Homeइंटरनेटजानें OTT क्या है? | OTT Platform का मतलब

जानें OTT क्या है? | OTT Platform का मतलब

OTT शब्द काफी चर्चा में बना रहता है. लोग इंटरनेट पर ओटीटी के बारे में जानने के लिए सर्च करते हैं और OTT क्या है, OTT की full form क्या है जैसे सवालों के जवाब ढूंढते हैं. यदि आप भी उनमें से एक हैं तो आप बिल्कुल सही मंच पर पहुंचे हैं. क्योंकि आज के इस लेख में आपके साथ OTT से जुड़ी सारी जानकारीयां शेयर की जाएंगी.

OTT का मतलब है ‘Over The Top’ सेवाएं. इन सेवाओं का इस्तेमाल जिस ऑनलाइन प्लेटफार्म पर किया जाता है उसे OTT Platform कहा जाता है. उदाहरण के लिए Netflix, Hotstar और Amazon prime जैसे ऑनलाइन एंटरटेनमेंट प्लेटफार्म OTT सेवाओं पर ही आधारित हैं.

इंटरनेट पर आधारित ये ओटीटी प्लेटफॉर्म काफी लोकप्रिय होते जा रहे हैं. लोग सिनेमा घरों की बजाय इन OTT Platforms पर फिल्मों और वेब सीरीज को देखना ज्यादा पसंद कर रहें हैं. कोरोना काल के बाद OTT platforms का इस्तेमाल ज्यादा बढ़ा है. लॉकडाउन के समय सिनेमा घरों में फ़िल्में रिलीज़ ना कर पाने के कारण फिल्म मेकर्स का ध्यान इन प्लेटफॉर्म्स पर गया और उन्होंने फिल्मों को इन OTT Platforms पर रिलीज़ करना शुरू कर दिया. इसके बाद तो OTT प्लेटफार्म यूजर्स की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई.

आज इस लेख के माध्यम से आप OTT क्या है, OTT Platform क्या है, OTT के फायदे इत्यादि सवालों के जवाब जानेंगे. तो चलिए आगे बढ़तें हैं और जानते हैं पूरी जानकारी.

OTT क्या है?

ott kya hai hindi

ओटीटी यानी ओवर दी टॉप (Over the Top) मीडिया सेवाएं वे मीडिया सेवाएं हैं जो इंटरनेट के जरिए सीधे दर्शकों को प्रदान की जाती हैं. ज्यादातर OTT शब्द का इस्तेमाल विडियो स्ट्रीमिंग सेवाओं के लिए किया जाता है, जहां वीडियो को इंटरनेट के जरिए सीधे मोबाइल, स्मार्ट टीवी, लैपटॉप या कंप्यूटर पर ऑनलाइन स्ट्रीम किया जाता है.

OTT का Full Form क्या है?

OTT का फुल फॉर्म है ‘Over the Top’ (ओवर दी टॉप).

OTT सर्विस के प्रकार

ओटीटी सेवाएं नीचे दिए गए तीन प्रकार की होती हैं:

  1. OTT Video Content: जैसे नाम से पता चलता है, इस सेवा के जरिए शिक्षा, लाइफस्टाइल, मनोरंजन इत्यादि से जुड़े वीडियो को यूजर्स तक वितरित किया जाता है.
  2. OTT Voice Services: FaceTime, WeChat, Zoom या अन्य VoIP सेवाएं जो इंटरनेट के माध्यम से वितरित की जाती हैं.
  3. OTT Messaging: थर्ड पार्टीज द्वारा प्रदान की जाने वाली इंस्टेंट मैसेजिंग और ऑनलाइन चैट सेवाएं जैसे Whatsapp, Facebook, Telegram इत्यादि.

OTT Platform क्या होता है?

जिन विडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म्स पर OTT सेवा का इस्तेमाल करते हुए वीडियो सामग्री को दर्शकों तक भेजा जाता है, उन्हें OTT platforms कहा जाता है. उदाहरण के लिए Youtube, Netflix, Disney+ Hotstar, Amazon Prime, Sony Liv इत्यादि सब ओटीटी प्लेटफार्म हैं जो बिना किसी केबल कनेक्शन के केवल इंटरनेट के जरिए यूजर्स तक वीडियो कंटेंट पहुंचाते हैं. इन प्लेटफॉर्म्स को इनकी apps या website के जरिए एक्सेस किया जा सकता है.

OTT प्लेटफॉर्म्स उन सभी पारम्परिक प्लेटफॉर्म्स से अलग हैं जो इससे पहले किसी मीडिया कंटेंट का नियंत्रण और वितरण करते थे, जैसे कि केबल, ब्रॉडकास्ट और सॅटॅलाइट टेलीविज़न प्लेटफॉर्म्स. साधारण शब्दों में कहें तो Netflix या Youtube देखने के लिए हम इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर को भुगतान करते हैं बजाय किसी केबल ऑपरेटर के.

OTT Content: जो भी कंटेंट OTT platform से प्राप्त होता है उसे ओटीटी कंटेंट कहा जाता है. ओटीटी कंटेंट को कई devices पर देखा जा सकता है जैसे मोबाइल, टीवी, कंप्यूटर, स्मार्टटीवी इत्यादि.

OTT Device: मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर के अलावा वो डिवाइस जिसका इस्तेमाल OTT कंटेंट देखने के लिए किया जा सकता है ओटीटी डिवाइस कहलाता है जैसे स्मार्टटीवी, एप्पल टीवी, xBox, प्ले स्टेशन, क्रोमकास्ट, अमेज़न फायर स्टिक्स और कोई अन्य डिवाइस. 

OTT सर्विस कैसे काम करती है?

ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर प्ले किए जाने वाले वीडियो कंटेंट को एक server पर स्टोर किया जाता है. Pre-recorded कंटेंट को CDNs (Content Delivery Networks) पर स्टोर किया जाता है ताकि इंटरनेट पर इसे अच्छी तरह से वितरित किया जा सके.

जब कोई यूजर किसी app या वेबसाइट के जरिए वीडियो प्ले करता है तो सबसे पहले लोकल CDN पर वीडियो कंटेंट के manifest file के लिए रिक्वेस्ट भेजी जाती है. इसके साथ ही DRM (Digital Rights Management) सर्वर, जहां वीडियो को स्टोर किया गया है, पर रिक्वेस्ट भेजी जाती है. अब वीडियो को media key के जरिए decrypt किया जाता है और यूजर के सामने पेश किया जाता है.

चलिए इसे नीचे दिए गए steps के जरिए और अच्छे से समझते हैं:

Step:1

यूजर का डिवाइस player buffer को भरने के लिए CDN को manifest file से 30 सेकंड या इससे अधिक समय के विडियो के लिए रिक्वेस्ट भेजता है.

Step: 2

CDN वीडियो के इस हिस्से को भेजता है और इसे प्ले करने के लिए media key के जरिए decrypt किया जाता है.

Step: 3

अब प्लेयर CDN द्वारा भेजे गए वीडियो के हिस्से को यूजर के सामने प्रस्तुत करता है और उसे स्क्रीन पर चलाता है.

Step: 4

एक बार जब यह प्रक्रिया शुरू हो जाती है तो video player वीडियो के बाकी बचे हिस्सों के लिए क्रमानुसार रिक्वेस्ट भेजता रहता है ताकि playback buffer को भरा हुआ रखा जा सके. यह प्रक्रिया तब बंद होती है जब यूजर वीडियो को pause या stop करता है.

ओटीटी प्लेटफार्म सर्विस के प्रकार

OTT प्लेटफार्म सेवाएँ तीन तरह की होती हैं जो कुछ इस प्रकार हैं:

1. ट्रांसक्शनल वीडियो ऑन डिमांड (TVOD)

इस सर्विस के तहत किसी विशेष शो या मूवी को किराये पर देखने या खरीदने के लिए उसका भुगतान करना होता है. उदाहरण के लिए bookmyshows stream और iTunes.

2. एडवरटाइजिंग वीडियो ऑन डिमांड (AVOD)

इस सर्विस के तहत ग्राहक फ्री में वीडियो कंटेंट देख सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें वीडियो के दौरान दिखाए जाने वाले विज्ञापन (ads) देखने होते हैं. ये वीडियो विज्ञापन होते हैं.

3. सब्सक्रिप्शन वीडियो ऑन डिमांड (SVOD)

इस सर्विस में ग्राहक को वीडियो स्ट्रीम करने के लिए एक सब्सक्रिप्शन प्लान खरीदना होता है. ऐसे बहुत से प्लेटफार्म मौजूद हैं जहां आप मोबाइल और कंप्यूटर के लिए अलग-अलग कीमतों पर सब्सक्रिप्शन ले सकते हैं, जैसे Hotstar, Amazon prime इत्यादि.

OTT Platform की शुरुआत कब हुई?

सबसे पहला भारतीय OTT platform BIGFlix था, जिसे Reliance Entertainment द्वारा वर्ष 2008 में लॉन्च किया गया था. इसके बाद वर्ष 2010 में Digivive ने भारत का पहला ओटीटी मोबाइल ऐप nexGTv लॉन्च किया. इस ऐप के जरिए live tv और on-demand कंटेंट को देखा जा सकता था. nexGTv पहला मोबाइल ऐप था जिसने वर्ष 2013-14 के दौरान पहली बार स्मार्टफोन पर indian premier league को लाइव स्ट्रीम किया.

वर्ष 2015 में IPL की लाइव स्ट्रीम ने एक और भारतीय OTT प्लेटफार्म Hotstar (जिसे अब Hotstar+Disney के नाम से जाना जाता है) के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. ओटीटी ने भारत में एक महत्वपूर्ण रफ्तार तब पकड़ी जब 2013 में भारतीय बाजार में Ditto Tv और Sony Liv को लॉन्च किया गया. Ditto एक aggregator platform था जिसमें Sony, Star, Zee इत्यादि जैसे सभी मीडिया चैनल्स के शो शामिल थे.

OTT Platforms और Traditional Platforms में अंतर

ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और ट्रेडिशनल प्लेटफॉर्म्स में अंतर निम्नलिखित हैं:

OTT PlatformsTraditional Platforms
इनमें आप बड़ी संख्या में यूनिक और नए-नए वीडियो कंटेंट का आनंद ले सकते हैं.ट्रेडिशनल टीवी केबल कंपनियां केवल कुछ लिमिटेड टीवी शोज और फ़िल्में ही दिखाती हैं.
आप जब चाहें, जहां चाहें अपने पसंदीदा शो या फिल्म का आनंद ले सकते हैं.टीवी चैनलों द्वारा निर्धारित किए गए समय पर ही आप शोज या फ़िल्में देख सकते हैं.
आप कंटेंट को बिना किसी केबल के अपने मोबाइल फोन, टैबलेट, स्मार्टटीवी, कंप्यूटर या लैपटॉप के जरिए एक्सेस कर सकते हैं.ट्रेडिशनल प्लेटफार्म में आपको एक cable कनेक्शन और सेटअप बॉक्स की आवश्यकता होती है. 
इनका इस्तेमाल आप दो या दो से अधिक डिवाइसों में एक साथ कर सकते हैं.इन्हें एक समय पर केवल एक ही टीवी में इस्तेमाल किया जा सकता है.
सब्सक्रिप्शन प्लान के लिए ट्रेडिशनल प्लेटफॉर्म्स के मुकाबले कम भुगतान करना होता है.ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के मुकाबले अधिक महंगा है.

भारत के लोकप्रिय OTT Platforms – OTT Platforms in india in Hindi

ओटीटी प्लेटफार्म का नाम भारत में शुरुआत
नेटफ्लिक्सजनवरी, 2016
डिज्नी+ हॉटस्टारफरवरी, 2015
अमेज़न प्राइम वीडियोजुलाई, 2016
सोनीलिवजनवरी, 2013
जी5फरवरी, 2018
वूटमार्च, 2016
एमएक्स प्लेयरफरवरी, 2019
ऑल्टबालाजीअप्रैल, 2017

ओटीटी प्लेटफॉर्म में मिलने वाली सर्विसेज के फायदे

  1. ओटीटी प्लेटफॉर्म्स का सबसे बड़ा फायदा, आप इनपर जब चाहें, जहां चाहें अपने पसंदीदा शो या मूवी का आनंद ले सकते हैं. यानी इनपर टीवी की तरह किसी कार्यक्रम को देखने के लिए समय का पाबंद होना जरूरी नहीं.
  2. इन प्लेटफॉर्म्स पर बने अकाउंट के साथ आप multiple devices पर लॉग इन करके इनका लाभ उठा सकते हैं.
  3. आपको किसी टीवी शो या मूवी देखने के लिए किसी तरह के केबल कनेक्शन या ऐन्टेना की जरूरत नहीं. आप सिर्फ इंटरनेट का इस्तेमाल करते हुए OTT platforms का लाभ उठा सकते हैं.
  4. OTT प्लेटफॉर्म्स पर नई-नई फ़िल्में भी रिलीज़ होती रहती हैं, इसलिए आप बिना सिनेमा हॉल पहुंचे घर पर ही अपनी फॅमिली के साथ नई मूवीज देख सकते हैं.
  5. कुछ OTT प्लेटफॉर्म्स खुद के ओरिजिनल कंटेंट या सीरीज बनाकर अपलोड करते हैं, जैसे कि Netflix और Amazon prime.
  6. इन platforms पर उन वेब सीरीज और डोक्युमेंट्री का आनंद लिया जा सकता है जो इनके अलावा किसी और प्लेटफार्म पर नहीं आती. 
  7. आप OTT platform apps को मोबाइल पर play store या app store से डाउनलोड कर इन्हें तुरंत एक्सेस कर सकते हैं. आप अपने डिवाइस को स्मार्टटीवी से कनेक्ट कर अपने पसंदीदा शोज या मूवीज देख सकते हैं. 

Conclusion

उम्मीद करता हूँ आपको मेरा यह लेख “OTT क्या है और OTT Platform का मतलब” जरूर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है ओटीटी (OTT meaning in Hindi) से संबंधित सभी जानकारियां आप तक पहुंचाने की ताकि आपको इस विषय के संदर्भ में किसी दूसरी वेबसाइट पर जाने की जरूरत ना पड़े.

अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो या कुछ नया सीखने को मिला हो तो कृपया इसे दूसरे सोशल मीडिया नेटवर्क पर शेयर जरुर करें. 

Rahul Chauhan
Rahul Chauhanhttps://hindivibe.com/
Rahul Chauhan, Hindivibe के Author और Founder हैं. ये एक B.Tech डिग्री होल्डर हैं. इन्हें विज्ञान और तकनीक से संबंधित चीजों के बारे में जानना और लोगों के साथ शेयर करना अच्छा लगता है. यह अपने ब्लॉग पर ऐसी जानकारियां शेयर करते हैं, जिनसे कुछ नया सिखने को मिले और लोगों के काम आए.

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