Homeटेक्नोलॉजीAir Conditioner क्या है और कैसे काम करता है?

Air Conditioner क्या है और कैसे काम करता है?

क्या आप जानते हैं AC क्या है और कैसे काम करता है? (About Air Conditioner in Hindi). गर्मी के मौसम में तेज धूप और उच्च तापमान से बचने के लिए हर कोई अपने घर या कमरे को ठंडा करना चाहता है. ऐसे में लोग अपने घरों में कूलर और पंखों का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि इन cooler और fan से घर ठंडे नहीं हो पाते. इसके साथ ही ये शोर भी बहुत ज्यादा करते हैं. ऐसे में हमारे घर या कमरों को ठंडा करने के लिए एक ही विकल्प बचता है और वो है Air Conditioner (AC).

लेकिन AC को लेकर हमारे मन में कई तरह के सवाल चलते रहते हैं. जैसे कि क्या AC हमारी सेहत के लिए सही है? AC के नुकसान और फायदे क्या हैं? हमें कौन-सा AC लेना चाहिए और AC कितने प्रकार के होते हैं? इत्यादि. इन्ही सब सवालों के जवाब के साथ आज का यह आर्टिकल तैयार किया गया है. जहां आप AC क्या है और यह कैसे काम करता है के साथ-साथ AC से जुड़ी सभी जानकारियों के बारे में जानेंगे. तो चलिए शुरू करते हैं.

एयर कंडीशनर क्या है? – What is Air Conditioner in Hindi

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Air Conditioner जिसे हिंदी में वातानुकूलक भी कहा जाता है, एक ऐसा system है जिसका इस्तेमाल किसी बंद स्थान जैसे घर, कमरा, ऑफिस आदि के अंदर मौजूद गर्मी (heat) और नमी (moisture) को दूर करके तापमान ठंडा करने के लिए किया जाता है.

AC बंद स्थान पर मौजूद गर्म हवा को Refrigerant (हीट सोखने वाला तरल पदार्थ) और coils के जरिए सोखता है और ठंडी हवा को अंदर भेजता है जिससे उस जगह का तापमान कम हो जाता है.

Air Conditioner कैसे काम करता है?

Air conditioner हवा के तापमान को कम करने के लिए vapor compression cycle (वाष्प संपीड़न चक्र) के सिद्धांत पर काम करता है. Air Conditioner एक केमिकल का इस्तेमाल करता है जिसे refrigerant कहा जाता है. यह refrigerant गैस से तरल और तरल से गैस में बदलता रहता है और कमरे के अंदर की हीट को बाहर निकालने का काम करता है. इस पूरी प्रक्रिया के लिए तीन मुख्य पार्ट्स का इस्तेमाल किया जाता है:

1. Evaporator

2. Compressor

3. Condenser

Evaporator – यह एक indoor unit है जिसमें evaporator coil और ठंडी हवा को circulate करने के लिए एक पंखे का इस्तेमाल किया जाता है. Evaporator coils में refrigerant तरल अवस्था में ट्रैवल करता है और गैस में तब्दील होकर गर्मी और नमी को सोखता है. हवा से गर्मी और नमी सोखने के बाद ठंडी हो चुकी हवा को पंखा वापस अंदर की तरफ भेजता है.

Compressor – कंप्रेसर एक पंप है जो अंदर की हवा को ठंडा करने के लिए refrigerant को evaporator और condenser के बीच मूव करता है. यह evaporator से निकलने वाली refrigerant gas को compress कर उसका तापमान बढ़ा देता है.

Condenser – कंडेनसर में लगी hot coils, refrigerant से गर्मी (हीट) लेती है और उसे बाहर की हवा में छोड़ती है. इसके साथ ही condenser refrigerant gas को फिर से तरल में बदलता है और वापस evaporator coils में भेजता है.

AC में इस्तेमाल होने वाले अन्य पार्ट्स:

Thermostat – एक ऐसा control system जो AC से निकलने वाली ठंडी हवा की मात्रा को नियंत्रित करता है. उदाहरण के लिए आप अंदर का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस रखना चाहते हैं. जब thermostat को लगता है कि तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो रहा है तो वह एयर कंडीशनर को चालू कर देगा और जब थर्मोस्टेट को लगेगा की तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से कम हो रहा है तो वह air conditioner को बंद कर देगा.

Expansion Valve – इसका काम evaporator में प्रवेश होने वाले liquid refrigerant की मात्रा को नियंत्रित करना है. यह AC का एक जटिल पार्ट है जिसे प्रत्येक कुछ महीनों में एक प्रोफेशनल द्वारा नियमित रूप से जांच करते रहना जरूरी होता है.

Filter – AC मे लगे फिल्टर का काम evaporator में प्रवेश करने वाली हवा से tiny dust और airborne particles को अलग करना होता है.

विस्तार से

अब आपको थोड़ा बहुत समझ में आ गया होगा कि A/C काम कैसे करता है, चलिए अब इसे थोड़ा और गहराई से जान लेते हैं.

एयर कंडीशनर के भीतर thermostat नामक एक control system लगा होता है जो अंदर की हवा के तापमान को monitor और control करता है. आमतौर पर इसे घर या कमरे के मध्य किसी दीवार पर लगाया जाता है. अब जितने तापमान के लिए हम A/C को सेट करते हैं उसे thermostat सेंस करता है और conditioning system के inside और outside components को शुरू करने के लिए सिग्नल भेजता है.

Indoor unit में लगा पंखा return air ducts के जरिए अंदर से गर्म हवा को खींचता है. यह हवा एक filter से होकर गुजरती है जहां dust, lint और अन्य airborne particles को हवा से अलग कर दिया जाता है. अब फिल्टर हो चुकी गर्म हवा evaporator coil के ऊपर से गुजरती है.

जैसे ही गर्म हवा evaporator coil के संपर्क में आती है तो इसमें दौड़ रहा refrigerant हवा की गर्मी को सोख लेता है और तरल से गैस में बदलना शुरू हो जाता है. इस प्रकार coil के ऊपर से गुजर रही हवा ठंडी हो जाती है और indoor unit का blower fan (पंखा) इस हवा को वापस कमरे में भेज देता है.

अब refrigerant gas एक copper tube के माध्यम से A/C की outside unit में compressor में पहुंचती है. Compressor एक बड़े electric pump की तरह होता है जो refrigerant gas पर दबाव डालता है जिससे refrigerant gas के molecules नजदीक हो जाते हैं और गैस का तापमान बढ़ जाता है. अब उच्च तापमान के साथ इस गैस को condenser coil में भेज दिया जाता है.

Condenser में लगा एक बड़ा पंखा condenser coil के माध्यम से बाहर की हवा को खींचता है जो refrigerant gas से गर्मी को सोख कर इसे बाहर छोड़ देती है. इस प्रक्रिया के दौरान refrigerant वापस तरल में तब्दील हो जाता है. अब copper tube के जरिए refrigerant तरल अवस्था में वापस indoor unit में जाता है जहां यह expansion device से होकर गुजरता है जो refrigerant के flow को evaporator coil के भीतर regulate करता है.

अब refrigerant फिर से अंदर की हवा से गर्मी और नमी को absorb करता है और यह cycle जारी रहती है.

Air Conditioner हवा से नमी कैसे सोखता है?

जब evaporator coils में refrigerant मूव करता है तब इन coils का तापमान Dew Point Temperature से कम होता है, क्योंकि कमरे को तेजी से ठंडा करने के लिए lower coil temperature की आवश्यकता होती है. जब हवा इन coils के ऊपर से बहती है तो coils के आसपास हवा का तापमान DPT तक चला जाता है और coils के around भाप पानी में बदलना शुरू हो जाती है. अब इस पानी को drainage pipe के माध्यम से बाहर निकाल दिया जाता है.

एयर कंडीशनर कितने प्रकार के होते हैं?

अभी तक हमने AC क्या है और कैसे काम करता है के बारे में समझा. अब हम जानेंगे AC के types के बारे में. मार्केट में 8 तरह के air conditioner उपलब्ध हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:

1. Central Air Conditioner

2. Window Air Conditioner

3. Portable Air Conditioner

4. Through-the-wall Air Conditioner

5. Ductless Split System

6. Packaged Terminal Air Conditioner

7. Hybrid / Dual Fuel Air Conditioner

8. Geothermal Air Conditioning System

Central Air Conditioner – सेंट्रल एयर कंडीशनर उनके लिए है जो एक समय में एक साथ कई कमरों को ठंडा करना चाहते हैं. यह air conditioner का सबसे अधिक प्रभावी रूप है. इसमें एक outside unit होती है जिसमें compressor और condenser होते हैं और एक inside unit होती है जिसमें evaporator coils होती हैं. 

इसमें ठंडी हवा को एक पंखे के जरिए बहाया जाता है और स्थापित की गई ductwork (हवा को ले जाने वाली पाइप) के माध्यम से पूरे घर में वितरित किया जाता है.

इन supply और return ducts के जरिए central AC ठंडी हवा को पूरी इमारत में circulate करता है जबकि गर्म हवा को return system के माध्यम से वापस लेता है और exhaust system के माध्यम से बाहर कर देता है. इस तरह के system को लगाने के लिए बहुत प्लानिंग की आवश्यकता होती है और यह बहुत ज्यादा महंगा पड़ता है.

Window Air Conditioner – यह air conditioning system का सबसे आम प्रकार है. जब भी आप गर्मियों में शहर की गलियों से गुजरते हैं तो आपने वहां इस तरह के AC जरुर देखे होंगे. इस AC को आमतौर पर खिड़कियों में लगाया जाता है. इनमें एक exhaust होता है जो गर्म हवा को खींचता है और बाहर निकाल देता है जबकि refrigerant cooling system अंदर की तरफ होता है.

इस तरह के air conditioner एक समय में केवल एक ही कमरे को ठंडा करते हैं. अगर आप प्रत्येक कमरे को ठंडा करना चाहते हैं तो आपको हर कमरे में एक AC लगवाना होगा.

ये सस्ते होते हैं और इन्हें install करना आसान होता है. लेकिन नुकसान ये है कि यह इस तरह के AC खिड़की को रोक देते हैं जिससे फ्रेश हवा और प्रकाश अंदर नहीं आ पाते. 

Portable Air Conditioner – Window air conditioner की तरह यह भी एकात्मक या self-contained air conditioning system है. मतलब portable AC में भी window AC की तरह सभी जरूरी पुर्जे एक ही उपकरण के भीतर लगे होते हैं. इसका इस्तेमाल वहां किया जाता है जहां window ac को लगा पाना संभव नहीं है. 

हवा को ठंडा करने के लिए अंदर cooling coils होती है और गर्म हवा को एक बड़ी निकास नली के माध्यम से बाहर की तरफ निकाला जाता है. यह निकास नली एक बड़ी tube होती है जो dryer vent की तरह दिखती है और unit को एक airtight window kit के साथ जोड़ती है जो निकास को बाहर की तरफ निर्देशित करती है. ये window kits आमतौर पर unit के साथ शामिल होती हैं.

Condenser और exhaust fan एक ही casing के अंदर लगे होने से अन्य AC के मुकाबले इसमें शोर अधिक होता है. Portable AC 500 square feet से बड़े आकार के कमरे के लिए उपयुक्त नहीं है.

Through-The-Wall Air Conditioner – यह AC भी window AC और portable AC की तरह self-contained system है. इसका इस्तेमाल भी तभी किया जाता है जब घर में window AC लगवाने की लिए उचित जगह ना हो. लेकिन इस तरह के AC को लगाने से पहले कुछ planning की आवश्यकता होती है. क्योंकि window AC की तरह ये permanently fix होते हैं और इन्हें हटाना संभव नहीं है. 

इस तरह के एयर कंडीशनर को लगाने के लिए exterior wall के अंदर एक hole cut करना जरूरी होता है, जिसमें एक sleeve लगाई जा सके. AC का वजन सहने के लिए ये sleeves जरुरी होती हैं. इसके दो फायदे हैं एक आपकी window इस्तेमाल नहीं होगी यानी आप फ्रेश हवा और natural light का आनंद ले सकते हैं. और दूसरा इससे एक airtight seal बनती है जो यूनिट को और अधिक energy efficient बनाती है.

Ductless Split System Air Conditioner – Split system वो air conditioner है जो एक घर के अंदर अलग-अलग जगहों पर cooling प्रदान करता है. इस तरह के systems window और portable AC की तरह self contained appliances नहीं होते. जैसे कि नाम से पता चलता है ये दो भाग प्रणाली से मिलकर बना होता है.

इन्हें split system इसलिए कहा जाता है क्योंकि इनमें दो या दो से अधिक parts शामिल होते हैं. एक condenser unit जो बाहर लगती है और एक evaporative unit जो ठंडा किए जाने वाले स्थानों की दीवार पर लगी होती है. इन parts को नलिकाओं द्वारा जोड़ा जाता है जिनमें power और refrigerant lines लगी होती हैं.

इसका फायदा यह है कि ये अलग-अलग कमरों को अलग-अलग तापमान पर ठंडा कर सकते हैं, क्योंकि प्रत्येक compact unit में एक thermostat लगा होता है. इस खूबी की वजह से यह central air conditioning के मुकाबले अधिक महंगा होता है.

Packaged Terminal Air Conditioner (PTAC) – PTAC को आमतौर पर commercial जगहों पर देखा जा सकता है, जैसे कि hotels, hospitals, apartment building इत्यादि. अगर आप कभी होटल में रुके हैं तो आपने इसे देखा भी होगा. यह प्रायः फर्श से थोड़ा ऊपर और खिड़की से नीचे लगा होता है. इसमें एक exhaust system भी होता है जो बाहर की तरफ लगा होता है.

इनको home air conditioning system के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है. यह central air conditioning system से सस्ता होता है क्योंकि इसमें ductwork लगाने की जरूरत नहीं होती. इसे लगाना भी बहुत आसान होता है. इसका मुख्य advantage है कि यह air conditioner के साथ-साथ heating system के तौर पर भी काम करता है. ज्यादातर PTAC के इस्तेमाल एक single room को ठंडा और गर्म करने के लिए किया जाता है.

Hybrid / Dual Fuel Air Conditioner – Hybrid system एक ऐसा सिस्टम है जिसमें एक gas furnace (भट्टी) और एक electric air-source heat pump को combine किया जाता है ताकि कम लागत के साथ कुशलतापूर्वक heating और cooling दोनों प्राप्त किये जा सके. गर्मियों के मौसम में जब तापमान बढ़ जाता है तो heating pump thermostat के निर्देशानुसार कमरे से गर्म हवा निकालता है और बाहर भेज देता है. 

सर्दियों के दौरान यह प्रक्रिया reverse हो जाती है और गर्म हवा को कमरे या घर में distribute किया जाता है. जब तापमान अधिक ठंडा होता है तो furnace को भी चालू कर दिया जाता है. इसमें बिजली का bill काफी कम आता है लेकिन शुरुआती setup काफी महंगा होता है.

Geothermal Air Conditioning System – यह air conditioning का एक नया तरीका है जो तापमान कंट्रोल करने के लिए धरती की insulation properties का इस्तेमाल करता है. Energy efficient technology होने की वजह से यह दुनियाभर में तेजी के साथ पॉपुलर हो रही है. 

धरती के नीचे का तापमान हमेशा एक जैसा रहता है जो कि लगभग 13 degree celsius के आसपास होता है. चाहे बाहर सर्दी हो या गर्मी धरती के नीचे 4-6 फीट गहराई पर तापमान हेमशा एक जैसा रहता है. Geothermal technology में इसी ground temperature का फायदा उठाकर आपके घर को दूसरे तरीकों के मुकाबले अधिक कुशलतापूर्वक तरीके से ठंडा और गर्म किया जाता है.

एक piping system जिसे loop या earth loop कहा जाता है, पानी को आपके घर, हीट पंप और धरती के बीच circulate करता है. इन polyethylene pipes को जगह के भूगोल के हिसाब से vertically या horizontally लगाया जाता है.

सर्दियों में जब पानी earth loop से होकर गुजरता है तो यह ground की गर्मी को सोख लेता है. अब इस गर्मी (heat) को compress किया जाता है जिससे इसका तापमान बढ़ जाता है और फिर इसे घर में छोड़ दिया जाता है.

गर्मियों में प्रक्रिया उल्टी हो जाती है. घर से गर्मी heat pump में आती है, अतिरिक्त गर्मी को निकाल दिया जाता है और ground में भेज दिया जाता है और ठंडी हवा को घर में distribute कर दिया जाता है.

यह system क्रांतिकारी साबित हो रहा है क्योंकि इसमें गर्मी पैदा करने के लिए जीवाश्म ईंधन को नहीं जलाया जाता. गर्मी बहुत ही साधारण तरीके से धरती से घर और घर से धरती में ट्रांसफर होती रहती है. हालांकि, compressor, fan और pump को चलाने के लिए बिजली का इस्तेमाल किया जाता है.

इस method की sustainability की वजह से geothermal heating और cooling हर साल पॉपुलर होती जा रही है. खासतौर पर यूरोपीय देशों में इसका चलन काफी बढ़ रहा है.

AC के फायदे

AC लगाने के advantages कुछ इस प्रकार हैं:

1. Air conditioner के इस्तेमाल से अस्थमा अटैक का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है. क्योंकि AC केवल humidity ही नहीं बल्कि पराग कण, फफूंदी और अन्य airborne allergens की मात्रा को कम करता है जिससे अस्थमा होने का खतरा कम हो जाता है.

2. AC के इस्तेमाल से हम अच्छी नींद ले सकते हैं. क्योंकि AC के मुकाबले cooler और fan शोर अधिक करते हैं और ज्यादा गर्मी में कमरे को ठीक से ठंडे भी नहीं कर पाते. AC में किसी तरह का शोर नहीं होता और ठंडे वातावरण के साथ हमें एक अच्छी नींद मिलती है.

3. इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स को overheating से बचाता है. गर्मियों के दिनों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी गर्म हो जाते हैं जिन्हें हम महसूस नहीं कर पाते. ऐसे में electronics मे serious damage हो सकता है जिससे डेटा खोने और कम life होने जैसी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं.

4. एयर कंडीशनर के इस्तेमाल से work performance बढ़ती है. क्योंकि गर्मी अधिक होने पर पसीने की वजह से हम uncomfortable महसूस करने लगते हैं. AC इस समस्या को दूर कर सकता है. अगर हम अपने ऑफिस या काम वाले स्थान पर air conditioner का उपयोग करते हैं तो हम अच्छे से अपने काम पर focus कर पाते हैं.

5. Dehydration का खतरा कम हो जाता है. कम तापमान में पसीना कम आता है और शरीर में पानी की कमी नहीं होती. गर्मियों में डिहाइड्रेशन से बचाव रखना बहुत जरुरी होता है क्योंकि dehydration होने पर बाल झड़ना, आँखों के नीचे काले घेरे, सरदर्द जैसी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं.

6. लू लगने (Heat Stroke) का खतरा कम कम हो जाता है. लू की समस्या हर साल सैकड़ों मौतें होती हैं. लेकिन AC का इस्तेमाल करके हीट संबंधी समस्याओं को कम किया जा सकता है और लू से होने वाली मौतों को रोका जा सकता है.

7. शोर कम होता है. Air conditioned कमरे में सभी दरवाजे और खिड़कियाँ बंद होती हैं, इसलिए बाहर का शोर अंदर नहीं आता और अंदर ठंडा और शांत माहौल बना रहता है.

8. हवा की गुणवता बढ़ जाती है. Air conditioner के इस्तेमाल से air quality में काफी हद तक सुधार आ जाता है और हमें एक स्वच्छ वातावरण मिलता है. ऐसा इसलिए क्योंकि AC में लगा फिल्टर धूल और वायुजनित हानिकारक कीटाणुओं हवा से फिल्टर आउट कर देता है.

AC के नुकसान

1. त्वचा में रूखापन आने लगता है. ज्यादा समय तक air conditioned room में रहने से हमारी चमड़ी नमी खो सकती है जिससे यह sensitive और dry हो जाती है.

2. AC के सम्पर्क में आने पर श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं. अचानक से तापमान में हुआ बदलाव श्वसन संबधी रोगों के लक्षणों को बढ़ावा देता है. इस समस्या को उच्च तापमान निर्धारित करके और इसे धीरे-धीरे कम करके दूर किया जा सकता है.

3. श्वसन तंत्र में संक्रमण और एलर्जी उत्पन्न सकती है. AC की सफाई न होने की स्थिति में air filter के अंदर धूल, बैक्टीरिया और पराग कण इकट्ठे हो जाते हैं. ऐसे में अस्थमा और श्वसन प्रणाली से जुड़े रोग पैदा हो सकते हैं.

4. AC के इस्तेमाल से मोटापा बढ़ता है. अगर हम ठंडी जगह पर ज्यादा देर के लिए ठहरते हैं तो इससे शरीर की ऊर्जा खर्च नहीं होती और चर्बी बढ़ने लगती है. 

5. थकान, सिर दर्द और चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है. कुछ लोगों को लंबे समय तक AC में रहने से थकान महसूस हो सकती है. साथ ही सिर दर्द और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. अगर आप AC वाले रूम से निकलकर किसी गर्म स्थान पर जाते हैं तो बुखार से पीड़ित हो सकते हैं.

6. ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती है. AC से निकलने वाली हानिकारक गैस से ओजोन परत का क्षरण होता है, जीससे ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती है.

AC में कौन-सी गैस होती है?

Air conditioner में फ्रिओन गैस (Freon) का इस्तेमाल किया जाता है. यह अलग-अलग तापमान पर तरल और गैस अवस्था में बदलती रहती है.

AC का आविष्कार कब और किसने किया?

Air conditioner का आविष्कार विलिस कैरियर (Willis Carrier) ने सन् 1902 में किया था. ये एक अमेरिकी इंजीनियर थे जिनका जन्म 26 नवम्बर 1876 को हुआ था.

Conclusion

मै आशा करता हूँ आपको मेरा यह लेख “Air Conditioner क्या है और कैसे काम करता है?” जरूर पसंद आया होगा. मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है एयर कंडीशनर (Air Conditioner in Hindi) से जुड़ी हर जानकारी को सरल शब्दों में explain करने की ताकि आपको इस विषय के संदर्भ में किसी दूसरी website पर जाने की जरूरत ना पड़े.

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Rahul Chauhan
Rahul Chauhanhttps://hindivibe.com/
Rahul Chauhan, Hindivibe के Author और Founder हैं. ये एक B.Tech डिग्री होल्डर हैं. इन्हें विज्ञान और तकनीक से संबंधित चीजों के बारे में जानना और लोगों के साथ शेयर करना अच्छा लगता है. यह अपने ब्लॉग पर ऐसी जानकारियां शेयर करते हैं, जिनसे कुछ नया सिखने को मिले और लोगों के काम आए.

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