंबवत (vertically) interweave (एक दूसरे के साथ मिलाकर) कर तैयार किया जाता है. कपड़े में एक weft (धागा जो कपड़े की चौड़ाई के पार जाता है) और एक warp (धागा जो कपड़े की लम्बाई की तरफ जाता है). यह knit fabric के मुकाबले मजबूत और तना हुआ होता है. इसे आप चित्र में देख सकते हैं.

woven fabric
Woven Fabric

Woven fabric तीन तरह के होते हैं: Plain Weave, Satin Weave और Twill Weave. वोवन फैब्रिक के उदाहरण हैं: 

  • डेनिम
  • लिनन
  • क्रेप
  • शिफॉन
  • रेशम
  • साटन

Knit fabric को बनाने के लिए धागे को एक इंटरकनेक्टिंग लूप डिजाइन दिया जाता है, जो इसे स्ट्रेच करने लायक बनाता है. यह कपड़ा लचीला होता है और किसी भी आकार में ढल सकता है.

knitted fabric
Knitted Fabric

Knit fabric दो तरह के होते हैं; Warp-Knitted और Weft-Knitted. निट फैब्रिक के उदाहरण हैं: 

  • मेश
  • लाइक्रा
  • लेस

Conclusion

उम्मीद करता हूँ आपको मेरा यह छोटा सा लेख “कपड़ा कैसे बनता है” जरूर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है कपड़ा बनाने  से संबंधित सभी जानकारियां आप तक पहुंचाने की ताकि आपको इस विषय के संदर्भ में किसी दूसरी वेबसाइट पर जाने की जरूरत ना पड़े. अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो या कुछ नया सीखने को मिला हो तो कृपया इसे दूसरे सोशल मीडिया नेटवर्क पर शेयर जरुर करें.

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Rahul Chauhan
Rahul Chauhanhttps://hindivibe.com/
Rahul Chauhan, Hindivibe के Author और Founder हैं. ये एक B.Tech डिग्री होल्डर हैं. इन्हें विज्ञान और तकनीक से संबंधित चीजों के बारे में जानना और लोगों के साथ शेयर करना अच्छा लगता है. यह अपने ब्लॉग पर ऐसी जानकारियां शेयर करते हैं, जिनसे कुछ नया सिखने को मिले और लोगों के काम आए.

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