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Starlink Satellite Internet क्या है? – जानिए पूरी जानकारी

Starlink Internet क्या है? एलन मस्क ने इंटरनेट प्रदान करने का एक खास तरीका इजाद किया है जो काफी सुर्खियां बटोर रहा है. वो तरीका है satellites के जरिए सीधे लोगों तक इंटरनेट पहुंचाने का. हालांकि, यह तरीका नया नहीं है लेकिन जिस तरीके से एलन मस्क ने इसकी प्लानिंग की वह सबसे अलग है, जो भविष्य में इंटरनेट यूजर एक्सपीरियंस को पूरी तरह से बदल कर रख देगा. वर्तमान में ज्यादातर जगहों पर इंटरनेट फाइबर ऑप्टिक्स के जरिए पहुंचाया जाता है. फाइबर ऑप्टिक्स वह तकनीक है जिसमें प्रकाश (light) के माध्यम से डेटा ट्रैवल करता है, लेकिन स्टारलिंक इससे काफी अलग है. Starlink एक satellite internet constellation (उपग्रह का समूह) है जिसे SpaceX द्वारा संचालित किया जाता है.

इसमें सभी सैटेलाइट्स दूसरे communication satellites की अपेक्षा कम ऊंचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं और पूरी पृथ्वी पर डायरेक्ट अपने ग्राहकों तक इंटरनेट की सेवा उपलब्ध कराते है. आज के इस आर्टिकल में आपको स्टारलिंक के बारे में सब कुछ बताया जाएगा. स्टारलिंक क्या है (Starlink Satellite Internet in Hindi), स्टारलिंक कैसे काम करता है, इसकी स्पीड कितनी है और स्टारलिंक भारत में कब आएगा जैसे सभी सवालों के जवाब आपको इस लेख में मिलेंगे. तो चलिए बढ़ते हैं आगे और जानते हैं स्टारलिंक से जुड़ी पूरी जानकारी हिंदी में.

स्टारलिंक इंटरनेट क्या है? – What is Starlink Internet in Hindi

starlink internet kya hai
स्टारलिंक इंटरनेट क्या है?

स्टारलिंक एक satellite internet service है जो सीधा सैटेलाइट के जरिए लोगों को इंटरनेट की सेवा प्रदान करती है. इस सर्विस को अमेरिका की SpaceX कंपनी द्वारा लॉन्च किया गया है. Starlink का नेटवर्क खड़ा करने के लिए कंपनी ने वर्ष 2018 से starlink satellites को लॉन्च करने की शुरुआत की थी. दिसंबर 2021 तक 1700 सैटेलाइट्स को low earth orbit में सफलतापूर्वक स्थापित किया जा चुका है. Elon Musk का लक्ष्य दुनिया के हर कोने तक starlink के जरिए इंटरनेट पहुंचाना है. क्योंकि अभी भी दुनिया के कई हिस्सों में इंटरनेट की कनेक्टिविटी नहीं पहुंच पाई है. इसके लिए Elon Musk 12000 सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में स्थापित करना चाहते हैं.

Starlink सैटेलाइट्स, traditional सैटेलाइट्स के मुकाबले 60 गुणा धरती के नजदीक होंगे. इसी वजह से यूजर के पास कम latency के साथ इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचेगी. यानी कि source से destination तक डेटा को पहुंचने में बहुत ही कम समय लगेगा. Elon Musk के अनुसार स्टारलिंक की सेवा फाइबर ऑप्टिक्स की लाइट से 40 प्रतिशत अधिक फास्ट होगी.

Starlink Internet कैसे काम करता है?

Satellite Internet को high latency की वजह से अच्छा नहीं माना जाता है. इसलिए डेटा को कम latency के साथ डिलीवर करने के लिए starlink satellites को परम्परागत satellites की अपेक्षा lower orbit में स्थापित किया जाता है, जहां वे धरती की सतह से 550 किलोमीटर की ऊंचाई पर चक्कर लगाते हैं. इसी वजह से स्टारलिंक video calls और online games के लिए काफी फायदेमंद है, जो अन्य space based इंटरनेट प्रदाता को चैलेंज करता है.

Low orbital position होने की वजह से starlink satellites रात को ज्यादा चमकते हैं, क्योंकि वे हमारे बेहद नजदीक होते हैं.

SpaceX कंपनी अपने Falcon 9 लॉन्च व्हीकल की मदद से एक बार में 60 starlink satellites को शुरूआती पार्किंग ऑर्बिट में स्थापित करती है, जिसकी ऊंचाई धरती से तकरीबन 440 Km है. यहां से प्रत्येक satellite अपने सोलर पैनल को फैलाता है और इसके बाद सभी satellites पृथ्वी के चारों तरफ फैलना शुरू कर देते हैं.

प्रत्येक satellite अपने thruster का इस्तेमाल करता है, ताकि वह अंतिम orbit में परिक्रमा करने के लिए तय की गई हाईएस्ट ऊंचाई को प्राप्त कर सके जो कि International Space Station (ISS) के orbit से 160 Km ऊपर है. जैसे-जैसे सैटेलाइट्स ऊपर की तरफ बढ़ते हैं, वे मंद होते जाते हैं, क्योंकि अधिक ऊंचाई से सूर्य का प्रकाश धरती पर कम reflect होता है.

इससे पहले इस्तेमाल होने वाले communication satellites, जैसे कि Tv signal के लिए उपयोग होने वाले, अधिक ऊँचे orbit में स्थापित किए जाते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि satellite पृथ्वी से जितना अधिक दूर होगा उतने ही अधिक बड़े geographical area में satellite dishes इसे देख सकते हैं. लेकिन starlink नजदीक ही परिक्रमा करेगा तो नेटवर्क को हजारों satellites की जरूरत होगी ताकि एक साथ वैश्विक कवरेज प्रदान किया जा सके.

Starlink spacecraft पारम्परिक satellites के मुकाबले छोटे और हल्के होते हैं. इनका वजन 250 Kg के करीब होता है. कुछ लोग इन्हें flying routers भी बोलते हैं. यही कारण है कि ग्राहकों को starlink service का लाभ उठाने के लिए ground based antenna (dish) की जरूरत होती है.

जैसे ही इस antenna को पॉवर सप्लाई दी जाती है तो यह तुरंत sky को स्कैन करता है और नजदीकी starlink satellite से संपर्क स्थापित कर लेता है. इसके बाद यह दिखाई देने वाले प्रत्येक satellite से संपर्क बनाए रखता है और पिछला satellite क्षितिज (horizon) से परे होने पर फीका पड़ जाता है.

उपयोगकर्ता के कनेक्शन के लिए रजिस्टर करने पर उसे एक Starlink Kit प्रदान की जाती है, जिसमे शामिल equipment कुछ इस प्रकार हैं:

Starlink Dish (antenna)

Power Supply

Mounting Tripod

Wi-Fi Router

Cables

इसके अलावा स्टारलिंक installation के लिए सही position पता करने के लिए यूजर को एक starlink app का इस्तेमाल करना होगा, जो कि Google Play Store और Apple App Store दोनों पर उपलब्ध है.

Starlink को install करने से पहले इस बात का ख्याल रखें

Starlink प्रत्येक satellite dish को एक निर्धारित किए गए ground area के भीतर ही satellite से लिंक करके काम करता है. इस ground area को कंपनी cell कहती है. यदि dish नियुक्त किए गए cell से बाहर होता है तो dish को इंटरनेट प्रदान करने के लिए कोई अन्य उपग्रह निर्धारित नहीं किया जाएगा, यानी कि उपयोगकर्ता इंटरनेट प्राप्त नहीं कर पाएगा. इसलिए यूजर को starlink को सही पता प्रदान करने की सलाह दी जाती है. यदि यूजर किसी अलग location से satellite internet के लिए book करता है और आर्डर के बाद कहीं और शिफ्ट हो जाता है तो उसे कंपनी की सर्विस टीम से संपर्क करना होगा.

Starlink Internet की Speed कितनी है?

Starlink किसी भी satellite provider की तुलना में 150 Mbps तक कि सबसे तेज और अधिकतम स्पीड प्रदान करता है. इसके विपरीत Viasat अपने सबसे महंगे प्लान में 100 Mbps तक कि और HughesNet 25 Mbps तक की अधिकतम स्पीड प्रदान करता है. Elon Musk का दावा है कि Starlink 300 Mbps की स्पीड हासिल करने में जल्द ही सक्षम हो जाएगा. 

अभी Starlink Internet Service कहाँ मौजूद है?

फ़िलहाल Starlink बेटा फेज में है यानी कि टेस्टिंग चल रही है और यह केवल US, Canada और UK के कुछ हिस्सों में उपलब्ध है. US और अन्य देशों को मिलाकर 10 हजार लोग starlink internet का इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि 2021 के मध्य तक 5 लाख लोग इस सेवा के लिए आवेदन कर चुके हैं. Elon Musk के अनुसार Starlink वर्ष 2022 तक दुनियाभर में उपलब्ध हो जाएगा.

Starlink Internet की कीमत कितनी है?

अमेरिका में SpaceX फिलहाल starlink kit के लिए 499 डॉलर चार्ज कर रही है और इसके बाद 99 डॉलर हर महीने चार्ज करती है. अगर इसे भारतीय कीमत में तब्दील किया जाए तो starlink kit के लिए लगभग 37400 रूपये और इसके बाद हर महीने 7400 रुपये के आसपास भुगतान करना होगा. यह केवल बेस प्राइस है, जिसमे कर और सरकारी शुल्क शामिल नहीं है.

Starlink के इंडिया डायरेक्टर संजय भार्गव के अनुसार भारत में starlink के लिए यूजर को पहले साल लगभग 1,58,000 रुपए का भुगतान करना होगा. दूसरे साल कीमत लगभग 1,15,000 के आसपास होगी, क्योंकि starlink kit के लिए केवल एक ही बार भुगतान करना होता है. यह कीमत 30% टैक्स के साथ बताई गई है.

क्या Starlink खराब मौसम में भी काम करेगा?

इंटरनेट प्रदान करने के लिए Starlink को साफ़ आसमान की जरूरत होती है. भारी बारिश और तूफान कनेक्शन को बाधित कर सकता है, जिसकी वजह से इंटरनेट धीमा हो सकता है या कुछ समय के लिए बंद हो सकता है. दूसरी ओर starlink dish में सीधे उस पर गिरने वाली बर्फ का पता लगाने और उसे पिघलाने की क्षमता होती है.

हालांकि, बर्फ का जमा होना dish के लिए समस्याएं और बाधा उत्पन्न कर सकता है. इसलिए कंपनी dish को ऐसे स्थान पर लगाने की सलाह देती है जहां बर्फ इकट्ठा ना होती हो. इसके अलावा starlink dish को US National Electrical Code (NEC) ग्राउंडिंग आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भी डिजाइन किया गया है और इसलिए lightning protection आवश्यक प्रावधान है. फिर भी lightning area में रहने वाले किसी भी यूजर के पास उचित lightning protection होना चाहिए.

स्टारलिंक इंटरनेट इंडिया में कब आएगा?

स्टारलिंक भारत में एंट्री करने के लिए पूरी तरह से तैयार है, लेकिन भारत सरकार द्वारा अभी इसे सेवाएं शुरू करने के लिए इजाजत नहीं दी गई है. उम्मीद जताई जा रही है कि 2023 के अंत तक Starlink की सेवाएं भारत में भी उपलब्ध हो जाएंगी.

Starlink की शुरुआत कब और किसने की?

elon musk

स्टारलिंक की शुरुआत Elon Musk ने सन 2015 में की थी. स्टारलिंक की उत्पादक कंपनी का नाम SpaceX है. पहली सैटेलाइट लॉन्चिंग 22 फरवरी 2018 को की गई थी और 2021 के मध्य तक 1700 सैटेलाइट्स को लॉन्च किया जा चुका है. Starlink की ऑफिसियल वेबसाइट Starlink.com है.

Starlink के फायदे क्या हैं?

  • यह traditional satellites के मुकाबले अधिक तेज सर्विस है जो 150 Mbps की डेटा स्पीड प्रदान करती है.
  • यह दूसरे satellite internet की बजाय अधिक सस्ता है.
  • फिलहाल स्टारलिंक में डेटा की कोई लिमिट नहीं है. यानी आप अनलिमिटेड डेटा का उपयोग कर सकते हैं.
  • यह traditional satellite internet के मुकाबले lower latency प्रदान करता है.
  • स्टारलिंक दुनिया के हर कोने में उपलब्ध होगा चाहे आप कहीं पर भी क्यों ना रहते हों.
  • स्टारलिंक को इंस्टॉल करना बेहद आसान है. कंपनी की तरफ से दी गई किट को आप खुद ही install कर सकते हैं.
  • प्राकृतिक आपदाओं जैसे बारिश, तूफान के बाद यह खुद को तुरंत recover कर लेता है. क्योंकि इसमें किसी केबल के damage होने का खतरा नहीं होता.
  • केबल न होने की वजह से इसे आसानी से कहीं पर भी ले जाया जा सकता है और सेट किया जा सकता है.

Starlink के नुकसान क्या हैं?

  • खराब मौसम में starlink के इस्तेमाल के दौरान मुश्किलें आ सकती हैं और आप बारिश या तूफान की परिस्थिति में starlink का इस्तेमाल करने में असमर्थ हो सकते हैं.
  • Starlink के इस्तेमाल के दौरान आप अपने device (phone या laptop) को कहीं ले जा नहीं सकते हैं. क्योंकि starlink dish portable नहीं है, इसे एक जगह फिक्स करना होता है.
  • हार्डवेयर इंस्टॉलेशन आपको खुद ही करना होता है. मतलब कंपनी की तरफ से hardware installation service नहीं दी जाती है, इसलिए इसे install करने में आपको परेशानी हो सकती है.
  • एक समय पर किसी विशेष location पर starlink के satellites की संख्या फिक्स होती है. इसलिए उस विशेष स्थान पर सभी users एक ही bandwidth का इस्तेमाल कर रहे होते हैं जिससे शहरी क्षेत्र, जहां जनसंख्या ज्यादा होती है, में स्टारलिंक की स्पीड धीमी हो सकती है.
  • निचले स्थानों पर भी स्टारलिंक इंटरनेट को पहुंचने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है.
  • इसके equipment की कीमत काफी ज्यादा होती है इसलिए इंस्टॉलेशन खर्च बहुत ज्यादा है.

Conclusion

मैं उम्मीद करता हूँ आपको मेरा यह लेख “Starlink Satellite Internet क्या है- जानिए पूरी जानकारी हिंदी में” जरूर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है Starlink Internet in Hindi से जुड़ी हर जानकारी को सरल शब्दों में explain करने की ताकि आपको इस विषय के संदर्भ में किसी दूसरी website पर जाने की जरूरत ना पड़े.

अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो या कुछ नया सीखने को मिला हो तो कृपया इसे दूसरे social media networks जैसे whatsapp, facebook, telegram इत्यादि पर share जरूर करें.

Rahul Chauhan
Rahul Chauhanhttps://hindivibe.com/
Rahul Chauhan, Hindivibe के Author और Founder हैं. ये एक B.Tech डिग्री होल्डर हैं. इन्हें विज्ञान और तकनीक से संबंधित चीजों के बारे में जानना और लोगों के साथ शेयर करना अच्छा लगता है. यह अपने ब्लॉग पर ऐसी जानकारियां शेयर करते हैं, जिनसे कुछ नया सिखने को मिले और लोगों के काम आए.

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